Posted on 09 August 2012 by admin
]उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पी0सी0डी0एफ0 को लखनऊ में 05 लाख लीटर दूध दैनिक उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट 30 सितम्बर 2012 तक सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि लखनऊ की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना का उद्देश्य किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने का है और इसलिए इस डेयरी की स्थापना में किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने की बात को केन्द्रबिन्दु में रखा जाय।
कृषि उत्पादन आयुक्त आज यहां अपने कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुरूप लखनऊ में सौ एकड़ क्षेत्र में दैनिक 05 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी स्थापित किए जाने के विषय में पी0सी0डी0एफ0 के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होने प्रमुख सचिव दुग्ध विकास श्री बी0पी0 नीलरत्न से कहा कि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यो में दूध उत्पादन के क्षेत्र में काफी बड़ी क्षमता की अत्याधुनिक डेयरियों की स्थापना की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें हरियाणा के जींद और मानेसर में स्थापित हुई 10 लाख और 30 लाख लीटर क्षमता की डेयरियां उल्लेखनीय है। उन्होने कहा कि इन डेयरियों की संरचना और कार्यकलाप को भी ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्य में किसानो और दूध उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है तथा राज्य सरकार डेयरी व्यवसाय मंे बिचैलियों के पनपने के विरुद्ध है, क्योंकि बिचैलिए उपभोक्ता और किसान का फायदा स्वयं खा जाते हैं।
श्री आलोक रंजन ने कहा कि दूध उत्पादक किसान को केन्द्रबिन्दु में रखने के लिए डेयरी के लिए तैयार होने वाले प्रोजेक्ट रिपोर्ट में दूध उत्पादक किसान को संयत्र की स्थापना को किसान एवं दुधारू पशुओं के विकास से जोड़कर परियोजना तैयार की जाय। उन्होने पी0सी0डी0एफ0 एवं पशु पालन विभाग को राज्य में उन्नत किस्म के बछड़ों के पालन और प्रसार के लिए भी योजना बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि दुधारू पशुओं की प्रजाति को क्रांतिकारी ढंग से उन्नत किया जा सके और दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर बढ़ती दूध की मांग को पूरा किया जा सके।
इसके पूर्व पी0सी0डी0एफ0 (दुग्ध विकास विभाग) द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 05 लाख लीटर दैनिक क्षमता के अत्याधुनिक दुग्धशाला की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए चकगंजरिया फार्म को चिन्ह्ति किया गया है। स्थापना के लिए 200 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव था, जिसके सापेक्ष 20 करोड़ रूपये का ऋण प्रावधान किया गया है।
बैठक में विशेष सचिव वित्त श्री अरविन्द नारायण मिश्रा, विशेष सचिव दुग्ध विकास श्री राम बहादुर तथा पी0सी0डी0एफ0 और दुग्ध विकास के अन्य अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 09 August 2012 by admin
छपे मूल्य से अधिक मांगे जाने पर किसान जिलाधिकारी या जिला कृषि अधिकारी को तत्काल बतायें-आलोक रंजन
सरकार को इस आशय की शिकायतंे प्राप्त हो रही हैं कि कुछ चालाक किस्म के उर्वरक व्यवसायी यूरिया की कालाबाजारी में लिप्त हैं तथा अन्य उर्वरकों के बोरे पर छपे हुए मूल्य को मिटाकर उस पर अधिक मूल्य अंकित कर उस पर उर्वरक बेच रहे है। यूरिया उर्वरक की दरें नियंत्रण प्रणाली के अधीन भारत सरकार द्वारा निर्धारित हंै, जिसमें 50 कि0ग्रा0 सामान्य यूरिया की बोरी का मूल्य रू0 300.80 है तथा नीम कोटेड यूरिया का मूल्य रू0 314.82 है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों से अनुरोध किया है कि निजी विक्रेताओं, सहकारी समितियों, यू0पी0 एग्रो, गन्ना संघ पी0सी0एफ0 एवं इफको, कृभकों के उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध यूरिया तथा अन्य उर्वरक बोरे पर अंकित मूल्य को अवश्य देखे कि कहीं छपे हुए मूल्य को मिटाकर विक्रय मूल्य पुनः तो नहीं लिखा गया है। यदि ऐसा है तो तत्काल जनपद के जिला कृषि अधिकारी अथवा उर्वरक कन्ट्रोल रूप कृषि भवन, लखनऊ में फोन नं0 0522-2206925 पर