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विश्व बैंक मुख्यालय पर प्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मिले स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Posted on 13 July 2015 by admin

गंगा स्वच्छता को वल्र्ड बैंक से मिले सहयोग हेतु भारत की ओर से दिया साधुवाद
जल, स्वच्छता व स्वास्थ्य के मुद्दों पर हुई कार्यशाला
ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने विदेश प्रवास के दौरान वाशिंगटन-डीसी स्थित विश्व बैंक मुख्यालय में पे्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मुलाकात की। उन्होंने भारत में गंगा स्वच्छता, स्वच्छ जल उपलब्धता, गाँवों व नगरों की स्वच्छता तथा स्वास्थ्य संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर वल्र्ड बैंक प्रमुख से चर्चा की। श्री स्वामी जी ने भारत में गंगा की निर्मलता के लिए विश्व बैंक द्वारा दिए गए सहयोग के लिए श्री जिम यांग किम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने उन्हें तीर्थनगरी आने का निमन्त्रण भी दिया।
परमार्थ प्रवक्ता राम महेश मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जो इन दिनों विदेश प्रवास पर हैं, आज वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक मुख्यालय पर प्रेसीडेन्ट जिम यांग किम से मिले। उन्होंने वाटर, सैनिटेशन एवं हाईजीन के क्षेत्र में भारत में किए जा रहे प्रयत्नों के बारे में विश्व बैंक प्रमुख को जानकारी दी। श्री स्वामी जी ने गंगा की निर्मलता के लिए विश्व बैंक की ओर से भारत को दिए गए सहयोग हेतु विश्व बैंक प्रमुख को अपना साधुवाद कहा। उन्होंने  विश्व बैंक प्रेसीडेन्ट को भारत से ले जायी गयी सूत एवं हरी इलायची से बनी माला पहनाकर हरीतिमा विस्तार का सन्देश दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्री जिम यांग किम को ऋषिकेश पधारने का न्यौता भी दिया।
श्री मिश्र ने बताया कि वल्र्ड बैंक में वाटर, सैनिटेशन एवं हाईजीन से जुड़े विभागों के अधिकारियों की टीम के साथ एक लघु-कार्यशाला भी इस मौके पर सम्पन्न हुई। धार्मिक संस्थाएं एवं टिकाऊ विकास विषय पर सम्पन्न कार्यशाला में भारत में प्रदूषित जल को स्वच्छ करने के विविध उपायों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। देश के हर व्यक्ति को शुद्ध जल हेतु पानी की स्वच्छता, जैविक शौचालयों के विकास एवं उनके रखरखाव तथा स्वास्थ्य के विभिन्न मुद्दों पर भी उन्होंने बातचीत की, ताकि लोगों को अनावश्यक बीमारियों से बचाया जा सके। कार्यशाला में श्री स्वामी जी ने हरित कुम्भ, हरित पर्वों, हरित त्योहारों, हरित संस्कारों की अवधारणा पर भी सुझाव दिए, जिससे विश्व बैंक अधिकारी खासे प्रभावित हुए। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने जल-जागरण से जन-जागरण की यात्रा में देश-विश्व के धर्मगुरुओं के सहयोग के बारे में भी विभिन्न सुझाव रखे। उन्होंने अधिकारियों को भारत आने, विशेष रूप से ऋषिकेश पधारने का निमन्त्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
वाशिंगटन से प्राप्त सूचना की जानकारी देते हुए श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि भारत सहित विश्व भर में गरीबी को दूर करने एवं टिकाऊ विकास हेतु आध्यात्मिक संस्थाओं और धर्मगुरुओं की भूमिका पर भी श्री स्वामी जी ने विश्व बैंक प्राधिकारियों से विचार-विमर्श किया। इस कार्य मंें उन्होंने भारत के धर्मगुरुआंें के सहयोग के विषय पर भी अपनी बात कही। आज की बैठक में परमार्थ निकेतन प्रतिनिधि एवं डिवाईन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्षा साध्वी भगवती सरस्वती, विश्व बैंक में फेस एनिशियेटिव एडम रुसेल टेलर, स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में अफ्रीका एनिशियेटिव के प्रमुख खामा रोगो, लीडरशिप लर्निंग एवं इन्नोवेशन सेक्शन के वाईस प्रेसीडेन्ट संजय प्रधान, जल एवं स्वच्छता के वरिष्ठ विशेषज्ञ सोमा घोष मौलिक सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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