Posted on 12 October 2012 by admin
नवाबों के शहर लखनऊ की गति कुछ थम सी गयी जब बाॅलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री प्रीती जिन्टा गीतांजली ज्वैलर्स लखनऊ पहुंची। इस खूबसूरत अभिनेत्री ने ’अनन्या’ नाम के कलेक्शन को जोकि आने वाले त्योहारों के लिए खास बनाया गया है उसको सबके सामने पेश किया। प्रीती जिन्टा अपनी जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ’इश्क इन पेरिस‘ का प्रमोशन भी कर रहीं हैं। अभिनेत्री प्रीती जिन्टा ने बताया कि जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘इश्क इन पेरिस‘‘हिन्दी सिनेमा की पहली फिल्म है जिसकी पूरी शूटिग पेरिस में हुई है। इस मौके पर गीतांजली ज्वैलर्स उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचालन प्रबन्धक श्री सौरभ श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
गीतांजली ज्वैलर्स का ‘अनन्या‘ कलेक्शन में 18 कैरेट हीरे और मंहगे रत्नों को लेकर हाथ से बनाये गये आभूषण हैं, आभूषणों में पत्थरों की खास तरह से की गयी सेटिंग इन्हे डिजाइनर ज्वैलरी का रूप देती है। इस कलेक्शन के प्रोडक्ट अलग डिजाइन कान्सेप्ट है जोकि उसे आम आभूषणों से अलग बनाती है। इस कलेक्शन में त्योहार के मौके को और खूबसूरत बनाने के लिए विभिन्न तरह की श्रेणियांे और शैलियों उपलब्ध है।
इस मौके पर सौरभ श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचालन प्रबन्धक ने कहा,’’ हमारा नया अन्नया कलेक्शन बहुत खास है और सुन्दरता, पवित्रता और ताकत को दर्शाता है जोकि आज की नारी के गुण है। हमें बहुत खुशी है कि प्रीती जिन्टा जी ने इस नये कलेक्शन को आप सबके सामने पेश किया क्योंकि वे इस कलेक्शन के लिए बिलकुल उपयुक्त है हम उनकी जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘इश्क इन पेरिस‘‘ के लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएं देते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 10 October 2012 by admin
पुरवइया इंटरटेनमेंट की भोजपुरी फिल्म प्रेम विद्रोही की शूटिंग मंगलवार को बक्षी के तालाब क्षेत्र में की गई। इसमें भोजपुरी फिल्मों के नायक रवि किषन ने फिल्म में नायक की भूमिका अदा करते हुए खलनायक बने शक्कू राणा की जमकर ठुकाई की। बाजार में तोड़-फोड़ और केबिल की सहायता से की गई मारपीट देखने बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
अंजनी कुमार उपाध्याय और राजेष जायसवाल के निर्माण में बन रही इस फिल्म के निदेषक सनोज मिश्रा हैं। मारपीट के दृष्य फाइट मास्टर दिलीप के यादव के निर्देषन में फिल्माए गए। इसमें केबिल की मदद से दृष्यों में फोर्स लाया गया। बक्षी के तालाब के पास लगाए गए बाजार के सेट पर जबरदस्त मारपीट हुई। इसमें खलनायक की हत्या हो जाती है। इसके बाद खलनायक बने शक्कू के पिता बने अवधेष मिश्रा अपने लाव लष्कर के साथ वहां पहुंचते हैं। यह फिल्म का क्लाइमेक्स सीन रहा। अवधेष फिल्म में गृहमंत्री की भूमिका निभा रहे हैं। इस मौके पर उमड़े प्रषंसको को रवि किषन ने निराष नहीं किया और उन्हें आॅटोग्राफ दिए और तस्वीरे खिचवाईं। सह निदेषक धनंजय प्रताप सिंह के अनुसार फिल्म में सुरेन्द्र पाल सिंह, संगीता तिवारी, बाबी डार्लिंग, पुष्पा वर्मा, सीमा सिंह, कषिष गायकवाड़ अभिनय कर रहे है। एक से इक्कीस अक्टूबर तक इस फिल्म की शूटिंग लखनऊ और आसपास की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 10 October 2012 by admin
