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मुख्यमंत्री ने कानपुर प्राणि उद्यान की बाल रेल का लोकार्पण किया

Posted on 08 October 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम किया है। परिणामस्वरूप पिछले 02 साल में ग्रीन बेल्ट के क्षेत्रफल में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि लखनऊ प्राणि उद्यान के साथ-साथ कानपुर प्राणि उद्यान एवं अन्य प्राकृतिक पर्यटक स्थलों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ के बाद कानपुर प्राणि उद्यान प्रदेश का दूसरा बड़ा प्राणि उद्यान है, जिसे 01 साल के अंदर ही बाल रेल उपलब्ध करा दी गई है। इससे प्राणि उद्यान देखने जाने वालों को विशेष सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर कानपुर प्राणि उद्यान की बाल रेल का लोकार्पण एवं वन्य प्राणि सप्ताह, 2014 (01 से 07 अक्टूबर) के समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से बाल रेल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। 2.18 कि.मी. लम्बी रेल लाइन वाले इस ट्रैक पर 01 मुख्य स्टेशन तथा 02 हाल्ट बनाए गए हैं। बाल ट्रेन में 04 डिब्बे हैं, जिनमें एक साथ 84 दर्शक भ्रमण कर प्राणि उद्यान को देख सकेंगे। ट्रेन में बैटरी चालित इंजन लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता से किए वायदों को पूरा करने का कार्य कर रही है। इसीलिए राज्य में उद्घाटन एवं शिलान्यास के कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं। वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने अनेक नये एवं अभिनव कार्य किए हैं। वर्ष 2012-13 में रोपित किए गए पौधों की लम्बाई देखकर लोगों को आश्चर्य होता है कि इतने कम समय में वृक्ष इतने बड़े कैसे हो गए। निश्चित रूप से वन विभाग ने जहां वृक्षारोपण पर ध्यान दिया, वहीं पेड़ों को बचाने के लिए भी गम्भीरता से काम किया है। पारिजात वृक्ष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों में यह धारणा थी कि पारिजात वृक्ष उपलब्ध नहीं हैं, जबकि वन विभाग ने इसकी इतनी नर्सरी तैयार की कि लोग पारिजात वृक्ष को बड़ी संख्या में निजी स्तर पर लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कार्यों के फलस्वरूप लखनऊ प्राणि उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ी है। इसी प्रकार कानपुर प्राणि उद्यान की स्थिति भी पहले की अपेक्षा काफी अच्छी हुई है।
इससे पूर्व, वन राज्य मंत्री श्री फरीद महफूज़ किदवई ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वन्य प्राणि सप्ताह के दौरान जनता में वन्य प्राणियों एवं वनों के प्रति लगाव पैदा करने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने विभाग की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अभी पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
इस मौके पर जन्तु उद्यान राज्य मंत्री डाॅ. शिव प्रताप यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश को विकसित बनाने के लिए निरन्तर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में हरी पट्टी विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोण किया गया है, जिससे प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव वन श्री वी.एन. गर्ग ने कहा कि प्राणि उद्यान को आकर्षक बनाने एवं ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी अनेक योजनाएं संचालित की जाएंगी। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जहां मानव की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं पशुओं एवं जीव-जन्तुओं की संख्या घट रही है। इससे ईकोलाॅजिकल बैलेंस को खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सभी अपने स्तर से ईकोलाॅजिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करें।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख वन संरक्षक श्री जे.एस. अस्थाना, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव श्री रूपक डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्य सरकार आम जनता को सस्ते, सुलभ आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 06 October 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार आम जनता को सस्ते, सुलभ आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बढ़ते शहरीकरण के फलस्वरूप फ्लैट सिस्टम की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखकर बिल्डर्स एवं रियल एस्टेट डेवलेपर्स निर्माण सम्बन्धी आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन करें और गुणवत्तापरक निर्माण सुनिश्चित करके आम आदमी की पहंुच वाले सस्ते आवास उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री आज आगरा में काॅन्फेडरेशन आॅफ रियल एस्टेट डेवलेपर्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया (क्रेडाई) सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। श्री यादव ने कहा कि हमारे शहर बड़े हो रहे हैं, जिससे आवासों की जरूरत बढ़ रही है। इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर के विकास के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में आवासीय समस्या के समाधान हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य शहरी आवास एवं पर्यावास नीति-2014 लागू की गयी है। रियल एस्टेट डेवलेपर्स की समस्याओं के समाधान हेतु उद्योग बन्धु की तर्ज पर आवास बन्धु का सशक्तिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवासीय सुविधा समग्र आर्थिक विकास का अभिन्न अंग है एवं विकास को गति देने में इसकी मुख्य भूमिका है। समुचित आवास मनुष्य का बुनियादी अधिकार है और उसके लिए आवास की उपलब्धता जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों को फोर लेन राजमार्गों से जोड़ने की योजना क्रियान्वित की जा रही है तथा इन राजमार्गों पर मण्डियों का निर्माण कराया जाएगा। राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रदेश में शीघ्र हाइवे पुलिसिंग प्रारम्भ की जाएगी। आगरा शहर में इनर रिंग रोड जल्द बनेगा, जिससे इस महानगर के विकास को नई गति मिलेगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास हेतु लगातार कार्य कर रही है। आगरा से लखनऊ तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे में भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जा रही है। इसलिए किसान खुशी से इस योजना में सहयोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों का भी ध्यान रख रही है। आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर चार बड़ी मण्डियां स्थापित कराई जाएंगी, जिसके अन्तर्गत दूध, फल, सब्जी, अनाज तथा आलू की मण्डियों से सीधे किसान को लाभ मिलेगा। जब किसान खुशहाल होगा, तो निश्चित रूप से देश व प्रदेश का विकास भी होगा।
