Posted on 13 November 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि कुछ लोगों को खून लगाकर शहीद बनने का शौक होता है। प्रदेश में अचानक कुछ दलों को गन्ना किसानों की चिन्ता सताने लगी है। धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के अखबारी बयान आने लगे हैं। वह भी तब जबकि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने चीनी मिलों को इसी महीने पेरार्इ शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होने यह भी कहा है कि तय वक्त पर पेरार्इ शुरू न होने पर चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस फैसले के बाद भी अगर कोर्इ दल आंदोलन या प्रदर्शन की बात करता है तो यह अवसरवादी राजनीति का भोंड़ा प्रदर्शन ही कहा जाएगा। ऐसा करनेवाले किसानों के हित चिन्तक नहीं बलिक उसके हितों से खिलवाड करने वाले हैं।
श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार के कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश में रिकार्ड चीनी उत्पादन के साथ गन्ना उत्पादकों को सर्वाधिक मूल्य प्रदान करने वाला देश में यह पहला राज्य बना था। तभी राज्य में भी चीनी मिलों की स्थापना हुर्इ थी और गन्ना उत्पादन के लिए विभाग द्वारा 7 नर्इ गन्ना प्रजातियां विकसित की गर्इ थी। इसके विपरीत केन्द्र से कांग्रेस की किसान विरोधी नीतियों के चलते गन्ना किसानों की दशा बिगड़ती गर्इ है। सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र ही सिकुड़ता गया है।
पिछली बसपा सरकार के समय तो किसानों की बड़ी दुर्दशा हुर्इ। न तो किसानों को उचित और लाभप्रद दाम मिले और नहीं चीनी मिलो से बकाया भुगतान हुआ। उस दौर में तो पशिचमी उत्तर प्रदेश में कर्इ जगह किसानों को अपना गन्ना खेत में ही जलाना पड़ गया था। तब समाजवादी पार्टी ने ही गन्ना किसानों के हितो की लड़ार्इ लड़ी थी। आज समाजवादी पार्टी सरकार ही किसानों के लिए सर्वाधिक योजनाएं अमल में ला रही है। मुख्यमंत्री जी ने गन्ना किसानों का 2500 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। जल्द ही लाभप्रद गन्ना मूल्य का निर्धारण भी होने वाला है।
समाजवादी पार्टी सरकार विकास के जिस एजेण्डा पर काम कर रही है उसमें विपक्षी रोड़ा अटकाने में लगे हंै। कांग्रेस और भाजपा को मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की बढ़ती लोकप्रियता से परेशानी है तो बसपा अपनी सत्ता खोकर बौखलार्इ हुर्इ है। रालोद जैसे दल अपने असितत्व के लिए संघर्ष कर रहे है। उनकी कहीं कोर्इ जमीन नहीं बची है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 November 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि पिछड़ों के न्यायिक अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए समाजवादी पार्टी की सामाजिक न्याय रथयात्रा और 17 पिछड़ी जातियों की रथयात्रा 24 अक्टूबर,2013 से प्रारम्भ हुर्इ जिनका प्रथम चरण 29 अक्टूबर,2013 को पूरा हुआ था। अगले चरण में 9 नवम्बर,2013 से प्रारम्भ दोनों रथयात्राओं का समापन आज 12 नवम्बर,2013 को हुआ।
17 पिछड़ी जातियों की अधिकार रथयात्रा आज मिर्जापुर से श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) तथा डा0 राजपाल कश्यप (राज्यमंत्री स्तर) के नेतृत्व में प्रारम्भ हुर्इ और प्रमुख बाजारों से होते हुए राबर्टसगंज में सांयकाल पहुची। राबर्टसगंज की एक बड़ी जनसभा में श्री प्रजापति ने कहा कि पिछड़ों के हक छीनने की कोशिशें हो रही है। कांग्रेस, भाजपा और बसपा तीनों पिछड़ा वर्ग विरोधी दल हैं। श्री मुलायम सिंह यादव और समाजवादी सरकारों में ही पिछड़ों को मान-सम्मान मिला। बसपा ने उन्हें उससे वंचित किया। पुन: श्री अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने पिछड़ी जातियों के पक्ष में केन्द्र पर दबाव बनाया है और इस सम्बन्ध में शासनादेश प्रक्रिया में हैं।
