Archive | राष्ट्रीय

देश में हाल में हुए कुछ बड़े आतंकवादी हमले का घटनाक्रम.

Posted on 14 February 2010 by admin

असम, 30 अक्टूबर 2008: असम में 18 आतंकवादी हमलों में कम से कम 77 लोग मारे गए और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए।

मुंबई, 26 नवंबर 2008: मुंबई में सिलसिलेवार विस्फोटों और भीड़भाड़ वाले सीएसटी रेलवे स्टेशन, ओबेराय एवं ताज होटल सहित कई स्थानों पर बेतरतीब गोलीबारी में 170 से ज्यादा लोग मारे गए।

इंफाल, 21 अक्टूबर 2008: मणिपुर पुलिस कमांडो परिसर के नजदीक शक्तिशाली विस्फोट में 17 लोग मारे गए।
मालेगांव (महाराष्ट्र), 29 सितंबर 2008: भीड़भाड़ वाले बाजार में मोटरसाइकिल में रखे विस्फोटकों के विस्फोट होने से पांच लोगों की मौत।
मोदासा (गुजरात), 29 सितंबर 2008: एक मस्जिद के नजदीक कम तीव्रता वाले बम विस्फोट में एक की मौत, कई घायल।
नई दिल्ली, 27 सितंबर 2008: महरौली के भीड़भाड़ वाले बाजार में बम फेंकने से तीन लोगों की मौत।
नई दिल्ली, 13 सितंबर 2008: शहर के विभिन्न हिस्सों में छह बम विस्फोटों में 26 लोगों की मौत।
अहमदाबाद, 26 जुलाई 2008: दो घंटे से कम समय के भीतर 20 बम विस्फोटों में 57 लोगों की मौत।
बेंगलूर, 25 जुलाई 2008: कम तीव्रता के बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत।
जयपुर, 13 मई 2008: सिलसिलेवार बम विस्फोट में 68 लोगों की मौत।
जनवरी 2008: रामपुर में सीआरपीएफ शिविर पर आतंकवादी हमले में आठ की मौत।
अक्टूबर 2007: राजस्थान के अजमेर शरीफ में रमजान के समय दरगाह के अंदर विस्फोट में दो की मौत।
अगस्त 2007: हैदराबाद आतंकवादी हमले में 30 की मौत, 60 घायल।
मई 2007: हैदराबाद के मक्का मस्जिद में विस्फोट में 11 की मौत।
19
फरवरी, 2007: भारत से पाकिस्तान जाने वाली ट्रेन में दो बम विस्फोटों में कम से कम 66 यात्री जल मरे जिनमें अधिकतर पाकिस्तानी थे।
सितंबर, 2006: मालेगांव के एक मस्जिद में दोहरे बम विस्फोट में 30 लोगों की मौत और सौ लोग घायल।
जुलाई 2006: मुंबई मुंबई की ट्रेनों में सात बम विस्फोटों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत और 700 अन्य घायल।
मार्च 2006: वाराणसी के एक मंदिर और रेलवे स्टेशन पर दोहरे बम विस्फोट में 20 लोगों की मौत।
अक्टूबर 2005: दीवाली से एक दिन पहले नई दिल्ली के व्यस्त बाजारों में तीन बम विस्फोटों में 62 लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल।



Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

पुणे में जबर्दस्त धमाका, नौ लोग मारे,53 घायल

Posted on 14 February 2010 by admin

पुणे में जर्मन बेकरी में हुए शनिवार शाम एक बम विस्फोट में पांच महिलाओं और एक विदेशी नागरिक सहित नौ लोग मारे गए और 53 अन्य घायल हो गए।r-b

मुम्बई में 14 महीने पहले हुए आतंकी हमले के बाद हुआ यह विस्फोट पहला आतंकी हमला है। आईआईडी जर्मन बेकरी की रसोई के बाहर रखे एक लावारिस पैकेट में रखा था जिसमें शाम लगभग साढ़े सात बजे जबर्दस्त धमाका हुआ।विस्फोट के बाद घटनास्थल पर लोमहर्षक नजारा देखा गया। चारों तरफ खून के लोथड़े और लोगों के क्षत-विक्षत शव बिखर गए। धमाके में घायल एक व्यक्ति संतोष ने कहा कि मैं ऑटोरिक्शा से जा रहा था। मैंने विस्फोट की जोरदार आवाज सुनी और लगा कि धरती हिल गई।

