Archive | शाहजहाँपुर

वन विभाग टीम ने पकड़ा धान के खेत से मगरमच्छ

Posted on 07 September 2011 by admin

आज से डेढ़ माह पूर्व पुवायां क्षेत्र में एक मगरमच्छ तालाब में देखा गया था जिसकी सूचना वन विभाग टीम को दी गयी थी परन्तु जल टीम ने जाकर जब उस उसे को तलाशा तब वह वहां नहीं मिला। बीते दिनों बाढ़ के बाद पानी घट जाने के कारण यह फिर ग्राम बिजला बदारू के पास एक धान के खेत में पास तालाब में करीब दिन के 11 बजे देखा गया। जिसकी सूचना ग्राम बिजला बदारू के निवासी समर सिंह ने वन विभाग टीम को सूचना दी।
सूचना पाकर तत्काल प्रभाव से डिप्टी रेंजर महेश चन्द्र अपने दल बल के साथ उक्त स्थान पर जा पहुंचे और उन्होंने जब इस मगरमच्छ को देखा तो उनका पसीना छूटने लगा क्योंकि इसकी लम्बाई लगभग 5 से 6 फिट थी परन्तु हिम्मत न हारते हुए उन्होंने अपनी टीम के सहयेाग से बड़ी मशक्कत करने के बाद उसको अपने काबू में करते हुए पकड़ कर गाड़ी पर लादा और फिर अपने कार्यालय पुवायां मंे आये वहां पर एक दो घंटे रोकने के बाद उसको गोमती नदी मंे छोड़ने के लिए खुटार मार्ग से होते हुए गुहईया पुल की ओर रवाना हो गये। डिप्टी रेंजर महेश चन्द्र से जानकारी ली गयी कि इस खतरनाक जीव को कहां किस स्थान पर छोड़ा जायेगा तो उन्होंने बताया कि गोमती नदी पर जाकर मौके की पोजिशन देखकर ही यह निर्धारित किया जा सकेगा कि इसे कहां और कैसे छोड़ा जाये। इस मगरमच्छ को पकड़ने मंे राजेन्द्र पाल, वीरेश सिंह, रामभरोसे, माली, श्याम पाल माली का विशेष सहयोग रहा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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खाता खोलने को शाखा प्रबंधक ने की एक हजार रुपये की मांग

Posted on 07 September 2011 by admin

मनरेगा मजदूरों ने तहसील दिवस मंे की शिकायत

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा गांव-गांव में श्रमिकों को मजदूरी देकर उनको जीविकोपार्जन का एक मुहिक चलाया गया और इसको सफल बनाने एवं श्रमिकों को आसानी से पूरा रुपया दिलाने की योजना अपनाते हुए सरकार ने प्रत्येक मजदूर के शून्ये वैलेंस से बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक मंे खाते खुलवाने के प्रशासन को निर्देश दिये, परन्तु प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही व रिश्वतखोरी के चलते श्रमिक आज भी अपने खाते खुलवाने एवं रुपये लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं पर उनकी समस्या को सुनने वाला कोई भी नहीं हैं क्योंकि उधर से लेकर नीचे तक हर विभाग भ्रष्टाचार की दलदल में डूबा हुआ है।
इसी भ्रष्टता से तंग आकर पुवायां क्षेत्र के ग्राम हरना नगला के मजदूरों ने एक फरवरी 2011 को तहसील दिवस में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक ताकिया पुवायां के शाखा प्रबंधक पर मनरेगा के खाते खोलने के बदले में एक-एक हजार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगने का आरोप लगाया था। जिसको एसडीएम पुवायां ने जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया परन्तु सात माह गुजर जाने के उपरान्त भी श्रमिकों के मनरेगा खाते को खोला गया और न ही शाखा प्रबंधक के ऊपर लगाये गये आरोप पत्र की जांच कराकर कोई कार्रवाई की गयी। जबकि मनरेगा मंे सैकड़ों मजदूरों ने काम किया जिसमें पचासों मजदूरों के खाते न खुले होने के कारण वह अपनी-अपनी मजदूरी से वंचित रहकर अपने परिवारों का पालन पोषण नहंी कर पा रहे हैं। जिसका कारण है कि काम तो वह मनरेगा योजना में करते हैं और खाता न खुलने के कारण पैसा बैंक से नहीं मिलता है। आज आठ माह से यह मजदूर बैंक व ब्लाक के चक्कर काट रहे हैं। पर इनकी सुनने वाला कोई भी नहीं नजर आ रहा है। शाखा प्रबंधक पर रिश्वत का आरोप लगाने वाले राम भरोसे लाल, सत्यदेव, रमेश चन्द्र, मुनीम, अतीक खां, जितेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार आदि लोग शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कांशीराम आवास मंे प्रयोग की जा रही घटिया किस्म की सामग्री

