लखनऊ- समाजवादी पार्टी ने आज पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह और उनकी करीबी समर्थक जयप्रदा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया, वहीं अमर सिंह ने भविष्य की योजनाओं पर अपने विकल्प खुले रखे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में सपा संसदीय बोर्ड की बैठक लखनऊ में हुई, जिसमें अमर सिंह और रामपुर से लोकसभा सदस्य जयप्रदा को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया गया।
पार्टी का कहना था कि सामाजिक छवि बिगाड़ने में लगे लोगों को पार्टी से मुक्त करने का फैसला किया गया है। पार्टी प्रवक्ता मोहन सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से कहा- यह बीमारी और फैले, उससे पहले पार्टी ने एक सुधारात्मक सर्जरी करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अमर सिंह और जयाप्रदा की संसद सदस्यता समाप्त करवाने के लिए क्रमश: राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत करेगी। करीब 14 साल तक सपा में रहकर उसका प्रमुख चेहरा बन चुके अमर सिंह ने पार्टी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक तरह से उनके लिए वरदान है और वह आजादी का आनन्द लेंगे।
अमर सिंह समर्थक समझी जाने वाली राज्य सभा सांसद जया बच्चन के विरुद्ध किसी कार्रवाई की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मोहन सिंह ने कहा कि कि उन्होंने पार्टी विरोधी कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी के बारे में भी यह बात कही। पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता आजम खां की पार्टी में वापसी की संभावना पर उन्होंने यह कहकर सकारात्मक संकेत दिया है कि आजम खां पार्टी के हमदर्द हैं।
जयप्रदा को निकाले जाने के कारणों के बारे में मोहन सिंह ने कहा कि वह अमर सिंह द्वारा निर्देशित मिसाइल थीं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असभ्य टिप्पणी की और पिछले रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी की नीतियों के खिलाफ जहर उगला।
मोहन सिंह ने कहा कि अमर सिंह ने स्वेच्छा से लोकमंच का गठन किया जो सपा के समानान्तर संगठन है और उन्होंने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बार-बार दरार पैदा करने की कोशिश की। पूर्व महासचिव पर पार्टी की एकता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा- अमर सिंह ने जातिवादी राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश की। मोहन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी में अलगाव करने की साजिश रचने के मामले में अमर सिंह के समर्थक चार विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जयाप्रदा ने 31 जनवरी को कल्याण सिंह के समर्थन में बयान दिए थे, जिससे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी नेता हो, कितना भी महत्वपूर्ण हो, उसे किसी राजनीतिक दल के खिलाफ इस तरह सार्वजनिक बयानबाजी की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसलिए संसदीय बोर्ड ने जयाप्रदा की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का फैसला किया है। संजय दत्त के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी उनके बारे में कोई संज्ञान नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ जुड़े हुए नहीं थे। उप्र में पार्टी के लिए प्रचार करने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए मतदान किया। वह पहले ही पार्टी का पद छोड़ चुके हैं इसलिए हम अब उन्हें संज्ञान में नहीं लेते।
पार्टी ने जिन चार विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है उनके नाम हैं- मदन चौहान, सन्दीप अग्रवाल, अशोक चन्देल और सर्वेश सिंह।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com