Posted on 07 June 2012 by admin
अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गंाधी जी ने विधायक श्री प्रदीप माथुर को कंाग्रेस विधानमंडल दल का नेता मनोनीत किया है।
ज्ञातव्य है कि विगत 28मई,2012 को कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधानमंडल दल के नेता की नियुक्ति हेतु कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गंाधी जी को सभी विधायकों ने अपने अधिकार सौंप दिये थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 June 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की पदोन्नतियों में आरक्षण तथा परिणामी ज्येष्ठता के सम्बन्ध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय में योजित याचिका संख्या-2608/2011 मंे दिनांक 27 अप्रैल, 2012 को पारित निर्णय के अनुसार कार्मिक अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-4/1/2002 टीसी-का-2/2012 दिनाॅंक 8 मई, 2012 तथा 13 मई, 2012 के द्वारा आरक्षण समाप्त कर दिया गया है । लेकिन विधान परिषद् सचिवालय में सरकार के शासनादेशों के लागू होने के बाद भी प्रमुख सचिव श्री प्रताप वीरेन्द्र कुशवाहा द्वारा नियमांे की गलत व्याख्या करने के कारण एक अत्यन्त कनिष्ठ अनुसूचित जाति के अनुसचिव श्री बृजेश चन्द्र की आरक्षण के अन्तर्गत प्रोन्नति करने पर अडिग है ।
विधान परिषद् की वास्तविक कोटिक्रम सूची (ज्येष्ठता सूची) के वैभागिक आदेश संख्या-3480/वि0प0, दिनाॅंक 18 दिसम्बर,1991 तथा वैभागिक आदेश संख्या-1246/वि0प0, दिनाॅंक 30 जून, 1994 में अंकित अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रोन्नतियाॅं नहीं की जा रही है। क्योकि एक अत्यन्त कनिष्ठ अनुसूचित जाति के कर्मचारी श्री बृजेश चन्द्र, जो कि वरिष्ठता क्रम में एकल पात्रता सूची के अनुसार 31वें क्रमांक पर अंकित हैं, को प्रोन्नति देने के लिए क्रमांक दो पर लाते हुये प्रमुख सचिव ने अपने नेतृत्व में, अपने ही निजी सचिव को चयन समिति का सदस्य बनाते हुए, अवैधानिक रूप से अनुमोदित करा लिया । इस चयन समिति के अन्य सदस्य, जोकि अनुभाग अधिकारी स्तर के हैं तथा चयन समिति के सदस्य हो ही नहीं सकते हैं, को चयन समिति का ’’सहयोगी समिति सदस्य’’ नामित कर दिया। क्योंकि छोटे पद का अधिकारी अपने से उच्च पदों पर चयन की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हो सकता है ।
विधान परिषद् में चयन प्रक्रिया के भी दो मापदण्ड अपनाये गये हैं । निजी सचिव संवर्ग की प्रोन्नतियों में किसी भी प्रकार की चयन समिति का गठन नहीं किया गया और बिना चयन समिति के सर्वश्री रामनरेश, कृष्ण चन्द्र, महेन्द्र नारायण सक्सेना, समर सिंह, बाल कृष्ण आदि जैसे सभी अनारक्षित कर्मचारियों को प्रोन्नति आदेश जारी कर दिये गये जबकि दूसरे संवर्ग (अनुसचिव/अनुभाग अधिकारी संवर्ग) में अवैध चयन समिति का गठन करके चयन का कार्य किया गया । अर्थात एक संवर्ग में चयन समिति का गठन हुआ जबकि दूसरे संवर्ग में चयन समिति का गठन नहीं किया गया ।
उल्लेखनीय है कि विधान सभा सचिवालय में समान परिस्थितियों के रहते हुए प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप कुमार दुबे ने शासनादेश के अनुसार विज्ञप्ति/प्रकीर्ण संख्या-713,714, 715, 716, 718,719, 720, 721, 722, 723 तथा 725/वि0स0-6/97, दिनाॅंक 15 मई, 2012 के द्वारा ज्येष्ठता के आधार पर प्रोन्नतियाॅं प्रदान कर दी किन्तु विधान परिषद् के प्रमुख सचिव, श्री प्रताप वीरेन्द्र कुशवाहा राज्य सरकार के शासनादेशों का उल्लंघन कर रहे हैं ।
