Posted on 01 April 2016 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘लखनऊ से बलिया (वाया आजमगढ़) प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना’ (पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे) को ‘इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन’ (ई0पी0सी0) पद्धति पर विकसित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार परियोजना का स्वामित्व एवं क्रियान्वयन हेतु उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेन्सी नामित किया जाएगा। ‘लखनऊ से बलिया (वाया आजमगढ़) प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना’ (पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे) का नाम परिवर्तित कर ‘समाजवादी पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे’ रखा जाएगा।
परियोजना का विकास एवं निर्माण इ0पी0सी0 पद्धति पर करने हेतु आवश्यक धनराशि का प्रबन्ध राज्य सरकार के बजट के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से किए जाने पर भी विचार किया जाएगा। परियोजना को आठ पैकेजों में विभाजित कर क्रियान्वित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लम्बाई 348.10 किमी होगी। परियोजना की कुल प्रारम्भिक अनुमानित लागत 19437.73 करोड़ रुपये होगी, जिसमें भूमि लागत भी शामिल है।
‘आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना’ की भांति शासन स्तर पर पूर्व में पी0पी0पी0 परियोजनाओं हेतु गठित समितियों द्वारा ही परियोजना को ई0पी0सी0 पद्धति पर क्रियान्वयन के लिए समय समय पर आवश्यक निर्णय लिए जाने एवं संस्तुति प्रदान करने का अधिकार प्रदत्त किया जाएगा।
यूपीडा के तकनीकी सेल एवं परियोजना हेतु चयनित ‘अथाॅरिटी इंजीनियर’ के परस्पर सामंजस्य से परियोजना के कार्याे की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। एक्सप्रेस-वे के उपयोग हेतु टोल-चार्ज लिया जाएगा। परियोजना हेतु यूपीडा द्वारा किसी अन्य स्रोत से ऋण लिया जाता है तो एकत्रित टोल से सर्वप्रथम लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान किया जाएगा। उसके बाद टोल-चार्ज प्राधिकृत एजेन्सी द्वारा एकत्रित करके राजकोष में जमा किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी एवं बहुउद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत जनपद-लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर एवं बलिया आच्छादित होंगे। इस एक्सप्रेस-वे की चैड़ाई (आर0ओ0डब्ल्यू0) 120 मीटर होगी। कैरिजवे-पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 06 लेन डिवाइडेड कैरिजवे (एक्सपेण्डेबल टू 08 लेन) तक होगा। इस परियोजना के स्ट्रक्चर 08 लेन (सभी स्ट्रक्चर यथा ब्रिज, आर0ओ0बी0 आदि) तथा सर्विस रोड का प्राविधान होगा। मुख्य यातायात मार्गाें हेतु इण्टरचेन्जेज, पदयात्री, वाहनों तथा पशुओं हेतु अण्डरपासेज का भी प्राविधान होगा। इस परियोजना का विकास इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन पद्धति पर किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में आई-स्पर्श स्मार्ट एवं स्वावलम्बी ग्राम परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
वर्ष 2016-17 में जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के अन्तर्गत चयनित ग्राम आई-स्पर्श स्मार्ट ग्राम योजना से आच्छादित होंगे। इनकी संख्या का निर्धारण बजट में उपलब्ध धनराशि एवं आवश्यकता के अनुरूप किया जाएगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित आई-स्पर्श स्मार्ट ग्रामों में ग्रामवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सतत मूलभूत तथा आधुनिक समाधान उपलब्ध कराते हुए उनके जीवन-यापन मंे गुणात्मक सुधार लाना है, जिससे ग्राम के मानव विकास सूचकांक (एच0डी0आई0) में बढ़ोत्तरी हो सके। इसके लिए आधुनिक तकनीक, क्लाइमेट स्मार्ट क्रियाकलाप तथा डिजिटल एप्लीकेशन्स का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाएगा, जो ग्रामीण समुदाय की सामूहिक शक्ति तथा राज्य सरकार के प्रयासों के सहयोग एवं सिनर्जी से सम्भव हो सकेगा।
