सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ‘आॅफिसियल एन.जी.ओ.’ का दर्जा हासिल कर एक बार फिर विश्व पटल पर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। सी.एम.एस. देश का पहला ऐसा विद्यालय है जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘आॅफिसियल एन.जी.ओ.’ घोषित किया है। अब सी.एम.एस. संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न कार्यक्रमों, सम्मेलनों आदि में प्रतिभाग करेगा एवं विश्व के दो अरब से अधिक बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु विश्व एकता व विश्व शान्ति के विचारों को और अधिक प्रभावी तरीके से विश्व के समक्ष रखने में कामयाब होगा। उक्त जानकारी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने दी। इस अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सी.एम.एस. को ‘आॅफिसियल एन.जी.ओ.’ घोषित किया जाना विद्यालय के सामाजिक जागरूकता के प्रयासों का प्रमाण है, जिसका सम्पूर्ण श्रेय सी.एम.एस. के 50,000 छात्रों, 3000 शिक्षकों व कार्यकार्यताओं को जाता है जिनके अथक प्रयासों की बदौलत यह उपलब्धि सी.एम.एस. को प्राप्त हुई है। डा. गाँधी ने आगे कहा कि यह सारे देश के लिए एवं खासकर लखनऊ के लिए एक अभूतपूर्व अवसर है कि लखनऊ के किसी विद्यालय ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर विश्व पटल पर लखनऊ का नाम रोशन किया है।
प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि महात्मा गाँधी व विनोबा भावे के आदर्शों पर चलते हुए विगत 55 वर्षों से सी.एम.एस. लगातार विश्व के दो अरब से अधिक बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु विश्व एकता व विश्व शान्ति का बिगुल बजा रहा है परन्तु यू.एन.ओ. के आॅफिसियल एन.जी.ओ. का दर्जा मिलने के बाद विश्व पटल पर इसकी प्रतिध्वनि और जोरदार ढंग से सुनाई देगी एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना चहुँओर प्रचारित-प्रसारित होगी। डा. गाँधी ने बताया कि विश्व एकता व विश्व शान्ति के प्रयासों के तहत ही सी.एम.एस. विगत 14 वर्षों से लगातार प्रतिवर्ष ‘मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित करता है जिसमें अभी तक दुनिया के दो-तिहाई से अधिक देशों की भागीदारी हो चुकी है। इसके अलावा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले 30 अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षिक समारोह के माध्यम से भी सी.एम.एस. विश्व के बच्चों को एक मंच पर एकत्रित होकर एकता व शान्ति का संदेश देता है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों जैसे पर्यावरण, बालिकाओं की शिक्षा, किशोरों व युवाओं के चारित्रिक उत्थान आदि अनेकानेक ज्वलन्त मुद्दों पर पुरजोर ढंग से अपनी आवाज उठाता रहा है।
डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि सी.एम.एस. की सम्पूर्ण शिक्षा पद्धति का मूल यही है कि भावी पीढ़ी को सम्पूर्ण मानव जाति की सेवा के लिए तैयार किया जा सके और सी.एम.एस. शिक्षा के माध्यम से दुनियाँ भर की वर्तमान पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने तथा आगे जन्म लेने वाली पीढि़यों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रयासरत् हंै। डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. छात्रों को न सिर्फ किताबी ज्ञान प्रदान करता है अपितु उनमें जीवन मूल्यों, चारित्रिक गुणों, आध्यात्मिक व नैतिक आदर्शों की ऐसी आधारशिला रखता है जो जीवन पर्यन्त उनका मार्गदर्शन कर उन्हें ‘समाज का प्रकाश‘ बनाती है। यही कारण है कि यह सन् 1959 में पाँच बच्चों से प्रारम्भ सिटी मोन्टेसरी स्कूल आज 50 हजार छात्रों को मानवता का पुजारी बना रहा है जो कि विश्व में एक रिकार्ड है।
प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. परिवार के लिये यह एक गर्व का क्षण है जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने सी.एम.एस. को आफिसियल एन.जी.ओ. घोषित किया है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के 55 वर्षों में सी.एम.एस. विश्व एकता का अग्रदूत बन चुका है जिसका सम्पूर्ण श्रेय डा. जगदीश गाँधी व डा. (श्रीमती) भारती गाँधी के त्याग, तपस्या व बलिदान को जाता है। डा. गाँधी के ही अथक प्रयासों का प्रतिफल है कि विश्वविख्यात सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने गिनीज़ बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है एवं वर्ष 2002 में सी.एम.एस. को यूनेस्को द्वारा ‘शांति शिक्षा पुरस्कार’ से नवाजा गया है और अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने सी.एम.एस. को आफिसियल एन.जी.ओ. घोषित करके विश्व समाज की सेवा हेतु सी.एम.एस. के प्रयासों को और अधिक मान्यता प्रदान कर दी है।
श्री शर्मा ने बताया कि एक आदर्श विश्व व्यवस्था की स्थापना के अतुलनीय प्रयासों हेतु सी.एम.एस. आज विश्व मानवता का अग्रदूत बन चुका है एवं देश-विदेश में सी.एम.एस. के प्रयासों को सराहा जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के तहत सी.एम.एस. को विभिन्न पुरस्कारों से पुरष्कृत कर सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें वर्ष 2002 में यूनेस्को द्वारा शांति शिक्षा पुरस्कार, डेरोजियो अवार्ड, वर्डलाॅन एक्सीलेन्स अवार्ड, आइसलैण्ड, वल्र्ड चिल्ड्रेन्स प्राइज फाॅर द राइट्स आॅफ द चाइल्ड, स्वीडन, लाइफ लिंक कैम्पेन रिकगनीशन, स्वीडन, पीसफुल स्कूल्स इण्टरनेशनल रिकगनीशन, कनाडा, न्यूक्लियर फ्री फ्यूचर अवार्ड-2004, भारत, अशोका चेन्जमेकर्स इनोवेशन अवार्ड, राजीव गाँधी एक्सीलेन्स अवार्ड आदि विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। श्री शर्मा ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल की शिक्षा पद्धति का केन्द्र बिन्दु जय जगत’ व ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा है, यही कारण है सर्वधर्म समभाव, विश्व मानवता की सेवा, विश्व बन्धुत्व व विश्व एकता के सद्प्रयास इस विद्यालय को एक अनूठा रंग प्रदान करते हैं जिसकी मिसाल शायद ही विश्व में कहीं और मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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