पुरवइया इण्टरटेनमेण्ट के बैनर तले निर्माणाधीन भोजपुरी फिल्म प्रेम विद्रोही की शुटिंग सोमवार को इटौंजा में हुई। इसमें भोजपुरी फिल्मों के लोकप्रिय नायक रवि किषन ने 150 फुट ऊचांई से छलांग लगाने का हैरतअंगेज स्टंट किया।
नायक की भूमिका अदा करते हुए रवि किषन ने नदी के पुल से छलांग लगाई। इस दृष्य को देखने के लिए काफी संख्या में लोग जमा हो गए। इस अवसर पर फिल्म के निर्माता अंजनी कुमार उपाध्याय व राजेश जायसवाल निर्देशक सनोज मिश्रा, अभिनेता रविकिशन, संगीता तिवारी, शकुराना एक्शन मास्टर दिलीप यादव, सुरेन्द्र गिरी आदि उपस्थित रहे
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2012 by admin
आनेवाली हिंदी फिल्म ’’रिवायत’’ कन्या भू्रण हत्या पर आधारित है। इसका निर्माण आॅस्टेªलिया में बसे दो विख्यात डाॅक्टरों ने किया है। यह फिल्म यथार्थ के धरातल पर बनी है, जैसे की लगभग 100 मिलियन कन्याएं सन् 1984 विश्व में जन्म ही नहीं ले सकी, अकेले सिर्फ इण्डिया में अंदाजन 40 मिलियन, इन कन्याओं को लडके की चाहत में जन्म लेने से पहले ही मार दिया गया, यह परंपरा आज भी जारी है क्योंकि लडकियों की अपेक्षा लडकों की संख्या भारत में बढती जा रही है, यह इस देश के लिए एक शर्मनाक हालात हैं।
ज्ञात हो कि कुछ साल पहले मुंबई के एक इवेंट में महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा था, ’’हम अपने आप को सुपर स्टार देश के नागरिक कैसे कह सकते हैं जबकि हमारे देश में हजारो लाखों की संख्या में कन्या भू्रण हत्या होती है’’, और हाल ही में फिल्म अभिनेता आमिर खान ने अपने लोकप्रिय टाॅक शो ’’सत्यमेव जयते’’ में भी इस विषय को उठाकर पूरे देश में मानो जन जागरण का अभियान छेड दिया।
फिल्म के शीर्षक ’’रिवायत’’ का अर्थ है कहानी या केस हिस्ट्री, डाॅ. संजय पटोले (वेस्टर्न आॅस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी में सह-प्रोफेसर और पर्थ के किंग एडवर्ड मेमोरियल हाॅस्पिटल में बतौर निओनाटोलोजिस्ट कार्यरत है) और डाॅ. अजय राणे (जेम्स कुक यूनिवर्सिटी में बतौर गैनोकोलोजिस्ट कार्यरत हैं) ने एक साथ होकर कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित इस फिल्म ’’रिवायत’’ का निर्माण किया। डाॅ. संजय और डाॅ. अजय का विगत 25 वर्षों से अविकसित गर्भ के बच्चों को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