प्रमुख सचिव, विधान परिषद् के अडि़यल रूख के कारण विधान परिषद् के कर्मचारियों की यूनियन की माॅंग तथा मा0 सभापति जी के निर्देशानुसार शासन के कार्मिक विभाग की राय प्राप्त होने के बाद भी प्रमुख सचिव, शासनादेश के विरूद्ध कार्य करने पर अड़े हुये हैं तथा इस सम्बन्ध में कई विधान परिषद् के सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखंे । मा0 मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री आलोक कुमार ने दिनाॅंक 29/30 मई, 2012 को शासनादेशों के अनुसार 3 दिन मंे एकल पात्रता सूची बनाकर प्रोन्नतियाॅं करने के निर्देश भी दिये किन्तु माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना करते हुये प्रमुख सचिव श्री कुशवाहा ने कोई कार्यवाही नहीं की । प्रमुख सचिव, विधान परिषद् की हठधर्मिता के कारण ही सचिवालय के अधिकारियां कर्मचारियों ने एक दिन का सांकेतिक विरोध काली पट्टी बाॅंध कर भी किया लेकिन प्रमुख सचिव पर लोकतांत्रिक विरोध का भी प्रभाव नहीं पड़ा ।
विधान परिषद् सचिवालय की विडम्बना यह है कि इस उच्च सदन के सदस्य मा0 मुख्यमंत्री स्वयं है फिर भी शासनादेशों के विपरीत सेवानिवृत्त के बाद संविदा पर दो वर्ष जून, 2013 तक के लिए नियुक्त प्रमुख सचिव श्री प्रताप वीरेन्द्र कुशवाहा अपनी पूर्ववर्ती सरकार के प्रतिनिधि बनकर पिछली सरकार का एजेण्डा लागू करवा रहे हैं । वर्तमान सरकार के शासनादेशों से विधान परिषद् के कर्मचारी लाभान्वित होने से वंचित हैं तथा अत्यन्त निराश व हताश हो रहे हैं। यह निराशा व हताशा वर्तमान बजट सत्र में बहुत जल्द कब विस्फोट का रूप ले लेगी, जिसके लिए मुख्य रूप से विधान परिषद् सचिवालय के प्रमुख सचिव श्री प्रताप वीरेन्द्र कुशवाहा ही जिम्मेदार होगें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 June 2012 by admin
जिलाधिकारी अजय चैहान ने रबी विपणन वर्ष 2012-13 में गेहॅू खरीद योजना में किसानों के बैंक खाते में सीधे आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भुगतान किये जाने की योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया है कि इसके लिए प्रत्येक स्तर पर कार्यवाही के लिए शासन द्वारा कार्य योजना निर्धारित कर दी गई है। इससे पूर्व निर्धारित चेकों द्वारा भुगतान की व्यवस्था में लगने वाले समय में कमी आयेगी और भुगतान प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार होगा।
उन्होंने प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र प्रभारी द्वारा केन्द्र पर खरीदे गये गेहॅू का क्रमवार विवरण खाद्यान्न क्रय पंजिका पर अंकित किया जायेगा। क्रय पंजिका में दर्ज प्रत्येक कृषक के बैंक एकाउन्ट के प्रथम पेज की छाया प्रति संलग्न की जायेगी। केन्द्र प्रभारी द्वारा क्रय पंजिका की प्रति के साथ उसी तिथि का डी0टी0एस0 संलग्न करते हुए प्रपत्रों को विशेष पत्रवाहक द्वारा जिला खाद्य विपणन अधिकारी को प्राप्त कराया जायेगा।