सूचना दें। बोरे पर छपे मूल्य से अधिक मूल्य पर विक्रय किया जाना एक दण्डनीय अपराध है। कतिपय जनपदों में उर्वरक व्यवसाईयों द्वारा यूरिया उर्वरक का अनाधिकृत भंडारण कर कृत्रिम आभाव उत्पन्न किया जा रहा है, ऐसे जनपदों हेतु कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज कर कार्यवाही करायी जा रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रदेश के जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गयी है तथा निर्देश प्रसारित कर दिये गये है कि निजी क्षेत्र के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं, यू0पी0 एग्रो, पी0सी0एफ0, गन्ना संघ एवं इफको, कृभको को उर्वरक गोदामों तथा थोक एवं फुटकर व्यवसाईयों के गोदामों, भण्डारों पर तत्काल छापे की कार्यवाही करायी है तथा नियमित रूप से छापा मारी की कार्यवाही जारी रखी जायेंगी।
प्रदेश में 01.06.2012 से पूर्व उपलब्ध 5.11 मी0 टन डी0ए0पी0 3.25 लाख मी0टन एन0पी0के0, 0.42 लाख मी0 टन एम0ओ0पी0 को पुराने दरों पर ही बेचा जायेगा। उर्वरकों के प्रत्येक बोरे पर अधिकतम बिक्री मूलय छपा रहता है। किसान भाई बोरी पर अंकित उर्वरक मूल्य को देखकर ही भुगतान करें तथा कैश मेमो (पर्ची) अवश्य प्राप्त करें, अतः यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा बोरे पर छपे मूल्य से अधिक की माँग की जाती है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु जनपद के जिलाधिकारी अथवा जिला कृषि अधिकारी/उप कृषि निदेशक को तत्काल सूचित करें, जिससे शासन की अपेक्षानुसार कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक विशेषकर यूरिया उपलब्ध करायी जा सके। यहाँ यह भी आवश्यक है कि उर्वरक विक्रेताओं के यहाँ प्रतिष्ठानों पर नियमित निरीक्षण किया जाता रहे तथा दोषी व्यवसाईयों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
प्रदेश भाजपा की पंचायत प्रकोष्ठ के ग्राम पंचायत को स्वशासन ईकाई बनाने के लिए संघर्ष करेगी। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी पंचायत प्रकोष्ठ की बैठक आज प्रदेश मुख्यालय के माघव सभागार मे सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री लल्लन त्रिपाठी ने किया राष्ट्रीय संगठन मंत्री तथा पंचायत प्रकोष्ठ के प्रभारी हृदयनाथ सिंह प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेई तथा पंचायत प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सहसंयोजक योगेश शुक्ला ने बैठक को अपना मार्ग दर्शन प्रदान किया। बैठक में प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों के अतिरिक्त प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय प्रभारी/विभाग संयोजक तथा जिला संयोजको ने भाग लिया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि भाजपा के समक्ष आज जो भी प्रश्न है उनका उत्तर आपकी सक्रियता से मिलना है। भाजपा अध्यक्ष ने पंचायत प्रकोष्ठ के लोगों से कहा कि मीडिया से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक प्रदेश भाजपा से यही प्रश्न कर रहा है कि लोकसभा चुनावों मे पार्टी को कितनी सीटे मिलेंगी। डा0 बाजपेई ने कहा कि केन्द्र मे एन.डी.ए की सरकार तभी बन सकती है जब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आपकी सक्रियता हो तथा ग्रामीण क्षेत्र का पार्टी को भारी सर्मथन प्राप्त हो। भाजपा अध्यक्ष ने कहा पंचायत प्रकोष्ठ , सहकारिता प्रकोष्ठ तथा किसाान मोर्चा की सक्रियता जितना अधिक बढे़गी उतना ही सर्मथन पार्टी का ग्रामीण क्षेत्र मे बढ़ेगा। भाजपा अध्यक्ष् ने प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं से ग्रामीण और क्षेत्रीय मुद्दो को उन्ही की भाषा मे उठाने की बात कही तथा उन्होंने राष्ट्रवादी ताकतों को आवाहन करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी शक्ति का उदय ग्रामीण भारत से होगा तभी मुस्लिम तुष्टीकरण की सपा की नीति तथा जाति-पांति रूपी कमजोरी को उखाड़कर फेक सकते है।
