Archive | July 13th, 2015

श्री शिवपाल सिंह यादव ने अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष इटावा के शासकीय आवास का किया लोकार्पण

Posted on 13 July 2015 by admin

उत्तर प्रदेश शासन के मंत्री लोक निर्माण, सिंचाई एवं जल संसाधन, सहकारिता, परतीभूमि विकास, राजस्व, अभाव, सहायता, पुर्नवास तथा लोक सेवा प्रबंधन विभाग श्री शिवपाल सिंह यादव ने आज अध्यक्ष जिला पंचायत इटावा के शासकीय आवास का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने भी समारोह को सम्बोधित किया।
लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता से किये वादों को पूरा किया है, साथ ही राज्य के विकास व जनता के कल्याण की अनेकों योजनायें लागू की है। उन्होने प्रसन्नता व्यक्त की कि अधिकांश योजनाओं को समय से पूरा किया गया है, जिनका लाभ बडे पैमाने पर समाज के सभी वर्गों को मिल रहा है। उन्होने अधिकारियों को भी सचेत किया कि विकास कार्यों को लागू करने में समयबद्धता, गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सदैव ध्यान रखें।
उन्होने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि जितने विकास कार्य वर्तमान प्रदेश सरकार ने कराये है, उतने कभी नही कराये गये। उन्होने कहा कि डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में इस वर्ष गांवों में सी. सी. रोड, नाले तथा आन्तरिक गलियों में टाइल्स इण्टर लाकिंग हेतु लगभग 500 करोड रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
उन्होने कहा कि जिला पंचायत परिषद का ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने कहा कि वह स्वयं भी अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रह चुके है, उन्होने अपने संस्मरण भी सुनाये। उन्होने जिला पंचायत के माननीय सदस्यों से कहा कि क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास कार्यों पर नजर रखें और सक्रिय सहयोग करें ताकि कार्य को समय से और गुणवत्ता के साथ  के साथ पूर्ण हो और जनता को उनका शीघ्र लाभ मिले। सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिये योजनायें चल रही है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष के शासकीय आवास के लोकार्पण पर बधाई देते हुए कहा कि जिला पंचायत परिषद की ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने जिला पंचायत पद पर अपने स्वयं के कार्यकाल से लेकर अब तक के निर्वाचित अध्यक्षों की चर्चा करते हुए कहा कि इटावा में जिला पंचायत परिषद में गौरवशाली परम्परा रही है। उन्होने कहा कि देश में सर्व प्रथम अजीतमल (जो उस समय इटावा जनपद में सम्मलित था) में पंचायती राज व्यवस्था की शुरूआत हुई थी।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जिला पंचायत परिषदों को दी जा रही सहायता धनराशि में कटौती की गई है। जिसका विकास कार्याें पर प्रभाव पडेगा। उन्होने प्रेरणा देते हुए कहा कि जिला पंचायत अपने संसाधनों और प्रदेश सरकार के सहयोग से ग्रामीण अंचलों में विकास कार्यों को लागू करें। उन्होने जिला पंचायत परिषद के संसाधनों का बेहतर उपयोग किये जाने पर बल देते हुए इसकी परिसम्पत्तियों के रखरखाव आदि की ओर ध्यान दिलाया।
जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती प्रेमलता यादव ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया और विकास कार्यों को प्रभावी रूप से लागू करने पर प्रकाश डाला। श्री अंशुल यादव ने अतिथियों को शाल तथा बुके भेंटकर स्वागत किया।
इस अवसर पर सांसद श्री तेजप्रताप सिंह, राज्यमंत्री श्री के. पी. सिंह, राज्यमंत्री श्री अशोक यादव, विधायक श्री रघुराज सिंह शाक्य, विधायिका श्रीमती सुखदेवी वर्मा, जिला पंचायत के सदस्यगण आदि सहित बडी संख्या में गणमान्य नगारिक, जनप्रतिनिधिगण, जिलाधिकारी श्री नितिन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती मंजिल सैनी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा रविवार, 12.07.2015 को उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब, लखनऊ में आयोजित परिसंवाद श्वर्तमान परिपेक्ष्य में गीता ज्ञान की प्रासांगिकताश् की प्रेस विज्ञप्ति -

