- वेदास प्रोजेक्ट द्वारा सहारा 7 राज्यों में गांवों के सम्पूर्ण विकास हेतु गांवों को पूर्णतः गोद लेगा जिससे 25 लाख ग्रामीण भारतीयों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा
- वेदास की शुरळआत के साथ यह प्रोजेक्ट कन्नौज (उ.प्र.) एवं अररिया (बिहार) जिलों में 172 गांव में लाॅन्च हुआ
भारत के प्रमुख व्यावसायिक संस्थान सहारा इंडिया परिवार ने आज 1000 गांवों को पूर्णतः गोद लेने के प्रोग्राम की शुरळआत की। ‘वेदास’ नाम से लांच हुए इस प्रोजेक्ट को ‘सहाराश्री’ सुब्रत राॅय सहारा, मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहारा इंडिया परिवार ने फ्लैग आॅफ किया और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कन्नौज तथा बिहार में अररिया के 172 गांवों में प्रोजेक्ट लागू हो गया। वेदास के अन्तर्गत सहारा 1000 गांवों को समग्र विकास हेतु गोद ले रहा है। प्रोजेक्ट का लक्ष्य 4.5 लाख ग्रामीण परिवारों को अंगीकृत करने का है, जिससे 7 राज्यों के लगभग 25 लाख लोग प्रभावित होंगे।
वेदास के अन्तर्गत सहारा अनेक नयी पहल प्रारम्भ करेगा जिसमें वाटर प्यूरिफिकेशन प्लांट द्वारा सेफ ड्रिंकिंग वाटर को वाटर एटीएम द्वारा वितरित किया जाएगा। 500 से अधिक शिक्षा संसाधन केन्द्रों द्वारा आनंददायक शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसमें इन्टरेक्टिव क्लासरूम होंगे जो नवीनतम क्यू क्लाउड टेक्नोलाॅजी से जुड़ेंगे। निःशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सभी गांवों को नियमित तौर पर मोबाइल हेल्थ यूनिट (एमएचयू) वैन के दस्तों द्वारा पहुंचायी जाएगी। गंभीर केसों के लिए सेन्ट्रल प्वाइंट गांव में मेडिकल सेन्टर द्वारा इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा। इसमें प्रत्येक सेंटर अपने इलाके के नजदीकी 50 गांव के समूह को ये सेवाएं प्रदान करेगा। गांवों का सशक्तिकरण करने के लिए सहारा प्रत्येक सेन्ट्रल प्वाइंट गांव में सशक्तिकरण केन्द्र स्थापित करेगा। इन संेटर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा और इनमें फूड एंड बेवरेजस प्रोसेसिंग यूनिट से लैस कार्यशाला होगी, पारम्परिक घरेलू सामान निर्मित करने के लिए मशीनें, स्थानीय शिल्प उत्पादों को स्थानीय साधनों द्वारा निर्मित करने की सुविधा मौजूद होगी। इसके साथ ही छोटे एवं बड़े किसानों को उनकी फसल में उत्पादन वृद्धि हेतु अत्यंत दक्षता प्राप्त कृषि विशेषज्ञों की मदद भी दिलायी जाएगी। सभी प्रकार से स्वच्छता एवं सफाई हेतु जनजागरूकता के कार्यक्रम के अतिरिक्त सामुदायिक शौचालयों की मरम्मत कर उन्हें उपयोग योग्य बनाया जाएगा। सहारा द्वारा सुरक्षित प्रवास हेतु भी उन लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी जो बड़े शहरों में नये अवसरों की तलाश मंे जाते हैं। वेदास के अंतर्गत इन गांवों के 4.5 लाख परिवारों को सौर ऊर्जा लालटेन प्रदान की जा रही है, जिससे कि उनके पास स्वास्थ्यप्रद एवं पर्यावरण-अनुकूल प्रकाश की व्यवस्था बनी रहे।
