एचडीएफसी एर्गो जनरल इंष्योरेंस कंपनी, लखनऊ के क्लाक्र्स अवध में आयोजित होने वाले इंटरनेषनल आर्ट रेसीडेंसी प्रोग्राम ‘‘आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स‘‘ को प्रयोजित कर रही है। इस प्रोग्राम का आयोजन 26-31 अक्टूबर 2014 तक किया जायेगा। कला एवं तहजीब के शहर में रेसीडेंसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बांग्लादेष और भारत के पेंटरों की मेजबानी करेगी।
कला के प्रति जागरुकता, सार्वजनिक जानकारी, समझ और सराहना में बढ़ोत्तरी के कारण कलात्मक वस्तुओं के मूल्य में पिछले कुछ वर्षों में अद्भुत वृद्धि देखने को मिली है। फाइन आर्ट, एंटीक फर्नीचर, संगीत उपकरण, मूर्तियों व अन्य महत्वपूर्ण संग्रहणीय वस्तुओं को संपदा के रूप में देखा जाने लगा है। इनके मूल्य मंे लगातार वृद्धि हो रही है। बीते कुछ वर्षों में भारतीय कला बाजार में 500 प्रतिषत से अधिक की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। पेंटिग्स एवं एंटीक्स जैसी कलात्मक वस्तुओं के बढ़ते दामों के मद्देनजर, इन मूल्यवान वस्तुओं का बीमा कराना अनिवार्य हो गया है। इसलिए, भारत में कला के शौकीनों में आर्ट इंष्योरेंस नामक अवधारणा जोर पकड़ रही है। इसमें व्यक्तियों के साथ-साथ काॅर्पोरेट भी शामिल हैं।
बाजार के सामथ्र्य पर चर्चा करते हुये श्री रितेष कुमार, प्रबंध निदेषक एवं सीईओ, एचडीएफसी एर्गो ने कहा, ‘‘कला भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और भारत को कला से अलग करना कठिन है। कला के कई रूप लुप्त होने के कगार पर हैं, ऐसे में कला के शौकीन, जो भी कुछ शेष रह गया है, उसके संरक्षण को लेकर सजग हो गये हैं। इसलिए, आर्ट इंष्योरेंस कला के कारोबारियों के लिए उपयुक्त संरक्षण उत्पाद है। मूल्यवान कलात्मक वस्तुओं की भारी संख्या को देखते हुये, भारत में बीमा करने योग्य कला का मूल्य लगभग 1 बिलियन डाॅलर (6000 करोड़ रूपये) है। चूंकि, हम संरक्षण के व्यवसाय में संलग्न हैं, हमारा दृढ़ विष्वास है कि सभी रूपों में कला की सुरक्षा की जानी चाहिये। इस परिसर में एचडीएफसी एर्गो आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स के साथ सहयोग कर रहा है।‘‘
आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स का आयोजन सीमा पार कला का उत्सव मनाने के लिए किया जाता है। बांग्लादेष और भारत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात कलाकार रेसीडेंसी में अपने विषिष्ट कार्य का प्रदर्षन करेंगे। बांग्लादेष के पेंटरों में रफीकुन नबी, शहाबुद्दीन अहमद, जमाल अहमद, निसार हुसैन, रूकैया सुल्ताना, कनकचम्पाचकमा, मोनिरूज्जमान, शम्सोद्दोहा, शेख अफजल, रंजीत दास, कुहू पलमोंदन और सुलेखा चैधरी शामिल हैं। अपनी कला का प्रदर्षन करने वाले भारतीय कलाकारों में धीरज चैधरी, तपन मित्रा, जतिन दास, आर बी भास्करन, सुदीप राॅय, प्रणाम सिंह, सीमा कोहली, आनंदमय बनर्जी, सुषांत गुहा, अपर्णा कौर, बृंदा मिलर और सपन दास शामिल हैं।
मषहूर भारतीय पेंटर श्री जतिन दास ने कहा, ‘‘लखनऊ शहर की कला के विविध रूपों में लंबी परंपरा रही है, इसलिए आर्ट रेसीडेंसी के आयोजन के लिए यह आदर्ष स्थान है तथा एचडीएफसी एर्गो जैसी प्रतिष्ठित कंपनी से अनुमोदन इस प्रोग्राम को सुदृढ़ साख प्रदान करता है।‘‘ रेसीडेंसी की समाप्ति के बाद फाइनल प्रदर्षनी का आयोजन नई दिल्ली में हैबिटैट विजुअल आर्ट गैलरी में किया जायेगा।
कला की विषाल धरोहर के बावजूद, आर्ट इंष्योरेंस भारत में अभी भी नयी अवधारणा है। ठेठ आर्ट इंष्योरेंस परिवहन, रिस्टोरेषन एवं फ्रेमिंग के दौरान होने वाले जोखिम को कवर करता है। गैलरी परिसर में कलात्मक वस्तुओं के प्रबंधन में कई सारे जोखिम होते हैं, जिन्हें बीमा में कवर किया जा सकता है। यह प्राकृतिक आपदा, अप्रत्याषित नुकसान और आतंकवादी नुकसान के प्रति भी कवर विस्तारित करता है।