Posted on 13 July 2015 by admin

गीता सिर्फ धार्मिक ग्रन्थ नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति से जुड़ा हुआ ग्रन्थ हैश् - डाॅ0 साधना मिश्रा, अध्यक्षा उत्तर प्रदेश संस्कृत सस्थानम।
श्मनुष्य के रूप में जन्म लेना ही कष्टों का सामना करना हैश् - महंत दिव्यागिरी, प्रमुख मनकामेश्वर मंदिर।
जब तक धरा में मानव प्रजाति है तब तक गीता ज्ञान की प्रासांगिकता बनी रहेगीश् गदाधर नारायण सिन्हा, पूर्व पुलिस महानिदेशक उ0 प्र0।
श्गीता में कर्म की प्रधानता है और कहा गया है कि कर्म मे ही अधिकार है फल में नही। कर्म में बुद्वि और बुद्वि में विवेक जरूरी हैश् - विनोद शंकर मिश्र, चिंतक।
गीता मानवता का पाठ पढ़ाती है- महेन्द्र भीष्म, साहित्यकार।
श्भारत व पाकिस्तान के मतभेदों का समाप्त होना ही मेरी सच्ची ईदीश् - मरयम आसिफ सिद्दीकी
श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित हिन्दू - मुस्लिम भाईचारे को समर्पित होगा हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट का अगला कार्यक्रम श्राम भी रहीम भीश् - हर्षवर्धन अग्रवाल।
हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्रीमद्भगवद गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुॅंचाने हेतु रविवार 12.07.2015 को उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब, लखनऊ में परिसंवाद, श्वर्तमान परिपेक्ष्य में गीता ज्ञान की प्रासांगिकताश् का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ। तत्पश्चात् कार्यक्रम के गणमान्य वक्तागणों डाॅ0 साधना मिश्रा, अध्यक्षा उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम्, महंत दिव्या गिरी, प्रमुख मनकामेश्वर मंदिर, श्री गदाधर नारायण सिन्हा पूर्व पुलिस महानिदेशक उ0 प्र0, श्री विनोद शंकर मिश्रा, पूर्व बिक्रीकर आयुक्त व चिंतक, कथाकार श्री महेन्द्र भीष्म, सुश्री मरयम सिद्दीकी, विजेता, इसकाॅन गीता चैम्पियन लीग प्रतियोगिता, मुम्बई, श्री हर्षवर्धन अग्रवाल फाउण्डर ट्रस्टी हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउण्डर ट्रस्टी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी गणमान्य वक्ताओं का प्रतीक चिन्ह द्वारा स्वागत किया व कहा श्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने सत्य की रक्षा के लिये अर्जुन को अपने सगे सम्बन्धियों से यु़द्व करने की सलाह दी थी परन्तु आज के युग में लोग सिर्फ अपने स्वार्थ के लिये अपने सगे सम्बन्धियों का अहित कर रहे हैं न कि सत्य की रक्षा के लिये। हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट देश में भाईचारा व सौहार्द स्थापित करने हेतु वचनबद्व है व जल्द ही श्रीमदभगवद् गीता के ज्ञान की भावना को देश व विदेश के कोने-कोने में फैलाने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम, श्राम भी, रहीम भीश् का आयोजन राष्ट्रीय व अन्र्त राष्ट्रीय स्तर पर करेगा।श्
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये डा0 साधना मिश्रा ने कहा कि श्निष्काम कर्म की जो व्याख्या गीता में दी गयी ह,ै वह अन्य किसी ग्रन्थ में नहीं है। यह ग्रन्थ मात्र धार्मिक ग्रन्थ ही नही बल्कि संपूर्ण मानव जाति से जुडा हुआ ग्रन्थ है।श् गीता एक षाष्वत सत्य पुजं है और सत्य की प्रासंगिकता देश और काल से ऊपर होती है। गीता भूत वर्तमान और भविश्य तीनों कालों में प्रासगिक है। गीता हमारी जीवनशैली और जीवन कला से जुड़ी एक ऐसी संहिता है जो सम्पूर्ण जीव तत्व को निर्देशित करती है।
माननीया महंत दिव्यागिरी जी ने कहा श्मनुष्य को जन्म लेते ही कष्टों का सामना करना पड़ता है। भगवान विष्णु ने भी जब कृष्ण रूप में धरती पर अवतार लिया तब उन्हें भी बहुत कष्टों का सामना करना पडा़। लेकिन भगवान कृष्ण तब भी प्रसन्नचित्त व रसमय थे। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने मनुष्य को अनेक कष्टों के होते हुए भी प्रसन्नचित्त रहने की शिक्षा दी है।
विनोद शंकर मिश्र ने कहा कि श्गीता में कर्म की प्रधानता है और कहा गया है कि कर्म मे ही अधिकार है फल में नही। कर्म में बुद्वि और बुद्वि में विवेक जरूरी है।श् कथाकार श्री महेन्द्र भीष्म ने कहा कि गीता में कर्म को धर्म बताया गया है गीता में कर्म की प्रधानता पर बल दिया गया है अपने वक्तव्य में उन्होनें कहा कि परहित से बड़ा कोई पुण्य और पर पीड़ा से बड़ा कोई पाप नही होता है।