बैठक को अपने सम्बोधन मे प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लल्लन त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के आम आदमी की बुनियादी सवालों का निदान तभी सम्भव है जब पंचायतो को स्वायत्ता प्राप्त हो तथा संविधान के 74वें संसोधन के अनुरूप प्रदत्त अधिकार पंचायतो को प्राप्त हो। श्री त्रिपाठी ने 30 अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले विशाल पंचायत सम्मेलन की तैयारी की दृष्टि से गोरखपुर क्षेत्र मे 23 अगस्त , ब्रज क्षेत्र 30 अगस्त, अवध क्षेत्र मे 25 अगस्त, काशी क्षेत्र में 26 अगस्त, कानपुर क्षेत्र में 27 अगस्त तथा पश्चिम क्षेत्र मे 28 अगस्त को बैठके र्निधारित की है। जिसमें क्षेत्रीय संयोजक तथा क्षेत्रीय संगठन मंत्री की उपस्थिति का आग्रह किया गया है। इन क्षेत्रीय बैठको मे राष्ट्रय संगठन मंत्री तथा प्रकोष्ठ प्रभारी हृदयनाथ सिंह का भी मार्ग दर्शन प्राप्त होगा। श्री त्रिपाठी ने 01 सितम्बर से लेकर 10 सितम्बर तक जनपद स्तर पर प्रकोष्ठ की बैठक तथा ग्राम प्रधान , जिला पंचायत सदस्य/ बी0डी0सी0 सदस्य/ब्लाक प्रमुखों से संपर्क की सघन योजना बनाई गई है। श्री त्रिपाठी ने बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश से पंचायत सम्मेलन हेतु 25000 से अधिक पंचायत कार्यकर्ताओं के सम्मिलित होने की योजना बनाने का आवाहन किया। प्रकोष्ठ संयोजक ने सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु 11 सदस्यीय प्रदेश/क्षेत्र/जिला समिति बनाये जाने की बात भी कही।
अपने मार्ग दर्शन मे राष्ट्रीय संगठन मंत्री हृदयनाथ सिंह ने ग्राम पंचायतो की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय समाज मे ग्राम पंचायतो की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण रही है। यही कारण है कि गुलामी के बावजूद भी ग्राम पंचायतो ने अपनी संस्कृति, परम्पराएं, न्याय व्यवस्था, सामाजिक ताना तथा आर्थिक श्रोतों को संजोकर रखा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद दुर्भाग्य से पंचायत व्यवस्था उपेक्षित हुई लेकिन पुनः पंचायतो के सशाक्तिकरण हेतु संविधान में संसोधन किए गये। उन्होंने कहा 30 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाला पंचायत सम्मेलन ग्रा0 पंचायतो के प्रशासनिक अधिकार न्यायिक अधिकार, विकास कार्यो मे उनकी भूमिका, ग्राम पंचायतो की स्वायत्ता तथा पंचायतों के आर्थिक श्रोतों को अधिक से अधिक सुदृढ़ किए जाने हेतु अभियान को दिशा देगी।
प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सहसंयोजक योगेश शुक्ला ने अपने मार्ग दर्शन मे कहा कि भाजपा का उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन है और उसका माध्यम सत्ता है। उन्होंने कहा कि 2014 मे दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाने के लिए 10 प्रतिशत मत प्रतिशत हमें बढ़ाना होगा और वह तभी सम्भव है जब ग्राम पंचायतो तक हमारी सघन सक्रियता हो। उन्होंने कहा कि भाजपा ग्राम पंचायतो के स्वायत्ता तथा उन्हे व्यवाहारिक रूप से अधिकारों के हथ्तान्तरण की पुरूजोर सर्मथक है।
बैठक मे प्रमुख रूप से सर्व श्री हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, श्री सुरेन्द्र नारायन सिंह, श्याम सिंह सिसौदिया, मानवेन्द्र वर्मा, जगदीश चैहान, प्रभाकर अवस्थी, ब्रहम्मा यादव, जनार्दन मिश्र, अशोक पाण्डेय, बलवन्त सिंह के अलावा प्रदेश भर के 200 से अधिक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार के भूमि विकास एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास विभाग के मंत्री श्री ओम प्रकाश सिंह ने बताया है कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संग्रह विकास को बढ़ावा देने, वर्षा जल का संचयन करने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने तथा फसलों, मानव एवं पशुधन पर सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए प्रदेश में जल संग्रहण विकास सम्बन्धी परियोजना को लागू किया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 15 जनपदों में यह योजना लागू की गयी है। इसमें ललितपुर, झांसी, जालौन, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, खीरी, इलाहाबाद, मिर्जापुर एवं सोनभद्र जनपद शामिल हैं। इन जनपदों के चयनित साठ विकास खण्डों में भी उक्त योजना को तत्काल संचालित करने एवं उसके निर्धारित मानकों के साथ समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है। प्रदेश के अन्य जनपदों में चरणबद्ध ढंग से इस योजना को लागू किया जायेगा तथा इस योजना से जुड़े अधिकारियों को नियमित समीक्षा करने तथा गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री सुरेष चन्द्रा ने प्रदेष के जिला युवा कल्याण अधिकारियों से कहा है कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में खेलों के आयोजन हेतु भारत सरकार से 9 करोड़ 45 लाख रूपये की धनराषि प्राप्त हो चुकी है जिसमें से प्रदेष सरकार द्वारा प्रावधानित बजट के सापेक्ष तीन करोड़ रूपये की धनराषि को अवमुक्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा खेलों का आयोजन करके धन का उपयोग किया जाये तथा यथा संभव बच्चों को पुरस्कार का वितरण भी किया जायें।