योजना के जिन उद्देश्यों तथा क्रियाकलापों को आई-स्पर्श एक्रोनिम में समाहित किया गया है, उनमें चयनित ग्रामों का समग्र विकास, आय में वृद्धि तथा सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग, कौशल विकास, सामाजिक मेल-मिलाप एवं जुड़ाव/सामाजिक न्याय तथा आसान समाधान, जनसामान्य एवं पंचायती राज की सहभागिता, कृषि की आधुनिक एवं दक्ष तकनीकों तथा सम्बन्धित सहायक क्रियाकलापों के अनुरूप रूपान्तरण करना, उत्तरदायी शासन/प्रशासन, लचीलापन एवं संसाधनों को पुनः उपयोग में लाने की क्षमता विकसित करना, सुरक्षा एवं स्वच्छता तथा टिकाऊपन तथा स्वास्थ्य, स्वच्छ एवं स्वस्थपरक जीवनशैली व आवास शामिल हैं।
आई स्पर्श योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यांे तथ गतिविधियों को शामिल किया गया है। इसको चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसके तहत ग्रामों की आवश्यकता के अनुरूप विशिष्ट कार्य, अभिनव कार्य जो गांव की आवश्यकता के अनुरूप हो, जनेश्वर ग्राम मिश्र योजना के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य तथा अन्य विभागों द्वारा प्रचलित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य शामिल हैं।
इस योजना के तहत ग्रामों की आवश्यकता के अनुरूप विशिष्ट कार्य लाभार्थीपरक एवं ग्रामपरक होगा। लाभार्थीपरक कार्य के अन्तर्गत ग्राम की पात्र छात्र एवं छात्राओं को पढ़ाई के लिए सोलर लेन्टर्न उपलब्ध कराना एवं दिव्यांग बच्चों को आवश्यकता के अनुरूप कृत्रिम अंग/उपकरण आदि व अन्य सहायता उपलब्ध कराया जाना है। ग्रामपरक कार्य के अन्तर्गत विद्यालय में सोलर चालित आर0ओ0 वाॅटर सिस्टम/वाॅटर एटीएम की स्थापना करना तथा ग्रामों में सार्वजनिक स्थल पर फलदार/छायादार वृक्षारोपण तथा उपलब्ध भूमि में ग्राम्यवन का विकास आदि करना है।
इस योजना के अन्तर्गत ऐसे अभिनव कार्य कराए जाएंगे, जो गांव की आवश्यकता के अनुरूप होंगे। इसमें ग्रामों का विकास एवं ग्रामीणों के जीवनस्तर को सुधारने, रोजगार उपलब्ध कराने, ग्रामवासियों की आय में वृद्धि करने तथा उनके कौशल विकास मंे वृद्धि करने के लिए कुछ ऐसी ग्रामपरक योजनाएं हो सकती हैं, जिनके लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता हो अथवा विभिन्न संस्थागत एजेन्सियों के लिए समन्वय की आवश्यकता हो। ऐसी योजनाओं के लिए प्रस्ताव अलग से बनाकर राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित किए जाएंगे।
जिन योजनाओं के लिए पृथक से प्रस्ताव बनाकर राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित किए जाएंगे इसके तहत उदाहरण स्वरूप,यदि ग्राम में पर्यटन स्थल उपलब्ध है तो उसका विकास कराया जाना ताकि पर्यटक वहां जाने के लिए आकर्षित हों। ग्रामपरक विशेष प्रकार के रोजगार हेतु (डिजाइन/तकनीक, प्रशिक्षण एवं विपणन) व्यवस्था करना जैसे हैण्डीक्राफ्ट, कृषि व्यापार आदि हो सकते हैं। प्रदेश में यह योजना 01 अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2017 तक प्रचलित रहेगी। इसे भविष्य में विस्तारित करने पर विचार किया जाएगा।योजना के लिए वर्ष 2016-17 के बजट में 300 करोड़ रु0 की व्यवस्था की गई है।
योजना के तहत उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में ग्राम स्तरीय क्रियान्वयन समिति, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुमोदन एवं अनुश्रवण समिति तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-81) के जनपद गोरखपुर के भाग चैनेज 1.600 से 21.00 कि0मी0 (लम्बाई 19.400 कि0मी0) एवं जनपद महराजगंज के भाग चैनेज 22.00 से 33.95 कि0मी0 (लम्बाई 11.95 कि0मी0) को 04-लेन तक सी0सी0 रोड के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी है।
