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कृषि सांख्यिकी

Posted on 29 April 2015 by admin

कृषि राज्ययमंत्री श्री मोहन भाई कुंदारिया ने लोकसभा में बताया कि क्षेत्र वार उत्पाीदन और प्रमुख कृषि फसलों की पैदावार से संबंधित भरोसेमंद आकलन सूक्ष्मा स्त्र पर कृषि संबंधित योजना बनाने के लिए बहुत आवश्य क है। हालांकि कृषि अनुमानों का सकल योग न होना भी जिला और प्रशासनिक अनुक्रम में कृषि योजना के लिए आवश्योक है।
वर्तमान में प्रचलित प्रणाली के अनुसार केन्द्रि सरकार विभिन्नन राज्यों  और संघ शासित प्रदेशों में राज्यप कृषि सांख्यिकी प्राधिकरण से प्राप्तर आंकड़ों के आधार पर प्रमुख फसलों के लिए अखिल भारतीय अनुमान तैयार करती है। राज्ये सरकारें 20 प्रतिशत गांवों के आंकड़ों के क्षेत्रवार गणना और क्षेत्र गणना के लिए चुने गए गांवों में फसल कटाई अनुभवों द्वारा पैदावार का अनुमान लगाती है। राज्यग और संघ शासि‍त प्रदेशों में क्षेत्र आकलन का जमीनी कार्य राजस्वल और कृषि विभाग के कर्मचारी द्वारा किया जाता है।

प्रोफेसर एण्वैद्यनाथन की अध्‍यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ समूह ने महसूस किया है कि प्राथमिक कामगारों को दी गई कई जिम्मेगदारियों और सीसीई की बढ़ती संख्याे के कारण बढ़ रहे काम के दबाव के कारण प्राथमिक आंकड़ों की गुणवत्ताई में गिरावट आ रही है। इसके चलते राज्यव तथा राष्ट्री़य स्तईर पर क्षेत्रवार उत्पागदन और फसलों की पैदावार से संबंधित अनुमानों के स्ततर में गिरावट आ रही है।

वर्तमान में राज्योंअ और संघ शासित प्रदेशों में फसलों पर आधारित कृषि अनुमान की जिम्मेनदारी राज्यय और संघ शासित प्रदेशों और कृषि व राजस्वष विभाग के निर्धारित सांख्यिकी कर्मी को दी जाती है। हालांकि कृषि अनुमानों की गुणवत्ताा फील्डव कमिर्यो द्वारा एकत्र आंकड़ों गुणवत्ता  पर निर्भर करती है। इसमें ध्या‍न देने योग्यक बात यह है कि जिला और राज्यड स्त र पर अनुमानों को एकत्र और तैयार करने की जिम्मेेदारी राज्यल सरकारों व स्व्तंत्र एजेंसी की होती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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जम्मू तवी एक्सप्रेस

Posted on 29 April 2015 by admin

रेल राज्यमंत्री श्री मनोज सिन्हा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि फिलहालए जम्मू तवी की ओर जाने वाली गाड़ियों में एसी.प्रथम श्रेणी का कोच बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने बताया कि हालांकि भारतीय रेलों पर परिचालनए व्यावहारिकए वाणिज्यिकए लाभप्रदता तथा संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार कोच लगाया जाना एक सतत् प्रक्रिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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केदारनाथ यात्रा से हिन्‍दुत्‍व के ब्राण्‍ड एम्‍बेसडर बने राहुलए भाजपा में मचा हडकम्‍प