ज्ञातव्य है कि प्रदेष सरकार ग्रामीण स्तर पर खेलों के विकास एवं ग्रामीण बच्चों को अधिक से अधिक खेल की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। युवा कल्याण विभाग पंचायत युवा, क्रीड़ा और खेल अभियान योजना के अंतर्गत 16 वर्ष से कम आयु के बालक/बालिकाओं की समय-समय पर ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन विकास खण्ड, जिला एवं मण्डल स्तर पर किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द सिंह गोप ने बताया है कि प्रदेष में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत ‘ग्रामीण पेयजल नीति निर्धारण’ विषयक एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन शीघ्र ही किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेष में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिषन, पेयजल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन तथा उ0 प्र0 जल निगम द्वारा किया जा रहा है।
श्री गोप ने बताया कि राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिषन का उद्देष्य सामुदायिक सहभागिता पर आधारित परियोजनाओं का क्रियान्वयन करना है। उन्होंने बताया कि मिषन का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर जल आपूर्ति, स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ाना तथा उनकी स्थिरता सुनिष्चित करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
श्री गोप ने बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु राज्य के ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की नीति तैयार करने हेतु अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है तथा उनसे सुझाव मांगे गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
किसानों को उनके उत्पादों का यथोचित मूल्य दिलाने एवं उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्द्धक प्रसंस्कृत उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण नीति का निर्माण कराया जा रहा है।
प्रस्तावित खाद्य प्रसंस्करण मिशन के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्राइमरी, सेकेण्डरी एवं अन्तिम प्रसंस्कृत उत्पादों के प्रोत्साहन के लिये एक समुचित योजना क्रियान्वित की जायेगी। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों तथा उद्यमियों का चयन कर उन्हें परियोजना लागत का 25 से 50 प्रतिशत तक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी, जिसमें केन्द्रांश 75 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत होगा।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के समग्र क्षेत्र में निजी पॅूजीनिवेश को बढ़ावा देना, उद्योग का मार्ग दर्शन करना, सहायता देना एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाकर उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके अतिरिक्त अनाज, फल, सब्जी, दूध, मछली, मांस एवं पोल्ट्री आदि के प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं इनके देश के भीतर एवं बाहर विपणन को प्रोत्साहन देकर उत्तर प्रदेश को एग्रो प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग के क्षेत्र में एक अच्छा ब्राण्ड बनाना है। कृषि खाद्य उपज के भण्डारण, ढुलाई और प्रसंस्करण के लिये बुनियादी सुविधाओं का विकास कराना एवं कृषि उत्पाद के अपव्यय तथा क्षरण को कम करना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में नवीनतम् तकनीकी के उपयोग को प्रोत्साहित कराना, मूल्यवर्धित निर्यात को बढ़ावा देने के लिये नीति समर्थन प्रोत्साहनात्मक पहल और सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फूड सेफ्टी एवं हाइजीन मानकों के अनुसार उत्पादन सुनिश्चित कराना इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के निदेशक पशुपालन डा0 रूद्र प्रताप ने पशुपालकों को सलाह दी है कि वर्तमान मौसम में पशुओं में कई तरह की बीमारियां तेजी से फैलती हैं, जिनसे बचाव के लिये उनका टीकाकरण जरूरी है।
