Posted on 13 June 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के नाॅर्थ-साउथ काॅरीडोर के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कई निर्णय लिए हैं, जिनमें नाॅर्थ-साउथ काॅरीडोर के एलीवेटेड सेक्शन में यू-गर्डर वायडक्ट के डिजाइन हेतु सिंगल टेण्डर व डिपों के डिजाइन हेतु लिमिटेड टेण्डर के आधार पर डिटेल्ड डिजाइन कंसल्टेण्ट (डी.डी.सी.) का चयन तथा डी.डी.सी. द्वारा तैयार की गई डिजाइन व मवैया रेलवे क्राॅसिंग पर विशेष स्पान के डिजाइन की प्रूफ चेकिंग हेतु लिमिटेड टेण्डर के आधार पर प्रूफ चेकिंग एक्सपर्ट के चयन की अनुमति प्रदान कर दी है।
नाॅर्थ-साउथ काॅरीडोर के प्रथम चरण में कार्य प्रारम्भ कराने हेतु प्राथमिक सेक्शन (ट्रांस्पोर्ट नगर से चारबाग तक) पर सिविल कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण तथा प्राप्त निविदाओं के परीक्षण हेतु दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन को लखनऊ मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन की ओर से अधिकृत करने का फैसला भी किया गया है। साथ ही निविदा प्रक्रिया में राज्य सरकार के नियमों के स्थान पर दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन के नियमों का पालन करने की अनुमति दी गई है। इसके अतिरिक्त पूर्ण मेट्रो रेल परियोजना हेतु एक ही प्रकार के वित्तीय नियमों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही करने तथा आज लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को आवश्यकतानुसार संशोधन/परिवर्द्धन करने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का फैसला भी लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रोजेक्ट को-आॅर्डिनेशन यूनिट, यू.पी. डास्प को प्रदेश में कृषि विविधीकरण संबंधी कार्यों को क्रियान्वित करने हेतु नोडल एजेंसी नामित करने का फैसला लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के कृषकों को पारस्परिक अन्न आधारित खेती के अतिरिक्त अन्य विविध कृषि आधारित उत्पादों को अपनाकर कृषक की आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ-साथ कृषकों/उत्पादकों में उद्यमिता विकास तथा प्रभावी बाजार हस्तक्षेप क्षमता विकसित कर उनकी आय में वृद्धि करने के लिए वर्तमान समय में कृषि विविधीकरण एक अनिवार्य आवश्यकता है। अतएव कृषि विविधीकरण संबंधी कार्यों की सतत् आवश्यकता के दृष्टिगत इससे संबंधित कार्यों को सम्पादित कराने हेतु यह निर्णय लिया गया है।
इस फैसले से राज्य में कृषि विविधीकरण संबंधी परियोजनाओं का गठन, नियोजन व क्रियान्वयन संबंधी कार्य प्रोजेक्ट को-आॅर्डिनेशन यूनिट, यू.पी. डास्प द्वारा किया जाएगा। राज्य एवं भारत सरकार व अन्य एजेंसियों की वे स्वीकृत परियोजनाएं/योजनाएं, जिनका स्वरूप कृषि विविधीकरण का होगा, प्रोजेक्ट को-आॅर्डिनेशन यूनिट व इसकी जनपद इकाईयों के माध्मय से क्रियान्वित की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 13 June 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा प्रदान करने का फैसला लिया है। इस फैसले से मत्स्य पालन में पूंजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा उत्पादन लागत में कमी आएगी। उपलब्ध जल संसाधनों का मत्स्य पालन हेतु अधिकाधिक उपयोग होने पर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक बढ़ोत्तरी से मत्स्य विकास को बल मिलेगा एवं प्रदेश मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा। विपणन व मूल्यवर्धित मत्स्य उत्पादों से स्थानीय रोजगार के ज्यादा अवसर उपलब्ध होंगे। मत्स्य पालकों को कृषि दर की भांति जलापूर्ति एवं विद्युत आपूर्ति होने से उत्पादन बढ़ने तथा उत्पादन लागत घटने से मत्स्य पालकों को ज्यादा आर्थिक लाभ होगा।
अनुदानित ब्याज दरों पर मत्स्य पालन हेतु जल कृषकों को ऋण प्राप्त होगा, जिसका सकारात्मक प्रभाव मत्स्य उत्पादन पर होगा। दैवीय आपदा एवं अन्य जनित हानि से मत्स्य पालकों को कृषि की भांति मत्स्य उत्पाद की क्षति की दशा में बीमा सुरक्षा का आच्छादन तथा विपणन आदि में कृषि की भांति प्रोत्साहन से मत्स्य पालकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। तालाबों के पंजीयन में स्टाम्प शुल्क की अनिवार्यता समाप्त हो जाने से मत्स्य पालकों को अनावश्यक व्यय भार से मुक्ति मिलेगी और कृषि क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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