सुश्री मरयम आसिफ सिद्दीकी ने हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट को धन्यवाद दिया और वर्तमान परिपेक्ष्य में गीता ज्ञान की प्रांसगिकता पर कहा कि गीता निष्काम कर्मयोग सिखाती है। मैंने गीता के साथ-साथ कुरान, बाइबिल व गुरू ग्रन्थ साहब का अध्ययन भी किया है। इन सभी ग्रन्थों से मैने एक ही बात जानी है और वह है मानवता। सभी धर्मग्रन्थ इंसानियत की बात करते हंै फिर क्यों धर्म के नाम पर परस्पर उन्माद फैलाया जाता है। ये उन्माद फैलाने वाले मुट्ठी भर लोग ही होते है पर धीरे-धीरे इनका दायरा फैलता जाता है और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ता चला जाता है। जिसे रोकने की भरपूर कोशिश होनी चाहिए। हम सभी में प्रेम और सौहार्द की भावना होनी चाहिए। यही गीता ज्ञान है और वर्तमान समय में इसकी प्रासांगिकता इंसानियत के अस्तित्व का मूल मंत्र है। रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है। रमज़ान के प्रथम दिन यानि चाॅंदरात को मुझे हमारे देश के प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी से मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। मुझे उनसे मिलकर अपार खुशी हुई, क्योंकि वह गुजरात के है और मेरा जन्म भी गुजरात में हुआ है। मेरी अम्मी अहमदाबाद की है। माननीय, प्रधानमंत्री जी से मेरी ढ़ेर सारी बातें हुई थी। मुझे बेहद खुशी हुई जब उन्होनें मुझे धार्मिक ग्रन्थों की एक-एक प्रति अपने हस्ताक्षरित पत्र के साथ भेंट की उन्होने ट्वीट भी किया था कि मै उनकी सबसे छोटी दोस्त हूॅं। अभी परसों की ही बात है रूस के उफा शहर में हमारे प्रधानमंत्री जी व पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म के बीच ऐतिहासिक भेंट हुई है इस बातचीत से दोनांे देशों में सकारात्मक माहौल बन रहा है दोनोें देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। रमजान के पहले दिन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मुझे जो सौग़ात मिली है उसी क्रम में आज रमजान के आखिरी अशरे में लखनऊ की सरज़मी से मैें मरयम पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म जनाब नवाज़ शरीफ जी से गुज़ारिश करती हूॅंें कि वह हिन्दुस्तान और पाकिस्तान की आवाम में अमन चैन के लिए मतभेंदों को खत्म करें और हमारे देश के प्रधानमंत्री जी के साथ सकारात्मक रूख अख्तियार करें। यही पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म जनाब नवाज़ शरीफ साहब से मेरी ईदी होगी। मरयम ने एक शेर भी पढ़ा श्ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाॅंए, अगर ये परिन्दे भी हिन्दू और मुसलमान हो जाॅंए।श्

अध्यक्षीय उद्बोधनः-श्गदाधर नारायण सिन्हा ने कहा कि श्जब तक धरा में मानव प्रजाति है तब तक गीता ज्ञान की प्रासांगिकता बनी रहेगी। हेल्प यू ट्रस्ट को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए उन्होनें कहा कि हेल्प यू ट्रस्ट समाज के लिए अच्छे कार्यक्रम कर रहा है।