फिल्म ’’रिवायत’’ एक मनोरंजन के साथ सामाजिक विषय को उजागर करती फिल्म है, इसे कई देशों से इंटरनेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। ’’रिवायत’’ की कहानी तीन ऐसी औरतों की है जिनके गर्भ में कन्या भू्रण है और वे पारिवारिक व सामाजिक मर्यादा की उलझन के घेरे में है। फिल्म के निर्माण के साथ इसकी कथा - पटकथा डाॅ. संजय व डाॅ. अजय ने लिखा है, निर्देशन हिंदी व मराठी के विख्यात कलाकार व निर्देशक विजय पाटकर हैं, संवाद इम्तियाज हुसैन का संगीत सुशील लालजी का, गीत सुधाकर शर्मा व नुसरत बद्र का, कैमरा सुरेश सुवर्ण का, कला युनुस पठान की और दिनेश मेंगाडे का है।
फिल्म के कलाकार है सम्पिका, खालिद सिद्दीकी, सलिल अंकोला, अंचित कौर, सौरभ दुबे, आदित्य लाखिया, नरेन्द्र झा, राजेन्द्र गुप्ता, मंगल केंकरे, गौरी कुलकर्णी, मेजर विक्रम, राखी मिश्रा, तान्या तिवारी व सयाजी शिंदे आदि हैं, अन्य सह कलाकार हैं कम्मल अदीब, जयवंत वाडकर, जयराज नायर, मिलिंद जोशी, अल्पा जोशी व मिलिंद यशोद।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 28 August 2012 by admin
हिन्दी सिनेमा और रंगमंच के वटवृक्ष के रूप में चरित्र किरदार का पर्याय कहलाने वाले, शालीन, सौहार्दपूर्ण और अपने फन में माहिर दिग्गज अभिनेता ए0के0 हंगल अपने आप में ही पूर्ण कलाकार अभिनेता थे। अभिनय उनके ज़हन में इस कदर समां चुका था कि उनके हर एक लब्ज़ हमंे हमेशा कुछ सिखाते से मालूम होते थे, यह बात डायमण्ड डेरी कालोनी लखनऊ में ग्लोबल क्रिएशन्स (सांस्कृतिक और सामाजिक संस्था) की अध्यक्ष सुश्री अनीता सहगल ने ए.के. हंगल के निधन पर श्रद्धांजली देते हुए बताया। मशहूर, सुविख्यात उद्घोषिका अनीता सहगल ने बात चीत के दौरान कहा कि मैंने उद्घोषिका के रूप में अनगिनत कार्यक्रम किए हैं और प्रदेश के कलाकारों के अलावा फिल्मी दुनिया की अनेक हस्तियों के साथ मंच पर काम किया है लेकिन जो अपनापन का एहसास मुझ ए.के. हंगल जी के साथ मिला शायद ही किसी कलाकार के कार्यक्रम को करते वक्त हुआ हो। लखनऊ में एक फिल्म स्टूडियो के उद्घाटन के दौरान जब मुझे पता चला कि जिस कार्यक्रम में मुझे एंकरिंग करनी है, उसके मुख्य अतिथि के रूप में जाने माने अभिनेता ए.के. हंगल जी हैं, तो मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा। उनकी बहुत सी फिल्मंे भी मैंने देखी हैं, हर फिल्म में एक नए किरदार के रूप में, अलग-अलग भूमिकाओं के साथ अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाने वाले ए.के.हंगल जी के कार्यक्रम का संचालन करते वक्त मुझे बहुत गर्व का अनुभव हो रहा था। जब मैंने उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित किया तो बड़े ही प्यार के साथ, हाथों को ऊपर उठाकर सबसे पहले उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को अपना आशीर्वाद दिया। उसके बाद बड़े ही सौम्य, शालीनता और अपनेपन के साथ उन्होंने बहुत सी बातें, जो उनकी जिन्दगी से, अभिनय से, जुड़ी थी सभी के साथ बाँटी और सभी को हमेशा मेहनत करके, सच्चाई के साथ पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा ”जिन्दगी में सफलता तभी मिलती है जब व्यक्ति असफलताओं से नहीं घबराता है।“ उन्होंने अपनी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों के डायलाॅग बोलकर सुनाए। हर वक्त हँसते रहने वाले, दूसरों को जिन्दगी में हमेशा मुस्कुराते रहने की सीख देने वाले प्रसिद्ध कलाकार ए.