भारतीय जनता पार्टी ने मांग किया कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित धनराशि को जिस तरह मार्च के अन्तिम सप्ताह में जारी किया जा रहा है उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 2015 को किसान वर्ष घोषित करने वाली सरकार में किसान शुगर केन सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम के अन्तर्गत र्निधारित 6 करोड़ 46 लाख 28 मार्च को जारी कर तीन दिन में उसे खर्च करने की मोहलत दी गई। इसी तरह औद्योगिक अवस्थापना द्वारा उद्योग के प्रोत्साहन हेतु व्याज मुक्त कर्ज के लिए र्निधारित 102 करोड़ में से पूरे वर्ष में कुल 2.5 करोड़ व्यय किया गया जबकि 54 करोड़ की धनराशि 21 मार्च को जारी की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की सपा सरकार के किसान वर्ष तथा आद्योगिक विकास का सच है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि यह तो महज दो एक विभागों के लूट की वानगी है। सरकार के प्रत्येक विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के वित्तीय आवंटन के अन्तर्गत मार्च माह में किए गए भुगतान और उसके व्यवहारिक सत्यापन किया जाय हो अरबों का घोटाला सामने आयेगा।
उन्होने प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से मांग की कि मार्च में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे भुगतान का व्यवहारिक सत्यापन किसी स्वतंत्र ऐजेन्सी करायें ताकि सरकारी खजाने से आम जनता के विकास मद से हो रही लूट का पर्दाफाश हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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