Posted on 26 November 2014 by admin
उ0प्र0 में किसानों/पशुपालकों के पशुओं को खुरपका/मुंहपका रोगों से बचाव हेतु किसानों के डोर-टू-डोर चलाये जा रहे सघन निःशुल्क टीकाकरण अभियान में अब तक
4.21 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी भी पशुपालक/किसान के पशुओं का टीकाकरण नहीं हो सका हो तो उसे वे 0522-2740394 पशु रोग नियंत्रण कक्ष अथवा रोग नियंत्रण अधिकारी उप निदेशक डाॅ0 पी0के0 त्रिपाठी के मो0नं0 9415152898 पर सूचित करें। पशु टीकाकरण की टीम उनके घर शीघ्र पहुंच जायेगी और छूटे हुए पशुओं को निःशुल्क टीके लगाये जायेंगे।
पशुधन विकास मंत्री ने प्रदेश के समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों/ पशुचिकित्सालयों के प्रभारी/चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे टीकाकरण अभियान की स्वयं चेकिंग करें। यदि पशु टीकाकरण से वंचित रह गये हों तो किसान/ पशुपालक संबंधित जनपदों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों (सी0वी0ओ0) एवं निकट के पशु चिकित्सा केंद्रों के पशुचिकित्सा अधिकारियों को सूचित करें जिससे तत्काल वहां टीकाकरण हेतु कर्मियों को मौके पर भेजा जा सके। कोई भी पशु टीकाकरण से वंचित न रहने पाये। उन्होंने लावारिश गायों/भैंसों को भी मुंहपका/खुरपका रोगों से बचाव हेतु टीके लगाने के भी निर्देश दिये हैं।
Posted on 26 November 2014 by admin
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास 23 नवम्बर को
यह एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे होगा
प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा यह एक्सप्रेस-वे
राज्य सरकार प्रदेश के आर्थिक विकास
और जनता की खुशहाली के लिए कटिबद्ध
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास 23 नवम्बर, 2014 को होगा। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की उपस्थिति में, कल यहां इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि 302 कि0मी0 लम्बाई वाला प्रवेश नियंत्रित यह एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे होगा। उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा राजधानी लखनऊ के बीच तेज गति की सुगम यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही ईधन की महत्वपूर्ण बचत के साथ-साथ प्रदूषण भी नियंत्रित होगा। यह एक्सपे्रस-वे जिन क्षेत्रों से गुजरेगा, वहां सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के समीपवर्ती इलाकों में बड़ी कृषि मण्डियों का प्राविधान भी किया जाएगा, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।
प्रवक्ता के अनुसार यह परियोजना आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव, हरदोई तथा लखनऊ जनपदों को आच्छादित करेगी। एक्सप्रेस-वे में 06 लेन डिवाइडेड कैरिजवे, मुख्य यातायात मार्गाें हेतु इण्टरचेन्जेज़, पैदल यात्रियों व पशुओं हेतु अण्डरपासेज़, सर्विस रोड तथा ग्रीन बेल्ट का प्राविधान किया गया है। साथ ही, सड़क के दोनों ओर दो-दो स्थलों पर विश्राम गृह, पेट्रोल पम्प, सर्विस सेण्टर, भोजनालय आदि का भी प्राविधान परियोजना मंे किया गया है। इसका निर्माण 5 पैकेजों में कराया जाएगा। एक्सपे्रस-वे आगरा के ग्राम एतमादपुर मदरा से प्रारम्भ होकर लखनऊ जनपद में मोहान रोड के ग्राम सरोसा-भरोसा पर समाप्त होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के आर्थिक विकास और जनता की खुशहाली के लिए कटिबद्ध है। इसके दृष्टिगत अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें लखनऊ, गाजियाबाद तथा नोएडा-ग्रेटर नोएडा की मेट्रो रेल परियोजनाएं लखनऊ में आई0टी0 सिटी तथा अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, कैंसर संस्थान आदि का निर्माण, 376 एकड़ क्षेत्रफल में जनेश्वर मिश्र पार्क का विकास शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा समाजवादी पेंशन योजना संचालित की जा रही है जो देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना है। ग्रामीण इलाकों के समग्र विकास के लिए डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना एवं जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना संचालित की जा रही है। किसानों की खुशहाली के लिए कामधेनु डेयरी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
Posted on 26 November 2014 by admin
आदि गंगा गोमती नदी के निर्मल एवं अविरल प्रवाह
हेतु जन जागरूकता
के लिए निर्मित लघु फिल्म ‘चले गोमती पथ पर’ भाग-1 का विमोचन संत गाडगे
प्रेक्षागृह, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के.मेहरोत्रा जी के कर कमलों द्वारा किया
गया । इस अवसर पर उन्होंने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि नदियों की देख
रेख व स्वच्छता की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है ।
