किसानों को उनके उत्पादों का यथोचित मूल्य दिलाने एवं उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्द्धक प्रसंस्कृत उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण नीति का निर्माण कराया जा रहा है।
प्रस्तावित खाद्य प्रसंस्करण मिशन के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्राइमरी, सेकेण्डरी एवं अन्तिम प्रसंस्कृत उत्पादों के प्रोत्साहन के लिये एक समुचित योजना क्रियान्वित की जायेगी। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों तथा उद्यमियों का चयन कर उन्हें परियोजना लागत का 25 से 50 प्रतिशत तक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी, जिसमें केन्द्रांश 75 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत होगा।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के समग्र क्षेत्र में निजी पॅूजीनिवेश को बढ़ावा देना, उद्योग का मार्ग दर्शन करना, सहायता देना एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाकर उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके अतिरिक्त अनाज, फल, सब्जी, दूध, मछली, मांस एवं पोल्ट्री आदि के प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं इनके देश के भीतर एवं बाहर विपणन को प्रोत्साहन देकर उत्तर प्रदेश को एग्रो प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग के क्षेत्र में एक अच्छा ब्राण्ड बनाना है। कृषि खाद्य उपज के भण्डारण, ढुलाई और प्रसंस्करण के लिये बुनियादी सुविधाओं का विकास कराना एवं कृषि उत्पाद के अपव्यय तथा क्षरण को कम करना, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में नवीनतम् तकनीकी के उपयोग को प्रोत्साहित कराना, मूल्यवर्धित निर्यात को बढ़ावा देने के लिये नीति समर्थन प्रोत्साहनात्मक पहल और सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फूड सेफ्टी एवं हाइजीन मानकों के अनुसार उत्पादन सुनिश्चित कराना इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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