जनपद महराजगंज में मार्ग के 04-लेन तक चैड़ीकरण हेतु वर्तमान यातायात घनत्व निर्धारित मानक से कम होने के कारण पी0सी0यू0 में शिथिलीकरण तथा परियोजना के एकीकरण के पश्चात संयुक्त लागत 200 करोड़ रुपए से अधिक (व्यय वित्त समिति से 30172.41 लाख रुपए प्रस्तावित होने) के कारण मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित जनपद आजमगढ़ रेलवे स्टेशन से हरिवंशपुर, सिविल लाइन चैक मुकेरीगंज, हर्रा की चुंगी होते हुए बाईपास तक डिवाइडर सहित मार्ग के (राष्ट्रीय मार्ग संख्या-233 का चैनेज 205.290 से 206.085 कि0मी0) चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि यह कार्य राष्ट्रीय मार्ग पर प्रस्तावित है, जो भारत सरकार के स्वामित्व में है। अतएव राष्ट्रीय मार्ग पर राज्य सरकार के संसाधन से निर्माण कार्य कराए जाने हेतु मंत्रिपरिषद की अनुमति आवश्यक थी। लगभग 0.795 कि0मी0 का यह हिस्सा 02-लेन से 04-लेन डिवाइडर सहित निर्मित कराया जाएगा, जिस पर 241.67 लाख रुपए का व्यय आकलित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
मंत्रिपरिषद ने जनपद बिजनौर में मण्डावर-दयालवाला-बालावाली मार्ग (अन्य जिला मार्ग संख्या-29) को 02-लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (लम्बाई 20.580 कि0मी0) की अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि मण्डावर-दयालवाला-बालावाली मार्ग के कि0मी0 21 में जनपद बिजनौर में स्थित बालावाली के पास गंगा नदी पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा 910.65 मी0 स्पान का सेतु निर्माण किया जा रहा है। गंगा नदी पर सेतु निर्माण के पश्चात मार्ग पर जगादारी से अम्बाला होते हुए पंजाब राज्य, गंगा नगर (हरियाणा) पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड जाने वाले वाहनों को एक सीधा व न्यून दूरी का मार्ग उपलब्ध हो जाएगा, जो वर्तमान में हरिद्वार होकर जाता है। इससे लगभग 50 कि0मी0 की दूरी कम हो जाएगी।
इस मार्ग पर यातायात घनत्व का बढ़ना भी स्वाभाविक है। इसी के साथ हरिद्वार में कुम्भ व अन्य धार्मिक प्रायोजनों के समय भी इसका वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। इस मार्ग पर वर्तमान में पी0सी0यू0 6,411 है, जो 02-लेन मार्ग के निर्माण हेतु निर्धारित पी0सी0यू0 से कम है। इसलिए मंत्रिपरिषद ने पी0सी0यू0 मानकों में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए उक्त परियोजना के क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान कर दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
जनपद गोण्डा में फरेन्दा जरवल राज्य मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-1 ए) के कि0मी0 187.60 से 234.00 तक 4-लेन (लम्बाई 46.40 कि0मी0) करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना पर 200 करोड़ रुपए से अधिक की लागत प्रस्तावित है। इसके साथ ही, इसके पी0सी0यू0 मानक में शिथिलीकरण जरूरी था। इसलिए मंत्रिपरिषद ने इस परियोजना पर निर्णय लेते हुए निर्माण की मंजूरी प्रदान कर दी है।
यह मार्ग फरेन्दा से निकलकर सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोण्डा होते हुए जरवल रोड पर राष्ट्रीय मार्ग संख्या-28 सी में मिलता है। देवीपाटन मण्डल का मण्डल मुख्यालय गोण्डा होने के अलावा इस क्षेत्र में कई पर्यटन एवं धार्मिक स्थल भी हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहता है। लखनऊ से गोण्डा जाने के लिए यह सबसे कम दूरी का मार्ग है। इस परियोजना पर व्यय वित्त समिति द्वारा 38505.68 लाख रुपए की लागत आकलित की गई है। मार्ग को 4-लेन किए जाने हेतु मानक के अनुसार पी0सी0यू0 का 20,000 होना भी आवश्यक है। इसलिए इस सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद ने निर्णय लेते हुए इस मार्ग के निर्माण की मंजूरी प्रदान कर दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
मंत्रिपरिषद ने जनपद गाजीपुर में ताड़ी घाट बारा कुम्हार, चैसा मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-99) के राइडिंग क्वालिटी सुधार कार्य को मंजूरी प्रदान कर दी है।