Posted on 07 September 2011 by admin

प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के बारे में गहनता से विचार करते हुए उनको रहने के लिए एक आवास प्रदान करने की नियत से कांशीराम आवास योजना का संचालन किया जिसमें उन्हीं पात्र व्यक्तियों का आवास देने के निर्देश दिये गये जो वास्तव मंे गरीबी रेखा से जूझ रहे हैं और जो कड़ाके की ठंड, तपती धूप एवं वर्षा के मौसम से बचने के लिए एक छत नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए बहन जी ने  यह योजना चलायी और जिसके लिए अरबों रुपये की धनराशि को खर्च करने में लगी हुई और आवासों को निर्माण कराने के लिए उच्च क्वालिटी की सामग्री के प्रयोग को ध्यान में रखते हुए मानक तैयार किया गया और इस मानक के अनुरूप आवासों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी गयी, परन्तु प्रशासन की लचर कार्य प्रणाली, लापरवाही एवं धन प्रलोभनता के कारण आवासों के निर्माण कार्यों में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग ठेंकेदार लोग कर रहे।
पुवायां के सतवां मार्ग  पर इस समय कांशीराम शहरी आवासों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जिसमें नीव मंे अब्बल ईट की रोड़ी की जगह पर पीला व दोम ईंट की रोड़ी का प्रयोग, दीवाल चुनाई मंे आठ एक का मसाला, डीपीसी में छह एक का मसाला और मोरंग थर्ड क्वालिटी की मसालों मंे प्रयोग की जा रही है तथा सरिया डीपीसी में डेढ़ सूत की डालते हैं जबकि तीन सूत की पड़नी चाहिए। इस प्रकार से ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्यों मंे घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग करके प्रदेश सरकार की मंशाओं पर प्रशासन की मिली भगत से ठेकेदार पानी फेर रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बांध के कटने से दहशत का माहौल

Posted on 07 September 2011 by admin

94 गांवों मंे एलर्ट जारी, सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने को कहा

उसैहत में गंगा नदी का बांध कट जाने के बाद क्षेत्र के भैंसार बांध पर मड़रा रहे संकट को लेकर क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल बरकरार। प्रशासन के भी माथे पर बल पड़ गये हैं। जिला प्रशसन के निर्देशों के अनुरुप क्षेत्र के 94 गावों में एलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थनाों पर पहुॅंचने को कहा गया है। पता हो कि मिर्जापुर अल्हागंज, तथा जलालाबाद क्षेत्र के दर्जनों गावों के लोग बीते एक माह से बाढ़ आपदा में अपना सबकुछ खोकर उसके खौफ के साये में जीने को पहले से मजबूर थे कि इसी दोरान रविवार को उसैहत में मौजूद गंगानदी का बांध कट जाने से अब इस इलाके के अलावा कलान क्षेत्र के 94 गावों परे खतरा मण्डरा गया। इस खबर से लोगों के बीच दहशत का माहोैल फैल गया। यह बताना भी जरुररी है कि कलान क्षेत्र में भैंसार बांध की स्थिति पहले से ही खराब थी अब उक्त बांध के टूटने से बढ़े पानी के दबाव ने खतरा और पैदा कर दिया।  जिससे सीमावर्ती गावों के साथ प्रशासन भी हलकान है और भैंसार की सुरक्षा हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास शुरु कर दिया गया। गौरतलब है कि लगातार पानी छोड़े जाने से रामगंगा, बहगुल नदी सहित उसकी सहायक नदियां अभी भी उफान पर हैं। ऐसे में यदि भैंसार बांध पानी के दबाव को न झेल पाया तो सभी नदियां एक होकर भयंकर तबाही का कारण बन जायेंगी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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रामगंगा की तबाही से बचाने को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, तटबंध व पैटूनपुल की मांग