समाजवादी सामाजिक न्याय रथयात्रा आज पडरौना से प्रारम्भ हुर्इ और देवरिया में उसका समापन हुआ। रास्ते में कर्इ जगह स्वागत और सभाएं हुर्इ। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा के नेतृत्व में सामाजिक न्याय रथयात्रा जिन क्षेत्रो से गुजरी वहां बड़ी संख्या में लोगों ने आकर अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। श्री नरेश उत्तम ने कहा कि प्रदेश में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या लगभग 60 प्रतिशत है जबकि उनको 27 प्रतिशत आरक्षण तक ही सीमित कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 November 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने अलीगढ़ में आयोजित रबी गोष्ठी में किसानों को बताया कि राज्य सरकार ने कामधेनु योजना के अन्तर्गत 100 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने के वर्तमान 75 के लक्ष्य को बढ़ाकर उसकी संख्या 425 डेयरी की कर दी है। उन्होंने कहा कि किसानों में कामधेनु योजना की लोकप्रियता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कामधेनु डेयरी की लक्ष्य संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब 50 दुधारू जानवरों की क्षमता वाली डेयरियों पर भी अनुदान योजना जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
श्री आलोक रंजन आज अलीगढ़ में रबी गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। इसमें प्रमुख सचिव कृषि श्री देबाशीष पाण्डा, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अरुण कुमार सिंघल, कृषि निदेशक श्री देव मित्र सिंह, निदेशक बीज प्रमाणीकरण संस्था श्री ए0के0विश्नोर्इ, मण्डलायुक्त अलीगढ़ श्री टी0वेंकटेश, मण्डलायुक्त कानपुर श्री महेश कुमार गुप्ता, मण्डलायुक्त आगरा श्री प्रदीप भटनागर और तीनों मण्डलों के प्रगतिशील किसान तथा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपसिथत थे। श्री रंजन ने कहा कि अलीगढ़ मण्डल में 9 हजार एकड़ भूमि सुधार कार्यों को गति देने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कार्य कराया जाएगा। उन्होंने ट्रैक्टर लोन के लिए अधिक भूमि बंधक बनाए जाने की समस्या पर कहा कि इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से राज्य सरकार की बातचीत चल रही है और प्रयास चल रहा है कि टै्रक्टर पर अधिक भूमि बंधक न बनार्इ जाए।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने मण्डलों के उधान अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन सभी आलू बीज आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए, जो किसानों को खराब गुणवत्ता वाले आलू बीज बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने किसानों की मांग के अनुसार फसल बीमा योजना को संशोधित करने का भी आश्वासन दिया है और कहा कि अब हर महीने जिलाधिकारी इस योजना के लाभार्थियों की समस्याओं के समाधान हेतु बैठक करेंगे। इस मौके पर उन्होंने किसानों से कुक्कुट पालन तथा मत्स्य पालन की सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
गोष्ठी में अनेक किसानों ने अपने नए प्रयोगों से हुए लाभों एवं कृषि समस्याओं पर प्रकाश डाला। अलीगढ़ के कृषक तेजवीर सिंह ने मूंगफली की खेती से जुड़े उपकरणों पर अनुदान दिए जाने तथा किसान अजब सिंह ने फसल बीमा की सुविधा के लिए न्याय पंचायत स्तर को इकार्इ बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ कि अलीगढ़ में बन्द पड़ी कृषि कार्यशाला को पुन: शुरू किया जाए। अलीगढ़ के राधेश्याम शर्मा ने वर्मी कम्पोस्ट के फायदे गिनाए। एटा जनपद के किसान दूरबीन सिंह ने खारे पानी की समस्या को दूर करने के लिए किए गए अपने प्रयासों को साझा किया। कासगंज के कृषक मोरमुकुट भारद्वाज ने आत्मा योजना के लाभों को गिनाया। हाथरस के रामबाबू शर्मा ने उधान