Posted on 25 April 2015 by admin

जन्म  दिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ कपाट खोल कर अभीभूत हुए हरीश रावतरु हरीश रावत की रणनीति रही कामयाबरु भाजपा के प्रति देशभर में एक नकारात्‍मक संदेशरुकेदार मंदिर में अजीब शक्ति का अनुभव हुआय राहुल रु भाजपा में हडकम्प रुकांग्रेस गदगद रुभाजपा खासतौर से मोदी ने स्‍वर्णिम अवसर गंवायारु मोदी जी  ने उत्‍तराखण्‍ड सांसदो की तरह केदारनाथ की भी उपेक्षा कर दी रुमोदी जी ने केदारनाथ आने का वायदा किया था रु हरीश रावत की रणनीति रुराहुल गॉधी हिन्दुदत्वे के ब्रांड अम्बेसडर बन गये रुचिढी व नाराज भाजपा इसे राहुल की नौटकी बताने में लगीरु जन्मत दिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ कपाट खोल कर अभीभूत हुए हरीश रावत रुजन्‍मदिनि से दो दिन पूर्व राजनीति के धुर खिलाडी हरीश रावत  ने वह कर दिखाया जिसकी कल्‍पना दिल्‍ली में बैठे बडे बडे कांग्रेसी नेताओं ने भी नही की थी रुहिंदुओं की आस्था के केंद्र 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर में कपाट खुलने के उपरांत राहुल गॉधी से पूजा अर्चना करवा कर एक ऐसा संदेश चला गया जिससे भाजपा में हडकम्‍प मच गया रुहरीश रावत की विशेष रणनीति से ही सफल हो सका रु27 अप्रैल को अपने जन्मादिन से दो दिन  हरीश रावत ने कांग्रेस के भी सुखद व दूरगामी संदेश के कपाट खोल दियेरु देश भर से आये श्रद्वालुओं के बीच राहुल गॉधी का इस तरह हिन्दुीओं के आस्था  के प्रतीक केदारनाथ में 18 किमी0 पैदल चलकर आने से बहुत अच्छाद व सकारात्म‍क संदेश चला गयारु इस बात को भाजपा ने जब तक महसूस किया तब तक बहुत देर हो चुकी थीरु
राहुल गॉधी ने  बाबा केदार के दर्शन कर कहा कि केदार मंदिर में जाने के बाद अजीब शक्ति का अनुभव हुआए इससे भाजपा में भयातुर हो हडकम्‍प मच गयाए वही कांग्रेस गदगद हो गयीए हालांकि भाजपा ने ही स्‍वर्णिम अवसर गंवायाए ज्ञात हो कि पीएम बनने से पूर्व ही मोदी जी ने केदारनाथ आने का वायदा किया थाए इधर हरीश रावत की रणनीति काम कर गयी और भाजपा के प्रति देशभर में एक नकारात्‍मक संदेश चला गयाए राहुल के आने और अलग अंदाज़ में पदयात्रा करके धाम तक जाने से राहुल गॉधी अपने आप में हिन्दुात्वब ब्रांड अम्बेसडर बन गये हैं। देश विदेश से खचाखच भरे केदारनाथ मंदिर में यह सब हुआए कांग्रेस गदगद होकर फूली नही समा रही है वही भाजपा इसका जवाब देने की तैयारी में लग गयी हैए चिढी व नाराज भाजपा इसे राहुल की नौटकी बताने में लग गयी हैए हिमालयायूके डॉट ओआरजी न्यूआज पोर्टल सम्पा दक चन्द्रौशेखर जोशी को आयी मेल  यह र्इशारा कर रही है. मेल में कहा गया है कि. श्र ब् टलंे रण्बण्अलंे/हउंपसण्बवउ ब्वदमिेे पे ंदजप.भ्पदकने तिवउ पजश्े पदबमचजपवदण् त्ंीनस बंद कव ंसस दवजंदापे इनज दमअमत तमचतमेमदजमक अवपबम व िभ्पदकने ण् त्महंतकेण् श्रब् टलंे वही केदारनाथ में भाजपा नेता अजेन्द्र  अजय ने कहा कि राहुल गॉधी एक टूरिस्टभ् की तरह आये और चले गयेए
कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति से अभीभूत सीएम श्री रावत ने भी पूरे उत्साह के साथ बाबा केदार के जयकारे लगाये तथा वह स्वअयं झूमने लगे तथा इस अवसर पर फिल्म जगत के मशहूर सूफीयाना गायक कैलाश खेर व स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बाबा केदार के भजनों पर काफी देर तक झूमे।
जन्‍मदिनि से दो दिन पूर्व राजनीति के धुर खिलाडी हरीश रावत  ने वह कर दिखाया जिसकी कल्‍पना दिल्‍ली में बैठे बडे बडे कांग्रेसी नेताओं ने भी नही की थीए हिंदुओं की आस्था के केंद्र 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर के कपाट  शुक्रवार 24 अप्रैल 15 को सुबह  8ण्50 बजे मंत्रोच्‍चारण के साथ खुलने के उपरांत कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गॉधी से पूजा अर्चना करवा कर एक ऐसा संदेश चला गया जिससे भाजपा में हडकम्‍प मच गया। वही बाबा केदारनाथ की पूजा करके बहुत कुछ ताकत प्राप्‍त कर लीए हालांकि राहुल गॉधी ने  बाबा केदार के दर्शन कर कहा कि मैं मंदिर में भगवान से कुछ अपने लिए नही मांगता परन्‍तु  केदार मंदिर में जाने के बाद अजीब शक्ति का अनुभव हुआए वही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का उत्तराखंड दौरा न सिर्फ कांग्रेस के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक सुखद संदेश दे गया बल्कि चारधाम यात्रा के मद्देनज़र राज्य की सरकार के लिये भी एक अच्‍छा व दूरगामी संदेश तथा विशेषकर संजीवनी बूटी का काम कर गया है। अचानक बदले घटनाक्रम से जहां भातरीय जनता पार्टी  में हडकम्‍प व बेचैनी व्‍याप्‍त हो गयी है वहीँ कांग्रेस गदगद है।  यहां गौर करने लायक बात यह है कि राहुल के बाबा केदारनाथ धाम आने का कार्यक्रम एकदम अचानक बना क्योंकि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक उनको अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी जाना था। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष नें जिस अंदाज में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम का सफर पैदल तय किया वह अपने आप में न सिर्फ अनोखा है बल्कि शायद पहली बार कोई किसी राजनेता नें पैदल सफर किया है।
यह सब हरीश रावत की विशेष रणनीति से ही सफल हो सकाए वही 27 अप्रैल को अपने जन्मौदिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ के कपाट विशेष पूजा अर्चना के साथ कांग्रेस के युवराज के साथ खुलवा कर मानो हरीश रावत ने कांग्रेस के भी सुखद व दूरगामी संदेश के कपाट खोल दियेए देश भर से आये श्रद्वालुओं के बीच राहुल गॉधी का इस तरह हिन्दुीओं के आस्था  के प्रतीक केदारनाथ में 18 किमी0 पैदल चलकर आने से बहुत अच्छाध व सकारात्मुक संदेश चला गयाए इस बात को भाजपा ने जब तक महसूस किया तब तक बहुत देर हो चुकी थीए