Posted on 06 September 2011 by admin

हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेल रहे मिर्जापुर, कलान व परौर के वाशिन्दे अब इस मुसीबत से आजिज आ चुके तथा अब वह इस से निजात पाना चाहते हैं और इसलिए लगातार अधिकारियों से लेकर सरकार तक इस बाढ़ से छुटकारा दिलाने की मांग कर रहे है। इसी के तहत रामगंगा के किनारे बसे दर्जनों ग्रामों के प्रधानों ने उप जिलाधिकारी जलालाबाद द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बाढ़ पीड़ितों को मदद करने सहित पांच सूत्रीय ज्ञापन भेजा। जिसमें उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र आज भी गरीबी का दंश झेल रहा है। वहीं हर वर्ष रामगंगा द्वारा जो भयानक बाढ़ का मंजर आता है उससे सैकड़ों गांव तबाह हो जाते हैं इसलिए इस भीषण बाढ़ से निपटने के लिए ग्राम परौर, माझा, दहेलिया, घाट पर पीपोका पैटून पुल बनवाया जाये तथा रामगंगा घाट दहिलिया घाट, कुडरी, सोहड़ में एक नाव डाली जिससे किसान पार होकर खेती की देखभाल कर सके। ठण्ड से हुई आश्रितों के आर्थिक सहायता दी जाये तथा केन्द्र पर नियुक्त एनएम अल्पना के कार्यों की जांच कराकर उसका स्थानान्तरण किया जाये वहीं मिर्जापुर से थरिया जरौली से परौर, कुण्डरिया मार्ग तक एक रोडवेज बस चलायी जाये तथा मिर्जापुर से चैाराखेत, जरौली, परौर के पास कटे मार्गों का निर्माण कराया जाये। इस मौके पर ग्राम पंचायत प्रधान दोदपुर ग्राम चैारा बागर, ग्राम भुड़िया तथा कुनिया आजमाबाद सहित दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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वकीलों की हत्या से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने की हड़ताल

Posted on 06 September 2011 by admin

मोहम्मदी में दो अधिवक्ताओं की हुई निर्मम हत्या से जिले के वकीलों में उबाल देखा गया। राजीव सभागार मंे सुबह ही एकत्र होकर जहंा उन्होंने शोक सभा की वहीं बीस लाख रुपये मुआवजे और एसडीएम व तहसीलदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एडीएम को ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन के लिए जाते समय कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर देने पर वकील भड़क गये और कुछ देर के लिए उन्होंने तिराहे पर जाम भी लगा दिया। वकीलों में आक्रोश देख प्रशासन के हाथ पैर तो फूल गये लेकिन हालात पर जल्द ही समझा बुझाकर काबू पा लिया।
बीते दिनों मोहम्मदी कचहरी परिसर मंे लेखपालों द्वारा की गयी फायरिंग से हुई अधिवक्ता प्रदीप दीक्षित व मुकुन्द तिवारी की मौत से भड़के वकीलों ने कचहरी परिसर में न्यायिक कार्य से विरत रहकर राजीव सभागार में शोक सभा की। बाद में ज्ञापन के लिए जाते समय जैसे ही मौजूद पुलिस बल ने कलेक्ट्रेट का गेट बन्द किया वैसे ही वकील भड़क गये और उन्होंने पीडब्ल्यूडी तिराहे पर पहुंचकर जाम लगाना शुरू कर दिया। बवाल की आशंका को देखते हुए अधिकारियों के हाथ पैर फूल गये। मौके की नजाकत को देखते हुए एडीएम ने वहीं पहुंचकर ज्ञापन लेकर अधिवक्ताओं के गुस्से को शंात किया। इस बीच कुछ अधिवक्ताओं ने आम मोटर साइकिल सवारों को दौड़ाया। जाम लगाते समय प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री भी आ गये लेकिन गुस्साये वकीलों की स्थिति देख अवधेश वर्मा कुछ पल रूककर अपनी गाड़ियां तिराहे से वापस ले गये। इस दौरान सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष बृजेश मिश्रा, सचिव जदुवीर सिंह, बसंत लाल खन्ना, राजीव कुमार गुप्ता, एजाज हसन खां, गायत्री प्रकाश अवस्थी, जितेन्द्र गुप्ता, लतीफ खां, कृपा राम मिश्रा, संजय मिश्रा, राकेश मिश्रा, नन्द किशोर अवस्थी, प्रमोद मिश्रा, आलोक द्विवेदी, संजीव शुक्ला, अनिल मिश्रा, अमोघ चन्द्र दीक्षित, देवेन्द्र गुप्ता, राम कुमार राजवंशी, शफीकुद्दीन अंसारी, छेदालाल आदि मौजूद थे। उधर पुवायां में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम से एसडीएम पुवायां को ज्ञापन सौंपा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षक केवल व्यक्ति ही नहीं बल्कि अध्यात्मिक व्यक्तित्व का स्वामी: डा0 सिंह

