Posted on 29 July 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री अहमद हसन ने ईद-उल-फित्र के पावन अवसर पर प्रदेश वासियों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को मुबारकबाद दी है।
श्री हसन ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि ईद हमें आपसी भाईचारा, कौमी एकता, प्रेम, अहिंसा एवं बराबरी का संदेश देती है। यह गरीबों, मजलूमों, जरूरतमन्दों की मदद करने एवं आपसी गिले शिकवे भुलाकर आपस में गले मिलने का भी संदेश देती है।
इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री श्री कैलाश यादव, स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री श्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह, खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया‘, परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव एवं ऊर्जा राज्यमंत्री श्री यासर शाह ने भी प्रदेश वासियों को ईद की बधाई दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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sa@upnewslive.com
Posted on 29 July 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने जिलाधिकारियों द्वारा नान जुडिशियल स्टाम्प पेपर के प्रयोग में न आने के कारण आवेदकों की धन वापसी अपने स्तर से न करते हुए प्रकरण शासन को सन्दर्भित किए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत बिगड़े हुए स्टाम्प (अन रजिस्टर्ड) की वापसी की व्यवस्था की गयी है, जिसमें आवेदक द्वारा 06 माह के अन्दर स्टाम्प मूल्य वापसी का आवेदन जिलाधिकारी को कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को दो वर्ष के अन्दर बिगड़े हुए स्टाम्प /खराब स्टाम्प की वापसी का अधिकार दिया गया है।
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री ने बताया कि शासन के संज्ञान में आया है कि दो वर्ष के अन्दर खरीदे गये स्टाम्प, जो किन्हीं कारणों से प्रयोग में नहीं लाया जा सके और उनका स्वरूप बिगड़ गया है, ऐसे स्टाम्प मूल्यों का भुगतान नियमानुसार आवेदकों को जिलाधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है तथा प्रकरण को अनावश्यक रूप से शासन को सन्दर्भित कर दिया जा रहा है, जो अत्यन्त ही खेदजनक है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की धारा 49 एवं 50 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार प्रकरण का परीक्षण कराते हुए नियमानुसार स्टाम्प पेपरों की वापसी के सन्दर्भ में कार्यवाही अपने स्तर से ही कर देनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 29 July 2014 by admin
प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा है कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष लगभग 45 हजार बच्चों की मृत्यु सिर्फ डायरिया (दस्त) से होती है। बच्चों की अकाल मृत्यु होने का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है। यदि दस्त आने पर बच्चे को ओ0आर0एस0 का घोल एवं जिंक समय से मिल जाये तो उसे कुपोषित होने एवं मृत्यु से बचाया जा सकता है। बच्चों की मृत्युदर में कमी लाने एवं उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए प्रदेश भर में ‘‘सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा’’ 28 जुलाई से 8 अगस्त तक मनाया जायेगा।
यह बात आज यहाँ गोमती होटल में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कही। उन्होंने कहा कि डायरिया एक गम्भीर बीमारी है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करना लाजमी है। जन्म के एक घण्टे बाद बच्चे के लिए माँ का दूध अमृत हैं जिसमें डायरिया व अन्य बीमारियों से लड़ने की भरपूर क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओ0आर0एस0 एवं जिंक की उपलब्धता व वितरण सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम जनता को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। आम लोंगो का विश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों को कम से कम 40 मरीज ओ0पी0डी0 में देखना जरूरी है। इससे कम मरीज देखने वाले चिकित्सकों के वेतन रोकने के निर्देश दिये गये हैं। इस अवसर पर उन्होंने मेडिकों रिफ्रेशर पुस्तक का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिक्त्सिा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरविन्द कुमार ने कहा कि डायरिया देखने में साधारण सी बीमारी लगती है, लेकिन थोड़ी सी असावधानी के कारण बहुत से बच्चों की इससे मृत्यु हो जाती है। प्रदेश में 11 प्रतिशत मृत्यु दस्त आने से होती है। यह बीमारी खतरनाक हैं। इसके रोकथाम हेतु घर-घर ओ0आर0एस0 एवं जिंक के वितरण कराने का कार्य किया जायेगा। साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसके वितरण एवं परामर्श हेतु आशा, ए0एन0एम0, एवं आगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के परिवारों में भेजा जायेगा। कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु चिकित्सकों की विशेष व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं एक वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क इलाज एवं उनको घर से अस्पताल ले जाने और उनको घर तक छोड़ने हेतु 102 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी आई है। प्रसव के बाद कम से कम तीन दिन तक मां और बच्चे को अस्पताल में रखा जायेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री अमित कुमार घोष ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 5 वर्ष तक के बच्चों की मृत्युदर में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि 42 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। शिशु को जन्म के उपरान्त मां का दूध न मिलने वह से बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। उन्होंने बताया कि जन्म से पहले घण्टे में बच्चे को सिर्फ 36 प्रतिशत महिलायें दूध पिलाती है तथा 6 माह तक बच्चों को स्तन पान केवल 20 प्रतिशत महिलायें कराती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे को समय से मां का दूध न मिलने के कारण वह कुपोषित हो जाता है।