जर्मन बेकरी शहर के छावनी क्षेत्र स्थित एक पुराना व्यावसायिक प्रतिष्ठान है जो रजनीश द्वारा स्थापित ओशो आश्रम आने वाले विदेशियों का पसंदीदा स्थल है। ऐसा माना जाता है कि अमेरिका का संदिग्ध आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली अपनी पुणे यात्रा के दौरान ओशो आश्रम में ठहरा था।

केंद्रीय गृह सचिव गोपाल कष्ण पिल्लई ने नई दिल्ली में कहा कि बहुत मुमकिन है कि यह आतंकी हमला हो। हम जांच में राज्य पुलिस की मदद के लिए सीबीआई की फॉरेंसिक टीम और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सदस्यों को भेज रहे हैं।

पुणे के पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने कहा कि विस्फोट में नौ लोग मारे गए हैं जिनमें पांच महिलाएं शामिल हैं। राज्य सरकार से मिली सूचना के आधार पर पिल्लई ने नई दिल्ली में मीडिया कर्मियों से कहा कि मृतकों और घायलों में एक-एक विदेशी शामिल है लेकिन वह इनकी पहचान के बारे में नहीं बता पाए। उन्होंने कहा कि विस्फोट के शिकार हुए बाकी लोग भारतीय माने जाते हैं लेकिन स्थिति बदल सकती है।

गृह मंत्रालय ने देशभर में अलर्ट जारी कर लोगों से कहा है कि वे संदिग्ध वस्तुओं को न छूएं और ऐसी कोई चीज देखे जाने पर पुलिस को सूचित करें। पिल्लई ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में बताया था कि हेडली ने जिन क्षेत्रों की रेकी की उनमें ओशो आश्रम भी शामिल था।

शिकागो में पिछले साल एफबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए हेडली ने आतंकी हमलों के लिए मुम्बई सहित भारत के कई स्थानों की रेकी की थी। एफबीआई ने उसे उस समय पकड़ा था जब वह पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने वाला था। शनिवार शाम हुए विस्फोट से बेकरी नष्ट हो गई और वहां खून तथा मानव अंग बिखरे पड़े थे। कुछ लोगों के चेहरे इतने जल गए कि उनकी पहचान भी मुश्किल थी।

इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक चहवाण ने इस विस्फोट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हमें होशियार और सतर्क रहने की जरूरत है लेकिन इस पर अफरातफरी की कोई जरूरत नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि विस्फोट की वजह का पता लगाना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त से बात करके उनसे कहा है कि घटनास्थल पर मिले सुबूतों के परीक्षण से पहले वह किसी नतीजे पर पहुंचें। चहवाण ने इस घटना के आतंकवादी हमला होने के बारे में पूछे गए सवाल पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में इसे सिलेंडर में हुआ विस्फोट माना गया था। फोरेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और धमाके की असल वजह का पता अभी नहीं लग सका है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस घटना में घायल लोगों को ससून अस्पताल, उधरानी अस्पताल और जहांगीर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में कुछ विदेशी नागरिकों के भी शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा हम इसका पता लगा रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने कहा कि राज्य को खुफिया एजेंसियों से अनेक सूचनाएं मिली थीं लेकिन उनमें से कोई भी जानकारी ऐसी नहीं थी जिससे किसी घटना की जगह, समय और ऐसा करने का इरादा रखने वाले किसी व्यक्ति का पता लगता।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