श्री यादव ने कहा कि यदि देश में निवेश होगा, तो उत्तर प्रदेश पीछे नहीं रहेगा क्योंकि यहां पर सड़कें, अस्पताल, अन्य विकास कार्यों और अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता है। इसके साथ ही, गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ में मेट्रो परियोजनाओं का भी शुभारम्भ हो चुका है।
सम्मेलन में क्रेडाई के अध्यक्ष श्री एस0के0 गर्ग ने भी अपनी बात कही। मुख्यमंत्री द्वारा रियल एस्टेट आर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों को एवार्ड प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्रिगण, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और क्रेडाई के पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित थे।

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गांधी जयंती पर सभी को बापू के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना होगा: मुख्यमंत्री

Posted on 04 October 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर हम सबको उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। सभी प्रकार के भेदभाव को मिटाकर देश और समाज को खुशहाल बनाया जा सकता है। गांधी जी के इस विचार को अपनाकर राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां हजरतगंज स्थित क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम में गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। श्री यादव ने चरखा काता और गांधी आश्रम का भ्रमण कर वहां के उत्पादों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की।
श्री यादव ने कहा कि गांधी जी पूरी दुनिया में सर्वाधिक सम्मानित भारतीय हैं। यही कारण है कि उनकी प्रतिमाएं सभी जगह स्थापित हैं। बापू के अहिंसा और सत्याग्रह के संदेश को अपनाकर तमाम देशों के राजनीतिज्ञ जनता के लिए अधिकार हासिल करने में सफल हुए हैं। अनेक विचारकों, साहित्यकारों एवं अन्य विद्वानों ने गांधीवादी विचारधारा को सर्वश्रेष्ठ बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ दुनिया और अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। आजादी की लड़ाई के दौरान गांधी जी ने विदेशी कम्पनियों और कारोबार का विरोध किया था। देश की स्वतंत्रता के लगभग 50 साल के बाद यह बदलाव आया कि सभी सरकारें बाहरी निवेश और उद्यमियों को आमंत्रित करने लगीं। परिवर्तन के इस दौर में गांधी जी के विचारों और मूल्यों को बचाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि गांव और गरीब के हितों को पूरी प्राथमिकता देनी होगी। अपनी परम्परा, संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए हर सम्भव प्रयास करना होगा। प्रदेश सरकार इसके लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार गम्भीर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन संस्थाओं को सरकारी वित्तीय सहायता देने के लिए आने वाले समय में बजट में जरूरी व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि प्रदेश सरकार गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती पर हम सभी को बापू के सपनों के अनुरूप देश और प्रदेश के निर्माण का संकल्प लेना चाहिए।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री नारद राय ने कहा कि राज्य सरकार खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल में खादी उत्पाद पर देय छूट की धनराशि का कोई भुगतान खादी संस्थाओं को नहीं किया गया था। इसके विपरीत वर्तमान सरकार ने पिछले बजट में इस कार्य के लिए 39 करोड़ रुपए की व्यवस्था की थी।
इसके पूर्व, गांधी आश्रम के मंत्री श्री रामेश्वर नाथ मिश्र ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए संस्था की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा खादी उत्पादों की बिक्री पर अनुमन्य छूट की अवधि को बढ़ाकर 108 दिन किए जाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग के भवन का शिलान्यास किया

Posted on 30 September 2014 by admin

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राज्यपाल श्री राम नाईक ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के विकास से ही देश का विकास सम्भव है। उन्होंने राज्य की जनसंख्या को देश के लिए मूल्यवान सम्पत्ति बताते हुए कहा कि इस प्रदेश की प्रगति के बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए। प्रदेश के जी.डी.पी. में 01 प्रतिशत के विकास से देश की विकास दर में काफी फर्क आ जाता है। उन्होंने सरकारी परियोजनाओं को समय से पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब होने से लागत में अनावश्यक बढ़ोत्तरी हो जाती है और जनता को भी इनका लाभ समय से नहीं मिलता।
राज्यपाल आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के भवन का शिलान्यास करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने की।
श्री नाईक ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग और ऊर्जा विभाग को उपभोक्ताओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। नियामक आयोग को अपने अब तक के कार्य का विश्लेषण करके आगे के लिए कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए, जिससे राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक राहत मिले। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए विद्युत की महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्युत उत्पादन एवं मांग में अंतर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह अंतर केवल राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि लाइन हानि में कमी लाकर विद्युत की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।
कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग की जरूरतों को देखते हुए इसके लिए अलग से भवन अत्यन्त आवश्यक था। आयोग की बढ़ी हुई जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं एवं शिकायतों को सुनकर उनका समाधान निकालना आयोग की मुख्य जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश को एक बड़ा राज्य बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक विद्युत सहित तमाम बुनियादी सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की प्रगति नहीं होती, तब तक देश की प्रगति सम्भव नहीं है। किसी भी देश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत के आधार पर उस देश की तरक्की और खुशहाली का आकलन किया जाता है। इस मामले में अभी हमारा देश काफी पीछे है।
श्री यादव ने कहा कि देश एवं प्रदेश लगातार प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। परिणामस्वरूप विद्युत की मांग भी बढ़ना लाजमी है, लेकिन कम विद्युत उत्पादन के कारण अभी कई गांवों में विद्युत आपूर्ति सम्भव नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से भी बिजली नहीं मिल पा रही है। उद्योग को सस्ती दर पर पर्याप्त बिजली उपलब्ध न हो तो उत्पाद भी महंगे हो जाते हैं, जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इसलिए विद्युत की पर्याप्त आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं की सम्भावना काफी क्षीण है। इसीलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से प्रदेश में न्यूक्लियर पावर प्लाण्ट लगाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में राज्य में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए कोयले की उपलब्धता अत्यन्त आवश्यक है। प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा बिजली की दरें काफी कम हैं। राज्य के ऊर्जा विभाग द्वारा उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अभी सुधार की काफी गुन्जाइश है। कटियाबाज जैसी फिल्में, विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। हालांकि फिल्म में जो दर्शाया गया है, उसमें मात्र 25 फीसदी ही सच्चाई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभाग इस प्रकार से कार्य करेगा कि जिससे भविष्य में लोग ऊर्जा विभाग की बेहतर कार्यप्रणाली पर फिल्में बनाने के लिए बाध्य हो जाएंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश को एक प्रगतिशील राज्य बताते हुए कहा कि राज्य गेहूं, दूध, आलू जैसे तमाम कृषि उत्पादों के मामले में काफी आगे है।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार अच्छी सड़कों के साथ-साथ बिजली की उपलब्धता एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए को-जनरेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अवैध रूप से विद्युत का उपभोग करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। अकेले जनपद इटावा में लगभग 27,000 नए कनेक्शन दिए गए हैं। इस प्रकार पूरे प्रदेश में 24 लाख नए बिजली उपभोक्ता बनाए गए।यदि विभाग के अभियंता गम्भीरता से कार्य करें तो इस आंकड़े को तेजी से सुधारा जा सकता है। राज्य में विद्युत के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए जिस पैमाने पर उत्तर प्रदेश में काम किया जा रहा है, वैसा शायद ही देश के किसी अन्य हिस्से में नहीं किया जा रहा होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को विद्युत विभाग 30,000 करोड़ रुपए के घाटे में मिला था। सरकार ने विभाग की स्थिति सम्भालने के लिए काफी काम किया है।
इससे पूर्व, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा ने कहा कि आयोग द्वारा उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनकर निस्तारण करने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मामलों की सुनवाई में तीन गुनी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि 18.70 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह भवन भूकम्परोधी ग्रीन भवन होगा।
धन्यवाद ज्ञापन आयोग के सदस्य श्री आई.बी. पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय अग्रवाल, आयोग की सदस्य श्रीमती मीनाक्षी सिंह सहित अभियंता, बिजली उपभोक्ता एवं विद्युत उपभोक्ता संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 27 सितम्बर, 2014 को लखनऊ मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन के निमार्ण कार्य के शुभारम्भ के अवसर पर।

Posted on 29 September 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का उपयोग जनता के कल्याण तथा बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किया है। समाजवादी सरकार ने ढाई साल में जितने काम किए हैं, उसकी तुलना में देश की किसी भी अन्य राज्य सरकार ने इतने कार्य नहीं किए।
मुख्यमंत्री आज यहां लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन के निर्माण कार्य के शुभारम्भ अवसर पर भूमिपूजन के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। नार्थ साउथ काॅरिडोर के अन्तर्गत 8 कि0मी0 लम्बे ट्रान्सपोर्ट नगर से चारबाग तक के प्राथमिक सेक्शन का निर्माण कार्य दिसम्बर, 2016 तक पूरा हो जाएगा। लगभग 2,000 करोड़ रुपए की लगत से बनने वाले इस एलीवेटिड सेक्शन में ट्रान्सपोर्ट नगर, कृष्णा नगर, सिंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग बस अड्डा, मवैया, दुर्गापुरी तथा चारबाग स्टेशन बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि डाॅ0 ई0 श्रीधरन के निर्देशन में लखनऊ मेट्रो का कार्य तेजी से आगे बढेगा और लखनऊ की जनता को शीघ्र विश्वस्तरीय सार्वजनिक यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। मार्च, 2014 में डिपो के शिलान्यास के बाद मेट्रो का कार्य तेजी से आगे बढा है। लखनऊ में मेट्रो रेल चलाये जाने के फैसले को एक बड़ा फैसला बताते हुए उन्होंने कहा कि इस निर्णय को जितनी जल्द जमीन पर उतारने का प्रयास किया गया, इतनी शीघ्रता किसी अन्य शहर में मेट्रो निर्माण के लिए नहीं की गई। राज्य सरकार अधिक से अधिक