के.हंगल जी हमेशा के लिए अपने चाहने वालों को अपनी याद में मायूस रहने के लिए छोड़ गए। कार्यक्रम के दौरान हर कोई उनसे मिलना चाह रहा था और वो सभी से मिल भी रहे थे, यही उनकी महानता को दर्शाता है। श्रद्धांजली कार्यक्रम मंे संस्था ग्लोबल क्रिएशन्स के समस्त पदाधिकारियों सहित शहर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2012 by admin
किसी शायर ने लिखा है जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या होगा किसने जाना। शायद यह गाना फिल्म के निर्माता प्रकाश झवेरी ने बार-बार गुनगुनाया होगा, इसीलिए उन्होंने अपनी नई फिल्म का नाम जरा सी लाईफ रखा। प्रकाश झवेरी का मानना है कि सौ बरसकी जिंदगी से अच्छे है प्यार के दो चार पल। आपने जिंदगी कितनी गुजारी इस पर उनका भरोसा नहीं है, आपने कैसे गुजारी यह बहुत जरूरी है। इसीलिए प्रकाश झवेरी ने अपनी नई फिल्म जरा सी जिंदगी की शूटिंग पूर्णता के निकट कर ली है। और फिल्म का आखरी शेड्यूल जल्द ही पूरा होने वाला है।
फिल्म के निर्देशक अशोक जमुआर के अनुसार, यह फिल्म जब प्रदर्शित होगी और दर्शक जब सिनेमाघर से बाहर निकलेगा तो जिंदगी की सच्चाई से वह वाकिफ हो चुका होगा। उन्होंने आगे बताया कि, यह फिल्म एक ऐसे चरित्र के आसपास घूम रही है जिसकी जिंदगी के आखरी चंद दिन बचे हुए है। और वह आखरी चंद दिन कैसे कटते है वह इस फिल्म में दिखाया गया है इसलिए फिल्म का नाम जरा सी लाईफ है।
इस फिल्म का प्रमोशनल वीडियो हाल ही में मुंबई के होटल बावा कॉन्टिनेन्टल में प्रदर्शित किया गया। इस वीडियो की खास बात यह थी कि इस प्रमोशनल वीडियो में हिंदुस्तान के जाने माने युवा संगीतकार-गायक हर्षित सक्सेना और पहली बार रुपहले परदे पर कदम रख रही मृण्मयी कोलवलकर पर फिल्माया गया है। हर्षित ने ही इस गाने को गाया जिसे संगीत दिया है निखिल ने। हमारे पूछने पर हर्षित ने बताया कि, इस गाने की शूटिंग पंचगनी और महाबलेश्वर के आसपास के इलाके में की गई है।
हर्षित ने अपने कैरिअर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस इंडस्ट्री में उन्होंन कई पड़ाव पार किए हैं। वॉईस ऑफ इंडिया, म्यूजिक का महामुकाबला और जो जीता वही सुपरस्टार में काम किया। मैं उन खुशनसीब लोगों में से हूं जो इन तीनों शो में दूसरे नंबर पर आया, लेकिन आज मैं काम के मामले में नंबर वन पर हूं। मेरा पहला ही गाना मर्डर 2 में गाया और संगीतबद्ध किया हाल ए दिल चार्टबस्टर में पहले नंबर पर रहा। इसके लिए मैं विशेष फिल्म्स और खास कर महेश और मुकेश भट्ट का ताउम्र शुक्रगुजार रहूंगा। मैंने फरहा खान की अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म तीस मार खां में भी गाना गाया। विक्रम भट्ट की हेट स्टोरी में भी मैंने संगीत दिया है और गाना भी गाया है।