विभाग में भी विभिन्न योजना पर 90 प्रतिशत तक के अनुदान की मांग की। आगरा के किसान बंगाली बाबू ने कहा कि उधान विभाग की ओर से ट्रैक्टर पर 150000 रुपए का अनुदान किया जा रहा है, जबकि कृषि विभाग में मात्र 45000 रुपए का दिया जाता है। इस असमानता को दूर किया जाए। उन्होंने हर गांव में कृषि निवेश उपलब्ध कराने के लिए किसान कैन्टीन खोले जाने का सुझाव दिया। मथुरा के किसान मूर्ति सिंह ने समय से किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाने की समस्या रखी। मैनपुरी के नीरज कुमार ने मूंगफली की खेती के लिए सरकारी गोदामों पर पर्याप्त मात्रा में पोटाश उपलब्ध नहीं होने की समस्या रखी। कानपुर देहात के बाबूलाल निषाद ने खाद-बीज समय से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाने की मांग की। फरर्ूखाबाद के किसान अरविन्द सिंह ने कहा कि सघन मिनी डेयरी योजना का लाभ सभी किसानों को दिया जाना चाहिए। इटावा के किसान अमर सिंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी अनुदान पर कम्बाइन उपलब्ध करार्इ जाए। औरया के मथुरा प्रसाद ने नील गायों की समस्या रखी।
गोष्ठी का समापन करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने रिकार्ड उत्पादकता के लिए तीनों मण्डलों को बधार्इ दी। मण्डलायुक्तों ने कृषि उत्पादन आयुक्त को अपने-अपने मण्डलों में रबी हेतु उत्पादन लक्ष्य की जानकारी करार्इ और खाद व बीज की उपलब्धता के बारे में विस्तार से बताया। मण्डलायुक्त अलीगढ़ ने मिटटी की गुणवत्ता में गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भूमि में 0.9 प्रतिशत जीवांश कार्बन का मानक है, जबकि मौजूदा समय में अलीगढ़ मण्डल में यह घटकर मात्र 0.1 से 0.3 प्रतिशत पर है। उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने के लिए हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट और बायोफर्टिलाइजर के प्रयोग हेतु किसानों को तैयार कराने के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 November 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के अनुपालन में गन्ना विभाग के अधिकारियों ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेरार्इ सत्र-2013-14 के लिए सहकारी क्षेत्र की पशिचमी उत्तर प्रदेश में सिथत चीनी मिलों को 15 से 25 नवम्बर तक चालू करने तथा प्रदेश की शेष अन्य सहकारी मिलों को 30 नवम्बर, 2013 तक चालू किए जाने की तिथियां घोषित कर दी है।
प्रमुख सचिव चीनी उधोग एवं गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि अनूपशहर (बुलन्दशहर) में
20 नवम्बर, बागपत (बागपत) में 15 नवम्बर, मोरना (मुजफ्फरनगर) में
18 नवम्बर, नानौता (सहारनपुर) में 17 नवम्बर, रमाला (बागपत) में
15 नवम्बर, सरसावा (सहारनपुर) में 22 नवम्बर, गजरौला (अमरोहा) में
20 नवम्बर, स्नेहरोड (बिजनौर) में 20 नवम्बर, सेमीखेड़ा (बरेली) में
22 नवम्बर, बेलरायां (लखीमपुरखीरी) में 25 नवम्बर, बिलासपुर (रामपुर) में 25 नवम्बर, बीसलपुर (पीलीभीत) में 25 नवम्बर, बदायूं (बदायूं) में
25 नवम्बर, कायमगंज (फरर्ूखाबाद) में 20 नवम्बर, पूरनपुर (पीलीभीत) में 29 नवम्बर, सम्पूर्णानगर (लखीमपुरखीरी) में 22 नवम्बर, साथा (अलीगढ़) में 28 नवम्बर, तिलहर (शाहजहांपुर) में 24 नवम्बर, घोसी (मऊ) में
29 नवम्बर, महमूदाबाद (सीतापुर) में 25 नवम्बर, नानपारा (बहराइच) में