हम सब हिन्दुस्तानी है फिर भाषा का बट्बारा कियो

Posted on 07 February 2010 by admin

महाराष्ट्र हिन्दुस्तान में है और यहां बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा मराठी है जो भारतीय भाषाओं में एक है। लेकिन महाराष्ट्र में खासकर मुंबई में अपने ही देश के दूसरे प्रांतों के लोगों के साथ गैरहिन्दुस्तानी जैसा सलूक किया जा रहा है। इस काम में शिवसेना और उसी के पेट से निकली मनसे लगी हैं जबकि आम मराठी और उत्तर भारतीयों के बीच पारिवारिक रिश्ते की सोंधी गंध मिलती है। शिवसेना ने पहले दक्षिण भारतीयों को निशाना बनाया था, अब उत्तर भारतीय निशाने पर हैं। मराठी अस्मिता के नाम पर खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को मार-पीटकर यहां से भगाने की राजनीति हो रही है।
शिवसेना 40 वर्षो से भूमिपुत्रों की लड़ाई लड़ रही है। लेकिन यह कैसी लड़ाई है, जो अब तक अधूरी है जबकि शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर पांच साल तक महाराष्ट्र पर शासन किया है और मुंबई महानगरपालिका पर तो उसका आज तक कब्जा है। फिर मुंबई में उत्तर भारतीयों की भीड़ बढ़ने का मुद्दा क्यों बन रहा है? महाराष्ट्र के गांवों से भी गरीब मराठी रोजगार के लिए मुंबई आ रहे हैं। लेकिन उत्तर भारतीयों को बसाने का काम तो शिवसेना ने ही किया है। अवैध झोपड़ियों को इजाजत किसने दी, मनपा ने। इस सच्चाई को दरकिनार कर शिवसेना और मनसे मराठीवाद का राग अलाप रही हैं।
टैक्सी परमिट के नाम पर मराठी-गैरमराठी की राजनीति हो रही है। उत्तर भारतीयों से 24 हजार टैक्सी परमिट छीनने और मुंबई की अर्थ-व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है। हक छीने जाने के नाम पर भूमिपुत्रों में भाषा और प्रांतवाद का जहर भरा जा रहा है। उत्तर भारतीयों की बढ़ती भीड़ की वजह से मुंबई को अलग करने की मनगढ़ंत बात कही जा रही हैं। अब तो संयुक्त महाराष्ट्र की बात करने वाले मनसे अध्यक्ष राज ठाक रे ने इशारों में कह दिया कि महाराष्ट्र अलग राष्ट्र हो।
भूमिपुत्रों का मसीहा बनने के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे (दोनों चचेरे भाई) गरीब और कमजोर उत्तर भारतीयों पर हमले कर रहे हैं। शिवसेना को मनसे से ही खतरा है जो मराठी वोट बांट रही है। इससे छटपटा रही शिवसेना मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और नामचीन उद्योगपति मुकेश अंबानी पर भी निशाना साधती है। शिवसेना और मनसे की हिंसक राजनीति से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद वर्ष 1992 के दंगों के पीछे शिवसेना के हाथ उजागर हो चुके हैं। अब पाक के क्रिकेट खिलाड़ियों को लेकर वह राजनीति कर रही है। सिटी पर बोलने वाले अभिनेता शाहरुख को बेवजह निशाना बनाया है। वैसे बॉलीवुड पर डर की राजनीति शिवसेना पहले से चला रही है। मगर शाहरुख ने थोड़ी हिम्मत दिखाई है और कुछ फिल्म वाले भी आगे आ रहे हैं। शिवसेना हमेशा दो नाव पर सवार रहती है-मराठीवाद के साथ हिन्दुत्ववाद। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे महाराष्ट्र में भूमिपुत्रों के लिए गरजते हैं तो हिन्दूहृदय सम्राट बनने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ बोलते हैं।
भारतीयों के रहनुमा बनने के लिए आस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हो रहे हमलों पर राजनीति करते हैं। फिल्म अभिनेत्री पूजा बेदी पूछती हैं कि यूपी-बिहार के लोग भी भारतीय हैं उन्हें मुंबई से खदेड़ते वक्त क्या वे भारतीय नहीं दिखते। लेकिन ठाकरे उत्तर भारतीयों को मुंबई का बोझ समझ रहे हैं। सच यह है कि मराठी भी ठाकरे के मराठी प्रेम को समझने लगे हैं। इसीलिए उनकी राजनीतिक जमीन कमजोर पड़ी है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सातव कहते हैं कि मराठियों को अपनी संस्कृति और इतिहास पता है और वह शिवसेना और मनसे के बहकावे में जाने वाले नहीं हैं।
उद्धव कहते हैं कि बिहार चुनाव को देखते हुए राहुल ने उत्तर भारतीयों के समर्थन में बयान दिया। मगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण मानते हैं कि राहुल गांधी के भारतीय प्रेम पर शिवसेना इसलिए बौखला गई है कि आने वाले दिनों में मुंबई महानगरपालिका का चुनाव है। उसे अब मनपा हाथ से जाने का खतरा दिख रहा है। मनपा का बजट किसी राज्य के बजट से कम नहीं होता। इसी मनपा ने पिछले साल 27 मराठी स्कूलों को बंद कर दिया। मराठियों की भी हिन्दी-अंग्रेजी में दिलचस्पी बढ़ी है। मराठी युवा अब विदेशों में नौकरी के लिए अंग्रेजी को अपना रहे हैं।

Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

नारायण दत्त तिवारी आत्मकथा लिख रहे हैं।

Posted on 07 February 2010 by admin

आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी ने कहा है कि सक्रिय राजनीति में लौटने का उनका इरादा नहीं है और वह इन दिनों आत्मकथा लिख रहे हैं। विश्व पुस्तक मेला में पहुंचे तिवारी ने कहा, ”मैं सक्रिय राजनीति में लौट नहीं रहा हूं। इन दिनों मैं रचनात्मक राजनीति कर रहा हूं।”
कथित सेक्स स्कैंडल में शामिल होने के मामले पर पूछे गए सवाल पर तिवारी ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा, ”मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना चाहता।” आत्मकथा के बारे में तिवारी ने कहा, ”आत्मकथा आधी लिखी जा चुकी है। साल के अंत में इसे प्रकाशित कर दिया जाएगा। मैंने इस संबंध में तीन वर्ष पूर्व प्रकाशन कंपनी रूपा एंड कंपनी से करार किया  था।”
तिवारी ने कहा, ”पुस्तक में आप मेरे बचपन से अब तक की जिंदगी को पढ़ पाएंगे। मैंने किताब के कुछ अंशों को खुद लिखा है और अब बोलकर दूसरे से लिखवाता हूं।” पूर्व राज्यपाल ने कहा, ”मेरी जिंदगी में किताबों का विशेष महत्व रहा है। मैं बाल्यावस्था से ही किताबें पढ़ता रहा हूं। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने की प्रेरणा मुझे किताबों से ही मिली और बाद में सक्रिय राजनीति में शामिल हुआ। किताबों ने ही मुझे आगे बढ़ने की सीख दी। ”
 कि तिवारी केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वह उत्तर प्रदेश के भी मुख्यमंत्री भी रहे। बाद में उत्तराखंड के गठन के बाद वह वहां के भी मुख्यमंत्री बने। उन्हें 19 अगस्त 2007 को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था, लेकिन कथित  सेक्स स्कैंडल में नाम आने के बाद उन्होंने 26 दिसंबर 2009 को पद से इस्तीफा दे दिया था।

Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

भारत दुनिया का 12वां सबसे बड़ा छपाई बाजार

Posted on 06 February 2010 by admin

नई दिल्ली। छपाई और सम्बद्ध मशीनरी की भारत की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित प्रदर्शनी के सातवें संस्करण पैमेक्स 2010 का आयोजन प्रगति मैदान, किया गया। पैमेक्स 2010 मुद्रकों (प्रिंटर्स) का, मुद्रकों के लिए और मुद्रकों द्वारा किया जाने वाला आयोजन किया गया। इसे भारत सरकार, वाणिज्य और उद्योग विभाग तथा दिलली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार का समर्थन हैं। इसे उद्योग का भी समर्थन है तथा इनमें दि इण्डियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस), आल इण्डिया फेडरेशन ऑफ मार्टर प्रिंटर्स (एआईएफएमपी), फेडरेशन ऑफ इण्डियन पब्लिशर्स प्रमुख थे।

इस आयोजन के दौरान दुनिया भर के समाधान प्रदाताओं की अग्रणी टेक्नालाजी का प्रदर्शन किया गया और इसमें प्री प्रेस से पोस्ट प्रेस की श्रेणी के साथ-साथ इनके बीच का सब कुछ रहेगा। यह एक्जीबिटरों को कारोबार करने और टेक्नालाजी प्रदाताओं और खरीदारों के साथ चर्चा करने के लिए एक मंच मुहैया करायेा। पैमेक्स 2010 दुनिया भर के छपाई उद्योग में हाल में हुई प्रगति का पता लगायेगा। देश का छपाई बाजार इस समय 12ण्1 अरब अमेरिकी डालर का है और अनुमान है कि यह बढ़कर 20.9 अरब अमेरिकी डालर हो जायेगा तथा 2011 तक 8वीं स्थिति पर पंहुच जायेगा। इस समय भारत दुनिया का 12वां सबसे बड़ा छपाई बाजार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