इस अवसर पर श्री सुब्रत राॅय सहारा, मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहारा इंडिया परिवार ने कहा, ‘‘ये हमारा सपना है कि हमारे सभी देशवासी गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली जी सकें। राष्ट्र को भोजन देने वाले हमारे गांव विकास की दौड़ में हमेशा पिछड़े रहे हैं। एकमात्र सामूहिक विकास ही हमारे प्यारे राष्ट्र को शक्तिशाली राष्ट्र बना सकता है और इसके लिए अपने छूटे रह गए बन्धु-बान्धवों को साथ में लेकर चलने की जरूरत है। वेदास हमारी इस दिशा में एक विनम्र पहल है जिसके द्वारा गांवों को पूर्णतः अंगीकृत कर अपने ग्रामीण बन्धु-बान्धवों के जीवन स्तर को वास्तविक एवं स्थायी गुणवत्ता प्रदान की जा सके। शुýआत में हम भारत भर में 1000 गांवों को ले रहे हैं और आने वाले समय में हम इस प्रोजेक्ट को अन्य गांवों तक भी ले जाने का प्रयास करेंगे।’’
सहारा इंडिया परिवार, भारत में प्रमुख व्यावसायिक संस्थान है। वह विविध सेक्टरों में कार्यरत है जिसमें वित्तीय सेवाएं, जीवन बीमा, म्यूचुअल फंड, हाउसिंग फाइनेंस, इफ्रास्ट्रक्चर एण्ड हाउसिंग, प्रिंट एवं टेलीविजन न्यूज़ मीडिया, इंटरटेंमेंट्स चैनल्स, फिल्म प्रोडक्शन, कन्ज्यूमर मर्केंडाइज रिटेल, हेल्थ केयर, हाॅस्पिटिलिटी, मैन्युफैक्चरिंग, खेल एवं इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी शामिल हैं।
सहारा इंडिया परिवार देश और देशवासियों के प्रति सदैव अपनी सेवाओं के लिए तत्पर रहता है, जिन्होंने राष्ट्रीयता की बेदी पर अपनी जान कुर्बान कर दी। सहारा इंडिया परिवार की सामाजिक सरोकारों की प्रतिबद्धता इस तथ्य से ज्ञात होती है कि वह अपने लाभ का 25 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष सामाजिक विकास-कार्यों में लगाता है। वस्तुतः सहारा इंडिया परिवार के मुख्य अभिभावक, माननीय सहाराश्री, सुब्रत राॅय सहारा की दृढ़ मान्यता है कि प्रत्येक संस्थान को अपने विकास और प्रगति के साथ ही समाज और पूरे राष्ट्र के प्रति अवश्य ही सहयोग करना चाहिए।
सहारा विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों, जिसमें मोबाइल हेल्थ केयर यूनिट शामिल हैं, कार्यरत हैं। संस्थान देश भर में 52 से अधिक मेडिकल वैन महीने के 30 दिन, पूरे वर्ष भर चलाता है और उन दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जहां चिकित्सा सेवाएं मौजूद नहीं हैं, निःशुल्क प्राथमिक हेल्थ केयर सेवाएं प्रदान करता है। इसके साथ ही सहारा न्यूट्रीशन, साक्षरता, वोकेशनल ट्रेनिंग, शहरी विकास, बिहेवियरल चेंज कम्युनिकेशन और विकलांगों के पुनर्वास जैसे विविध क्रियाकलापों में भी कार्यरत है।
अपने आपदा प्रबंधन पहल के अंतर्गत सहारा राष्ट्र की जरूरत के समय सदैव आगे रहा है, फिर चाहे उड़ीसा का सुपर साइक्लोन हो, गुजरात का भूकम्प हो, राजस्थान का सूखा या उत्तर प्रदेश, बिहार की बाढ़ हो। सहारा ने भीमसार-चकसार गांव, तालुका अंजार में, जिला कच्छ के गांव को पंचायत घर, बस स्टाॅप, पोस्ट आॅफिस, खेल मैदान, प्राइमरी और सेकेण्डरी स्कूल और स्ट्रीट लाइटों जैसी आधारभूत सेवाओं के साथ उसके पुनस्थापित व पुनर्निर्माण के लिए अंगीकृत किया। जब महाराष्ट्र के लातूर जिले में भयंकर भूकम्प त्रासदी हुई, तब भी सहारा इंडिया परिवार जिले के भूकम्प पीडि़त निवासियों की मदद हेतु सामने आया और उसने लातूर के किलारी गांव में भूकम्परोधी मकानों का निर्माण कराया, जिन्हें सम्माननीया मदर टेरेसा जी द्वारा गांव वालों को सौंपा गया। इसके साथ ही सहारा इंडिया परिवार नवम्बर 2008 के मुम्बई आतंकवादी के हमले, दंतेवाड़ा हमले व कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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