Posted on 05 September 2011 by admin

5spn-2शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया डा0 राधाकृष्णन का का जन्म दिवस

5spn-1शिक्षक केवल व्यक्ति नहीं वह आध्यात्मिक व्यक्तित्व का स्वामी होता है। जो अपनी आत्मा के प्रकाश से शिष्य के अन्तःकरण को उसी प्रकार प्रकाशित करता है जैसे एक दीप से दूसरा दीप आलोकित किया जाता है।
उक्त वक्त्व्य एम.जे.पी. रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के शिक्षा संकाय के डीन प्रो. एन. पी. सिंह ने व्यक्त किए। प्रो. सिंह आज एस.एस. कालेज में डाॅ. राधाकृष्णन शोध संस्थान द्वारा शिक्षक दिवस पर आयोजित व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि के रूप में ‘‘डाॅ. राधाकृष्णन की शैक्षिक दृष्टि’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व में धर्म और शिक्षा का अनूठा संयोग था। उनकी ये दोनो विशेषताएं उन्हें एक दार्शनिक के साथ शिक्षा शास्त्री के रूप में स्थापित करती हैं। भारतीय ज्ञान और दर्शन की विशेषताएं उनमें दिखाई देती हैं। भारतीय संस्कृति में धर्म जोकि परलोक से जुड़ा है और विज्ञान जोकि संसार के ज्ञान और समझ पर आधारित है वह दोनों दूसरों के कल्याण के लिए इस प्रकार समन्वित हो जाते हैं कि विज्ञान संयमित आचरण करता है और धर्म तार्किक। डाॅ. राधाकृष्णन शिक्षा की पूरी प्रक्रिया को भारतीय आधारों पर आधारित करना चाहते थे। वे चाहते थे कि भले ही शिक्षा का शरीर नवीन विज्ञान और भौतिकता पर आधारित हो परन्तु उसकी आत्मा हर हालत में भारतीय होनी चाहिए। राधाकृष्णन की दृष्टि में शिक्षा का सर्वाधिक मजबूत स्तम्भ आध्यात्म है। उन्होंने आत्मपरीक्षण को आवश्यक मानते हुए श्रद्धा, संयम और समप्रण को मनुष्य के विकास के लिये आवश्यक बताया।
मनुष्य के विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है उसे चरित्रवान होने के साथ रोल माॅडल भी होना चाहिए। उसमें उचित अनुचित, सत् असत् और धर्म अधर्म के बीच अन्तर करने की सामथ्र्य होनी चाहिए।
5spn-3कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि किसान पी.जी. कालेज, बहराइच के बी.एड. विभाग प्रमुख डाॅ. ओ.पी. सोनी ने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन के विचारों में जहां वैचारिक विविधता है वहीं उनका सांस्कृतिक बोध भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आत्मा को शिक्षा के शरीर में स्थापित करता है। राधाकृष्णन के अनुसार जबतक भारतीय शिक्षा और शैक्षिक परिसरों में भारत की आत्मा प्रविष्ट नहीं होगी तब तक गहन ज्ञान के लक्ष्यों, चिन्तन के नवीन लक्ष्यों और मानव कल्याण की ओर उन्मुख शिक्षा का परिवेश निर्मित करना सम्भव नहीं होगा। अगर हम दुनिया के इतिहास को