महानगरों में मेट्रो रेल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां तीन शहरों में मेट्रो है। नोएडा, गाजियाबाद के बाद अब लखनऊ में मेट्रो के लिए शुरू किए गए काम पर सन्तोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य बड़े नगरों में मेट्रो की सुविधा देने के लिए डी0पी0आर0 इत्यादि तैयार किए जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार जहां मेट्रो जैसी आधुनिक बुनियादी सुविधा का विस्तार कर रही है, वहीं जनसामान्य के लोकप्रिय साधन साइकिल को बढावा देने के लिए भी कार्य कर रही है। सरकार द्वारा साइकिल के लिए दी गई सुविधा एवं अलग से बनाए जाने वाले टैªक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे साइकिल के उपयोग को भी बढावा मिलेगा। समाजवादी सरकार उन सुविधाओं और क्षेत्रों के विकास के लिए काम कर रही है जिसके सम्बन्ध में सामान्य तौर पर अन्य किसी दल की सरकारें नहीं सोचती। उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए किसानों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि शीघ्र ही यह परियोजना मूर्तरूप लेगी।
निःशुल्क लैपटाॅप वितरण, बेरोजगार युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्या धन, निर्धन लोगों को गम्भीर बीमारियों के इलाज हेतु मदद आदि योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता के दुःख-दर्द से जुड़ी योजनाओं को संचालित करने का साहस अन्य राज्य सरकारों ने नहीं किया। शीघ्र ही बड़े पैमाने पर समाजवादी पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को पेंशन प्राप्त होने लगेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जनता से किए गए वायदों को पूरा किया है।
मुख्यमंत्री ने मेट्रो रेल परियोजना सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों मंे संचालित अन्य सभी परियोजनाओं पर तेजी से काम करते हुए इन्हें जल्दी पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार तमाम रूकावटों एवं समस्याओं के बावजूद विकास कार्य करते हुए प्रदेश को आगे बढाने का काम कर रही है।
इससे पूर्व, नगर विकास मंत्री श्री मो0 आजम खां ने कहा कि लखनऊ एक पुराना एवं बड़ा शहर है। इस शहर को साफ-सुथरा रखना तथा आधुनिक जरूरतों के हिसाब से सुविधाएं मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसी कोई घोषणा नहीं करती जिसे पूरा न किया जा सके।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने मेट्रो को लखनऊ की जनता के लिए एक बेहतरीन तोहफा बताते हुए कहा कि इससे यहां की जनता को आवागमन की अच्छी सुविधा मिलेगी। बाह्य सहायतित परियोजना विभाग के सलाहकार श्री मधुकर जेटली ने कहा कि पार्टी के घोषणापत्र में उल्लेख न होने के बावजूद राज्य सरकार लखनऊ में मेट्रो सुविधा प्रदान करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में कानपुर, आगरा, मेरठ आदि शहरों में भी मेट्रो सुविधा प्रदान करने के लिए काम किया जाएगा।
इस मौके पर लखनऊ मेट्रो परियोजना के मुख्य सलाहकार डाॅ0 ई0 श्रीधरन ने कहा कि लखनऊ के नागरिकों का विश्वस्तर के मेट्रो का सपना पूरा होगा। इस सेक्शन के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी एल एण्ड टी कम्पनी को दी गई है। इस कम्पनी को मेट्रो परियोजना के निर्माण का काफी अनुभव है।
परियोजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि नार्थ साउथ काॅरिडोर को तीन हिस्सों में बांटा गया है। प्राथमिक सेक्शन का कार्य आज से शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर लगभग 6,880 करोड़ रुपये की लागत का आकलन किया गया है, जिसमें 50ः50 माॅडल के अन्तर्गत क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार की इक्विटी के अतिरिक्त 3,502 करोड़ रुपये ऋण लेने पर विचार किया जाएगा। इससे पूर्व, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रमुख सचिव आवास श्री सदाकान्त ने कहा कि राज्य सरकार की इस ड्रीम परियोजना को समयबद्ध एवं गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा। धन्यवाद ज्ञापन लखनऊ मेट्रो रेल काॅपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक श्री कुमार केशव ने किया।
कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री श्री अम्बिका चैधरी, श्री राम गोविन्द चैधरी, श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री पारसनाथ यादव, श्री ओम प्रकाश सिंह, श्री बलराम यादव, डाॅ0 शिव प्रताप यादव, श्री विनोद कुमार उर्फ पण्डित सिंह तथा श्री मनोज पाण्डेय आदि के अलावा बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित थे।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लोकतंत्र को मजबूत बनाने में पत्रकार एवं पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री

Posted on 27 September 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में पत्रकार एवं पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान समय में पत्रकारों पर बड़ी जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी देश और समाज में स्वस्थ वातावरण और स्वस्थ जनमत बनाने की है। पत्रकारों के बिना लोकतंत्र अधूरा है, इसीलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में पत्रकारिता को चैथा स्तम्भ कहा जाता है।
मुख्यमंत्री आज लखनऊ के होटल ताज विवांता में आयोजित ईटीवी उत्तर प्रदेश न्यूज चैनल के संवाददाताओं के सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के इस दौर में पत्रकारों की भूमिका एवं जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि खबर बनाने से पहले सच्चाई को पूरी तरह परखना जरूरी है। प्रख्यात समाजवादी चिन्तक डाॅ. राम मनोहर लोहिया कहते थे कि सूरज डूबने का मतलब सूरज का डूबना नहीं होता है, क्योंकि सूरज हमेशा कहीं न कहीं चमक ही रहा होता है। इसलिए पूरी जानकारी के बिना खबर नहीं बनानी चाहिए। खबर निष्पक्ष और समाज को लाभ पहुंचाने वाली होनी चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि गवर्नेन्स में भी मीडिया की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी लोक कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और जनता से फीडबैक प्राप्त करने के रूप मंे है। इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के माध्यम से तेजी से जानकारी मिलती है। इसका असर भी ज्यादा पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को खुशहाली और तरक्की की ओर ले जाने में और ऐसे मामलों में जिससे सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में मदद मिले, जरूर ही इस माध्यम का सहयोग लेना चाहेगी।
