आज मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना देश की राजधानी दिल्ली में घटित हुई, जहां सरकार की नाक के ठीक नीचे एक पीडि़त किसान ने सार्वजनिक रूप से आत्महत्या कर ली। आज की यह घटना घटित देश की राजधानी दिल्ली में हुई है परन्तु यह प्रदेश और देश के किसानों की तरफ सरकारों की उदासीनता, लापरवाही तथा एक वाणिज्यिक मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
किसानों की आत्महत्या की अनेक घटनाएं उत्तर प्रदेश में घटित हुई हैं परन्तु अफसोस की बात यह है कि उ0प्र0 की समाजवादी पार्टी सरकार किसानों द्वारा की जा रही इन आत्महत्याओं से जरा भी प्रभावित नहीं हो रही है। जिस प्रकार से किसानों को प्रदेश सरकार मुआवजा बांट रही है यह स्पष्ट दिखाता है कि किसानों की गरीबी और मजबूरी का लाभ उठाया जा रहा है तभी सरकार पन्द्रह-बीस-पच्चीस रूपये के चेक उनके हर्जाने के रूप में दे रही है।
उत्तर प्रदेश कंाग्रेस राज्य एवं केन्द्र सरकार से यह मांग करती है कि किसानों की समस्त समस्याओं जैसे गन्ना किसानों को उनके बकाये की अदायगी, उचित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता तथा ओला वृष्टि में हुए किसानों के नुकसान का सही मुआवजा तुरन्त प्रदान किया जाय। ऐसी विषम परिस्थिति में देश के मंत्री एवं अधिकारीगण यदि किसानों की समस्याओं केा छोड़कर रंगारंग कार्यक्रमों एवं नृत्य देखने में व्यस्त रहेंगे तो किसानों के दुःख-दर्द को कौन समझेगा। यदि राज्य और केन्द्र सरकार ने किसानों को तुरन्त उचित मुआवजा देकर उनकी अगली बुआई के लिए उचित सरकारी इंजाम नहीं किया तो किसानों की यह लड़ाई प्रदेश कांग्रेस एक बार फिर सड़क पर उतरकर लड़ेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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