श्री घोष ने बताया कि बच्चों को दस्त आने पर सिर्फ 45 प्रतिशत लोग ओ0आर0एस0 एवं 2 प्रतिशत जिंक देते हैं जो बहुत कम है। दस्त आने पर यदि बच्चे को समय से ओ0आर0एस0 एवं जिंक दे दिया जाये तो काफी संख्या में बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए प्रकृति की ओर से पहला पोषाहार और औषधि है जो उसे डायरिया, पीलिया एवं अन्य रोगों से बचाता है। प्रसव के उपरान्त तीन दिन तक यह खासियत मां के दूध में पायी जाती है। उन्होंने कहा कि 6 माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए जिससे बहुत सी बीमारियों से बच्चे को बचाया जा सकता हैं उन्होंने कहा कि बच्चों को समय से ओ0आर0एस0 एवं जिंक उपलब्ध हो सके, इसके लिए निदेशालय स्तर पर जांच टीम भी बनाई जा रही है, जो प्रदेश में भ्रमण करके इसकी उपलब्धता एवं वितरण पर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 July 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री नारद राय, रेशम मंत्री श्री शिवकुमार बेरिया, प्रमुख सचिव श्री मुकुल सिंहल एवं प्रमुख सचिव श्री नवतेज सिंह ने ईद-उल-फित्र के पावन पर्व पर समस्त प्रदेश वासियों विशेषकर मुस्लिम भाइयों को दिली मुबारकबाद और शुभकामनाएं दी है। बधाई संदेश सभी वर्गों और धर्मों के लोगों से आपसी भाई-चारे के साथ इस पर्व को मिलकर मनाने की अपील की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 29 July 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हिन्दी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषी छात्रों के भविष्य एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक सेवा परीक्षा में समानता की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए सी-सैट प्रणाली पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आज यहां लिखे गए एक पत्र में कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रशासनिक सेवा परीक्षा में उत्तर प्रदेश से काफी तादाद में परीक्षार्थी सम्मिलित होते हैं, जिनकी मूल भाषा हिन्दी है।
श्री यादव ने लिखा है कि वर्तमान में आयोजित परीक्षा पद्धति में सी-सैट के अन्तर्गत जो प्रश्नपत्र हिन्दी/अन्य भाषाओं के माध्यम के परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराए जाते हैं, उसमें मूलतः अंग्रेजी भाषा का रूपान्तरण साॅफ्टवेयर के द्वारा कर दिया जाता है। इससे रूपान्तरण के बाद प्रश्न के मूल अर्थ में विसंगतियां उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण परीक्षार्थी के द्वारा उनका उत्तर देने में संशय की स्थिति उत्पन्न होती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 July 2014 by admin
गंगा स्वच्छता हेतु भारतीय जनता पार्टीए गंगा प्रकोष्ठ का प्रत्येक कार्यकर्ता संकल्पबद्ध हैए इसी निमित्त भाजपा गंगा प्रकोष्ठ ने श्गंगा सेवा.भारत सेवाश् एवं श्नमामि गंगेश् ;हरियाली कार्यक्रमद्ध के तहत प्रदेश के समस्त प्रमुख गंगा तटो पर छायादार एवं फलदार वृक्षों का रोपण करने का फैसला लिया हैद्य वृक्ष के साथ लगाव और उसकी नियमित देखभाल सुनिश्चित करने हेतु हर 5 वृक्षों पर एक अभिवाहक नियुक्त किया जाएगा जो कि आस पास के क्षेत्र का निवासी होगा और उसी के हाथो से वृक्षों का रोपण भी कराया जाएगाद्य यह निर्णय भाजपा गंगा प्रकोष्ठ की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में लिया गयाद्य बैठक की संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक ब्रज किशोर मिश्र ने कहा कि गंगा स्वच्छता बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है क्योकि इससे हर भारतवासी की संवेदनाये जुडी हुई हैद्य केंद्र में पिछले 10 सालों तक राज करने वाली कांग्रेस सरकार ने कभी भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जिसका परिणाम है कि गंगा का जल आचमन योग्य भी नहीं बचाए किन्तु श्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा माँ की स्वच्छता हेतु अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए गंगा स्वच्छता हेतु न सिर्फ अलग से मंत्रालय बनाया बल्कि बजट में भी इसका ध्यान रखाद्य उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ अब गंगा की सहायक नदियों की स्वच्छता पर भी ध्यान केन्द्रित करते हुए उनकी स्वच्छता हेतु प्रथम चरण में सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौप उनसे नदियों में गिरने वाले नालोंए वस्त्रो की धुलाई एवं आखेट को बंद करने एवं विधुत शवदाह गृहों को नियमित रूप से चलाये जाने की मांग करेगा यदि जिलाधिकारियो द्वारा नियत समय में कोई प्रभावी कार्यवाही न की गई तो उन्हें चेताने हेतु जिलाधिकारी कार्यालयों का घेराव कर जबरदस्त प्रदर्शन किया जाएगाद्य
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष बाजपेयी ने कहा कि यदि माँ गंगा के प्रवाह को अविरल कर दिया जाए तो काफी हद तक प्रदूषण की समस्या समाप्त हो सकती हैद्य
बैठक को संबोधित करते हुए अवध क्षेत्र प्रभारी सुरेश पाण्डेय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने नालो का पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे नदीयों गिराने पर रोक लगाई हुई है लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण नालो का पानी सीधे नदियों में गिर रहा हैए और उद्योगपतियों के दबाब में प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहाद्य उन्होंने मांग की कि नदीयों में सीधे गिरने वाले नालो को प्रशासन तत्काल बंद करायेद्य
बैठक में प्रमुख रूप से रमाशंकर त्रिपाठीए भूपेंद्र सिंहए रुद्रसेन सिंहए सरदार बघेलए जयनारायण मिश्रए राजनारायण मिश्रए राजीव शुक्लाए सुधीर दुबेए नरेन्द्र प्रताप सिंह चौहानए भागीरथी निषादए अजय अग्निहोत्रीए अमित पटेलए शुभम मिश्रए मयंक सिंह आदि लोग मौजूद रहेद्य
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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