संगोष्ठी के बाद श्रोताओं ने वक्तागणों से प्रश्न पूछ संगोष्ठी को रोचक बना दिया श्री एस.के. वर्मा ज्वाइंट रजिस्ट्रार हाई कोर्ट लखनऊ पीठ, श्री अरूण कुमार पूर्व मुख्य अभिंयता, डाॅ0 दिनश कुमार ज्योर्तिविद, डा0 किरन मराली ने पूर्व विभागाध्यक्ष गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भी गीता ज्ञान पर अपने प्रश्न रखते हुए विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम के अंत मे श्री मिथिलेश लखनवी ने सबको धन्यवाद दिया एवं कार्यक्रम का संचालन श्री नवल शुक्ला ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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विश्व बैंक मुख्यालय पर प्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मिले स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Posted on 13 July 2015 by admin

गंगा स्वच्छता को वल्र्ड बैंक से मिले सहयोग हेतु भारत की ओर से दिया साधुवाद
जल, स्वच्छता व स्वास्थ्य के मुद्दों पर हुई कार्यशाला
ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने विदेश प्रवास के दौरान वाशिंगटन-डीसी स्थित विश्व बैंक मुख्यालय में पे्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मुलाकात की। उन्होंने भारत में गंगा स्वच्छता, स्वच्छ जल उपलब्धता, गाँवों व नगरों की स्वच्छता तथा स्वास्थ्य संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर वल्र्ड बैंक प्रमुख से चर्चा की। श्री स्वामी जी ने भारत में गंगा की निर्मलता के लिए विश्व बैंक द्वारा दिए गए सहयोग के लिए श्री जिम यांग किम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने उन्हें तीर्थनगरी आने का निमन्त्रण भी दिया।
परमार्थ प्रवक्ता राम महेश मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जो इन दिनों विदेश प्रवास पर हैं, आज वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक मुख्यालय पर प्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मिले। उन्होंने वाटर, सैनिटेशन एवं हाईजीन के क्षेत्र में भारत में किए जा रहे प्रयत्नों के बारे में विश्व बैंक प्रमुख को जानकारी दी। श्री स्वामी जी ने गंगा की निर्मलता के लिए विश्व बैंक की ओर से भारत को दिए गए सहयोग हेतु विश्व बैंक प्रमुख को अपना साधुवाद कहा। उन्होंने  विश्व बैंक प्रेसीडेन्ट को भारत से ले जायी गयी सूत एवं हरी इलायची से बनी माला पहनाकर हरीतिमा विस्तार का सन्देश दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्री जिम यांग किम को ऋषिकेश पधारने का न्यौता भी दिया।
श्री मिश्र ने बताया कि वल्र्ड बैंक में वाटर, सैनिटेशन एवं हाईजीन से जुड़े विभागों के अधिकारियों की टीम के साथ एक लघु-कार्यशाला भी इस मौके पर सम्पन्न हुई। धार्मिक संस्थाएं एवं टिकाऊ विकास विषय पर सम्पन्न कार्यशाला में भारत में प्रदूषित जल को स्वच्छ करने के विविध उपायों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। देश के हर व्यक्ति को शुद्ध जल हेतु पानी की स्वच्छता, जैविक शौचालयों के विकास एवं उनके रखरखाव तथा स्वास्थ्य के विभिन्न मुद्दों पर भी उन्होंने बातचीत की, ताकि लोगों को अनावश्यक बीमारियों से बचाया जा सके। कार्यशाला में श्री स्वामी जी ने हरित कुम्भ, हरित पर्वों, हरित त्योहारों, हरित संस्कारों की अवधारणा पर भी सुझाव दिए, जिससे विश्व बैंक अधिकारी खासे प्रभावित हुए। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने जल-जागरण से जन-जागरण की यात्रा में देश-विश्व के धर्मगुरुओं के सहयोग के बारे में भी विभिन्न सुझाव रखे। उन्होंने अधिकारियों को भारत आने, विशेष रूप से ऋषिकेश पधारने का निमन्त्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
वाशिंगटन से प्राप्त सूचना की जानकारी देते हुए श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि भारत सहित विश्व भर में गरीबी को दूर करने एवं टिकाऊ विकास हेतु आध्यात्मिक संस्थाओं और धर्मगुरुओं की भूमिका पर भी श्री स्वामी जी ने विश्व बैंक प्राधिकारियों से विचार-विमर्श किया। इस कार्य मंें उन्होंने भारत के धर्मगुरुआंें के सहयोग के विषय पर भी अपनी बात कही। आज की बैठक में परमार्थ निकेतन प्रतिनिधि एवं डिवाईन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्षा साध्वी भगवती सरस्वती, विश्व बैंक में फेस एनिशियेटिव एडम रुसेल टेलर, स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में अफ्रीका एनिशियेटिव के प्रमुख खामा रोगो, लीडरशिप लर्निंग एवं इन्नोवेशन सेक्शन के वाईस प्रेसीडेन्ट संजय प्रधान, जल एवं स्वच्छता के वरिष्ठ विशेषज्ञ सोमा घोष मौलिक सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी लोहिया वाहिनी के जिला/महानगर अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी की समीक्षा बैठक 13 जुलाई,