आजादी की लड़ाई में पत्रकारों की भूमिका सहित अन्य क्षेत्रों में पत्रकारों द्वारा हासिल की गई कामयाबी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले नये लोगों को अधिक से अधिक जानकारी हासिल करनी चाहिए। किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने के लिए सीखना और पढ़ना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मेहनत और जिम्मेदारी से काम करने पर समाज पर उसका असर अवश्य पड़ता है।
इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री अभिषेक मिश्र, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, ईटीवी न्यूज नेटवर्क के प्रमुख श्री जगदीश चन्द्र सहित प्रमुख पत्रकार एवं संवाददाता मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की

Posted on 24 September 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने ऊर्जा विभाग को आगामी वर्षों की आवश्कयता के अनुरूप उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि भविष्य की जरूरतोें को ध्यान में रखते हुए तीनों क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जाए, जिससे प्रदेश की जनता को वर्ष 2016 से जनपद मुख्यालयों में 22 घण्टे व ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
श्री यादव आज यहां शास्त्री भवन में ऊर्जा विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर 40,000 अवशेष कृषकों के निजी नलकूपों को इसी वित्तीय वर्ष में ऊर्जीकृत किया जाए, जिससे अप्रैल, 2015 से आवेदन पत्र के साथ ही किसानों के नलकूपों को ऊर्जीकृत कराया जा सके। उन्होंने इस मद में 160 करोड़ रुपए की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए।
प्रदेश में निर्माणाधीन तापीय विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अनपरा-डी के निर्माण कार्यो में तेजी लाते हुए इससे हर हाल में मार्च, 2015 तक उत्पादन शुरु कराने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार ललितपुर एवं बारा की परियोजनाओं को जून, 2015 तक निजी निवेशकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर शुरु कराया जाये। साथ ही, मेजा पावर प्लान्ट के कार्यो में तेजी लायी जाये ताकि अक्टूबर, 2016 तक इस परियोजना से विद्युत आपूर्ति हो सके। इसके अलावा विभाग को आवश्यकतानुसार पावर प्रोक्योरमेन्ट प्लान को अंतिम रूप दिया जाए ताकि शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार विद्युत की अपूर्ति संभव हो सके । नई विद्युत परियोजनाओं हेतु पर्यावरण क्लीयरेंस एवं कोल लिंकेज के लिए भारत सरकार से प्रभावी समन्वय किया जाये। प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल ने वर्ष 2016-17 से विद्युत आपूर्ति करने की व्यापक योजना प्रस्तुत की और मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अगले 03 वर्षों में स्थापित क्षमता को 10,500 मेगावाट से बढ़ाकर 18,000 मेगावाट तक पहुंचा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि हरदुआगंज, पनकी, ओबरा सी, घाटमपुर, मेजा-2 एवं करछना परियोजनाओं को भी वर्ष 2021 तक हर हालत में पूरा किया जाए, जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति होती रहे। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता के साथ पारेषण और वितरण तंत्र को सुदृढ़ किया जाए। इसके लिए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रस्ताव के अनुसार सितम्बर, 2016 तक 765 के.वी. पारेषण क्षमता को 2,000 से बढ़ाकर 14,000 मेगावाट, 400 के.वी. पारेषण तंत्र को 9,200 से बढ़ाकर 27,950 मेगावाट तक और 220 के.वी. पारेषण क्षमता को 39,190 मेगावाट तक बढ़ाया जाए। पारेषण के अंतर्गत सभी प्रस्तावित 69 उपकेन्द्रों के कार्य को यथाशीघ्र पूरा किया जाए। इसी प्रकार वितरण तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए भी निर्देश दिए गए। विभागीय अधिकारियों द्वारा आगामी 03 वर्षों में पारेषण, वितरण एवं उत्पादन मद में व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु 18,162 करोड़ रुपए की आवश्यकता बताई गई। इसके क्रम में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के स्तर पर इसकी समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा है।
श्री यादव ने ऊर्जा विभाग द्वारा जुलाई और अगस्त माह में अभियान चलाकर नये 24 लाख उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिये जाने को एक अच्छी उपलब्धि बताते हुए कहा कि सभी नये उपभोक्ताओं को मीटर की सुविधा दिया जाना सुनिश्चित किया जाये और उनकी बिलिंग भी सुनिश्चित किया जाये। सभी उपभोक्ताओं, विशेष रूप से शहरी उपभोक्ताओं को शत-प्रतिशत बिलिंग एवं कलेक्शन के हर संभव प्रयास किये जायें। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अभियान के तहत घरेलू बत्ती-पंखा श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बी.एण्ड एल. फार्म की आवश्यकता समाप्त कर दी गई थी, जिससे उपभोक्ताओं को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बी.एण्ड एल. फार्म की आवश्यकता को सदैव के लिए समाप्त कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि इस संबंध में तत्काल औपचारिक प्रस्ताव भेजकर शासन से आदेश प्राप्त कर लिए जाएं।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पर विचार-विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि
11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्र्तगत ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत संचालित 22 जनपदों में 4,600 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से 551 ग्रामों एवं 32,148 मजरों का सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने वर्ष 2015-16 में इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्र्तगत 64 जनपदों के 1,40,000 मजरों में 7,282 करोड़ रूपये की लागत से सघन विद्युतीकरण का कार्य भी शीघ्र शुरु किया जाए, क्योंकि इन कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्यो में गति लाने और ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए कहा है, जिससे कि कार्यो की गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ कोई समझौता न हो। उन्होंने आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए रिमोट मानीटरिंग और अनुश्रवण की व्यवस्था बनाने पर बल दिया। साथ ही स्थानीय स्तर पर जनता के सामने योजना को पारदर्शिता के साथ रखने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सूचना तकनीक के प्रयोग पर बल देने का निर्देश दिया। विभागीय अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि शहरी क्षेत्रों में बेहतर विद्युत व्यवस्था के अन्र्तगत 168 शहरों में आर.ए.पी.डी.आर.पी. के अन्र्तगत कार्यक्रम चलाया गया है जिसमें बिलिंग और कलेक्शन संबंधी सूचनाओं को कम्प्यूटर के माध्यम से देने के लिये केन्द्रीयकृत डाटा सेन्टर बनाकर एक नेटवर्क प्रणाली विकसित की गई है। नचचबसवदसपदमण्बवउ के माध्यम से उपभोक्ता अब इन शहरों में घर बैठे कार्ड/नेट बैंकिंग के माध्यम से बिजली के बिल को जमा कर सकते हैं। विभाग ने यह भी अवगत कराया है कि इन शहरों में ैडै के द्वारा उपभोक्ताओं को बिलिंग की जानकारी की व्यवस्था भी की गयी है और अभी तक करीब 8 लाख उपभोक्ताओं के मोबाईल नम्बर दर्ज हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी अपेक्षाकृत कम संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा इन योजनाओं का लाभ उठाया जा रहा है। विभाग द्वारा इन सुविधाओं का पूरा प्रचार-प्रसार किया जाये और दिसम्बर, 2014 के अंत तक न्यूनतम  25 लाख उपभोक्ताओं को ैडै के माध्यम से बिलिंग की जानकारी देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। साथ ही व्दसपदम बिलिंग को बढ़ावा देने हेतु जन सुविधा केन्द्रों/लोकवाणी केन्द्रों के माध्यम से बिजली के बिल जमा करने की व्यवस्था की जाये। ज्ञातव्य है कि पूरे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिये अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिये मध्यांचल में 18001800440, पश्चिमांचल में 18001803002, दक्षिणांचल में 18001803023 और पूर्वान्चल में 18001805025 नम्बरों से युक्त काल सेंटर खोले गये हैं। मुख्यमंत्री ने इन नम्बरों पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की सुदृढ़ व्यवस्था करने तथा स्थानीय स्तर पर उपरोक्त सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री को तहसीलों में बेहतर विद्युत आपूर्ति हेतु 33/11 के0वी0 सब स्टेशन के बारे में अवगत कराया गया कि 201 सब स्टेशन के विपरीत अभी तक 63 सब स्टेशन का ऊर्जीकरण हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में तेजी लायी जाये और अक्टूबर, 2014 तक 166 तहसीलों के सब स्टेशनों के ऊर्जीकरण की कार्यवाही सम्पन्न की जाये और शेष सब स्टेशनों के निर्माण के संबंध में सतत् प्रयास करते हुए 31 मार्च, 2015 तक शेष 35 सब स्टेशनों का ऊर्जीकरण किया जाये। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि तहसील स्तर पर ऊर्जीकृत सब स्टेशनों का कनेक्शन ट्रांसमिशन से इस तरह से किया जाये कि तहसील स्तरीय शहरी क्षेत्र को बेहतर विद्युत आपूर्ति की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि माह नवम्बर से ऐसी सभी तहसीलों को, जहां पर सबस्टेशन ऊर्जीकृत हो चुके हैं, उन्हें ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में 02 घण्टे अधिक विद्युत आपूर्ति की जाए।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि आर.ए.पी.डी.आर.पी. पार्ट-बी के अन्र्तगत 167 शहरों में विद्युत आपूर्ति को बेहतर करने के लिये कार्य कराये जा रहे हैं जिसमें 155 शहर नान-स्काडा और 12 स्काडा शहर हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यो को गति दिये जाने की आवश्यकता है। इसमें करीब 6300 करोड़ रूपये की धनराशि निहित है और शहर वार इनके अनुश्रवण की व्यवस्था विकसित किये जाने की आवश्यकता है। यह सम्पूर्ण कार्य तत्काल अक्टूबर के अंत तक प्रारम्भ कराये जाएं और समय-समय पर इनका सघन अनुश्रवण करते हुए समयबद्ध रूप से कार्य को पूरा किया जाये। शहरी क्षेत्रों में लाइन हानियों को वर्तमान 35 प्रतिशत से समयबद्ध रूप से 20 प्रतिशत तक लाने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्र के कम से कम 02 फीडरों की लाइन हानि को माह अक्टूबर के अंत तक घटाकर 20 प्रतिशत पर लाने का गम्भीरता से प्रयास करें। उन्होंने आगाह किया कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पारेषण सम्बन्धी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ललितपुर-आगरा, इलाहाबाद-मैनपुरी और मैनपुरी-ग्रेटर नोएडा के कार्यो को समयबद्ध अनुश्रवण कर क्रियान्वित कराया जाये। उन्होंने इन कार्यों में आ रही कठिनाई को तत्काल दूर करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत वर्ष 2012-13 तथा 2013-14 के सभी ग्रामों एवं बसावटों का गुणवत्ता के साथ शत-प्रतिशत विद्युतीकरण मार्च, 2015 तक अवश्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। बैठक  में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि ऊर्जा निगमों में वर्ष 2000 के मानक के आधार पर पद सृजित हैं, जबकि इसके बाद विद्युत लाइनों, सबस्टेशनों आदि की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है। अतः तकनीकी और गैरतकनीकी पदों के सृजन की नितान्त जरूरत है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे पदों का तत्काल आकलन कर आख्या शासन को उपलब्ध करायी जाए जिससे जरूरी निर्णय लिया जा सके।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, ऊर्जा राज्य मंत्री श्री यासर शाह, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
श्री राकेश बहादुर, प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रबन्ध निदेशक उ.प्र. पावर काॅर्पोरेशन श्री ए.पी. मिश्रा, निदेशक वाणिज्य श्री संजय सिंह, निदेशक वक्र्स यू.पी.पी.टी.सी.एल. श्री शतांशु अग्रवाल, निदेशक तकनीकी यू.पी.आर.वी.यू.एन.एल.