यदि किसी कृषक द्वारा अपना खाता संख्या केवल नाॅन सी.बी0एस. बैंक में होना बताया जाता है तो केन्द्र प्रभारी द्वारा उस कृषक की प्रविष्टि की धनराशि को इंगित करते हुए उस पर जारी करने वाले चेक का नम्बर अंकित करना होगा। जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा डाटा इन्ट्री का कार्य कराया जायेगा। जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा प्रविष्टियों की डाटा इन्ट्री विभागीय वेबसाइट पर अपने पासवर्ड से लांगिन कर एन.आई.सी. द्वारा उपलब्ध कराये गये साफ्टवेयर में करवायी जायेगी तथा डाटा की सहायता की जांच की जायेगी। सत्यापन के उपरान्त एन.आई.सी. के जिला सूचना विज्ञान अधिकारी से सहायता प्राप्त कर डाटा को सम्भागीय वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी को ई-मेल द्वारा प्रेषित कर दिया जायेगा।
आर.टी.जी.एस./ई पेमेन्ट हेतु सम्भाग के सभी जनपदों की डाटा फाइल को एकत्रित कर खाद्य विभाग के पोर्टल पर एक सिंगल फाइल बनाई जायेगी तथा सम्भागीय वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी इस फाइल के अनुसार धनराशि को सिंगल चैक के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक को भुगतान हेतु प्रेषित करेगें। बैंक द्वारा प्राप्त डाटा के अनुसार सम्बन्धित कृषकों के खाते में नियमानुसार धनराशि तत्काल स्थानान्तरित की जायेगी।
भारतीय स्टेट बैंक के (कमिटमेन्ट) वचनबद्वता के अनुसार यदि कृषक का एकाउन्ट एस.बी.आई. में होगा तो तत्काल काश्तकार के खाते में धनराशि का स्थानान्तरण करेगी, यदि कृषकों का एकाउन्ट अन्य बैंको में है तो भारतीय स्टेट बैंक 2 घण्टे की समय विधि में धनराशि का स्थानान्तरण करेगी। खाद्य विभाग के पोर्टल पर सम्भागवार क्रय केन्द्रवार एवं जनपद वार विस्तृत सूचनाओं को दर्शाया जायेगा, जिससे क्रय केन्द्र प्रभारी व अन्य विभागीय अधिकारी पासवर्ड द्वारा अपने केन्द्रो की गेहॅू खरीद की मात्रा एवं भुगतान धनराशि का मिलान कर सकेगें।
सम्भागीय खाद्य नियंत्रक (आर0एफ0सी0) को अपने सम्भाग में इस व्यवस्था हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है जो कि इस व्यवस्था में आ रही समस्याओं का यथा सम्भव निराकरण करायेगें और पर्यवेक्षीय उत्तर दायित्व का निर्वहन भी करेगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 June 2012 by admin
जिलाधिकारी अजय चैहान ने जिला कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर जन समस्याओं को सुने जाने हेतु प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक दिवस अधिकारियों की ड्यूटी में आंशिक संशोधन करते हुये आदेश निर्गत किया है।
जिलाधिकारी के आदेशानुसार प्रत्येक सोमवार को अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0 ) के साथ समब्द्ध अधिकारी-नगर मजिस्ट्रेट,मंगलवार को अपर जिलाधिकारी (भू0आ0) के साथ अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय, बुधवार को अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) के साथ अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय, गुरूवार को अपर जिलाधिकारी (नगर) के साथ अपर मजिस्ट्रेट चतुर्थ, शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) के साथ अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय तथा शनिवार को अपर जिलाधिकारी (प्रो0) के साथ अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय जनसमस्याओं की सुनवाई करेंगे। दिवस अधिकारी एवं सम्बद्ध अधिकारी की अनुपस्थिति में प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट द्वारा जन समस्याओं की सुनवाई की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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