ज्ञात हो कि 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के उपरांत गुजरात के मुख्यसमंत्री के रूप में आये श्री नरेन्द्र  मोदी को उस समय कांग्रेस के तत्काकलीन मुख्य मंत्री ने केदारनाथ जाने की अनुमति नही दी थी उस समय भाजपा ने प्रधानमंत्री बनने के उपरांत सबसे पहले केदारनाथ आने तथा पुनर्निर्माण का वायदा किया था परन्तुं प्रधानमंत्री बनने के एक वर्ष उपरांत भी केदारनाथ की ओर रूख तक न किये जाने से यह महसूस किया जाने लगा कि मोदी केदारनाथ जी की उपेक्षा कर रहे हैंए तथा बाबा के दरबार में मोदी के बारे में असत्यल बयान दिया गयाए वही राहुल गाधी ने बिना कार्यक्रम के 18 किूमी पैदल यात्रा कर केदारनाथ पहुंच कर मानो एक एक विशेष शक्ति  प्राप्तग कर लीए देश विदेश के मीडिया से एक सकारात्म क संदेश कांग्रेस के पक्ष में गयाए यह सब संभव कर पाये कांग्रेस के धुर खिलाडी हरीश रावतए  भाजपा तथा मोदी की इस असफलता व नकारात्मकक संदेश के बीच जहां राहुल गांधी नें गौरीकुंड केदारनाथ तक की अपनी पदयात्रा के दौरान जगह जगह रुक कर यात्रा मार्ग पर आ रही कठिनाइयों को न सिर्फ देखा बल्कि जानकारी भी ली। इतना ही नहीं बल्कि लिनचोली जहां उन्होंने अपने साथ चल रहे कारवां के साथ रात्रि विश्राम के लिये पडाव डाला वहां काम में लगे मजदूरों के बीच बैठ कर उन्होंने उनके साथ चाय पी और उनका हाल चाल भी जाना।
जन्मैदिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ का कपाट सफलतापूर्वक खुलवाने वाले सूबे के लोकप्रिय मुख्योमंत्री के रूप में शुमार हुए हरीश रावत  जन्म २७ अप्रैलए १९४८ को अल्मोडा जिले की भिकियासैंण तहसील में मोहनरी गांव के किसान श्री राजे सिंह के यहां हुआ।  बचपन में ही हरीश रावत जी के पिता का निधन हो गया था। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के निकटवर्ती विद्यालय में ही हुई थी लेकिन आप इन्टर पढने रामनगर चले गये थे। अपनी युवा अवस्था में ही आप राजनीति में सक्रिय हो गये थे। आपने भिकियासैंण के ब्लाक प्रमुख से राजनैतिक पारी प्रारम्भ कर एक सामान्य पितृ विहीन युवक के राजनैतिक संघर्ष में स्वंय को स्थापित करने की क्षमता दिखायी।  आपका बचपन से ही रूझान जनसेवा  पूर्ण राजनीति की ओर रहा। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में आपने अल्मोडा के भिकियासैंण ब्लाक से ब्लाक प्रमुख का चुनाव लडकर विजय प्राप्त की थीए लेकिन प्रतिद्वन्दी ने आपकी  उम्र कम होने के कारण न्यायपालिका में वाद दायर किया ए जिसके कारण आप ब्लाक प्रमुख पद से हट गये। इसके बाद ही  आप जनआन्दोलन में सक्रिय हो गये थे। २८ नवम्बर १९७४ में वन बचाओं संघर्ष समिति के नेत्तृव में नैनीताल में वन की नीलामी का जर्बदस्त विरोध करने पर १८ लोगों के साथ आप ;हरीश रावतद्ध पहली बार गिरफ्तार हुए थे। आपकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पूरे कुमाऊॅ में छात्रों ने हडताल के साथ बंद करा दिया था। इसी बीच आप रानीखेत के विधायक गोविंद सिंह मेहरा के सम्फ में आयेए जो बाद में आफ ससुर भी बने। सन् १९७६ में आप ;श्री हरीश रावतजीद्ध कांग्रेस में चले गये। आपने लखनऊ में विधायक निवास में रहकर एलएलबी की। वहां तत्कालीन छात्र नेता सी०बी० सिंह के सम्फ में आये  जंहा से आपको जुझारूपन की शिक्षा मिलीए सन् १९८० तक आपने अल्मोडा क्षेत्र में अपने कार्यो से अपनी पहचान बनाई। उत्तराखंड के अल्मोडा जनपद को तीन मुख्यमंत्री देने का सौभाग्य मिला हैए अल्मोडा जनपद से हरीश रावत तीसरे मुख्यमंत्री बने  हैं। चन्द्रशेखर जोशी सम्पादक ने आपकी  सक्रिय राजनीतिक जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला है।
अल्मोडा में भिकियासैंण और सल्ट तहसील का इलाका स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में काफी चर्चित रहा है और ऐसे वातावरण में पले बढे आपका राजनीति से लगाव होना स्वभाविक ही रहा। लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपने वकालत को अपने जीवन यापन का साधन बनाया लेकिन राजनीति का दामन भी थामे रखा। विद्यार्थी जीवन में ही आपने भारतीय युवक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष १९७३ में कांग्रेस की जिला युवा इकाई के प्रमुख चुने जाने वाले वे सबसे कम उम्र के युवा थे। वर्ष १९७३ और १९८० के बीच की अवधि में आप जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवक कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। १९८० में कांग्रेस ने आपको अल्मोडा.पिथौरागढ संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनायाए और  आपने भारी मतो से विजय हासिल की। फिर इसी संसदीय क्षेत्र से आप तीन बार सांसद रहें । वर्ष १९९२ में आपने अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभाला जिसकी जिम्मेदारी आपने १९९७ तक संभाली। राज्य निर्माण के पश्चात आप उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाये गये और आपकी अगुवाई में २००२ के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ। इसके उपरांत सन् २००९ में यह आपका ;हरीश रावतद्ध का ही करिश्मा था कि आपने हरिद्वार संसदीय लोकसभा सीट से कांग्रेस का वनवास खत्म करा दिया। संघर्ष से उपजेए केवल अपने और अपने दम पर राजनीति में स्थापित ग्रामीण पृष्ठ भूमि के इस संघर्षशील जननेता ने बचपन से ही उत्तराखण्ड का दर्द समझा तथा उसे दूर करने करने के लिए आप हमेशा दृढ प्रतिज्ञ रहे। समय और परिस्थितियां कभी आफ बहुत अनुकूल नही रही परन्तु इसके  बावजूद केवल अपनी क्षमताए जुझारूपन से आप उत्तराखण्ड राज्य के सबसे लोकप्रिय जननेता के रूप में छा चुके हैं।  उत्तराखण्ड के  मुख्यमंत्री के रूप में जननायक की ताजपोशी पर राज्य की जनता का उत्साह मानो राज्य का गठन सरीखे था।  उत्तराखंड के कददावर नेता व करिश्माई नेता व राज्य आन्दोलनकारी के रूप में शुमार किये जाने वाले हरीश रावत जी का करिश्मा २००९ के लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिलाए जब वह ं पूरे राज्य में अपने दम पर बदलाव लाने में कामयाब हुए थे।  आपको प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में पहले राज्य मंत्री ओर बाद में कैबिनेट मंत्री का दायित्व दिया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री बनने के बाद जनता की इस जननायक के प्रति दीवानगी ने भी सूबे का माहौल ही बदल दिया।
२ फरवरी २०१४ दिन रविवार को देवभूमि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद को  सुशोभित किये जाने पर विशेष खुशियां मनाई गयी।
कूर्माचल परिषद के महासचिव चन्‍द्रशेखर जोशी ने उनके मुख्‍यमंत्री पद पर सुशोभित होने के समय उनसे अपेक्षा की कि इस देवभूमि को सर्वागीण विकास के पथ पर ले जाने हेतु भौतिकए दैहिक एवं आत्मिक सहयोग देने को तत्पर रहते हुए हरीश रावत जिससे यह प्रदेशए राष्ट्र एवं विश्व में अपनी श्रेष्ठता प्रकट कर सके एवं पथ प्रदर्शक भी बनेगे।