श्री मुरली भागचंदानी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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के.जी.एम.यू. को दुनिया की अव्वल दर्जे की संस्था बनाने के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी: मुख्यमंत्री

Posted on 19 September 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के.जी.एम.यू.) को देश ही नहीं बल्कि दुनिया की अव्वल दर्जे की संस्था बनाने के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने के.जी.एम.यू. की विशिष्टता एवं कार्य को देखते हुए यहां के शिक्षकों का वेतनमान एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ के समकक्ष करने तथा राजकीय मेडिकल काॅलेजों की फैकल्टी की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने की घोषणा की। उन्होंने के.जी.एम.यू. कैम्पस को बेहतर बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय सिग्नेचर बिल्डिंग बनाने के लिए सभी सम्भव मदद देने की बात भी कही है।
मुख्यमंत्री आज यहां साइंटिफिक कन्वेंशन सेण्टर में के.जी.एम.यू. द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने के.जी.एम.यू. की लगभग 350 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का लोकापर्ण किया गया, उनमें आधुनिक शैक्षणिक ब्लाॅक, विभिन्न प्रकार के आवासों के 03 ब्लाॅक, 100 बिस्तरों वाले ब्वायज हाॅस्टल, वर्चुअल क्लास तथा हाॅस्पिटल कम्प्यूटराइजेशन और फाइबर आॅप्टिक केबल नेटवर्क फेज़-1 शामिल हैं। इस मौके पर उन्होंने के.जी.एम.यू. इंस्टीट्यूट आॅफ स्किल्स, 250 बिस्तरों वाले गल्र्स हाॅस्टल, 650 बिस्तरों वाले नर्स हाॅस्टल तथा 932 बिस्तरों वाले ब्वायज हाॅस्टल की आधारशिला भी रखी।
विश्व में के.जी.एम.यू. की प्रतिष्ठा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में कार्यरत यहां के चिकित्सक अपने को जाॅर्जियन कहलाने पर गर्व महसूस करते हैं। राज्य सरकार के.जी.एम.यू. की इस प्रतिष्ठा को बनाए रखने तथा इसमें और अधिक वृद्धि के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी। सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आदरणीय नेताजी ने अपने कार्यकाल में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी कार्य किया था। उनके प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने भी इस क्षेत्र में तेजी से काम किया है। प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां इलाज के लिए लोगों को अपनी जमीन न बेचनी पड़ी हो। सरकार जनता की इस समस्या से वाकिफ है, इसीलिए गम्भीर बीमारियों के इलाज की निःशुल्क व्यवस्था के साथ-साथ कई और फैसले भी लिए गए, जिनका लाभ जनता को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि लोगों को सबसे अधिक कैंसर, हृदय रोग तथा गुर्दे जैसी गम्भीर एवं खर्चीली बीमारियों से जूझना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा राजकीय अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों में बड़ी बीमारियों के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था कराई गई। इसके अलावा विधायकों को भी
बीमारियों के इलाज के लिए जरूरतमन्दों को 25 लाख रुपए तक आर्थिक मदद देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज नगर के कई राजकीय चिकित्सालयों में किया जा रहा है। कैंसर के उच्चस्तरीय इलाज के लिए चक गंजरिया फार्म में विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए कार्रवाई की जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई काफी खर्चीली है। निजी क्षेत्र में स्थापित होेने वाले मेडिकल काॅलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए पढ़ना सम्भव नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए जनपदों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई का विस्तार करने के अलावा कन्नौज, आजमगढ़ आदि जनपदों में मेडिकल काॅलेज संचालित किए गए। जनपद बदायूं में मेडिकल काॅलेज का निर्माण हो रहा है। जनपद जौनपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल काॅलेज की भी आधारशिला शीघ्र रखी जाएगी। आने वाले समय में कई अन्य जनपदों में भी मेडिकल काॅलेज स्थापित कराकर एम.बी.बी.एस. एवं अन्य स्तर की सीटों में इजाफा कराया जाएगा, ताकि गरीबों के इलाज के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के चिकित्सकों को पूर्व की भांति पी.जी. के अध्ययन के लिए सुविधा मिलती रहेगी।
समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत संचालित ‘108’ एम्बुलेंस सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि अभी आवश्यकता पड़ने पर ये एम्बुलेंस 20 मिनट में अपने गंतव्य पर पहुंच जाती हैं। इसी प्रकार राज्य सरकार पुलिस सेवा में सुधार करने का प्रयास कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर पुलिस मौके पर 15 मिनट में पहुंच जाए। इसके लिए विश्वस्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। कानपुर में आधुनिक नियंत्रण कक्ष शुरु हो चुका है। लखनऊ में भी शीघ्र संचालित होने जा रहा है। इसके बाद नोएडा सहित अन्य शहरों में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी। बाद में मुख्यमंत्री ने आधुनिक शैक्षणिक ब्लाॅक का निरीक्षण भी किया।
इससे पूर्व, प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों के चलते ढाई साल में 500 एम.बी.बी.एस. सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है। अगले वर्ष तक एम.बी.बी.एस. की कुल 2,100 सीट हो जाने की सम्भावना है। राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है। इसी के फलस्वरूप इस वर्ष पिछले साल की तुलना में लगभग 01 करोड़ अधिक लोगों का इलाज किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए के.जी.एम.यू. के कुलपति प्रो. रवि कान्त ने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग से 150 एकड़ जमीन सैटेलाइट कैम्पस की स्थापना के लिए मिल गई है। उन्होंने के.जी.एम.यू. को राज्य की धरोहर बताते हुए कहा कि यहां से पढ़े चिकित्सक विश्व के तमाम देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यक्रम को अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री गौरव भाटिया ने भी सम्बोधित किया।
समारोह में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, राज्य मंत्री माध्यमिक शिक्षा श्री विजय बहादुर पाल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री बी.एस. भुल्लर सहित के.जी.एम.यू. के फैकल्टी, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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त्वरित विकास के लिए अभियंताआंे को बदलते परिवेश के हिसाब से अपने को ढालना होगा: मुख्यमंत्री