देखें तो पायेंगे कि सभ्यता का निर्माण उन महान ऋषियों और वैज्ञानिकों के हाथों से हुआ है जो स्वयं विचार करने की सामथ्र्य रखते हैं, देश और काल की गहराइयों में प्रवेश करते हैं, उनके रहस्यों का पता लगाते हैं और इस तरह से प्राप्त ज्ञान का उपयोग विश्वश्रेय या लोक कल्याण के लिए करते हैं। राधाकृष्णन की दृष्टि में विश्वविद्यालयों की आस्था मनुष्य की अज्ञेय आत्मा में होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे विद्वानों और साहित्यकारों को बिना बाधा के अध्ययन-अनुशीलन की पूरी सुविधा दें। उन्हें चाहिए कि वे प्रत्येक विद्याध्ययन करने वाले अभ्यासी को अपने मानदण्ड के अनुसार अपने सत्यान्वेषण को वहाँ तक ले जाने का पूरा अवसर दें जहाँ तक उनकी बुद्धि, कल्पना और ईमानदारी उसे ले जा सकती है। कोई भी आजादी तब तक सच्ची न प्राप्त हो। किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धान्त को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला स्काउट मुख्यायुक्त एवं दैवीय सम्पद इण्टर कालेज के प्रबन्धक सन्तोष कुमार पाण्डेय ने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन का भारतीय शिक्षा से लगाव जीवन पर्यन्त था। वे शिक्षा की स्वायत्ता कट्टर समर्थक थे। अपने भाषणों में शिक्षा संस्थाओं को मनुष्य के निर्माण और उपकरण मानते हुए कहते थे कि विद्यालयों को समाज के भविष्य को महान बनाने के लिए भारतीय की प्राचीन समृद्ध संस्कृति का उपयोग करना चाहिए। वे चाहते थे कि विश्वविद्यालय मानवातवाद, सहिष्णुता और सत्य की साहसिक खोज के अनवरत कार्य में लगें।
कार्यक्रम के शुभारम्भ पर अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मान महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के सचिव सुरेश सिंघल ने किया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया। एस.एस.एम.वी. की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना तथा गुरूवन्दना की। स्वागत भाषण प्राचार्य डाॅ. अवनीश मिश्र ने दिया। व्याख्यान माला में विषय का प्रवर्तन एम.एड. की छात्रा कु. नेहा मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ. के.के. शुक्ल, प्रादेशिक स्काउट संगठन कमिश्नर श्रीमती कामिनी श्रीवास्तव, डाॅ. रंजना प्रियदर्शिनी, डाॅ. रेनू शर्मा, डाॅ. सतेन्द्र पाठक, आर.डी. अग्रवाल, अनिल मालवीय, डाॅ. अनुराग अग्रवाल, डाॅ. एम.एस. शुक्ल, डाॅ. एम.के. वर्मा, डाॅ. प्रभात शुक्ल, शोध संस्थान की निदेशक डाॅ. मीना शर्मा, डाॅ. आदर्श पाण्डेय, डाॅ. रमेश चन्द्रा, डाॅ. हरिचरण यादव, अरविन्द शुक्ल, बलराम बाजपेई सहित मुमुक्षु शिक्षा संकुल की पांचों शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रशान्त अग्निहोत्री ने किया तथा आभार सुरेश सिंघल ने व्यक्त किया।
