मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए, शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 680 विकासखण्डों में केन्द्रपुरोनिधानित योजना के तहत माॅडल स्कूल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रथम चरण में 193 माॅडल स्कूलों की स्थापना की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है, जिनके भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस योजना में केन्द्र सरकार का अंशदान 75 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का अंशदान 25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। गुणवत्ता के दृष्टिकोण से स्कूल का संचालन राज्य स्तरीय सोसाइटी के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह सोसाइटी केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अनुरूप होगी। ये विद्यालय सेण्ट्रल बोर्ड आॅफ सेकेन्ड्री एजुकेशन नई दिल्ली से सम्बन्ध होंगे, जिसमें कक्षा 06 से 12 तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। माॅडल स्कूलों की संरचना एवं सुविधाएं केन्द्रीय विद्यालयों के स्तर की होंगी। यह स्कूल सम्बन्धित विकास खण्ड में अन्य सभी स्कूलों के लिए एक माॅडल भी होंगे।
माॅडल स्कूलों का संचालन राज्य स्तरीय सोसाइटी के माध्यम से किया जाएगा, जो केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अनुरूप होगी। राज्य माॅडल स्कूल संगठन, उ0प्र0 के नाम से प्रस्तावित इस स्वायत्त संगठन में मुख्यमंत्री चेयरमैन, मंत्री माध्यमिक शिक्षा डिप्टी चेयरमैन, मुख्य सचिव वाइस चेयरमैन तथा राज्य माॅडल स्कूल संगठन के कमिश्नर को सदस्य सचिव नामित किया गया है। कमिश्नर के रूप में प्रमुख सचिव/सचिव माध्यमिक शिक्षा को नामित करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार बोर्ड आॅफ गवनर्स में मुख्य सचिव को चेयरमैन तथा एडिशनल कमिश्नर राज्य माॅडल स्कूल संगठन उ0प्र0 को सदस्य सचिव के रूप में प्रस्तावित किया गया है। माॅडल स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का काडर अलग होगा, जो केन्द्रीय विद्यालय संगठन में पैटर्न पर राज्य माॅडल स्कूल संगठन द्वारा संचालित किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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