‘होके मायूस यूँ न शाम सा ढलते रहिए, जिन्दगी भोर है, सूरज सा निकलते रहिए..’ का संदेश देते हुए ‘सामूहिक योग प्राणायाम एवं साँस्कृतिक-अध्यात्म प्रभात (अभ्युदय-2014)’ ने आज लखनऊवासियों को योग ऊर्जा से भरपूर आध्यात्मिक जीवन शैली का अनूठा अहसास कराया। ‘सामूहिक योग प्राणायाम’ का यह भव्य समारोह आज प्रातः वी.आई.पी. रोड स्थित शिव शांति सन्त आसूदाराम आश्रम के योग केन्द्र की चतुर्थ वर्षगाँठ के अवसर पर सम्पन्न हुआ जिसके अन्तर्गत बहुत बड़ी तादात में उपस्थित लखनऊवासियों ने योग व प्राणायाम के साथ ही उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक जीवन शैली पर आधारित भजन, कीर्तन, नृत्यनाटिका आदि का भरपूर आनन्द उठाया और ‘करें योग, रहें निरोग’ का संकल्प लिया। इस अवसर पर जहाँ एक ओर परमपूज्य संत शिरोमणि साईं चण्डू राम साहिब जी की उपस्थिति ने समारोह को गौरवान्वित किया तो वहीं दूसरी ओर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित लखनऊ के जिलाधिकारी श्री राजशेखर, आई.ए.एस., विशिष्ट अतिथि श्री नवनीत सिकेरा, डी.आई.जी., समारोह के स्वागताध्यक्ष व प्रख्यात शिक्षाविद् व सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी, सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ आॅपरेटिंग आॅफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन, कर्नल सत्यवीर सिंह, योग साथी श्री अशोक केवलानी आदि की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार चाँद लगा दिए। इससे पहले, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे लखनऊ के जिलाधिकारी श्री राजशेखर, आई.ए.एस. ने समारोह का विधिवत् उद्घाटन किया तथापि संत शिरोमणि साईं चण्डू राम साहिब जी एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने आरती प्रज्वलित कर ईश्वर के गुणगान से समारोह का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री राजशेखर, आई.ए.एस., जिलाधिकारी, लखनऊ ने योग केन्द्र की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘करें योग रहें निरोग’ की भावना को आज प्रत्येक व्यक्ति को अपनाने की आवश्यकता है। वर्तमान जीवन शैली तरह-तरह की बीमारियों को जन्म दे रही है, ऐसे में संतुलित व सुगठित जीवन शैली अपनाने में ही भलाई है। शिव शांति सन्त आसूदाराम आश्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इस आश्रम की स्थापना को 37 वर्ष हुए है और मेरी आयु भी 37 वर्ष की है। यह आश्रम समाज के लिए सकारात्मक योगदान कर रहा है। मैं इस आश्रम को उसके पुनीत कार्यों हेतु एक माह का वेतन दान कर रहा हूँ। विशिष्टि अतिथि के रूप में पधारे डी.आई.जी. श्री नवनीत सिकेरा द्वारा ‘‘वुमेन पाॅवर लाइन 1090’’ पर संचालित विशेष कार्यशाला भी समारोह के विशेष आकर्षण का केन्द्र रही, जिसके माध्यम से महिलाओं को ‘डरें नहीं, सहें नहीं’ का संदेश दिया गया। इस अवसर पर श्री सिकेरा ने कहा कि यह फोन लाइन विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा को समर्पित है इसलिए जरूरत पड़ने पर बिना किसी हिचकिचाहट के इसका उपयोग करें।
इससे पहले, कर्नल सत्यवीर सिंह (रिटा.) योग प्राणायाम एवं योग आसन की क्रियाओं द्वारा सामूहिक योग प्राणायाम का शुभारम्भ हुआ एवं इसके पश्चात उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक जीवन शैली पर आधारित भजन, नृत्य एवं नाटक आदि विभिन्न कार्यक्रम ने आध्यात्मिक जीवन शैली का अनूठा अहसास कराया। जहाँ एक ओर योग के 8 आसनों द्वारा प्राप्त होने वाले लाभ का दर्शाते वित्तचित्र ने उपस्थित योग प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया तो वहीं दूसरी ओर 32 योग बच्चों द्वारा दुर्गा माता द्वारा महिसासुर वध पर आधारित नृत्य नाटिका को भी सभी ने सराहा। इसके अलावा सुमधुर भजनों, सर्वधर्म प्रार्थना एवं पारिवारिक-सामाजिक स्थितियों पर आधारित नृत्य नाटिका भी काफी प्रेरणादायी रही।
इस अवसर पर संत शिरोमणि साईं चण्डू राम साहिब जी ने उपस्थित योग प्रेमियों को अपना आशीर्वाद देते हुए ‘संतोष’ की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि जिसके पास संतोष नामक धन है, उसे और किसी धन की इच्छा नहीं होगी और वह तन व मन दोनों से स्वस्थ रहेगा। समारोह के स्वागताध्यक्ष डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि योग कोई नया विषय नहीं है, इसके बारे में जानते सभी हैं परन्तु अब इसे जीवन में अपनाने की जरूरत है। जब परिवार स्वस्थ होगा, तभी समाज स्वस्थ होगा और तभी समाज में एकता व शान्ति का वातावरण बन सकेगा। उन्होंने कहा कि योग शिक्षा आज की अनिवार्य आवश्यकता है और हर बच्चे व बड़े व्यक्ति को योग की शिक्षा अनिवार्य रूप से मिलनी ही चाहिए। योग प्रशिक्षक श्री अशोक केवलानी ने इस अवसर पर सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
ज्ञातव्य हो कि शिव शांति सन्त आसूदाराम आश्रम आज देश का प्रमुख आध्यात्मिक केन्द्र बन चुका है जहाँ लगभग 300 सदस्य प्रतिदिन योग अभ्यास कर लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अलावा नितनेम, प्रवचन, भजन-कीर्तन के साथ अन्य धार्मिक व सामाजिक सेवाएं जैसे चिकित्सा, शिक्षा, गौ सेवा व मानव सेवा, सामूहिक विवाह व भण्डारा प्रसाद की सेवा अविरल चलती रहती है। इस योग केन्द्र का मुख्य उद्घोष ‘करो योग रहो निरोग’ है जिसके अन्तर्गत मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हड्डी व जोड़, हृदय, किडनी, लिवर, पेट इत्यादि अंगों से सम्बन्धित सभी रोग, स्त्री रोग तथा बांझपन, दमा, अस्थमा, थायराइड, माइग्रेन, अनिद्रा, कैंसर, टी.बी. व अन्य रोगों से मुक्ति हेतु प्रतिदिन बहुत ही सहज व सरल तरीके से योग प्राणायाम कराया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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