वहीं शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न संगठनों ने शिक्षकों का सम्मान किया। इस दौरान समाज में शिक्षकों के योगदान पर चर्चा हुई।
रोटरी क्लब और इनरव्हील सिटी ने शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन एक स्थानीय होटल में किया। मुख्य अतिथि शहर विधायक सुरेश कुमार खन्ना का स्वागत रोटेरियन अमिताभ बेरी ने माल्यार्पण करके किया। विशिष्ट अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक श्यामा कुमार मौजूद रहे। इस मौके टीचर्स सुरेश चंद्र गुप्ता, सुषमा गुलहरी, आशाकिरन यदुवंशी व परमेश्वरी देवी लाहोरी का सम्मान किया गया। माल्यार्पण के बाद इन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। वहीं पूजा वर्मा, पूनमरानी, पूजा भार्गव, अकील अहमद, सुषमा सक्सेना भी सम्मानित हुए। संयोजक रोटेरियन पंकज भार्गव, अध्यक्ष निर्मल कुमार, सचिव केपी सक्सेना, नवनीत पाठक, अमिताभ बेरी, रमेश, राजीव भारती आदि उपस्थित रहे।
उधर इनरव्हील क्लब द्वारा सदस्य रीमा खन्ना के आवास पर आयोजित समारोह में दो शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। क्लब सदस्यों ने अध्यापिका श्रीमती साइमन व मधुरिमा श्रीवास्तव को शॉल ओढ़ाकर व साड़ी भेंटकर उनका सम्मान किया। इसके बाद क्लब के सदस्यों ने अध्यापिकाओं के व्यक्तित्व पर रौशनी डाली। कार्यक्रम में रागिनी कपूर, अलका अरोरा, रेनू अरोरा, आदर्श सक्सेना, मंजू गर्ग, मिथला अंचल सीमा वर्मा आदि उपस्थित थीं।
इसके अलावा जीआईसी में लायंस क्लब ‘श्रेष्ठ’ ने शिक्षिकाओं का सम्मान किया। प्रधानाचार्या वंदना यादव, उपप्रधानाचार्या कुसुमलता सारस्वत, दर्शन कपूर, पीडी लाहौरी को उनकी सेवाओं के लिए सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही पांच बच्चों को उनकी सालभर की फीस व ड्रेस प्रदान की गई। इस अवसर पर डा.अमित सिंह, डा.नमिता सिंह, मधु कपूर, राहुल वर्मा, अलका वर्मा, धर्मपाल रैना, प्रिया रैना, आशा सहगल आदि उपस्थित रहे। भारत विकास परिषद की मैत्री शाखा द्वारा एसएस कालेज के शिक्षक कृष्ण कुमार वर्मा व सुदामा इंटर कालेज की प्रधानाचार्या शशि खरे को सम्मानित किया गया। इस मौके पर सुनीता तुली, वंदना गुप्ता, नेहा बहल, अपर्णा सक्सेना, ज्योति ग्रोवर, रुचि गुप्ता, अनिल बहल , अमृतलाल आदि उपस्थित थे। भारत विकास परिषद की महिला शाखा ने डा.सारिका अग्रवाल व सुरैया खान अध्यापिकाओं का सम्मान किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नारी सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय कथक संस्थान की प्रस्तुति पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