आदि गंगा निर्मल एवं अविरल प्रवाह अभियान के अंतर्गत निर्मित फिल्म ‘चले
गोमती पथ पर’ भाग-1 में गोमती के उदगम पीलीभीत जनपद के फुलहर झील से लखनऊ तक
गोमती मार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख स्थलों स्मारकों आदि का विस्तृत वर्णन करते
हुए फिल्म के माध्यम से गोमती नदी की पौराणिकता को भी दर्शाया गया है । वर्तमान
में गोमती से जुडी समस्याओं तथा प्रदूषण के प्रभाव के कारण उपजी विकट
परिस्थितियों को भी सामने रखने का प्रयास किया गया है ।
फ़िल्मके प्रदर्शन से पूर्व आयोजित ‘नदियाँ –जीवन आधार ’ विषयक
संगोष्ठी में मौजूद विभिन्न क्षेत्रो से आये विद्वत जनों ने नदियों की मानव
जीवन में प्रासंगिकता और आवश्यकता पर बल देते हुए नदी के संरक्षण की अपील
की, संगोष्ठी
की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व लखनऊ के पूर्व सांसद
लालजी टंडन ने बताया कि गोमती लखनऊ की जीवन रेखा है, उन्होंने फिल्म निर्माण
को एक अच्छी पहल बताया । भारत सरकार के राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के
विशेषज्ञ सदस्य मोहन सिंह रावत गांववासी ने बिना नदियों के जीवन को असंभव
बताया ।
संगोष्ठी में पूर्व लोक निर्माण मंत्री सरजीत सिंह डंग ने गोमती की
अलौकिकता का वर्णन किया, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रमापति शास्त्री ने आदि काल
से अब तक और भविष्य में नदियों का क्या महत्त्व रहेगा बताया । नवाब ज़ाफर मीर
अब्दुल्ला ने अवध की इस महत्वपूर्ण नदी से जुडी इतिहास को सबके बीच रखा ।
गोमती के पास स्थित लखनऊ के प्रसिद्द मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी ने
नदी संरक्षण पर बल दिया । गोमती के सामाजिक व आर्थिक पहलू पर प्रो. शतदल
मित्रा द्वारा प्रकाश डाला गया ।
अभियान के संयोजक और फिल्म के शोधकर्ता व लेखक राजेश राय ने नदी
के संरक्षण हेतु कुछ उपाय रखने के साथ ही अभियान को और अधि तेजी दिए जाने की
बात कही ।
लघु फिल्म ‘चले गोमती पथ पर’ भाग-1 के निर्देशक शरद मिश्र ने
फिल्म के अनुभव को बेहद भावनात्मक बताते हुए कहा कि यह उनका माँ गोमती को
समर्पित एक प्रयास है । कार्यक्रम का संचालन अखिल आनंद द्वारा व धन्यवाद
ज्ञापन समीर गुप्तेश्वर सिंह द्वारा किया गया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
Posted on 26 November 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों का रवैया विकास और लोकतंत्री मर्यादाओं का विरोधी है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जहां विकास की नई सम्भावनाओं की तलाश और हर वर्ग के कल्याण की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की कोशिशों में लगे हैं वहीं विपक्षी दल इनमें अवरोध पैदा करने की ही साजिशें रचते रहते है। समाजवादी सरकार कानून का राज और समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्षी विकास में सहयेागी बनने के बजाय नकारात्मक गतिविधियों को अंजाम देने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश का दुर्भाग्य रहा है कि पिछली गैर समाजवादी सरकारों ने राज्य के विकास में रूचि नहीं ली। राज्य से लोकसभा में भाजपा के सर्वाधिक साॅसद चुने गए हैं और केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में भी प्रदेश का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। लेकिन बिडंबना है कि प्रदेश के विकास में न तो भाजपा साॅसद रूचि ले रहे हैं और नहीं इस राज्य के प्रति केन्द्रीय उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठा रहे है।
जनता ने समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर उसकी सरकार बनाई है। इससे क्षुब्ध विपक्षी जब प्रदेश में अशांति फैलाने में विफल रहे तो अब श्री मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन को लेकर अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं। इन विपक्षियों को वे दिन भूल गए जब एक नेता के जन्मदिन पर ठाठबाठ सजता था। उन्हें नोटों की माला पहनाने के लिए जबरन चंदा वसूली होती थी जिसमें एक विधायक ने तो पीट-पीटकर एक अभियन्ता की ही जान ले ली थी। कुछ अफसरों ने उनसे परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।
श्री मुलायम सिंह यादव का रामपुर में जन्मदिन का समारोह स्वतः स्फूर्त कार्यकर्ताओं के उत्साह और अथाह प्रेम का प्रदर्शन था। मो0 आजम खाॅ के बारे में निराधार खबरंे छपी। सब जानते हैं कि श्री मुलायम सिंह यादव ने सादगी और ईमानदारी का जीवन जीते हुए गांव-गरीब, किसान, मुसलमान की लड़ाई लड़ी है। श्री मुलायम सिंह यादव का जीवन समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में बीता है। जो इस विचारधारा से चिढ़ते हैं उनके द्वारा अपनी क्षुद्र मानसिकता दर्षाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता पर उंगली उठाने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