चन्‍द्रशेखर जोशी

देदून उत्‍तराखण्‍ड

एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

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आज मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना देश की राजधानी दिल्ली में घटित हुई,

Posted on 24 April 2015 by admin

आज मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना देश की राजधानी दिल्ली में घटित हुई, जहां सरकार की नाक के ठीक नीचे एक पीडि़त किसान ने सार्वजनिक रूप से आत्महत्या  कर ली। आज की यह घटना घटित देश की राजधानी दिल्ली में हुई है परन्तु यह प्रदेश और देश के किसानों की तरफ सरकारों की उदासीनता, लापरवाही तथा एक वाणिज्यिक मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
किसानों की आत्महत्या की अनेक घटनाएं उत्तर प्रदेश में घटित हुई हैं परन्तु अफसोस की बात यह है कि उ0प्र0 की समाजवादी पार्टी सरकार किसानों द्वारा की जा रही इन आत्महत्याओं से जरा भी प्रभावित नहीं हो रही है। जिस प्रकार से किसानों को प्रदेश सरकार मुआवजा बांट रही है यह स्पष्ट दिखाता है कि किसानों की गरीबी और मजबूरी का लाभ उठाया जा रहा है तभी सरकार पन्द्रह-बीस-पच्चीस रूपये के चेक उनके हर्जाने के रूप में दे रही है।
उत्तर प्रदेश कंाग्रेस राज्य एवं केन्द्र सरकार से यह मांग करती है कि किसानों की समस्त समस्याओं जैसे गन्ना किसानों को उनके बकाये की अदायगी, उचित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता तथा ओला वृष्टि में हुए किसानों के नुकसान का सही मुआवजा तुरन्त प्रदान किया जाय। ऐसी विषम परिस्थिति में देश के मंत्री एवं अधिकारीगण यदि किसानों की समस्याओं केा छोड़कर रंगारंग कार्यक्रमों एवं नृत्य देखने में व्यस्त रहेंगे तो किसानों के दुःख-दर्द को कौन समझेगा। यदि राज्य और केन्द्र सरकार ने किसानों को तुरन्त उचित मुआवजा देकर उनकी अगली बुआई के लिए उचित सरकारी इंजाम नहीं किया तो किसानों की यह लड़ाई प्रदेश कांग्रेस एक बार फिर सड़क पर उतरकर लड़ेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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शहीद किसान गजेन्द्र सिंह को ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने दी श्रदांजलि