फिल्म में फिजा का किरदार निभा रही मृण्मयी कोलवलकर महाराष्ट्रीयन परिवार से है। पुणे में कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाली मृण्मयी मिस पुणे रह चुकी हैं। मिस पुणे बनने के बाद उसने मॉडेलिंग शुरु की। अक्षय खन्ना के साथ दिनेश शूटिंग और लॉरियल के लिए प्रिंट विज्ञापन करने के बाद उसने राहुल के स्वयंवर में हिस्सा लिया था और अब वह रुपहले परदे पर कदम रख रही है। उसने बताया, यह मेरी पहली फिल्म है और मैं इसमें फिजा का किरदार निभा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरी यह फिल्म दर्शकों को अवश्य पसंद आएगी।
जरा सी लाईफ का निर्माण प्रकाश झवेरी और पिंकी श्रीवास्तव ने किया है। फिल्म की कहानी, पटकथा और संवाद आलोक श्रीवास्तव ने लिखे हैं। संगीत दिया है निखिल कामत ने। फिल्म के प्रचारक है राजू कारिया।&
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 18 August 2012 by admin
ऐक्शन और काॅमेडी चित्रों के बादशाह अक्षय कुमार इस साल कई मनोरंजक मूवीज लेकर आ रहे हैं। 44 वर्षीय यह अभिनेता, जो लोगों को बेहतर मनोरंजन देने के लिए अपनी आधी उमर दे सकते हैं, अपनी आनेवाली फिल्मों के लिए एक्शन से भरपूर कई सारे दृश्य चित्रित कर रहे हैं; फिर चाहे वो जोकर थ्री डी हो, या वन्स अपाॅन ए टाईम इन मुंबई-2, खिलाडी 786 और ओह माय गाॅड हो। इन फिल्मों को पूरा करने के लिए लगातार अलग अलग शिफ्ट्स में काम करते करते, अक्षय अपनी तंदुरुस्ती के लिए कसरत भी कर रहे हैं; क्योंकि उन्हें इन थकानेवाले शूट्स के दौरान अपना जोश और ताकत बनाए रखनी है।
अक्षय, जो अपने स्वास्थ्य के लिए आहार नियमों का सख्त पालन करते हैं, मानते हैं कि सही आहार, सही तरीके से कसरत और मनोबल बनाए रखना यह तीन चीजें संपूर्ण स्वास्थ्य योजना के तीन प्रमुख अंग हैं। अक्षय का यह भी मानना है कि अपने आहार और तंदुरुस्ती से जुडी दिनचर्या में नए घटकों का समावेश करने से ना सिर्फ उनके आहार नियमों में ताजगी आएगी, बल्कि तंदुरुस्ती से संबन्धित कुछ नए और उत्कृष्ट चलन भी वो अपना सकते हैं। जैसे कि, कुछ दिन पहले उन्होंने गहरे पानी में चेस्ट रन करने जैसी अपारंपरिक और अनूठी कसरत का प्रयोग किया था।
फिर भी, अक्षय की सेहत का सबसे बडा राज है चाय, जो उनके दैनंदिन आहार का एक हिस्सा है। इस नये राज के बारे में पूछने पर अक्षय ने कहा, ’’चाय में दैनंदिन आहार का जरुरी हिस्सा है। यह एक अनोखा पेय है, जो ना सिर्फ कोलेस्ट्राॅल की मात्रा कम कर देता है, बल्कि मेरे शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है और साथ ही मुझे शूटिंग की थकावटभरी भागदौड में भी चुस्त रखता है।
हाला कि भारत के लगभग हर घर में हर रोज नियमित रूप से चाय बनाई जाती है, यह अचंभित करने वाली बात है कि इस प्राचीन पेय से सेहत को मिलने वाले फायदे के बारे में हम बहुत ही कम जानकारी रखते हैं। लेकिन अक्षय, जो बु्रक बाँड रेड लेबल चाय का विज्ञापन भी कर रहे है, उन्हें अपने स्वास्थ्य से जुडी सारी जानकारियां हैं। अक्षय चाय पीते हैं, क्यांेकि इस पेय में उपलब्ध फ्लेवोनॅल्स नामक घटक दिल की सुरक्षा करने के साथ ही दिल के दौरे की संभावना कम करता है, हड्डियों की मजबूती बनाए रखता है और शरीर का वनज नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