Posted on 26 November 2014 by admin
संस्थापक दिवस के अवसर पर, आंध्रा बैंक ने एक वित्तीय साक्षरता और बैंकिंग पर इंटर स्कूल क्विज का आयोजन किया। कोलंबस इंटर कालेज, गोमती नगर सहित शहर के दस स्कूलों ने क्विज में भाग लिया। न्यायमूर्ति आर डी निमेश, निमेश पूछताछ आयोग के अध्यक्ष ने विजेता, जूनियर वर्ग में नई बाल भारती स्कूल और सेंट कोलंबस इंटर कालेज को ट्राफियां भेंट किया।
श्री विनय वर्मा, आंध्र बैंक के आंचलिक प्रबंधक यह छात्रों के बीच देश के वित्तीय क्षेत्र के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बैंक की ओर से एक पहल की गई है। प्रश्नोत्तरी मोहम्मद द्वारा आयोजित किया गया। जय प्रकाश त्रिपाठी द्वारा संचालन किया गया इरफान अंसारी ने सहयोग किया। प्रश्नोत्तरी शहर में आंध्रा बैंक की आंध्र बैंकों सप्ताह लंबे संस्थापकों दिन उत्सव का हिस्सा था। एन आर सत्यपथी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक आंध्रा बैंक गोमती नगर शाखा ने आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
Posted on 04 November 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में विभिन्न पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के निराकरण हेतु उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है। यह प्राधिकरण स्वतंत्र रूप से राज्य में जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन एवं अल्पीकरण से सम्बन्धित कार्याें का संचालन/क्रियान्वयन करेगा।
प्राधिकरण के संचालन हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन, नगर विकास, वित्त विभाग, निदेशक पर्यावरण के अतिरिक्त 04 विषय विशेषज्ञ एवं 02 गैर संस्थागत संगठन के प्रतिनिधि रखे जाएंगे। शीर्ष समिति के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक गवर्निंग बाॅडी का गठन किया जाएगा। जिसमें मिशन विभागों के प्रमुख सचिवों के अतिरिक्त 04 विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे। प्राधिकरण के प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्याें के संचालन हेतु निदेशक पर्यावरण निदेशालय के अन्तर्गत एक कार्यकारी निकाय होगा। इस प्राधिकरण की न्यूनतम आवश्यकताओं के आधार पर अधिकारियों एवं अधीनस्थ कार्मिकों के पदों का सृजन वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा। प्राधिकरण के कार्याें के प्रारम्भिक संचालन हेतु 20 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार द्वारा काॅरपस फण्ड के रूप में प्रदान की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन योजना के अनुरूप, प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत 07 मिशन विभागों को सम्मिलित किया गया है। इनमें सामरिक ज्ञान मिशन-पर्यावरण विभाग, सम्वर्धित ऊर्जा कुशलता मिशन-ऊर्जा विभाग, सतत पर्यावास मिशन-आवास विभाग, सतत कृषि मिशन-कृषि विभाग, हरित भारत मिशन-वन विभाग, सौर मिशन-अतिरिक्त ऊर्जा विभाग तथा जल मिशन-सिंचाई विभाग शामिल हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 November 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने राज्य जैव ऊर्जा नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रदेश की कृषि, सामाजिक वानिकी एवं चारागाह हेतु पूर्णतः अनुप्रयुक्त भूमि का उपयोग कर कृषि एवं सहायक सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाते हुए, ऊर्जा सेक्टर में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से नीति का अनुमोदन किया गया है। इस नीति के क्रियान्वयन के उपरान्त वर्ष 2020 के अन्त तक प्रति वर्ष वर्तमान मूल्यों पर लगभग 13,164 करोड़ रुपये की जैव ऊर्जा का उत्पादन अनुमानित है। इसमें बायोडीजल, बायोएथेनाल, बायोगैस तथा प्रोड्यूसर गैस के अलावा बायोगैस परियोजना के सह उत्पाद के रूप में उच्च गुणवत्ता की बायो स्लरी भी प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश मंे जैविक खेती के प्रयासों को एक नई दिशा मिलेगी। इसके साथ ही, समस्त प्रकार की सड़ने योग्य कृषि, औद्यानिकी एवं काष्ठीय अपशिष्टों का उपयोग ऊर्जा उत्पादन हेतु होने से प्रदेश में स्वच्छता का वातावरण बनेगा तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी। पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर व्यय होने वाली बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
इस नीति के क्रियान्वयन से विकेन्द्रीकृत स्तर पर लघु एवं ग्रामीण औद्योगिक इकाईयों में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इससे इस क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ेगी और इकाईयों के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वर्ष 2020 के अन्त तक लगभग 10 लाख युवाओं हेतु रोजगार के अवसर सृजित होना अनुमानित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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sa@upnewslive.com