Posted on 13 July 2015 by admin

समाजवादी लोहिया वाहिनी के जिला/महानगर अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी की समीक्षा बैठक 13 जुलाई, 2015, सोमवार को प्रातः 10Û00 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय, 19 विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ में होगी जिसमंे मुख्य अतिथि श्री धर्मेन्द्र यादव संासद, बदायॅू होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रदीप तिवारी ने बताया है कि लोहिया वाहिनी उ0प्र0 की इस बैठक में पंचायत चुनाव, सरकार की उपलब्धियों के प्रचार प्रसार सहित बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की चर्चा होगी। प्रभारियों द्वारा जिलेवार हुई जिला संगठन की समीक्षा पर भी बैठक में विचार होगा। संगठन की ओर से 01 अगस्त, 2015 से 14 अगस्त, 2015 तक साइकिल यात्रा के कार्यक्रम को भी इस बैठक में अंतिम रूप दिया जायगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि

Posted on 13 July 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और सरकार के खिलाफ कुछ तत्व अनर्गल दुष्प्रचार का अभियान चलाते रहे हैं। जनता ने उन पर कभी ध्यान नहीं दिया। इससे कंुठित मानसिकता वाले अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव पर भी बेबुनियाद आरोप लगाने में संकोच तक नहीं करते हैं। श्री मुलायम सिंह यादव देश के प्रतिष्ठित नेताओं में हैं और उनका राजनीति में लंबे समय से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्र में रक्षा मंत्री रहते हुए भी उन पर कभी अंगुली नहीं उठी।
छह दशक के सार्वजनिक जीवन में श्री मुलायम सिंह यादव के विरोधी भी नेता जी के व्यवहार के बारे में कभी कोई शिकायत नहीं कर सके। अपने शालीन आचरण और विरोधी के प्रति भी सहृदय बरतने के लिए वे जाने जाते हैं। उनका सहज स्वभाव और मूल्यों के लिए उनकी प्रतिबद्धता निर्विवाद है। इसीलिए उनका सभी सम्मान करते हैं। यह खेद एवं क्षोभ की बात है कि कुछ बौने कद के नेता और अधिकारी उनके बारे में ऊंटपटांग बोलने की हिमाकत करने लगे हैं।
उ0प्र0 में इन दिनों कुछ अधिकारियों को भी राजनीति करने का शौक लग गया है। उन्हें अपने पद के दायित्व और विभागीय कामकाज निबटाने से ज्यादा सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने का नया रोग लग गया है। ऐसे अधिकारी अपनी सेवा नियमावली का भी उल्लघंन कर रहे हैं। उन्हें प्रशासकीय गारिमा एवं अनुशासन का भी ख्याल नही रह गया है।
विडम्बना है कि लोकतंत्र की मर्यादाओं से खिलवाड़ करने में कुछ दलों के नेता भी शामिल हो गए हैे और दुर्भावना की भाषा बोलने वाले अधिकारियों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। उन्हें इस खतरे को समझना चाहिए कि अपनी विभागीय एवं प्रशासनिक मर्यादा तोड़ने वालों की अनुशासनहीनता को बढ़ावा देना संपूर्ण प्रशासनतंत्र को पंगु बना सकता है। अच्छा होता जिन अधिकारियों को राजनीति करना हो, वे अपनी नौकरी छोड़कर बाकायदा राजनीति में ही उतर आएं। प्रशासन का अंग होते हुये नेतागिरी करना कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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