इसके साथ, अक्षय इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि चाय उन्हें अपने प्रियजनों और दोस्तों से जुडे रहने में भी मदद करती है। यह अभिनेता, जिसे अपनी नम्रता, अपने स्थिर पारिवारिक जीवन और देशी बुनियादों से जुडे रहने के लिए जाना जाता है उन्होने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा, हमेशा हम अपने जीवन में काल्पनिक और बडी चीजों की अभिलाषा करते हैं; लेकिन यह भूल जाते हैं कि कई सारी ऐसी छोटी और सादी चीजें हैं जो हमें अपने काल्पनिक जगत जैसी या उससे भी बडी खुशियां दे सकती हैं। मैं तो यह कहूंगा कि, घर पर अपने परिवार के साथ या शूटिंग के समय मेरे क्रु के साथ गरमा गरम चाय का दौर चलाने से मुझसे जुडे उन सभी लोगों के साथ मेरी मिलनसारिता और प्यार और भी बढता है।
अक्षय अपने चाहनेवालों और पाठकों को अपने व्यक्तित्व की तरह एक सरल सलाह देते हैं, अपने स्वाभाविक व्यक्तित्व को बनाए रखिए, अनुशासन का पालन कीजिए और अपने आप से खुश रहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 August 2012 by admin
भारत की सबसे बडी नेचुरल पर्सनल केयर कंपनी डाॅबर इण्डिया लिमिटेड आज अपने सबसे बडे ब्रांड डाॅबर आँवला हेयर आॅयल को एक नये और जवां अंदाज में पेश करने की घोषणा की। कंपनी ने ये भी घोषणा की कि उन्होंने वालीवुड अभिनेत्री प्रियंका चैपडा को डाॅबर आँवला हेयर आॅयल का नया चेहरा निर्धारित किया है। इस ब्रांड को कंपनी युवा और एक नये अंदाज मेंलेकर आयेगी और ब्रांड का नया नारा होगा, ’’मजबूती भी, खूबसूरती भी’’।
डाॅबर आँवला हेयर आॅयल का नया चेहरा प्रियंका चैपडा होंगी। इससे सात साल पुराने ब्रांड को एक आधुनिक और नयी पहचान देंगी जोकि आजकल की जीवनशैली से मिलती जुलती है। डाॅबर आँवला हेयर आॅयल मार्केटिंग हेड कुमारी मीनू फाके ने कहा, ’’ डाॅबर आँवला हेयर आॅयल हमेशा से खूबसूरती के साथ जोडा गया है और स्वस्थ, मजबूत, लम्बे और सुन्दर बालों के लिए जिम्मेदार रहा है। इस नये रूप में भी ये ब्रांड खूबसूरती के साथ साथ युवा ऊर्जा भी लेकर आयेगा।
डाॅबर आँवला हेयर आॅयल से जुडने पर प्रियंका चैपडा ने कहा, ’’मुझे इसमें बडे और सुप्रसिद्ध ब्रांड से जुडने पर बहुत खुशी हो रही है। मैंने कई साल पहले अपनी मां के कहने पर डाॅबर आँवला हेयर आॅयल इस्तेमाल करना शुरू किया था और तब से करती आ रही हूं। फिल्मों में होने की वजह से मेरे बाल हर रोज की स्टाइलिंग और केमिकल ट्रीटमेंट से खराब हो जाते हैं। मैं ये सुनिश्चित करती हूं कि मैं हर सप्ताह डाॅबर आँवला हेयर आॅयल से अपने सिर की चम्पी करूं, ऐसा करने से मेरे बालों को अन्दरूनी पोषण और ताकत मिलती है।
डाॅबर आँवला एक ऐसा नाम है जो हर भारतीय महिला की सुंदरता से जुडा हुआ है और इस ब्रांड को हमेशा से बाॅलीवुड की सुन्दरियां समर्थन करती आयी हैं। प्रियंका चैपडा का नाम डाॅबर आँवला से जोड कर डाॅबर इण्डिया रूप और श्रंगार की दिशा में एक और कदम बढा रहा है। इस पर कुमारी मीनू फाके ने कहा, ’’भारतीय संस्कृति और जीवनशैली में केश तेल हमेशा से जरूरी रहा है और पीढी दर पीढी अपने बालों के पोषण के लिए तेल के कुदरती गुणों पर निर्भर रही है। डाॅबर आँवला हेयर आॅयल बालों की जडों के भीतर तक जाता है जिससे कि कम समय में बाल पोषित होते हैं और उनमें कोई चिपचिपाहट नहीं रहती।’’