Posted on 04 November 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के निःशक्तजन के समग्र विकास हेतु राज्य पुनर्वास नीति-2014 को अनुमोदित कर दिया है। यह नीति मुख्यतः विकलांगजन के भौतिक, शैक्षिक तथा आर्थिक पुनर्वास पर केन्द्रित है। इससे प्रदेश में ऐसा वातावरण सृजित करने में मदद मिलेगी जिससे विकलांगजन को समान अवसर, उनके अधिकारों का संरक्षण और समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।
निःशक्तता का शीघ्र पता लगाकर उपचार कराने पर बल दिया जाएगा और इसके जरूरी सुविधाएं सृजित की जाएंगी। चिकित्सा शिक्षा में स्नातकोत्तर, स्नातक डिग्री और डिप्लोमा स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निःशक्तता के निवारण तथा उपचार संबंधी माॅड्यूल्स शामिल किए जाएंगे। निःशक्तजन हेतु कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण के लिए अनुदान संबंधी नियमावली की व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर किया जाएगा। पुनर्वास हेतु प्राथमिक स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 15 से 18 वर्ष की आयु के निःशक्त बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने संबंधी एकीकृत शिक्षा योजना (आई0ई0डी0एस0एस0) का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक निःशक्त बच्चे की वर्ष 2020 तक स्कूलपूर्व, प्राइमरी व माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए उपयुक्त पहुंच हो।
निःशक्त व्यक्तियों द्वारा आपसी बातचीत के लिए संकेत भाषा, वैकल्पिक अभिव्यक्ति संबंधी संपे्रक्षण माध्यमों को मान्यता दी जाएगी तथा इन्हें मानकीकृत किया जाएगा। सार्वजनिक भवन/स्थान/परिवहन प्रणाली को निःशक्त व्यक्तियों के लिए अधिकतम सम्भव सीमा तक बाधामुक्त बनाया जाएगा। निःशक्तजन के सुगम आवागमन हेतु राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा तथा जनोपयोगी स्थलों पर विशेष पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरल बनाकर कम से कम समय में निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु वर्तमान नियमों में संशोधन किए जाएंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 November 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए, शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 680 विकासखण्डों में केन्द्रपुरोनिधानित योजना के तहत माॅडल स्कूल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रथम चरण में 193 माॅडल स्कूलों की स्थापना की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है, जिनके भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस योजना में केन्द्र सरकार का अंशदान 75 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का अंशदान 25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। गुणवत्ता के दृष्टिकोण से स्कूल का संचालन राज्य स्तरीय सोसाइटी के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह सोसाइटी केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अनुरूप होगी। ये विद्यालय सेण्ट्रल बोर्ड आॅफ सेकेन्ड्री एजुकेशन नई दिल्ली से सम्बन्ध होंगे, जिसमें कक्षा 06 से 12 तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। माॅडल स्कूलों की संरचना एवं सुविधाएं केन्द्रीय विद्यालयों के स्तर की होंगी। यह स्कूल सम्बन्धित विकास खण्ड में अन्य सभी स्कूलों के लिए एक माॅडल भी होंगे।
माॅडल स्कूलों का संचालन राज्य स्तरीय सोसाइटी के माध्यम से किया जाएगा, जो केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अनुरूप होगी। राज्य माॅडल स्कूल संगठन, उ0प्र0 के नाम से प्रस्तावित इस स्वायत्त संगठन में मुख्यमंत्री चेयरमैन, मंत्री माध्यमिक शिक्षा डिप्टी चेयरमैन, मुख्य सचिव वाइस चेयरमैन तथा राज्य माॅडल स्कूल संगठन के कमिश्नर को सदस्य सचिव नामित किया गया है। कमिश्नर के रूप में प्रमुख सचिव/सचिव माध्यमिक शिक्षा को नामित करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार बोर्ड आॅफ गवनर्स में मुख्य सचिव को चेयरमैन तथा एडिशनल कमिश्नर राज्य माॅडल स्कूल संगठन उ0प्र0 को सदस्य सचिव के रूप में प्रस्तावित किया गया है। माॅडल स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का काडर अलग होगा, जो केन्द्रीय विद्यालय संगठन में पैटर्न पर राज्य माॅडल स्कूल संगठन द्वारा संचालित किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 04 November 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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