28 नवम्बर तथा सुल्तानपुर (सुल्तानपुर) सहकारी चीनी मिल में 28 नवम्बर, 2013 से पेरार्इ शुरू कर दी जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 November 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 (यू0आर्इ0जी0) योजना के अन्तर्गत 33 परियोजनाओं में से पूर्ण 4 परियोजनाओं को छोड़कर अवशेष 29 परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक दशा में पूर्ण कराया जाय। उन्हाेंने कहा कि इसी प्रकार जे0एन0एन0यू0आर0एम0 (यू0आर्इ0डी0एस0एस0एम0टी0) के अन्तर्गत 64 परियोेजनाओं में से पूर्ण 39 परियोजनाओं के अतिरिक्त अवशेष 25 परियोजनाओं को भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक दशा में पूर्ण कराया जाय। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं को पूर्ण कराने में राजस्व, वन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा रक्षा विभाग से अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु अलग से बैठक यथाशीघ्र आयोजित करार्इ जाय। उन्होंने कहा कि भूमि संबंधी प्रकरणों का निस्तारण प्राथकिता से कराने हेतु जिलाधिकारियों को शीघ्र निर्देश निर्गत किये जायें। इसी प्रकरण रक्षाविभाग के प्रकरणों के निस्तारण हेतु मुख्य सचिव की ओर से विस्तृत टिप्पणी के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा जाये। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय से पूर्ण कराने हेतु अवशेष धनराशि को भारत सरकार से प्राप्त करने हेतु देय उपयोगिता प्रमाण-पत्र तत्काल भेज दिया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में जे0एन0एन0यू0आर0एम0 योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं के कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्थाओं का दायित्व है कि परियोजनाओं को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करायें।
श्री उस्मानी ने कहा कि आगरा सीवरेज फेज-1 पार्ट-1, आगरा वाटर सप्लार्इ, आगरा एस0डब्ल्यू0एम0, इलाहाबाद वाटर सप्लार्इ पार्ट-1, इलाहाबाद वाटर सप्लार्इ पार्ट-2, इलाहाबाद एस.डब्ल्यू.एम., कानपुर सीवरेज इनरओल्ड एरिया, कानपुर वाटर सप्लार्इ, कानपुर वाटर सप्लार्इ पार्ट-2, लखनऊ वाटर सप्लार्इ पार्ट-1, लखनऊ वाटर सप्लार्इ पार्ट-2, लखनऊ स्टार्म वाटर ड्रेनेज, वाराणसी वाटर सप्लार्इ, मेरठ वाटर सप्लार्इ, इलाहाबाद सीवरेज जोन-डी, कानपुर सीवरेज डिसिट्रक्टस-।। (एस0टी0पी0), लखनऊ सीवरेज डिसिट्रक्टस-ं।।। पार्ट-1, लखनऊ सीवरेज डिसिट्रक्टस-ं।।। पार्ट-।।, लखनऊ सांलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, मथुरा स्टार्म वाटर डे्रनेज, मेरठ सालिड वेस्ट मैनेजमेंन्ट, वाराणसी स्टार्म वाटर डे्रनेज, वाराणसी सांलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, वाराणसी डब्ल्यूएस-।। (सी.आर्इ.एस.वरूना) परियोजनाओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्त तक अवश्य पूर्ण करा लिया जाय। उन्होंने कहा कि वाराणसी सीवरेज (ट्रांस वरुना) परियोजना को पूर्ण कराने में आ रही समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से सुनिशिचत कराकर यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाय।
विशेष सचिव नगर विकास श्री एस0पी0 सिंह ने बताया कि देश में जे0एन0एन0यू0आर0एम0 (यू0आर्इ0जी0) योजना के अन्तर्गत कुल 63 नगर चयनित किये गये हैं, जिसमें प्रदेश के 7 नगर निकाय आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ तथा वाराणसी चयनित किये गये हैं, जिसमेें पेयजल, सीवरेज ठोस कूड़ा प्रबन्धन, स्टार्म वाटर डे्रेनेज, सड़क, नगरीय परिवहन, जल श्रोतों का संरक्षण एवं सास्कृतिक धरोहर के रख रखाव इत्यादि कार्य कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 (यू0आर्इ0जी0) योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 40 जनपदों के 46 नगर निकायों की 64 परियोजनाओं हेतु 115805.15 लाख रूपये स्वीकृत हुए हैंं। उन्होंने बताया कि जे0एन0एन0यू0आर0 एम0 (यू0आर्इ0जी0) योजना के अन्तर्गत आगरा सीवरेज, कानपुर एस0डब्ल्यू0एम0, मथुरा एस0डब्ल्यू0एम0, लखनऊ सीवरेज डिसिट्रक्टस-1 परियोजनाओं को पूर्ण कराया जा चुका है।
बैठक में सचिव नगर विकास सुश्री अनीता सी0 मेश्राम, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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