Posted on 16 September 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के त्वरित विकास के लिए अभियंताआंे को बदलते परिवेश के हिसाब से अपने को ढालना होगा। बुनियादी सुविधाआंे के निर्माण में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे कम समय में अधिकतम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। दुनिया की तमाम तकनीकी उपलब्धियों को अभियंताओं की कड़ी मेहनत का परिणाम बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी प्रदेश एवं देश अभियंताओं के बिना विकास की कल्पना नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री आज उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में लोक निर्माण विभाग परिसर स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह मंे आयोजित अभियंता दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। यह आयोजन परम्परानुसार भारत रत्न मोक्षगुण्डम् विश्वेश्वरैया के 154वें जन्म दिवस पर आयोजित किया गया था।
समाज एवं देश के लिए श्री विश्वेश्वरैया के योगदान को याद करते हुए श्री यादव ने कहा कि भारत रत्न विश्वेश्वरैया द्वारा सिंचाई, निर्माण सहित तमाम क्षेत्रों की बेहतरी के लिए अभिनव प्रयोग किए गए। उनके द्वारा उस समय अपनायी गई तकनीक का आज भी इस्तेमाल किया जा रहा है। तत्कालीन मैसूर राज्य में उन्हीं के योगदान से बड़े-बड़े भवनों का निर्माण, खनन में आधुनिक तकनीक का प्रयोग, बांधों द्वारा सिंचाई की व्यवस्था और यहां तक की वृन्दावन गार्डेन का भी विकास सम्भव हो सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहा है। दुनिया में बड़ी एवं आश्चर्यजनक उपलब्धियां आधुनिक तकनीक के बल पर प्राप्त करने की होड़ लगी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को भी दुनिया के नक्शे पर आगे ले जाने के लिए अभियंताओं को आगे आना होगा। उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंताओं को राज्य की सूरत बदलने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अभियंता चाह ले तो देश एवं प्रदेश में तेजी से खुशहाली लायी जा सकती है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की तरक्की के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि सड़क, पुल, बिजली घर आदि तमाम अन्य बुनियादी सुविधाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। राज्य में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने एवं ग्रामीण जनता को अच्छी सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला मुख्यालयों को चार-लेन की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बन जाने से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिति भी बदल जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंताओं को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ से राहत दिलाने के बारे में सोचना होगा। सभी जानते हैं कि नेपाल की नदियों के कारण राज्य का बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए बांध तो नहीं बना सकती, लेकिन अभियंताओं को इस बाढ़ से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक तकनीक का सुझाव प्रस्तुत करना चाहिए। इसी प्रकार बड़े भवनों, अस्पतालों, अच्छी सड़कों व विशाल स्टेडियम आदि के निर्माण में  आज की जरूरत के हिसाब से तकनीक का प्रयोग करते हुए जनता को अधिकाधिक लाभ पहंुचाने के लिए भी आगे आना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस अवसर पर प्रदेश के अभियंता भारत रत्न श्री विश्वेश्वरैया के बताए रास्ते पर चलते हुए देश एवं समाज के निर्माण का संकल्प लेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्री विश्वेश्वरैया के जीवन चरित्र पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि प्रकृति एवं मनुष्य निर्मित चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए अभियंताओं को पहल करनी होगी। उन्होंने अभियंता समाज से श्री विश्वेश्वरैया के सिद्धान्तों पर चलने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार गांव एवं शहर में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। इसमें अभियंताओं को पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से जुड़ना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग डाॅ. रजनीश दुबे, उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सीताराम सोनी, श्री कप्तान सिंह, श्री आर.एन. सक्सेना ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता श्रीमती चित्रा स्वरूप सहित कई विभागों के वर्तमान एवं अवकाश प्राप्त अभियंता उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री को उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल्स संघ द्वारा 25 लाख रु0 का चेक सौंपा गया

Posted on 13 September 2014 by admin

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मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ द्वारा आज 25 लाख रुपये की धनराशि का चेक सौंपा गया। सहकारी चीनी मिल्स संघ द्वारा यह धनराशि जम्मू और कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायतार्थ मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष के लिए दी गई।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित जम्मू और कश्मीर के लिए सहकारी चीनी मिल्स संघ की मदद की सराहना करते हुए कहा कि उस राज्य में बाढ़ से जान-माल तथा अवस्थापना सुविधाओं को काफी नुकसान हुआ है। इस आपदा से निपटने के लिए प्रदेशवासियों को बढ़-चढ़कर जम्मू और कश्मीर सरकार को आर्थिक मदद उपलब्ध कराना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में
20 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला पूर्व में किया जा चुका है।
उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल्स संघ एवं उसके अधीनस्थ सहकारी चीनी मिलों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अंशदान से एकत्रित 25 लाख रुपये की धनराशि का चेक प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर तथा प्रबन्ध निदेशक डाॅ. बी.के. यादव द्वारा संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को दिया गया। इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, सचिव मुख्यमंत्री श्री शम्भू सिंह यादव भी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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