Categorized | Latest news, लखनऊ.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग के भवन का शिलान्यास किया

Posted on 30 September 2014 by admin

press-8x6-11

राज्यपाल श्री राम नाईक ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के विकास से ही देश का विकास सम्भव है। उन्होंने राज्य की जनसंख्या को देश के लिए मूल्यवान सम्पत्ति बताते हुए कहा कि इस प्रदेश की प्रगति के बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए। प्रदेश के जी.डी.पी. में 01 प्रतिशत के विकास से देश की विकास दर में काफी फर्क आ जाता है। उन्होंने सरकारी परियोजनाओं को समय से पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब होने से लागत में अनावश्यक बढ़ोत्तरी हो जाती है और जनता को भी इनका लाभ समय से नहीं मिलता।
राज्यपाल आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के भवन का शिलान्यास करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने की।
श्री नाईक ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग और ऊर्जा विभाग को उपभोक्ताओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। नियामक आयोग को अपने अब तक के कार्य का विश्लेषण करके आगे के लिए कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए, जिससे राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक राहत मिले। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए विद्युत की महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्युत उत्पादन एवं मांग में अंतर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह अंतर केवल राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि लाइन हानि में कमी लाकर विद्युत की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।
कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग की जरूरतों को देखते हुए इसके लिए अलग से भवन अत्यन्त आवश्यक था। आयोग की बढ़ी हुई जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं एवं शिकायतों को सुनकर उनका समाधान निकालना आयोग की मुख्य जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश को एक बड़ा राज्य बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक विद्युत सहित तमाम बुनियादी सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की प्रगति नहीं होती, तब तक देश की प्रगति सम्भव नहीं है। किसी भी देश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत के आधार पर उस देश की तरक्की और खुशहाली का आकलन किया जाता है। इस मामले में अभी हमारा देश काफी पीछे है।
श्री यादव ने कहा कि देश एवं प्रदेश लगातार प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। परिणामस्वरूप विद्युत की मांग भी बढ़ना लाजमी है, लेकिन कम विद्युत उत्पादन के कारण अभी कई गांवों में विद्युत आपूर्ति सम्भव नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से भी बिजली नहीं मिल पा रही है। उद्योग को सस्ती दर पर पर्याप्त बिजली उपलब्ध न हो तो उत्पाद भी महंगे हो जाते हैं, जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इसलिए विद्युत की पर्याप्त आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं की सम्भावना काफी क्षीण है। इसीलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से प्रदेश में न्यूक्लियर पावर प्लाण्ट लगाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में राज्य में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए कोयले की उपलब्धता अत्यन्त आवश्यक है। प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा बिजली की दरें काफी कम हैं। राज्य के ऊर्जा विभाग द्वारा उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अभी सुधार की काफी गुन्जाइश है। कटियाबाज जैसी फिल्में, विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। हालांकि फिल्म में जो दर्शाया गया है, उसमें मात्र 25 फीसदी ही सच्चाई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभाग इस प्रकार से कार्य करेगा कि जिससे भविष्य में लोग ऊर्जा विभाग की बेहतर कार्यप्रणाली पर फिल्में बनाने के लिए बाध्य हो जाएंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश को एक प्रगतिशील राज्य बताते हुए कहा कि राज्य गेहूं, दूध, आलू जैसे तमाम कृषि उत्पादों के मामले में काफी आगे है।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार अच्छी सड़कों के साथ-साथ बिजली की उपलब्धता एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए को-जनरेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अवैध रूप से विद्युत का उपभोग करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। अकेले जनपद इटावा में लगभग 27,000 नए कनेक्शन दिए गए हैं। इस प्रकार पूरे प्रदेश में 24 लाख नए बिजली उपभोक्ता बनाए गए।यदि विभाग के अभियंता गम्भीरता से कार्य करें तो इस आंकड़े को तेजी से सुधारा जा सकता है। राज्य में विद्युत के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए जिस पैमाने पर उत्तर प्रदेश में काम किया जा रहा है, वैसा शायद ही देश के किसी अन्य हिस्से में नहीं किया जा रहा होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को विद्युत विभाग 30,000 करोड़ रुपए के घाटे में मिला था। सरकार ने विभाग की स्थिति सम्भालने के लिए काफी काम किया है।
इससे पूर्व, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा ने कहा कि आयोग द्वारा उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनकर निस्तारण करने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मामलों की सुनवाई में तीन गुनी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि 18.70 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह भवन भूकम्परोधी ग्रीन भवन होगा।
धन्यवाद ज्ञापन आयोग के सदस्य श्री आई.बी. पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय अग्रवाल, आयोग की सदस्य श्रीमती मीनाक्षी सिंह सहित अभियंता, बिजली उपभोक्ता एवं विद्युत उपभोक्ता संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।

press-5x10-2

press-1-5x10-3

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in