एचडीएफसी एर्गो द्वारा भारत में कला के शौकीनों के लिए आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी के रूप में बीमा की पेषकष की जाती है। इसे काॅर्पोरेट कलेक्टर्स, व्यक्तिगत कलेक्टर्स (कला के घोर समर्थक एवं पहली बार के खरीदार), फाइन आर्ट डीलर्स, म्यूजियम, एंटीक डीलर्स और कला प्रदर्षनियों की जरूरतों की पूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है। एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी बीमित संपदा को व्यापक संरक्षण प्रदान करती है। इसमें बीमित संपदा का भारत में परिवहन भी शामिल है।
एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी के अंतर्गत कवरेज में किसी भी कारण से कोई भी अप्रत्याषित एवं अचानक हुआ भौतिक नुकसान शामिल है। यह पाॅलिसी ‘वाॅल टु वाॅल‘ आधार पर इधर-उधर करने, कारोबार अथवा पेषे के उद्देष्य के लिए उल्लिखत शेड्यूल में क्षेत्रीय सीमा में भंडारण समेत परिसर में प्रदर्षन के दौरान बीमित संपदा को भी कवर करती है।
आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी का प्रीमियम सम इंष्योर्ड, कला के प्रकार (एंटीक फर्नीचर, संगीत वाद्य, मूर्तियों), परिसर में उपलब्ध सुरक्षा उपाय, कवरेज, भौगोलिक सीमाओं और कलेक्टर के प्रकार जैसे घटकों पर निर्भर करता है।
अतिरिक्त प्रीमियम के लिए, एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी को निम्नलिखित कवर में विस्तारित किया जा सकता है:
ऽ डिफेक्टिव टाइटल
ऽ स्वतः बहाली
ऽ ताले-चाबी का रिप्लेसमेंट
ऽ अस्थायी भंडारण लागत
ऽ प्रदर्षनी कवरेज
श्री रितेष कुमार ने कहा, ‘‘धनाढ्य लोगों एवं युवा उद्यमी जोकि कला को निवेष अवसर के रूप में देखते हैं तथा भारतीय आर्ट वर्क कलेक्टर्स के चलन में बढ़ोतरी कला बाजार में विकास के मुख्य संचालक हैं। एचडीएफसी एर्गो का आर्ट इंष्योरेंस इस बढ़ते वर्ग के लिए एकदम उपयुक्त उत्पाद है।‘‘
एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विषय में:
एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड देश की अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस संस्थान एचडीएफसी लिमिटेड तथा म्युनिक रे ग्रुप की अग्रणी बीमा कंपनी एर्गो इंटरनेशनशल एजी के बीच का संयुक्त उपक्रम है। इसमें दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत तथा 26 प्रतिशत है। एचडीएफसी इर्गो मोटर, हेल्थ, ट्रैवल से लेकर खुदरा क्षेत्र में होम एवं पर्सनल एक्सीडेंट के आम बीमा उत्पादों से लेकर काॅर्पोरेट क्षेत्र में प्राॅपर्टी, मरीन, लाएबिलिटी इंष्योरेंस जैसे विषिष्ट रूप से निर्मित उत्पादों की सम्पूर्ण श्रृंखला की पेषकष करती है।
एचडीएफसी एर्गो देशव्यापी स्तर पर अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है और वर्तमान समय में 89 शहरों में इसके 108 शाखा कार्यालय कार्यरत हैं और इसके कर्मचारियों का आधार 1900 से अधिक है। कंपनी के नेटवर्क का दायरा काफी व्यापक है, जिसमें ब्रोकर्स, रीटेल एवं काॅरपोरेट एजेंट्स, बैंकाएश्योरेंस के साथ-साथ कंपनी का अपना सेल्स फोर्स भी शामिल है। एचडीएफसी एर्गो को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा द्वारा ‘आईएएए‘ की रेटिंग प्रदान की गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि कंपनी अपनी देनदारियों को चुकाने में सक्षम है। कंपनी को इसके दावा निपटान कार्यक्रमों के लिये आईएसओ प्रमाण पत्र भी प्राप्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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