Posted on 24 April 2015 by admin

जन्तर-मन्तर दिल्ली पर आम आदमी पार्टी की की रैली किसान गजेन्द्र सिंह द्वारा आत्महत्या करने के विरोध में ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने रोष व्यक्त किया। समिति ने अवंतीबाई पार्क दहतोरा में शहीद किसान गजेन्द्र सिंह को भावभीन श्रदांजलि दी।
समिति के संयोजक डाॅ. सुनील राजपूत ने कहा कि देश का किसान गजेन्द्र सिंह की मौत पर दुःखी है, उन्होंने आत्महत्या नहीं की बल्कि अपने किसाना भाईयों को हक दिलाने के लिए सहादत दी है। उनकी सहादत को बेकार नहीं दिया जायेगा। देश की सरकारें किसानों के मुद्दे पर सम्वेदनहीन हो गई हैं। गरीब किसान प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने आत्महत्या कर लेता है उसकी मौत के बाद भी नेताओं के भाषण चलते रहते हैं। आज किसान प्राड्डतिक आपदा से पूरी तरह मर चुका है, जबकि सभी राजनैतिक दल किसानों के ऊपर राजनीति कर रहे हैं। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने केन्द्र सरकार, दिल्ली सरकार व राजस्थान सरकार से मांग की कि शहीद किसान गजेन्द्र सिंह के परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाये अन्यथा ग्रामीण विकास संघर्ष समिति सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।
हरिकिशन लोधी ने कहा कि गजेन्द्र सिंह की मौत के लिए दिल्ली प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। इसलिए अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा पंजीड्डत होना चाहिए व किसी निष्पक्ष एजन्सी से जांच होनी चाहिए तभी पीडि़त परिवार को न्याय मिलेगा।
प्रमुख रूप से डाॅ. ऊदल सिंह, चै. मनोज, चै. अजय, योगेन्द्र फौजदार, रामप्रकाश, बन्टी लोधी, राजवीर राजपूत, नरेन्द्रपाल, सतीश राजपूत, मुकेश राजपूत, यशपाल लोधी, उमेश राजपूत, बबलू लोधी, डाॅ. खेमचन्द, डाॅ. संतोष,  मुकेश लोधी, हेमन्त राजपूत, देवीचरण लोधी, अशोक राजपूत, विष्णु मुखिया आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कार प्रदान किए

Posted on 09 April 2015 by admin

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज ;08 अप्रैलए 2015द्ध राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक नागरिक अलंकरण समारोह में पद्म विभूषणए पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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रविवार 5 अपै्रल को रिसियाँ बहराईच में श्री महाराजा अग्रसेन वाटिका का लोकार्पण एवं जिला स्तरीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

Posted on 07 April 2015 by admin

रविवार 5 अपै्रल को रिसियाँ बहराईच में श्री महाराजा अग्रसेन वाटिका का लोकार्पण एवं जिला स्तरीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री सुधीर एस. हलवासिया ने महाराजा अग्रसेन की विशाल मूर्ति का अनावरण एवं लोकार्पण किया।  श्री हलवासिया ने अपने संबोधन में सभी अग्र बन्धुओं से निवेदन किया कि वे अपने-अपने घरों में अग्रवाल समाज के जन्मदाता एवं कलयुग के अवतारी महाराजा अग्रसेन जी का चित्र अवश्य लगायें एवं वर्ष में एक बार अग्रोहा धाम तीर्थ जरूर जायें। विशिष्ठ अतिथि श्री भागीरथ मल पचेरीवाल ने यह अपील की कि सभी अग्र बंधु अपने घरों में होने वाले सभी कार्यक्रमों में अनावश्यक खर्चों में कमी करके समाज उत्थान में अपना योगदान दें ंतथा अपने संबोधन में उन्होंने समाज को एकजुट होने का संकल्प दिलाया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री आदर्श अग्रवाल ने की तथा संचालन ई0 कांशीराम अग्रवाल ने किया।
इस मौके पर भारी संख्या में अग्र बन्धुओं के साथ-साथ रिसियाँ अग्रवाल सभा के अध्यक्ष महेश कुमार अग्रवाल, जगदीश जिन्दल, श्यामकरण टेकड़ीवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, नवनीत अग्रवाल, धर्मपाल अग्रवाल, के.के. अग्रवाल, राम अवतार अग्रवाल रिसियाँ नगर पंचायत की चेयरमैन राजेश निगम, आनन्द अग्रवाल, सुरेश चन्द्र लाठ आदि लोग उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री ने यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद के लिए नागरिक सेवाओं और रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों को नमन किया

Posted on 07 April 2015 by admin

प्रधानमंत्री ने यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद के लिए नागरिक सेवाओं और रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों को नमन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रक मोदी ने यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करने के लिए नागरिक सेवाओं और रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों को नमन किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा दृ श्श्मैं यमन से हमारे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद के लिए हमारी नागरिक सेवाओं और रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों को सलाम करता हूं। आप अपने प्रयास जारी रखें! संगठनों के बीच बेजोड़ सहयोग रहा. विदेश मंत्रालयए नौसेनाए वायुसेनाए एयर इंडियाए शिपिंगए रेलवे और राज्ये सरकारों ने बचाव कार्य में बड़ी मदद की। सहयोगी श्रीमतीु सुषमा स्वएराज और जनरल वी के सिंह ;जो कई दिनों से घटना स्थील पर हैंद्ध ने नागरिकों को यमन से सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयासों में सराहनीय योगदान किया। मुझे खुशी है कि भारत ने कई गैर भारतीय नागरिकों को भी यमन से बाहर निकाला। भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वीदेश वापसी के प्रयास से यह पता चलता है कि हम अपने लोगों की सेवा करने के इच्छु‍क और आपत्ति में फंसे अन्यत लोगों की मदद के लिए तैयार हैं जो भारत का चरित्र है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री ने राज्ये पर्यावरण एवं वन मंत्रियों के सम्मेेलन का उद्घाटन किया

