उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘लखनऊ से बलिया (वाया आजमगढ़) प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना’ (पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे) को ‘इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन’ (ई0पी0सी0) पद्धति पर विकसित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार परियोजना का स्वामित्व एवं क्रियान्वयन हेतु उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेन्सी नामित किया जाएगा। ‘लखनऊ से बलिया (वाया आजमगढ़) प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना’ (पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे) का नाम परिवर्तित कर ‘समाजवादी पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे’ रखा जाएगा।
परियोजना का विकास एवं निर्माण इ0पी0सी0 पद्धति पर करने हेतु आवश्यक धनराशि का प्रबन्ध राज्य सरकार के बजट के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से किए जाने पर भी विचार किया जाएगा। परियोजना को आठ पैकेजों में विभाजित कर क्रियान्वित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लम्बाई 348.10 किमी होगी। परियोजना की कुल प्रारम्भिक अनुमानित लागत 19437.73 करोड़ रुपये होगी, जिसमें भूमि लागत भी शामिल है।
‘आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना’ की भांति शासन स्तर पर पूर्व में पी0पी0पी0 परियोजनाओं हेतु गठित समितियों द्वारा ही परियोजना को ई0पी0सी0 पद्धति पर क्रियान्वयन के लिए समय समय पर आवश्यक निर्णय लिए जाने एवं संस्तुति प्रदान करने का अधिकार प्रदत्त किया जाएगा।
यूपीडा के तकनीकी सेल एवं परियोजना हेतु चयनित ‘अथाॅरिटी इंजीनियर’ के परस्पर सामंजस्य से परियोजना के कार्याे की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। एक्सप्रेस-वे के उपयोग हेतु टोल-चार्ज लिया जाएगा। परियोजना हेतु यूपीडा द्वारा किसी अन्य स्रोत से ऋण लिया जाता है तो एकत्रित टोल से सर्वप्रथम लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान किया जाएगा। उसके बाद टोल-चार्ज प्राधिकृत एजेन्सी द्वारा एकत्रित करके राजकोष में जमा किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी एवं बहुउद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत जनपद-लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर एवं बलिया आच्छादित होंगे। इस एक्सप्रेस-वे की चैड़ाई (आर0ओ0डब्ल्यू0) 120 मीटर होगी। कैरिजवे-पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 06 लेन डिवाइडेड कैरिजवे (एक्सपेण्डेबल टू 08 लेन) तक होगा। इस परियोजना के स्ट्रक्चर 08 लेन (सभी स्ट्रक्चर यथा ब्रिज, आर0ओ0बी0 आदि) तथा सर्विस रोड का प्राविधान होगा। मुख्य यातायात मार्गाें हेतु इण्टरचेन्जेज, पदयात्री, वाहनों तथा पशुओं हेतु अण्डरपासेज का भी प्राविधान होगा। इस परियोजना का विकास इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन पद्धति पर किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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