कार्य की प्रस्तावित लागत 232.4972 करोड़ रुपए के सापेक्ष व्यय वित्त समिति द्वारा 228.7518 करोड़ रुपए की लागत आकलित की गई है। इस परियोजना की लागत 200 करोड़ रुपए से अधिक होने के कारण मंत्रिपरिषद से अनुमोदनोपरान्त निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत गाजीपुर-जमानिया- सैयदराजा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 के कि0मी0 06 से प्रारम्भ होकर बिहार राज्य के जनपद बक्सर के राज्य मार्ग को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण अंतर्राज्यीय राज्य मार्ग है। इस मार्ग की कुल लम्बाई 39.60 कि0मी0 है, जिसमें से 1.4 कि0मी0 लम्बाई ताड़ी घाट रेलवे स्टेशन तक जाती है। गंगा अप्रोच रोड की अतिरिक्त लम्बाई 400 मीटर है। इस प्रकार प्रस्तावित परियोजना में 38.6 कि0मी0 लम्बाई शामिल की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 गाजीपुर मार्ग पर स्थित उजियार एवं बक्सर के मध्य वीर कुंवर सिंह गंगा सेतु के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण भारी वाहनों का आवागमन बंद है। इसके कारण बिहार राज्य से आने वाले कोर्स सैण्ड एवं झारखण्ड राज्य से आने वाला कोयला, स्टील, सीमेण्ट आदि का पूर्वी उत्तर प्रदेश हेतु इसी मार्ग से माल वहन हो रहा है। इसलिए राज्य मार्ग संख्या-99 की गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने मांग किया कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित धनराशि को जिस तरह मार्च के अन्तिम सप्ताह में जारी किया जा रहा है उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 2015 को किसान वर्ष घोषित करने वाली सरकार में किसान शुगर केन सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम के अन्तर्गत र्निधारित 6 करोड़ 46 लाख 28 मार्च को जारी कर तीन दिन में उसे खर्च करने की मोहलत दी गई। इसी तरह औद्योगिक अवस्थापना द्वारा उद्योग के प्रोत्साहन हेतु व्याज मुक्त कर्ज के लिए र्निधारित 102 करोड़ में से पूरे वर्ष में कुल 2.5 करोड़ व्यय किया गया जबकि 54 करोड़ की धनराशि 21 मार्च को जारी की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की सपा सरकार के किसान वर्ष तथा आद्योगिक विकास का सच है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि यह तो महज दो एक विभागों के लूट की वानगी है। सरकार के प्रत्येक विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के वित्तीय आवंटन के अन्तर्गत मार्च माह में किए गए भुगतान और उसके व्यवहारिक सत्यापन किया जाय हो अरबों का घोटाला सामने आयेगा।
उन्होने प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से मांग की कि मार्च में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे भुगतान का व्यवहारिक सत्यापन किसी स्वतंत्र ऐजेन्सी करायें ताकि सरकारी खजाने से आम जनता के विकास मद से हो रही लूट का पर्दाफाश हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 April 2016 by admin
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने भारत सरकार द्वारा पड़ोसी देश ख़ासकर पाकिस्तान के सम्बन्ध में ढुलमुल नीति अपनाये जाने की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि ऐसी गलत नीति से देश का हित सधने वाला नहीं है और ना ही इससे सीमा पर व देश के भीतर होने वाली दुःखद आतंकी घटनाओं में कमी आती हुई ही लगती है।
पठानकोट वायुसेना हवाई अड्डे पर लगभग तीन माह पहले हुये आतंकी हमले के सम्बन्ध में गठित संयुक्त जाँच दल जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी कुख्यात आई.एस.आई. के अधिकारी भी शामिल हैं, के घटना स्थल के दौरे के सम्बन्ध में सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र की सरकार व भाजपा नेताओं के इस बारे में तर्क आमजनता की समझ से परे लगते हैं।
’’जनहित व जनकल्याण’’ के सम्बन्ध में काफी बड़ी-बड़ी बातें व दावे करने वाली पार्टी भाजपा व उसकी केन्द्र की सरकार का नेतृत्व इन मामलों में पूरी तरह से विफल होने के बाद अब ’’देशहित’’ के मामले में भी यह भाजपा सरकार समझौता करती हुई नज़र आ रही है।
पाकिस्तानी जाँच दल को भारत बुलाकर उसका काफी गर्मजोशी से रेड कारपेट स्वागत करना व उसे वायुसेना हवाई अड्डे आदि स्थानों पर ले जाना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का एक नया आविष्कार है, जिसमें देश के ज़्यादातर लोगों को भारत सरकार की कमजोरी ही झलकती हुई लगती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का यह अनूठा प्रयोग भारत-पाक के तीखे व कड़वे सम्बन्ध को देशहित में बदल पायेगा, इसमें लोगों को घोर आशंका है। इसी कारण ही इसका विभिन्न स्तर पर कड़ा विरोध हो रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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