भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीद जताई कि कल दिल्ली में होने वाले निवेशक सम्मेलन का हश्र आगरा सम्मेलन जैसा न हो, क्योंकि दावे तो उसमें भी बहुत हुए सुबे के विकास को लेकर लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। निवेश के लिए निवेशकों की सबसे पहली आवश्यकता सुरक्षा होती है, जो अखिलेश सरकार देने में नाकामयाब रही। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा खराब कानून व्यवस्था के कारण देश भर में उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो रही है, ऊपर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़े वसूली गिरोहों और माफिया तत्वों की रोजमर्रा के कामकाज में दखलअंदाजी के कारण निवेशक पलायन को मजबूर है। निवेशक सम्मेलन से पहले बेहतर हो अखिलेश सरकार राज्य में निवेश का माहौल बनाये।
उन्होने कहा लगातार सरकारी दावों को चुनौती देते अराजक और माफिया तत्वों का सरकार में बोलबाला है, नतीजा डरा सहमा व्यापारी वर्ग जो निवेश किया है उसी को बचाये रखने में उसके पसीने छूट रहे है। निवेश को अमंत्रित करने की सरकारी नीतियों का आलम यह है कि जिन औद्योगिक प्रस्तावों को सरकार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानकर चल रही थी उनके लिए बीडर ही नही मिले। औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए सरकार में एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करनी पड़ेगी, पर यहां तो चचा खफा तो योजना ही नही चल पायेगी।
श्री पाठक ने कहा उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार आदमी की सुरक्षा हो या पूॅजी की सुरक्षा दोनों ही देने में नाकामयाब रही है। सरकारी अस्थिरता की स्थिति यह है कि एक बार जिस अधिकारी से निवेशक मिलता। अगली बार उसे नए आदमी से मिलना पड़ता है क्योकि तब तक वह सपा नेताओं की कृपा से पदस्थपित हो चुका होता है। अखिलेश सरकार निवेशकों को आमंत्रित करने से पहले राज्य की नौकरशाही में कार्य संस्कृति विकसित करे। सुरक्षा का वातावरण बनाये। भाजपा प्रवक्ता ने उम्मीद जताते हुए कहा कि जो दावे निवेशक सम्मेलन को लेकर किये जा रहे है उससे खाली हाथ सरकार नही लौटेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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