Posted on 05 September 2011 by admin

नारी जीवन के विभिन्न पहलुओं को छुआ ‘आह्वान’’ बैले ने
तबले की थाप, घुंघरुओं की खनक पर झूम उठे कला प्रेमी
नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव के घुंघरुओं ने दिया तबले की हर थाप का जवाब

4spn9एक लंबे अन्तराल के बाद जनपद में एक ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसको देखकर कला प्रेमियों का मनमयूर नाच उठा। जिसकी महक कला प्रेमियों के जेहन में काफी समय तक महसूस की जाएगी।
राष्ट्रीय कथक संस्थान की पहल पर लखनऊ घराने की प्रख्यात नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव के शास्त्रीय संगीत पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन यहां स्थित गांधी भवन सभागार में किया गया। बाहर मौसम खुशगवार था तो सभागार में तबला और घुंघरुओं की झंकार तालियां बटोर रही थीं। हल्की बूंदाबांदी के बीच जुटे संगीत प्रेमी सांसें थामें कथक की अदा को देखते, समझते और महसूस करते रहे। लगभग डेढ़ घंटे की शानदार प्रस्तुति से दर्शक पहले कथक पर आधारित बैले नृत्य और बाद में ठेठ कथक से सराबोर होते रहे।
घरों में पति-पत्नी के बीच तकरार सभी ने देखी और सुनी है, लेकिन शनिवार की रात जो तकरार विकास मिश्रा और उनकी पत्नी के बीच हुई वह अनूठी ही थी। विकास के तबले की थाप ने जो प्रश्न छोड़े उसे उनकी पत्नी आकांक्षा ने अपने घुंघरुओं के माध्यम से करारे जवाब दिए। हर सवाल का जवाब था आकांक्षा के घुंघरुओं के पास। शास्त्रीय संगीत की धारा अविरल रूप से बहती रही और दर्शक मंत्रमुग्ध होकर तालियां बजाते रहे। आकांक्षा ने कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान शंकर की स्तुति से की। इसके बाद लखनऊ घराने की प्रख्यात थाप, जुगलबंदी और सावन के गीतों का समावेश लोगों को अंदर तक झकझोरता रहा। संगत में पंडित धर्मनाथ मिश्र ने जहां अपने गले का जादू चलाया वहीं विकास मिश्रा ने तबले पर अमिट छाप छोड़ी, दीपक मिश्र ने वायलन पर कमाल दिखाया।
राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ के बैनर तले हुए कार्यक्रम के आरंभ में सरिता श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में नारी सशक्तिकरण पर आधारित बैले प्रस्तुति ने संगीत प्रेमियों को झझोड़कर रख दिया। लगभग डेढ़ दर्जन महिला कलाकारों ने कथक पर आधारित इस प्रस्तुति के माध्यम से नारी के जन्म से लेकर हर पहलू का रोचक चित्रण मंच पर उतारा। कभी तालियों से सभागार गूंजता तो कभी दर्शक इतना भावुक हो जाते कि वह भूल जाते कि कलाकारों का उत्साहवर्धन भी करना है।

4spn6_1जनम लियो है कन्या घरों में खुशियां आईं, मोरा सइयां मोसे बोले न, मेरे मौला करम हो करम, अब जो कियो दाता ऐसो न कीजो, अबकी बरस मोहे बिटिया न कीजो जैसे गीतों पर ठिठक कर रह गए कला प्रेमी। पुरुष प्रधान समाज में नारी की दुर्दशा और पग-पग पर दुख, व्याकुलता, तड़प, तिरस्कार आदि का सामना करने वाली नारी की पीड़ा उजागर करता बैले लोगों के सिर चढ़कर बोला। इसका समापन एक समाज सुधार और नारी के सशक्त बनने के संकल्प के साथ किया गया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी नवदीप रिणवा, पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा, एसडीएम इंद्रमणि त्रिपाठी समेत बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद रहे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभांरभ व्यापारी नेता चंद्रवीर गंगू और युवा रंगकर्मी आलोक सक्सेना ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संचालन विजेता श्रीवास्तव ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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फिल्म के माध्यम से समाजसेवा को बढ़ावा देना उद्देश्य: दीपक सक्सेना