वोट बैंक तुष्टीकरण के लिये ओछी राजनीति - भा.ज.पा

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दिग्विजय सिंह से पूछा है कि बटाला हाउस काण्ड के आरोपी सैफ के घर जाने की तर्ज पर क्या वे कसाब के परिजनों से भी मिलने की कोई योजना बना रहे हैं, श्री दीक्षित ने आज गुरूवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कांग्रेस पर वोट बैंक तुष्टीकरण के लिये ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को आतंकवाद समर्थक मान कर ही अफजल की फांसी टरकायी है। बटाला हाउस काण्ड में गिरतार सैफ को भी कांग्रेस मुसलमानों का प्रतिनिधि मान रही है। कांग्रेस की इस मुहिम से आम मुसलमान की प्रतिष्ठा गिरी है।

श्री दीक्षित ने कहा कि राज्य में अनेक निर्दोष दलित पुलिस हिरासत में मारे गये हैं। विरोधी दलों के सैकड़ो प्रतिष्ठित राजनीतिक कार्यकर्ताओ को फर्जी मुकदमों में जेल भेजा गया है। लेकिन कांग्रेस ने इन परिवारों की सुधि नहीं ली। बटाला हाउस काण्ड के आरोपियों के घर जाकर कांग्रेस देश को आखिरकार क्या सन्देश देना चाहती है, कांग्रेस के इस अभियान से पुलिस का भी मनोबल गिर रहा है। आतंकवादियों, अपराधियों, माफिया तत्वों और अराजक तत्वों का मनोबल बढ़ा है। ऐसे तत्वों के प्रति कांग्रेस, बसपा व सपा तीनो दलों की सहानुभूति है। राज्य की जनता इसे बर्दास्त नहीं करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

सपा के मुस्लिम विधायकों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ- समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा बटाला हाउस, नई दिल्ली में मारे गए नौजवानों के आजमगढ़ संजरपुर घर जाकर कांग्रेस महासचिव श्री दिग्विजय सिंह द्वारा सहानुभूति दिखाने पर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम विधायकों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन्होने श्री सिंह से पूछा है कि आखिर मुसलमान कांग्रेस की सरकारों में किए गए किन-किन अत्याचारों को भूल जाएं, उन्होने कहा आजादी के बाद देश में 30 हजार दंगे हुए हैं जिसमें 99 प्रतिशत दंगे कांग्रेस सरकार में हुए हैं परन्तु आज तक किसी में दोषियों को सजा नहीं मिली है।

विधान सभा में समाजवादी पार्टी के उपनेता डा0 वकार अहमद शाह के नेतृत्व में हुई मुस्लिम विधायकों की बैठक में श्री इकबाल महमूद, श्री शाहिद मंजूर, श्री रियाज अहमद, श्रीमती शादाब फातिमा, चौ0 फसीहा गजाला, श्री अब्बास अली जैदी उर्फ रूश्दी मियॉ, श्री आरिफ अनवर हाशमी, श्री जावेद अंसारी, श्री महबूब अली, श्री इमरान मसूद, श्री आर0ए0 उस्मानी, श्री इरफान सोलंकी, आदि उपस्थित थे।

बैठक में कांग्रेस को मेरठ, मलियाना, मुरादाबाद, गुजरात में हुए दंगों, बाबरी मिस्जद कांण्ड आदि की याद दिलाई गई और कहा गया कि कांग्रेस में बैठे हुए साम्प्रदायिक तत्वों ने मुसलमानों को चरणबद्ध तरीके से प्रताड़ित करने का काम किया है। सुनियोजित तरीके से अल्पसंख्यक नौजवानों को आतंकवादी बताकर जेल में डाला जा रहा है या इन्काउंटर हो रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में  प्रदर्शन कर सबसे पहले बटालाकाण्ड की न्यायिक या सीबीआई जॉच की मांग की थी। दिल्ली में संजरपुर की दूरी तय करने में आम आदमी को दो दिन का और विशेष व्यक्ति को दो घंटे का समय लगता, लेकिन हैरत है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री दिग्विजय सिंह को दो वर्ष का समय लग गया। जब बटाला काण्ड हुआ तब भी कांग्रेस की सरकार दिल्ली प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर थी।