500 करोड रु. की मूल्य वाला डाॅबर आँवला हेयर आॅयल डाॅबर इण्डिया का सबसे बडा ब्रांड है। देश में इसके 60 मिलियन से भी ज्यादा उपभोक्ता है। डाॅबर आँवला हेयर आॅयल को आगे ले जाने वाली अन्य बाॅलीवुड अभिनेत्रियां जैसे जयाप्रदा, श्रीदेवी, जूही चावला, करिश्मा कपूर और रानी मुखर्जी रहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 May 2012 by admin
आजमगढ़ में जन्मे और वही पर पढ़ लिख कर बड़े हुए चंद्रपाल सिंह ने कभी यह सोचा भी नही होगा कि एक दिन वह अपनी ही फिल्म की शूटिंग अपने ही प्रांत मंें यानी की यूपी के गोरखपुर जिले मंें करेंगे। बचपन में फिल्म देखने का शौक इंसान को इस कदर दीवाना और पागल कर देता है कि एक दिन वही इंसान फिल्म बनाने का जुनून पाल बैठता है। चंद्रपाल सिंह का यही जुनून उन्हें अपने ही यूपी के गोरखपुर जिले के बनकाटा गांव में ले गया जहां उन्होंने 49 दिन का शूटिंग शेड्यूल आयोजित किया था। इस फिल्म का नाम है- प्रलय (एक अंत की शुरुआत)।वही पढ़ाई पूरी की और पूर्वाचंल मेरी रग रग में बसा हुआ है। मैंने कभी बचपन में सोचा भी नहीं था कि मै एक दिन फिल्म निर्माता बनूंगा और उसकी शूटिंग अपने ही पूर्वाचंल में करूंगा। भगवान ने मेरा यह सपना पूरा कर दिया। मैं आजमगढ़ से मुंबई गया, मैनें वहां पर कैमरा इक्वुमेंट सप्लाई शुरु की और मुझे इस व्यवसाय में दस पंद्रह वर्ष हो चुके है। आज हर धारावाहिक, रियालिटी और अन्य कार्यक्रमों मेरे ही कैमने शूटिंग के लिए जाते है। आज मेरे पास दौ सौ कैमरे है। शूटिंग देख-देख कर एक दिन मुझे ख्याल आया कि मै खुद ही फिल्म निर्माण क्योें न करू, और एक दिन मेरा यह सपना सच भी हो गया। मेरी पहली फिल्म लकीर के फकीर बन कर तैयार है जो जल्द ही प्रदर्शित होने वाली है। यह फिल्म मेरी दूसरी फिल्म है। इस फिल्म में मैने फिल्म इंडस्ट्री के कई जाने-माने कलाकारों को लिया है और उसकी शूटिंग मैं यहां कर रहा हूॅ। मेरे फिल्म की 90 फीसदी शूटिंग यहां पूरी हो चुकी है। कुछ पैच वर्क और एक आइटम साॅग में मुंबई में पिक्चराइज करने वाला हूं। मेरी फिल्म की कहानी एक ऐसे औरत के आजू-बाजू मंें घूम रही है जो एक पचपन साल के आदमी से शादी कर चुकी है। और इस गांव मंे आकर उसके साथ रहता है।
माशा पौर ने अपने किरदार के बारे मंें जानकारी देते हुए बताया, गरीबी और मजबूरी की वजह से मेरी शादी गांव की एक पचपन साल के बुढ़े रघुवीर यादव से कर दी जाती है। उसे टीबी की बीमारी है। जब शादी होकर मैं गांव आती हूं तब मेरी खूबसूरती और जवानी मेरी दुश्मन बन जाती है। गांव के कुछ लोग मेरी जवानी के पीछे और मुझे पाने के लिए षडयंत्र रचने लगते है। गांव केा बनिया मनोज जोशी, गांव का डाक्टर शक्ती कपूर, गांव का पुजारी सीताराम पंचाल, गांव का जमीदार मोहन जोशी और ईट भट्टों पर मैं काम करती हूं उसका