Posted on 07 April 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र  मोदी ने आज कहा कि भारतए जहां प्रकृति के साथ समन्व्य से रहने की लंबी परंपरा रही हैए को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व  करनी चाहिए। आज नई दिल्ली  में राज्ये पर्यावरण एवं वन मंत्रियों के सम्मे्लन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने निराशा व्यपक्तव की कि प्रकृति से प्रेम करने तथा उसका सम्मा न करने की भारतीय संस्कृ ति को वैश्विपक पटल पर पर्याप्त  तरीके से नहीं उभारा गया हैए और देश को कई बार जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक अवरोधक की तरह देखा जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग प्रकृति के रक्षक और भक्तव रहे हैं। उन्हों्ने कहा कि हमें इस तथ्य  को उचित तरीके से प्रचारित करनी चाहिए जिससे कि विश्व  यह महसूस कर सके कि इस मामले में भारत से सवाल नहीं किया जा सकता। उन्होंेने कहा कि भारतीयों ने हमेशा प्रकृति का संरक्षण किया है और आज भी भारत दुनिया में प्रति व्योक्ति कार्बन उत्संर्जन के मामले में सबसे नीचे है। उन्होंैने कहा कि आगे का रास्ता  केवल प्रतिबंध लगाना भर नहीं है बल्कि जीवन शैली में परिवर्तन लाना है। उन्हों्ने कहा कि पुनर्चक्र और पुनरू उपयोग की संस्कृेति भारत के लिए नई नहीं है। दूसरों द्वारा अनुशंसित मानदंडों का अनुसरण करने को बाध्यो होने की जगह भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में विश्वर का नेतृव करना चाहिए।

श्री नरेन्द्रव मोदी ने कहा कि विकास और पर्यावरण सुरक्षा दोनों साथ.साथ चल सकते हैंए लेकिन इस बारे में गंभीर भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक का उदाहरण देते हुए उन्होंइने कहा कि विधेयक के प्रावधान जनजातीय और वनभूमि को नहीं छूते लेकिन इस विधेयक को लेकर गंभीर भ्रांतियां और झूठ फैलाए जा रहे हैं। उन्होंूने ऐसे झूठ फैलाने वालों से इससे बचने का आग्रह किया और कहा कि समाज को बरगलाने के प्रयास राष्ट्र  को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने विश्वर से आग्रह किया कि वे भारत में नाभिकीय ईंधन के आयात पर प्रतिबंध पर ढील दें जिससे कि भारत भी बड़े पैमाने पर स्व च्छी नाभिकीय ऊर्जा का उत्पाबदन कर सके। उन्होंरने कहा कि सरकार सौर विकिरणए पवन एवं जैव ईंधन के जरिए व्यापपक तरीके से स्व च्छा ऊर्जा सृजन पर ध्याछन केंद्रित कर रही है।

प्रधानमंत्री को भारत में बाघों की यथास्थिति पर एक रिपोर्ट पेश की गई। प्रधानमंत्री ने देश में बाघ की आबादी में वृद्धि की रिपोर्ट पर संतोष जाहिर किया और कहा कि यह प्रकृति के प्रति सम्माेन की भारत की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।

इससे पहलेए प्रधानमंत्री ने सम्मेरलन स्थतल पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंहने श्स्टैंनडर्ड टर्म्स ऑफ रेफरेंस फॉर इनवायरमेंट इम्पैअक्ट। एनालिसिसश् पुस्तकक का अनावरण किया जिसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने श्व्यटवसाय करने में सुगमताश् में योगदान देने की दिशा में एक कदम बताया। प्रधानमंत्री ने एक राष्ट्री य वायु गुणवत्ता  सूचकांक भी लांच किया जो सही समय के आधार पर देश के सभी बड़े शहरी केंद्रों में वायु की गुणवत्ताि की निगरानी करेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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डॉ हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से नवीकरणीयए हरित पदार्थ का उपयोग करने का आग्रह किया

Posted on 25 March 2015 by admin

प्रधानमंत्री के सबके लिए छत योजना के कार्यान्वीयन की जिम्मेरदारी संरचना अभियंताओं पर है रू डॉण् हर्षवर्धन
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉण् हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र् मोदी के 2022 तक प्रत्ये्क व्यंक्ति के सर पर छत का सपना साकार करने के लिए वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों से कम कीमत पर भवन निर्माण कार्य के कार्यान्वसयन का आग्रह किया।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद. संरचनात्मक अभियांत्रिकी अनुसंधान केन्द्र ;सीएसआईआर.एसईआरसीद्ध के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कल शाम डॉण् हर्षवर्धन ने कहा. श्मांग आपूर्ति की कमी को तेजी से भरने के लिए हमें कम कीमत की तकनीकों की आवश्यसकता इससे पहले कभी इतनी नहीं थी। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने प्रत्येरक परिवार के सिर पर छत प्रदान करने के लिए समय सीमा तय की है। एसईआरसी द्वारा विकसित तकनीकए उच्चप वैज्ञानिक उत्पामद और विशेष सेवाएं प्रधानमंत्री की परियोजना के आवश्यएक अंग होंगे। मैं वैज्ञानिकों से सस्तीद और सुरक्षित भवनों के निर्माण का आग्रह करता हूं।

