उ0प्र0 नियामक आयोग द्वारा असंवैधानिक रूप से घोशित बढ़ी बिजली दर का पूरे प्रदेष में आज 11वें दिन भी विरोध जारी रहा। उपभोक्ता परिषद द्वारा आज विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एक नया खुलासा किया गया। जिससे आयोग में हड़कम्प मच गया, जिस विवादित कन्सलटेंट द्वारा बिजली दर को बनवाया गया, उसी ने पहले ही एफ0आर0पी0 बनाकर किया था बड़ा शड़यन्त्र, और पहले से ही तय थी प्रदेष की टैरिफ फिक्सिंग।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिशद अध्यक्ष व सदस्य, राज्य सलाहकार समिति अवधेष कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के सचिव श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव से मिलकर उन्हें एक जनहित प्रत्यावेदन सौंपा और विस्तार से विचार-विमर्ष किया। आयोग के सचिव द्वारा उपभोक्ता परिशद के प्रत्यावेदन को गंभीरता से लेते हुए पूरा मामला आयोग के सामने संदर्भित कर दिया गया है। उपभोक्ता परिशद द्वारा सौंपे गये प्रत्यावेदन में यह खुलासा किया गया कि पावर कार्पोरेषन व नियामक आयोग में टैरिफ को बनाने वाले विवादित कन्सलटेंट ने ही विगत् दिनांे प्रदेष की वित्तीय पुर्नगठन योजना एफ0आर0पी0 को भी बनाया गया था, यह चैंकाने वाला मामला है कि उक्त कन्सलटेंट द्वारा एफ0आर0पी0 को बनाते वक्त उसमें वर्श 2013 से लेकर 2024 तक प्रदेष की बिजली दरों मंे औसत वृद्धि को प्रस्तावित किया गया था, जिसमें वर्श 2013-14 की औसत वृद्धि को 9.03 प्रतिषत दिखाया गया है, अर्थात् यदि वर्तमान में आयोग द्वारा जारी बिजली दर की औसत वृद्धि पर गौर करें तो वह 6.58 प्रतिषत है और उसमें यदि केस्को को अलग कर सभी कम्पनियों हेतु 3.71 प्रतिषत रेगुलेटरी सरचार्ज जोड़ दिया जाये तो वह वृद्धि लगभग 10 प्रतिषत के करीब होगी अर्थात् इस विवादित कन्सलटेंट द्वारा एफ0आर0पी0 बनाने समय ही टैरिफ की फिक्सिंग निष्चित कर दी गयी थी। जबकि उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ता परिशद के एफ0आर0पी0 के सम्बन्ध में दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर यह निर्णय दिया गया था कि बिजली दर का कार्य आयोग विद्युत अधिनियम 2003 के तहत किया जायेगा इस षर्त के साथ एफ0आर0पी0 का सैद्धान्तिक अनुमोदन दिया गया था, और अब जब प्रदेष की बिजली दर घोशित हो चुकी है तो यह तय हो गया है कि इसी विवादित कन्सलटेंट ने पहले से ही टैरिफ फिक्सिंग का कार्य सरकार के दबाव में किया था, जिस पर उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग ने गैरकानूनी तरीके से मोहर लगा दी। उपभोक्ता परिशद ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रदेष का ऊर्जा सेक्टर क्या इस विवादित कन्सलटेंट का गिरवीं हो गया है। ऐसे में इस पूरे प्रकरण को आयोग को सी0बी0आई0 से जाँच कराने हेतु माननीय मुख्यमंत्री, उ0प्र0 को भेजना चाहिए, जिससे सत्यता का खुलासा हो सके और दोशियों को सजा मिल सके। जब तक सच्चाई का खुलासा करने हेतु सी0बी0आई0 जाँच नहीं होगी, इस असंवैधानिक बिजली दर से जनता को कोई राहत नहीं मिलने वाली।
उपभोक्ता परिशद ने कहा कि आज के खुलासे से पूरी तरह यह सिद्ध हो गया है कि सरकार/ पावर कार्पोरेषन ने इस कन्सलटेंट के माध्यम से प्रदेष की जनता पर असंवैधानिक वृद्धि का बोझ डाला गया है, ऐसे में प्रदेष का उपभोक्ता इस व्यापक वृद्धि को स्वीकार कत्तई नहीं करने वाला। उपभोक्ता परिशद का आन्दोलन लगातार चलता रहेगा। उपभोक्ता परिशद अध्यक्ष ने आज धरना स्थल पर आॅल इण्डिया पीपुल फ्रंट द्वारा आयोजित 10 दिवसीय उपवास में भी षामिल होकर बिजली बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर व्यापक आपत्ति जताते हुए लगातार जन जागरण अभियान चलाने का आह्वान किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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