मालिक मुकेश तिवारी भी मेरी जवानी से खेलना चाहता है। लेकिन में शुक्रगुजार हूं गांव की एक चाची से जिसका किरदार कुनिका लाल कर रही है। वह हर पल मुझे इनसे बचाने की कोशिश करती है। पर किस्मत को पता नही क्या मंजूर है कहते है ना कि प्रकृति से और नारी से छेड़छाड़ करोगे तो एक दिन प्रलय आ ही जाएगा। यही कहानी इस फिल्म प्रलय की। कहानी में भगवान का दूत बन कर आता है आदित्य पंचोली जब आता है तब कहानी बदल जाती है।
कहते है हिदुस्तान आज भी गावों में बसता है, गांव के किसान दिन रात मजदूरी करके खेती बाड़ी करते है। दिन रात मेहनत करके उनको दो जून की सुख की रोटी भी नसीब नहीं होती । आज भी छोटे गांवों के करोड़ों हिंदुस्तानी रोटी, कपड़ा और मकान जैसी सुविधा से वंचित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 April 2012 by admin
चंबल के कुख्यात डकैतों के जीवन पर आधारित यथार्थवादी फिल्मों की श्रंृखला में हाल ही चर्चित फिल्म की परम्परा में एक और मील का पत्थर साबित होने वाली फिल्म रक्तबीज षीघ्र रिलीज होने वाली है। 30 वर्शो तक चंबल में कुख्यात रहे ढाई लाख के ईनामी काडू निर्भय सिंह गुजर के जीवन की सच्चाई और वास्तविक पहलुओं को उजागर करने वाली फिल्म के निर्देषक अनिल बलानी ने अनेकों टी.वी सीरियलों तथा टी.वी. षो किये अनुभवी निर्देषक है। फिल्म रक्तबीज षोशणकारी सामाजिक व्यवस्था, भ्रश्ट सरकारी तंत्र, पुलिस, राजनीतिज्ञों और अपराधियों के गठजोड़ पर आधारित है। फिल्म में डाकुओं के जीवन के सच्चाई उनके आपराधिक हथकंडों को बड़ी बारीकी से फिल्माया गया है। रक्तबीज फिल्म की कहानी, घटनायें व आपराधिक तरीके निर्भय गुजर के तौर-तरीकों और उसके जीवन से मेल खाती है। फिल्म में चंबल की दस्यु सुंदरी रही सीमा परिहार से हुये निर्भय गुजर के अंतरंग संबन्धों को भी फिल्मांकन किया गया है।
देषकाल की परिस्थितियों के अनुसार कहानी के पात्रों के नाम काल्पनिक है। रक्तबीज समाज के विभिन्न वर्गो में उत्पन्न हुये दो पात्रों अभय और अजय की जिन्दगी की कहानी हे। जो समाज के दो अलग-अलग क्षेत्रों में षांत व सुखी जीवन जी रहे थे, किन्तु सामजिक अत्याचार, भ्रश्ट पुलिस और सरकारी अव्यवस्था के षिकार होकर दुखत अन्त की ओर बढ़ जाती है।
अभय अत्याचार का षिकार होकर दुर्दान्त डकैत बन जाता है। चुनाव में नेता माया सिंह (टीनू आन्नद) चुनाव जीतकर अभय की पीठ में छुरा भोंक देता है। दूसरी ओर अजय जो एक सफल व्यपारी और उधोगपति है वह व्ययपारिक षत्रुता का षिकार होता है। दोनों का रोमांटिक जीवन प्रेम त्रिकोंणीय से गुजरता है। फिल्म की कहानी के अनुसार राखी सावंत का एक आइटम षांग भी है। रक्तबीज की संवाद प्रभावी व कहानी में रोचकता है। सभी पात्रों के साथ ही निर्देषक अनिल बलानी ने मेहनत की। संगीतकार सतीष-अजय भी मनोरंजन कराने का प्रयास किया। हिन्दी फिल्म रक्तबीज मनोरंजन के साथ ही सामाजिक संदेष भी देगी और कुछ दृष्य दर्षकों को सोचने के लिये मजबूर करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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