Posted on 05 September 2011 by admin

अपनी फिल्म ‘उत्थान’ को गोवा महोत्सव में शामिल कराना चहते हैं दीपक

4spn11कला के क्षेत्र में उर्वरा समझी जाने वाली जनपद की माटी से एक और नाम निकलकर सामने आया है। यह नाम है दीपक कुमार सक्सेना का। उन्होंने राम क्रिएटिव आर्ट्स के बैनर तले अपनी ही स्क्रिप्ट पर फिल्म का निर्माण शुरू किया है।
श्री सक्सेना शनिवार को मीडिया से रूबरू हुए और बताया कि वह अपने ही निर्देशन में वर्किंग टाइटिल फिल्म ‘उत्थान’ की 70 प्रतिशत शूटिंग पड़ोसी जनपद पीलीभीत में पूरी कर चुके हैं और शेष 30 फीसदी की शूटिंग वह शाहजहांपुर और मुंबई में करना चाहते हैं।
उन्होनें कहा कि उनका उद्देश्य फिल्म के माध्यम से समाजसेवा को बढ़ावा देना है। फिल्म एक गरीब असहाय युवक के इर्द गर्द घूमती है और इसी बीच कई घटनाचक्रों को जन्म देती है। जिसमें समाज की कई बुराईयों और अच्छाईयों समेंत नौटंकी, ढोला आदि को भी शामिल किया गया है।ं उन्होंने बताया कि नौटंकी और ढोला जैसी विद्या को लोग भूलते जा रहे है और नई पीढ़ी इसे जानती तक नहीं है। जिससे इस विलुप्त होती विधा से लोग परिचित हो सकें। उनका कहना है कि अभिनेता राजपाल यादव सहित कई नामचीन फिल्मी हस्तियों ने उनकी फिल्म को देखा और सराहा है।
श्री दीपक ने कहा कि वह फिल्म का निर्माण अतिशीघ्र पूरा कर गोवा महोत्सव में उसे शामिल कराना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म में फिल्म और टीवी जगत के कई मंझे कलाकार काम रहे हैं। फिल्म के मुख्य किरदारों में विजय शुक्ला, रिचा गुप्ता, ऋतु शर्मा, दिनेश शर्मा आदि शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विकास भवन सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक

Posted on 05 September 2011 by admin

पेंशन और छात्रवृत्ति की राशि सीधे खातों में भेजें
मानक के अनुरूप समयसीमा में पूरा करें कार्य:डीएम
जनकल्याणकारी योजनाओं का सत्यापन जरूरी

डीएम ने विकास कार्यों को मानक के अनुरूप समय सीमा के भीतर पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का सत्यापन करने के बाद ही लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराने के निर्र्देश दिए हैं। उन्होंने कार्य में शिथिलता बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
विकास भवन सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए डीएम नवदीप रिणवा ने कहा कि सभी अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के निष्पादन एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए निश्चित समय में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को इंदिरा आवास, महामाया योजना आदि से सौ फीसदी कवर करने के निर्देश दिए। सीसी रोड, केसी ड्रेनेज और संपर्क मार्ग के साथ ही बिजली सप्लाई मानक केअनुरूप किए जाने के निर्देश दिए।
श्री रिणवा ने स्वच्छ शौचालय, प्राथमिक सामुदायिक केंद्रों के निर्माण और विभिन्न पेंशन एवं छात्रवृत्ति का सत्यापन करने केबाद ही वितरण करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बीएसए, समाज कल्याण अधिकारी, विकलांग कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी एवं प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि पेंशन एवं छात्रवृत्ति सहित सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का सत्यापन करने के बाद ही लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराएं। छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि विद्यालय के खातों में न भेजकर सीधे उनके खातों में भेजने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंनेफर्जी छात्रवृत्ति को जंाच के बाद भी मास्टर डाटा में फीड किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सभी उपजिलाधिाकारियों को निर्देश दिए कि पट्टाधारकों का सत्यापन करने के बाद ही पट्टा आवंटन करने और अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डीएसओ से कहा कि गोदामों से खाद्यान्न का उठान समय से कराने और नामित अधिकारियों से उसका सत्यापन कराया जाए। शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी वितरण व्यवस्था पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने सामुदायिक केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों में जहां बिजली कनेक् शन नही हैं, वहां एक सप्ताह के भीतर कनेक् शन कराने के निर्देश बिजली विभाग के अधिशासी अभिंयता को दिए। साथ ही गांवों में खड़ंजा लगाने के निर्देश बीडीओ को दिए हैं। बैठक मेंसीडीओ मुरली मनोहर लाल, एडीएम प्रशासन ओपी राय, सीएमओ डा. केके कटियार, डीडीओ एके अग्रवाल के अलावा विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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