Posted on 07 July 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद के दो दामादों की, की गयी नियुक्ति से साबित हो गया है कि समाजवादी पार्टी की सरकार अपनों को रेवड़ी बांटने में जुटी है और नैतिकता के सारे मापदण्डों को ध्वस्त करते हुए आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने आज जारी बयान में कहा कि इतना ही नहीं जबसे समाजवादी पार्टी सत्ता में आयी है तभी से भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय देने का कार्य कर रही है। चाहे वह नोएडा विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर यादव सिंह के भ्रष्टाचार का मामला हो, एनआरएचएम घोटाले के आरोपी वरिष्ठ आईएएस श्री प्रदीप शुक्ला हों, लोकसेवा आयोग उ0प्र0 के चेयरमैन श्री अनिल यादव के भ्रष्टाचार का प्रकरण हो अथवा समाजवादी पार्टी के नेता श्री शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा धोखाधड़ी का प्रकरण हो, इन सभी गंभीर मामलों में समाजवादी पार्टी की सरकार ने न सिर्फ लीपापोती करने का प्रयास किया बल्कि दबाने का कार्य किया है, जिससे समाजवादी पार्टी सरकार भ्रष्टाचारियों की पोषक एवं संरक्षक के रूप में प्रदेश की जनता के सामने आ गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि हद तो अब हो गयी जब प्रदेश के तमाम जिलों में जननी सुरक्षा योजना की खुली लूट सामने आयी है जिसमें पात्रों को योजना का लाभ न देकर भारी लूट की जा रही है। जिसका मुख्य कारण एनआरएचएम घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही किया जाना तो दूर उन्हें बचाने का कार्य सरकार कर रही है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उपरोक्त प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार अविलम्ब पारदर्शी कार्यवाही सुनिश्चित करे, ताकि जनता के धन की लूट रूक सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 July 2015 by admin
साम्प्रदायिक शक्तियों का छिपा एजेण्डा धीरे-धीरे सामने आना शुरू हो गया है, सहारनपुर में हुए मामूली विवाद को लेकर दो समुदायों में जिस प्रकार दंगा भड़काने का प्रयास किया गया है, उससे साफ हो गया है कि भाजपा और सपा प्रदेश में चुनाव सन्निकट देखते हुए एक बार फिर प्रदेश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने आज जारी बयान में कहाकि सहारनपुर में मात्र कार की साइड लगने तथा बागपत में मात्र पांच रूपये के विवाद के चलते कुछ साम्प्रदायिक ताकतों द्वारा इस छोटी सी घटना को इतना तूल दिया गया और माहौल को खराब करने का प्रयास किया गया कि उसने दंगे का रूप ले लिया। इन सब घटनाओं से स्पष्ट होता है कि यह घटना एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत होती प्रतीत होती है तथा ऐसा लगता है कि पश्चिमी उ0प्र0 में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में साम्प्रदायिक शक्तियां जुटी हुई हैं किन्तु राज्य सरकार आंख मूंदे सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है। जबकि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में एक छोटी सी घटना ने भयंकर साम्प्रदायिक दंगों में परिवर्तित हुई जिसमें तमाम निर्दोष लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ और प्रदेश सरकार अभी उन घटनाओं से सबक नहीं ले रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि मेरठ में जिस तरह प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था ने कहा कि पश्चिमी उ0प्र0 में सौहार्द कायम रखना चुनौती है, इस बयान से भी साफ होता है कि प्रदेश सरकार की जानकारी में है कि पश्चिमी उ0प्र0 में सामाजिक सौहार्द की स्थिति तनावपूर्ण है और प्रदेश सरकार अपना दायित्व निर्वहन करने में असफल है। क्योंकि इतनी जानकारियों के बाद भी अगर साम्प्रदायिक घटनाएं घट रही हैं तो सवाल यह उठता है कि सरकार इन घटनाओं को रेाकने के लिए क्या प्रयास कर रही है।
कंाग्रेस पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार विघटनकारी शक्तियों को चिन्हित कर उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही करे एवं बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था पर अविलम्ब श्वेत पत्र जारी करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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