उन्होने आगे कहा है कि मुसलमानो की बर्बादी में बहुजन समाज पार्टी  और कांग्रेस की मिलीभगत है। यदि उनकी हमदर्दी होती तो क्रमश: सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी सिफारिशों को फौरन लागू किया जाए तथा निर्दोष मुसलमानों को कैद से रिहा किया जाए। झूठे मुकदमें कायम करने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाए और  बेकसूर मुसलमानों को प्रताड़ना के अनुपात में मुआवजे दिए जाएं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय स्वागत योग्य है -सपा

Posted on 03 February 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय स्वागत योग्य है। श्री मुलायम सिंह को इस बात के लिए धन्यवाद है कि उन्होने समय रहते समाजवादी पार्टी की विचारधारा को भ्रमित करने की साजिशों को नाकाम किया है। इस निर्णय से अनुशासन न मानने वाले  पार्टी नेताओं को सबक मिलेगा।

अमर सिंह एण्ड कम्पनी की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों से पार्टी हित में नहीं थी। समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता लोकतन्त्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के प्रति रही है और उसकी लड़ाई पूंजीवाद, साम्प्रदायिकता तथा जातिवाद के खिलाफ रही है। इस विचारधारा को कमजोर करने की कोशिश परवान चढ़ती इसके पहले ही उनको श्री मुलायम सिंह ने किनारे कर सूझबूझ का कार्य किया है।

समाजवादी पार्टी को इस बात का  फक्र है कि श्री मुलायम सिंह सहित उनका पूरा परिवार अन्याय, भ्रश्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। यह परिवार सत्ता सुख के लिए नहीं जनसंघर्ष के लिए समर्पित है। परिवारवाद का अनर्गल आरोप निराधार है, यह घटिया एवं कुंठित मानसिकता का घोतक है।

समाजवादी पार्टी संघर्ष के रास्ते गतिशील रही है और वह समय-समय पर नौजवानों, महिलाओं, किसानों, गरीबों तथा अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई जोशखरोश के साथ लड़ती रही है। साम्प्रदायिकता के खिलाफ उसकी मुहिम के चलते ही केन्द्र में ऐसी ताकतें पुन: सत्ता में आने से वंचित रहीं और उन्हें प्रदेश में बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ी। समाजवादी पार्टी जातिवादी ताकतों से भी लोहा ले रही है।

अल्पसंख्यकों और नौजवानों के उत्पीड़न के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने ही आवाजें उठाई हैं। संसद, विधान मण्डल से लेकर सड़क तक पर उसने गरीबों और किसानों के लिए संघर्ष किया हैं। कुछ समय से उसकी इस प्रकृति पर साजिशन धुंध फैलाने की कोशिश की जा रही थी। इससे पूर्व कि पार्टी के हित और राजनीति को क्षति पहुंचती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भ्रम फैलाने वाले तत्वों पर नकेल कस दी है और समाजवादी विचारधारा के मूल चरित्र कायम रहकर जनसामान्य की आशा आकांक्षाओं के साथ जोड़ने का काम किया है। इसके लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता श्री मुलायम सिंह यादव का अभिनन्दन करते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

अमर सिंह और जयप्रदा को पार्टी से निष्कासित

Posted on 02 February 2010 by admin

लखनऊ- समाजवादी पार्टी ने आज पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह और उनकी करीबी समर्थक जयप्रदा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया, वहीं अमर सिंह ने भविष्य की योजनाओं पर अपने विकल्प खुले रखे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में सपा संसदीय बोर्ड की बैठक लखनऊ में हुई, जिसमें अमर सिंह और रामपुर से लोकसभा सदस्य जयप्रदा को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया गया।

पार्टी का कहना था कि सामाजिक छवि बिगाड़ने में लगे लोगों को पार्टी से मुक्त करने का फैसला किया गया है। पार्टी प्रवक्ता मोहन सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से कहा- यह बीमारी और फैले, उससे पहले पार्टी ने एक सुधारात्मक सर्जरी करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अमर सिंह और जयाप्रदा की संसद सदस्यता समाप्त करवाने के लिए क्रमश: राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत करेगी। करीब 14 साल तक सपा में रहकर उसका प्रमुख चेहरा बन चुके अमर सिंह ने पार्टी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक तरह से उनके लिए वरदान है और वह आजादी का आनन्द लेंगे।

