उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के त्वरित विकास के लिए अभियंताआंे को बदलते परिवेश के हिसाब से अपने को ढालना होगा। बुनियादी सुविधाआंे के निर्माण में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे कम समय में अधिकतम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। दुनिया की तमाम तकनीकी उपलब्धियों को अभियंताओं की कड़ी मेहनत का परिणाम बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी प्रदेश एवं देश अभियंताओं के बिना विकास की कल्पना नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री आज उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में लोक निर्माण विभाग परिसर स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह मंे आयोजित अभियंता दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। यह आयोजन परम्परानुसार भारत रत्न मोक्षगुण्डम् विश्वेश्वरैया के 154वें जन्म दिवस पर आयोजित किया गया था।
समाज एवं देश के लिए श्री विश्वेश्वरैया के योगदान को याद करते हुए श्री यादव ने कहा कि भारत रत्न विश्वेश्वरैया द्वारा सिंचाई, निर्माण सहित तमाम क्षेत्रों की बेहतरी के लिए अभिनव प्रयोग किए गए। उनके द्वारा उस समय अपनायी गई तकनीक का आज भी इस्तेमाल किया जा रहा है। तत्कालीन मैसूर राज्य में उन्हीं के योगदान से बड़े-बड़े भवनों का निर्माण, खनन में आधुनिक तकनीक का प्रयोग, बांधों द्वारा सिंचाई की व्यवस्था और यहां तक की वृन्दावन गार्डेन का भी विकास सम्भव हो सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहा है। दुनिया में बड़ी एवं आश्चर्यजनक उपलब्धियां आधुनिक तकनीक के बल पर प्राप्त करने की होड़ लगी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को भी दुनिया के नक्शे पर आगे ले जाने के लिए अभियंताओं को आगे आना होगा। उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंताओं को राज्य की सूरत बदलने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अभियंता चाह ले तो देश एवं प्रदेश में तेजी से खुशहाली लायी जा सकती है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की तरक्की के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि सड़क, पुल, बिजली घर आदि तमाम अन्य बुनियादी सुविधाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। राज्य में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने एवं ग्रामीण जनता को अच्छी सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला मुख्यालयों को चार-लेन की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बन जाने से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिति भी बदल जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंताओं को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ से राहत दिलाने के बारे में सोचना होगा। सभी जानते हैं कि नेपाल की नदियों के कारण राज्य का बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए बांध तो नहीं बना सकती, लेकिन अभियंताओं को इस बाढ़ से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक तकनीक का सुझाव प्रस्तुत करना चाहिए। इसी प्रकार बड़े भवनों, अस्पतालों, अच्छी सड़कों व विशाल स्टेडियम आदि के निर्माण में आज की जरूरत के हिसाब से तकनीक का प्रयोग करते हुए जनता को अधिकाधिक लाभ पहंुचाने के लिए भी आगे आना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस अवसर पर प्रदेश के अभियंता भारत रत्न श्री विश्वेश्वरैया के बताए रास्ते पर चलते हुए देश एवं समाज के निर्माण का संकल्प लेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्री विश्वेश्वरैया के जीवन चरित्र पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि प्रकृति एवं मनुष्य निर्मित चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए अभियंताओं को पहल करनी होगी। उन्होंने अभियंता समाज से श्री विश्वेश्वरैया के सिद्धान्तों पर चलने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार गांव एवं शहर में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। इसमें अभियंताओं को पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से जुड़ना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग डाॅ. रजनीश दुबे, उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सीताराम सोनी, श्री कप्तान सिंह, श्री आर.एन. सक्सेना ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता श्रीमती चित्रा स्वरूप सहित कई विभागों के वर्तमान एवं अवकाश प्राप्त अभियंता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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