पिछले 50 वर्षों में सीएसआईआर.एसईआरसी द्वारा हासिल कई सम्मासनों को याद करते हुए डॉण् हर्षवर्धन ने पाक जलडमरू मध्यए के ऊपर पामबन रेलवे ब्रिज के नौपरिवहन संबंधी री.इंजीनियरिंग की 2007 की उपलब्धियों की सराहना की। उन्हों ने कहा कि यह ऐसी परियोजनाएं हैं जो सारी दुनिया को प्रेरित करेगी। यह ब्रिज एक सदी पुराना है लेकिन बिलकुल मजबूत है। मंत्री महोदय ने सीएसआईआर के महानिदेशक डॉण् एम ओ गर्ग और एसईआरसी के निदेशक ए बी मंडल के साथ सीएसआईआरए एसईआरसी के विभिन्नस प्रयोगशालाओं का दौरा किया। इन प्रयोगशालाओं में भूकंपीय इंजीनियरिंगए भवनों के ढांचों की स्थिति की जांच प्रयोगशालाए पवन इंजीनियरिंगए ढांचागत कंक्रीट इंजीनियरिंग और टैक्नोालॉजी प्रयोगशाला शामिल है।

उन्होंशने यहां के कर्मचारियों और वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। इन लोगों से इस क्षेत्र की चुनौतियों पर भी बात हुई। डॉण् हर्षवर्धन ने सीएसआईआर और एससीआरसी की पिछली उपलब्धियों की सराहना की और उन्हेंे लगातार नये तरीके सोचने के लिए कहा। इस मौके पर बुनियादी ढांचा ;इंफ्रास्ट्रनक्चईरद्ध क्षेत्र से जुड़े उद्योगपति मौजूद थे। इनमें श्री डी आदिनारायण राव ;बीजीआर एनर्जी सिस्टआम लिमिटेडद्धए श्री एसएस मणि ;भेलए रानीपेटद्धए श्री विवेक चारी ;एजी कार्पोरेशनद्धए श्री एसण् रविशंकर ;अडानी इंफ्रा इंडियाद्धए श्री एसण् राममोहन ;एनएलसीए नेवेलीद्ध और श्री डीण् श्रीनिवासराव ;हिंदुस्ताइन शिपयार्ड लिमिटेडद्ध। डॉण् हर्षवर्धन ने उद्योग प्रतिनिधियों का धन्यतवाद दिया और आगे भी उद्योग से सहयोग और मजबूत करने की अपील की। उन्होंमने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया का आह्वान किया है। हमें करोड़ों की संख्यां में रोजगार पैदा करना होगा क्योंनकि आने वाले दिनों में युवाओं की बढ़ती आबादी के लिए बेहद जरूरी है।

पिछले 50 सालों में सीएसआईआर.एसईआरसी ने शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देते हुए कंक्रीट सामग्रीए खास ढांचों के डिजाइन के विश्ले षण के लिए गणना से जुड़े तरीकेए ढांचागत डायनामिक्ससए पवन इंजीनियरिंगए भूकंपीय इंजीनियरिंगए आपदा में कमी से जुड़ी तकनीकए कंक्रीट ढांचे के टिकाऊपन के लिए तकनीकए हलके ढांचेए समग्र निर्माणए वैकल्पिक निर्माण सामग्रीए नैनो इंजीनियरी के लिए निर्माण सामग्री समेत कई चीजों को विकसित किया है।

सीएसआईआर.एसईआरसी ने कई शोध और विकास परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं और सरकारीए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को अपने हाथ में लिया है। डॉण् हर्षवर्धन ने कहा कि इंजीनियरिंगए विज्ञान और तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों में रचनात्मिकता और कुछ नया करने की प्रवृति होनी चाहिए। सीएसआईआर.एसईआरसी के पास अंतर्राष्ट्री य स्तकर की सुविधाएं और अनुभव मौजूद हैं और इसका लाभ लेते हुए यहां के वैज्ञानिकों ने ढांचागत विश्लेतषण डिजाइनए जटिल ढांचों में शामिल तत्वों  के परीक्षण में अहम योगदान दिया है और इस संबंध में उद्योगों की वास्त विक कठिनाइयों को दूर करने के तरीके मुहैया कराये हैं। इस संबंध में अगर कुछ उदाहरणों का जिक्र किया जाये तो इनमें ठंडे और विरूपित के विकास के क्षेत्र में हुआ प्रयोग अहम हैं। इसे निर्माण उद्योग में ब्लैिक रेवोल्यूसशन माना जा सकता है और इसके लिए सीएसआईआर.एसईआरसी को सम्मामनित भी किया गया है। इस तरह पामबन रेलवे ब्रिज को 2007 में ब्रॉड गेज में बदलने में भी सीएसआईआर.एसईआरसी की तकनीक से काफी सकारात्मसक प्रभाव पड़ा। इस तकनीक से काफी आर्थिक बचत हुई है।

