उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम किया है। परिणामस्वरूप पिछले 02 साल में ग्रीन बेल्ट के क्षेत्रफल में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि लखनऊ प्राणि उद्यान के साथ-साथ कानपुर प्राणि उद्यान एवं अन्य प्राकृतिक पर्यटक स्थलों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ के बाद कानपुर प्राणि उद्यान प्रदेश का दूसरा बड़ा प्राणि उद्यान है, जिसे 01 साल के अंदर ही बाल रेल उपलब्ध करा दी गई है। इससे प्राणि उद्यान देखने जाने वालों को विशेष सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर कानपुर प्राणि उद्यान की बाल रेल का लोकार्पण एवं वन्य प्राणि सप्ताह, 2014 (01 से 07 अक्टूबर) के समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से बाल रेल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। 2.18 कि.मी. लम्बी रेल लाइन वाले इस ट्रैक पर 01 मुख्य स्टेशन तथा 02 हाल्ट बनाए गए हैं। बाल ट्रेन में 04 डिब्बे हैं, जिनमें एक साथ 84 दर्शक भ्रमण कर प्राणि उद्यान को देख सकेंगे। ट्रेन में बैटरी चालित इंजन लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता से किए वायदों को पूरा करने का कार्य कर रही है। इसीलिए राज्य में उद्घाटन एवं शिलान्यास के कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं। वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने अनेक नये एवं अभिनव कार्य किए हैं। वर्ष 2012-13 में रोपित किए गए पौधों की लम्बाई देखकर लोगों को आश्चर्य होता है कि इतने कम समय में वृक्ष इतने बड़े कैसे हो गए। निश्चित रूप से वन विभाग ने जहां वृक्षारोपण पर ध्यान दिया, वहीं पेड़ों को बचाने के लिए भी गम्भीरता से काम किया है। पारिजात वृक्ष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों में यह धारणा थी कि पारिजात वृक्ष उपलब्ध नहीं हैं, जबकि वन विभाग ने इसकी इतनी नर्सरी तैयार की कि लोग पारिजात वृक्ष को बड़ी संख्या में निजी स्तर पर लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कार्यों के फलस्वरूप लखनऊ प्राणि उद्यान में दर्शकों की संख्या बढ़ी है। इसी प्रकार कानपुर प्राणि उद्यान की स्थिति भी पहले की अपेक्षा काफी अच्छी हुई है।
इससे पूर्व, वन राज्य मंत्री श्री फरीद महफूज़ किदवई ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वन्य प्राणि सप्ताह के दौरान जनता में वन्य प्राणियों एवं वनों के प्रति लगाव पैदा करने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने विभाग की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अभी पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
इस मौके पर जन्तु उद्यान राज्य मंत्री डाॅ. शिव प्रताप यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश को विकसित बनाने के लिए निरन्तर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में हरी पट्टी विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोण किया गया है, जिससे प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव वन श्री वी.एन. गर्ग ने कहा कि प्राणि उद्यान को आकर्षक बनाने एवं ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी अनेक योजनाएं संचालित की जाएंगी। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जहां मानव की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं पशुओं एवं जीव-जन्तुओं की संख्या घट रही है। इससे ईकोलाॅजिकल बैलेंस को खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सभी अपने स्तर से ईकोलाॅजिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करें।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख वन संरक्षक श्री जे.एस. अस्थाना, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव श्री रूपक डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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