उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में आई-स्पर्श स्मार्ट एवं स्वावलम्बी ग्राम परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
वर्ष 2016-17 में जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के अन्तर्गत चयनित ग्राम आई-स्पर्श स्मार्ट ग्राम योजना से आच्छादित होंगे। इनकी संख्या का निर्धारण बजट में उपलब्ध धनराशि एवं आवश्यकता के अनुरूप किया जाएगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित आई-स्पर्श स्मार्ट ग्रामों में ग्रामवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सतत मूलभूत तथा आधुनिक समाधान उपलब्ध कराते हुए उनके जीवन-यापन मंे गुणात्मक सुधार लाना है, जिससे ग्राम के मानव विकास सूचकांक (एच0डी0आई0) में बढ़ोत्तरी हो सके। इसके लिए आधुनिक तकनीक, क्लाइमेट स्मार्ट क्रियाकलाप तथा डिजिटल एप्लीकेशन्स का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाएगा, जो ग्रामीण समुदाय की सामूहिक शक्ति तथा राज्य सरकार के प्रयासों के सहयोग एवं सिनर्जी से सम्भव हो सकेगा।
योजना के जिन उद्देश्यों तथा क्रियाकलापों को आई-स्पर्श एक्रोनिम में समाहित किया गया है, उनमें चयनित ग्रामों का समग्र विकास, आय में वृद्धि तथा सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग, कौशल विकास, सामाजिक मेल-मिलाप एवं जुड़ाव/सामाजिक न्याय तथा आसान समाधान, जनसामान्य एवं पंचायती राज की सहभागिता, कृषि की आधुनिक एवं दक्ष तकनीकों तथा सम्बन्धित सहायक क्रियाकलापों के अनुरूप रूपान्तरण करना, उत्तरदायी शासन/प्रशासन, लचीलापन एवं संसाधनों को पुनः उपयोग में लाने की क्षमता विकसित करना, सुरक्षा एवं स्वच्छता तथा टिकाऊपन तथा स्वास्थ्य, स्वच्छ एवं स्वस्थपरक जीवनशैली व आवास शामिल हैं।
आई स्पर्श योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यांे तथ गतिविधियों को शामिल किया गया है। इसको चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसके तहत ग्रामों की आवश्यकता के अनुरूप विशिष्ट कार्य, अभिनव कार्य जो गांव की आवश्यकता के अनुरूप हो, जनेश्वर ग्राम मिश्र योजना के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य तथा अन्य विभागों द्वारा प्रचलित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य शामिल हैं।
इस योजना के तहत ग्रामों की आवश्यकता के अनुरूप विशिष्ट कार्य लाभार्थीपरक एवं ग्रामपरक होगा। लाभार्थीपरक कार्य के अन्तर्गत ग्राम की पात्र छात्र एवं छात्राओं को पढ़ाई के लिए सोलर लेन्टर्न उपलब्ध कराना एवं दिव्यांग बच्चों को आवश्यकता के अनुरूप कृत्रिम अंग/उपकरण आदि व अन्य सहायता उपलब्ध कराया जाना है। ग्रामपरक कार्य के अन्तर्गत विद्यालय में सोलर चालित आर0ओ0 वाॅटर सिस्टम/वाॅटर एटीएम की स्थापना करना तथा ग्रामों में सार्वजनिक स्थल पर फलदार/छायादार वृक्षारोपण तथा उपलब्ध भूमि में ग्राम्यवन का विकास आदि करना है।
इस योजना के अन्तर्गत ऐसे अभिनव कार्य कराए जाएंगे, जो गांव की आवश्यकता के अनुरूप होंगे। इसमें ग्रामों का विकास एवं ग्रामीणों के जीवनस्तर को सुधारने, रोजगार उपलब्ध कराने, ग्रामवासियों की आय में वृद्धि करने तथा उनके कौशल विकास मंे वृद्धि करने के लिए कुछ ऐसी ग्रामपरक योजनाएं हो सकती हैं, जिनके लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता हो अथवा विभिन्न संस्थागत एजेन्सियों के लिए समन्वय की आवश्यकता हो। ऐसी योजनाओं के लिए प्रस्ताव अलग से बनाकर राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित किए जाएंगे।
जिन योजनाओं के लिए पृथक से प्रस्ताव बनाकर राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित किए जाएंगे इसके तहत उदाहरण स्वरूप,यदि ग्राम में पर्यटन स्थल उपलब्ध है तो उसका विकास कराया जाना ताकि पर्यटक वहां जाने के लिए आकर्षित हों। ग्रामपरक विशेष प्रकार के रोजगार हेतु (डिजाइन/तकनीक, प्रशिक्षण एवं विपणन) व्यवस्था करना जैसे हैण्डीक्राफ्ट, कृषि व्यापार आदि हो सकते हैं। प्रदेश में यह योजना 01 अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2017 तक प्रचलित रहेगी। इसे भविष्य में विस्तारित करने पर विचार किया जाएगा।योजना के लिए वर्ष 2016-17 के बजट में 300 करोड़ रु0 की व्यवस्था की गई है।
योजना के तहत उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में ग्राम स्तरीय क्रियान्वयन समिति, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुमोदन एवं अनुश्रवण समिति तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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