सीएसआईआर.एसईआरसी के पवन ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग ने हुदहुद और फेलिन चक्रवात ;तूफानद्ध के सर्वे के बाद विश्लेषण किया है। इसके तहत अलग.अलग ढांचों की नाकामी की वजहों और तरीकों का बारीकी से निरीक्षण किया गया। इन अध्ययनों के बाद भारतीय मानक ब्यूररो ;ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डसद्ध में कामकाज से जुड़ी कुछ संहिताएं शामिल की गईं। सीएसआईआर.सीईआरसी ने आधुनिक पवन सुरंगों का इस्तेमाल करते हुए जटिल ढांचों मसलन चिमनियोंए प्रशीतन टावर और ट्रांसमिशन लाइन टावरों का अध्यटयन कियाए ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनके हस्तइक्षेप का असर क्या  होता है। सीएसआईआर.एसईआरसी ने जर्मनी की रेड क्रॉस सोसाइटी के आग्रह पर बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रय स्थ लों ;शेल्टरर्सद्ध के लिए अभिनव ढांचागत डिजाइन मुहैया कराए हैं। इनमें खास एयरो डायनेमिक जरूरतों का ध्या्न रखा गया है। ये चक्रवात आश्रय स्थइल ओडिशा में 23 जगहों पर बनाए गए हैं। इनमें से हर एक आश्रय ने ओडिशा में महाचक्रवात के दौरान 2000 लोगों ;कुल 40ए000 लोगद्ध की जान बचाई।

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ;गेलद्ध के आग्रह पर सीएसआईआर.एसईआरसी ने नर्मदा नहर क्रॉसिंग के विभिन्ना चरणों के लिए गैस प्रवाह को रोके बिना पाइपलाइन को सुरक्षित नीचे करने के लिए उपयुक्तन डिजाइन मुहैया कराए। एसईआरसी ने फील्डन में मौजूद गैस पाइपलाइन में प्रक्रिया की निगरानी के लिए एडवांस मापक तकनीक और तरीके का इस्तेैमाल करते हुए उपयुक्तन इंस्ट्रूडमेशन का डिजाइन भी तैयार किया। यह पहली बार था जब सेवारत गैसलाइन का परिचालन सफलतापूर्वक नीचे लाया गया। इससे विदेश में परिचालन के लिए विशेषज्ञों की ओर से बताई गई स्टॉशपल और बाइपास परिचालन तकनीक की तुलना में काफी बचत हुई।

प्रयोगशाला के पास भूंकपीय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काफी अनुभव है। इसने सिस्मि क क्वाोलिफिकेशनए अभिनव सिस्मि क प्रतिरोध और नियंत्रण उपकरणों के संबंध में कई औद्योगिक परियोजनाओं को पूरा किया है।

परमाणु संयंत्रों के स्टीयल ढांचोंए ताप विद्युत संयंत्रए सड़क और रेल ब्रिज की सेवा अवधि ;टिकाऊपनद्ध और भी बढ़ाने के क्षेत्र में भी विशेषज्ञता विकसित की गई है। इसके तहत इन चीजों की सेवा अवधि बढ़ाने के लिए गैर नुकसानदेह तकनीक के इस्तेतमाल के जरिए व्य़वस्थिैत आकलन किया जाता है।

सीएसआईआर.एसईआरसी ने कम लागत वाले आवासए सेनिटेशन के लिए जरूरी सामान जैसे फेरोसमेंट सर्विस कोर यूनिट ;शौचालय और नहाने के काम में आने वाली इकाईयांद्ध ए टिकाऊ एफआरसी मेनहोल फ्रेमए सीवरेजए ड्रेनेजए ट्रांसमिशनध्लाइटिंग पोल के लिए नई और सस्ती् तकनीक विकसित की है।

निर्माण उद्योग पर उत्पा्दनए लागत में कटौती और निर्मित सुविधाओं की गुणवत्ताज बढ़ाने का दबाव है। भूकंप के खतरे वाले इलाकों में हल्केटए ज्याीदा मजबूती वाले और जहाज में चढ़ाने और उतारने लायक लचीले और खराब न होने वाले ढांचों की जरूरत पड़ती है। कहने का मतलब यह है कि ऐसी निर्माण सामग्री जिसके सभी हिस्सेए सुरक्षित रहें। इन इलाकों में आवास की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए निर्माण में पहले से तैयार ढांचों की जरूरत होती है। सीएसआईआर.एसईआरसी ने आवासीय और ढांचागत जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में सीएसआईआर.एसईआरसी ने कम वजन वाले पहले से निर्मित बड़े पैनल ;प्री.फेब पैनलद्ध बनाने के लिए पांच तकनीक विकसित की है। इसके लिए विस्तापरित पॉली स्टेसरिनए पहले से निर्मित ठंडा स्टीकल ;बहुमंजिली इमारतों के निर्माण के लिएद्धए पहले से तैयार फैबक्रीटए पैनलों के बीच में डालने के लिए तैयार अनोखी सामग्रीए अपने आप जुड़ने वाले फेरोसीमेंट मोर्टार ;पतले पैनलों को जोड़ने के लिएद्ध और स्टी़ल होम कंक्रीट से बने हल्केी पैनल तैयार किए गए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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