अमर सिंह समर्थक समझी जाने वाली राज्य सभा सांसद जया बच्चन के विरुद्ध किसी कार्रवाई की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मोहन सिंह ने कहा कि कि उन्होंने पार्टी विरोधी कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी के बारे में भी यह बात कही। पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता आजम खां की पार्टी में वापसी की संभावना पर उन्होंने यह कहकर सकारात्मक संकेत दिया है कि आजम खां पार्टी के हमदर्द हैं।

जयप्रदा को निकाले जाने के कारणों के बारे में मोहन सिंह ने कहा कि वह अमर सिंह द्वारा निर्देशित मिसाइल थीं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असभ्य टिप्पणी की और पिछले रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी की नीतियों के खिलाफ जहर उगला।

मोहन सिंह ने कहा कि अमर सिंह ने स्वेच्छा से लोकमंच का गठन किया जो सपा के समानान्तर संगठन है और उन्होंने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बार-बार दरार पैदा करने की कोशिश की। पूर्व महासचिव पर पार्टी की एकता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा- अमर सिंह ने जातिवादी राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश की। मोहन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी में अलगाव करने की साजिश रचने के मामले में अमर सिंह के समर्थक चार विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जयाप्रदा ने 31 जनवरी को कल्याण सिंह के समर्थन में बयान दिए थे, जिससे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी नेता हो, कितना भी महत्वपूर्ण हो, उसे किसी राजनीतिक दल के खिलाफ इस तरह सार्वजनिक बयानबाजी की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसलिए संसदीय बोर्ड ने जयाप्रदा की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का फैसला किया है। संजय दत्त के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी उनके बारे में कोई संज्ञान नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ जुड़े हुए नहीं थे। उप्र में पार्टी के लिए प्रचार करने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए मतदान किया। वह पहले ही पार्टी का पद छोड़ चुके हैं इसलिए हम अब उन्हें संज्ञान में नहीं लेते।

पार्टी ने जिन चार विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है उनके नाम हैं- मदन चौहान, सन्दीप अग्रवाल, अशोक चन्देल और सर्वेश सिंह।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com


Comments (0)

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा

Posted on 30 January 2010 by admin

लखनऊ -  प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस (30जनवरी) के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा एवं सर्वधर्म पाठ का आयोजन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रपिता के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।

कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि राष्ट्रपिता के असीम त्याग और बलिदान से हमारा देश स्वतन्त्र हुआ है। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के बल पर देश को आजाद ही नहीं कराया वरन पूरे विश्व को शान्ति का सन्देश दिया था। उन्होने कहा कि आज पूरे विश्व में गांधीजी के सत्य और अहिंसा के बताये हुए रास्ते पर चलने का अनुसरण किया जा रहा है। गांधीजी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों, छुआछूत, जाति-पान्त का घोर विरोध किया था और आजीवन सामाजिक भेदभाव दूर करने में लगे रहे। डॉ. जोशी ने कंाग्रेसजनों से अपील की, कि वह गांधीजी के बताये रास्ते पर चलकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने एवं एकता-भाईचारा बनाये रखने में अपना योगदान दें।

श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मुख्यमन्त्री श्री रामनरेश यादव, पूर्व मन्त्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मन्त्री श्रीमती स्वरूप कुमारी बख्शी, पूर्व मन्त्री श्री रणजीत सिंह जूदेव, पूर्व मन्त्री श्रीमती बेगम हामिदा हबीबुल्ला, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष-संगठन प्रभारी श्री राजेन्द्र शर्मा पूर्व विधायक, महामन्त्री श्री प्रदीप श्रीवास्तव, पूर्व विधायक श्री विनोद चौधरी, सरदार दलजीत सिंह, महामन्त्री श्री संगमलाल शिल्पकार, श्री श्यामलाल पुजारी, प्रवक्ता श्री द्विजेन्द्र त्रिपाठी, पूर्व आईएएस श्री रामकृष्ण, श्री प्रभुदयाल श्रीवास पूर्व आईएएस, श्री श्री स्वराज कुमार, मीडिया सचिव श्री विजय सक्सेना, श्री संजय दीक्षित, श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह, चौ0 सतवीर सिंह, श्री सुनील राय, जिलाअध्यक्ष श्री सिराजवली खां`शान´, श्री रंजन दीक्षित, श्री अजय सिंह, श्री सुभाष श्रीवास्तव, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती अनीता उपाध्याय सहित सैंकड़ों कांग्रेसजनों ने उपिस्थत होकर गांधीजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अन्त में दो मिनट मौन रहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in