निदेशक पशुपालन ने बताया कि वर्तमान मौसम में पशुओं में लगडि़या रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है अतः उसके बचाव के लिये बी0क्यू0 वैक्सीन का टीकाकरण करायें। इसके अतिरिक्त यह मौसम खुरपका-मुॅहपका रोग के लिये भी संवेदनशील है। अतः उनका एफ0एम0डी0 का टीकाकरण अवश्य करवा लें। इसी प्रकार बड़े पशुओं को गलाघोटू बीमारी से बचाने के लिये उनका एच0एस0 वैक्सीन से टीकाकरण करायें तथा बकरियों की पोकनी रोग से सुरक्षा हेतु पी0पी0आर0 वैक्सीन का टीकाकरण करायें।
डा0 रूद्र प्रताप ने बताया कि वर्तमान मौसम में अन्तः एवं वाह्य परजीवियों का प्रकोप हो जाता है, इसलिये इन परजीवियों की रोकथाम हेतु अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सालय में अपने पशुओं का उपचार करवायें। उन्होंने कहा है कि पशुओं को साफ-सुथरे एवं ऊॅचे स्थान पर बांधा जाय तथा सायंकाल में डांस मक्खी से बचाव हेतु धुंआ किया जाये।
निदेशक पशुपालन ने सलाह दी है कि किसान भाई खरीफ चारे की बुआई का कार्य यथाशीघ्र पूरा कर लें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
किसान खरीफ के मौसम में शाकभाजी उत्पादन के लिए विभिन्न शाकभाजी फसलों की नवीन उन्नतशील प्रजातियों के बीजों का प्रयोग करें। लौकी, सीताफल, तरोई, करेला, टिण्डा एवं खीरे के बीजों की बुआई करें। बैंगन एवं मिर्च की तैयार पौध की रोपाई की जानी चाहिये।
फसल सतर्कता समूह के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार वर्षा कालीन कद्दू वर्गीय सब्जियों यथा लौकी, तरोई आदि लता वाली सब्जियों में अधिक पैदावार व लाभ प्राप्त करने के लिए मचान बनायंे। हल्दी में जल निकासी का विशेष प्रबन्ध करें।
गृह वाटिका हेतु मिर्च के लिए चंचल, पूसा, सदाबहार, आजाद मिर्च एवं अचार के लिए अचार-8 तथा अचार-36 की रोपाई करें। इसी प्रकार गोल बैंगन में पंत, ऋतुराज, हिसार श्यामल, हिसार प्रगति, पूसा अंकुर एवं परपिल राउण्ड की रोपाई करें। बैंगन के लम्बे फलों मे पूसा परपिल लाॅग, पंत सम्राट, आजाद क्रांति, आजाद बी-3, पंजाब बरसाती आदि की रोपाई करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 07 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में उत्पादन तथा प्रति हे0 उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 में किसानों को 53.21 लाख कुन्तल उच्च गुणवत्तायुक्त नई प्रजाति के बीजों का वितरण किया जायेगा। सरकार द्वारा खरीफ में 10.33 लाख कुन्तल बीजों का वितरण किया जा रहा है जो गत वर्ष की तुलना में 2.87 लाख कुन्तल अधिक है। इसी प्रकार रबी में किसानों को 42.88 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग द्वारा बीजों की पुरानी प्रजातियों के स्थान पर नई लाभकारी प्रजातियों के बीज लाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गेहूं में 15 वर्षों से अधिक की प्रजाति के पी0बी0डब्ल्यू0-343, पी0बी0डब्ल्यू0-373 को धीरे-धीरे नई प्रजातियों यथा डी0 बी0 डब्ल्यू0-17, पी0बी0डब्ल्यू0-502, 505, 550 से बदला जा रहा है। इसी तरह धान के अन्तर्गत पुरानी प्रजातियों एम0टी0यू0-7029 तथा सरजू0-52 को नई प्रजातियों, स्वर्णा सब-1 सहभागी तथा संकर प्रजातियों से बदला जायेगा।
प्रदेश में वर्ष 2012-13 में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 536.99 लाख मी0टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 10.20 लाख मी0टन रखा गया है। खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान निःसंदेह उच्च कोटि का है, किन्तु प्रति हे0 उत्पादन की तुलना में हमारी स्थिति अच्छी नही है। कृषि विभाग द्वारा उत्पादकता में वृद्धि लाने के प्रयास के साथ-साथ कृषि विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा गांवों में अच्छी अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी, जिससे गांवों का पलायन रूक सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com