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केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश का यह बयान कि

Posted on 05 October 2013 by admin

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश का यह बयान कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी ने कभी ‘अयोध्या में महाशौचालय बनाने की बात कही थी, एकदम ग़लत व बेबुनियाद एवं घोर निन्दनीय है एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री के इस असत्य बयान की बी.एस.पी. तीखी निन्दा व भत्र्सना करती है।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहाकि भाजपा द्वारा घोषित उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध कांग्रेस पार्टी व बी.जे.पी. की दिन-प्रतिदिन की आपसी तू-तू, मैं-मैं व तकरार में किसी दूसरी पार्टी के आदरणीय नेता को जानबूझ कर गलत तरीके से लपेट कर उनकी छवि को धूमिल कर जनता को गुमराह करने का प्रयास पूर्ण रूप से अनुचित व अशोभनीय है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के मंत्री श्री जयराम रमेश का यह द्विवस्वपन कि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ‘अयोध्या में महाशौचालय बनाने की बात आज से लगभग 22 वर्ष पहले कही थी और अब क्या श्री नरेन्द्र मोदी मान्यवर श्री कांशीराम जी का समर्थन करते हैं, क्योंकि श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये यह कहा है कि वे अपनी हिन्दूवादी छवि होने के बावजूद अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में वे गुजरात में पहले शौचालय और बाद में देवालय बनाने की नीति को अपनाकर चल रहे हैं, जिसके संदर्भ में ही श्री जयराम रमेश ने मान्यवर श्री कांशीराम जी के हवाले से असत्य व आधारहीन बयानबाजी की जबकि ऐसा कोर्इ बयान मान्यवर श्री कांशीराम जी ने अपने जीते-जी नहीं दिया था।

इस प्रकार निशिचत रूप से कांग्रेस पार्टी के लोग जानबूझकर एक सोची-समझी राजनीतिक साजि़श के तहत मान्यवर श्री कांशीराम जी के हवाले से मिथ्या प्रचार कर रहे हैं ताकि लोकसभा व ख़्ाासकर चार हिन्दी भाषी राज्यों, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में लोगों को गुमराह किया जा सके। कांग्रेस व बी.जे.पी. सहित विरोधी पार्टियों के लोग इस प्रकार का घृणित षड़यंत्र बी.एस.पी. मूवमेन्ट व उसके नेतृत्व के खि़ालाफ लगातार ही करते रहते हैं और चुनावों के समय यह षडयंत्र और ज्यादा तेज कर दिया जाता है, परन्तु कभी भी इस सम्बन्ध में कोर्इ ठोस सबूत कभी भी जनता के समक्ष नहीं पेश कर पायें हैं, जिससे इन विरोधी ताक़तों की पोल लगातार खुलकर इनकी साजि़श देर-सवेर नाकाम होती रही है।
और जैसाकि सर्वविदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी मूवमेन्ट के सच्चे हिमायती व समर्थक के रूप में बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी हमेशा ही काफ़ी मज़बूती के साथ धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते हुये सभी धमोर्ं का आदर करते थे और अपनी पार्टी के विचारधारा व सिद्धान्त को हमेशा सर्वसमाज के हित व कल्याण हेतु सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय पर ही आधारित रखा, जिसका प्रमाण उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. की चार बार बनी बी.एस.पी. सरकार का सर्वसमाज-हितैषी काम करने का रिकार्ड लोगों के सामने है।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि मान्यवर श्री कांशीराम जी की इच्छा अगर अयोध्या में महाशौचालय बनाने की होती तो उनके जीवनकाल में बी.एस.पी. की उत्तर प्रदेश में तीन बार बनी सरकार में एवं उनके देहान्त के बाद सन 2007 में बनी बी.एस.पी. की पूर्ण बहुमत वाली सरकार में उनकी इस इच्छा को भी, उनकी अन्य इच्छाओं की तरह ही क्या अवश्य ही पूरा नहीं किया जाता? इस प्रकार, मान्यवर श्री कांशीराम जी के हवाले से केन्द्रीय मंत्री श्री जयराम रमेश का ग़लत बयान अत्यन्त दु:खद व निन्दनीय एवं राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा जान पड़ता है। मान्यवर श्री कांशीराम जी ने अपने जीते-जी कभी भी ऐसी कोर्इ बात नहीं कही थी। बी.एस.पी. अपने संस्थापक अध्यक्ष मान्यवर श्री कांशीराम जी के हवाले से इस प्रकार के ग़लत व गुमराह करने वाले कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय मंत्री के बयान की तीव्र निन्दा व भत्र्सना करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बाबा रामदेव को ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर के द्वारा आठ घंटे से ज्यादा की पूछताछ

Posted on 23 September 2013 by admin

बाबा रामदेव को ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर के द्वारा आठ घंटे से ज्यादा की पूछताछ और फिर दूसरे दिन दुबारा पूछताछ करने के बाद आखिर ब्रिटिश अधिकारियों को कुछ हासिल नहीं हुआ। पिछले सात. आठ सालों से बाबा रामदेव ब्रिटेन या यूरोपीय देशों के दौरे पर जाते रहे हैं लेकिन पहली बार उन्हे इस तरह से परेशान करने व अपमानित करने की कोशिश की गई। भारतीय विदेश मंत्रीए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और ब्रिटेन स्थित भारतीय दूतावास को सूचित करने के बाद भी कोई मदद नहीं की गई इससे सवाल उठना लाजिमी है कि ब्रिटिश अधिकारियों को बाबा के खिलाफ अगर रेड कॉर्नर नोटिस की सूचना थी तो किसने दी और किसकी सूचना के आधार पर बाबा रामदेव का मान हनन किया गया। ब्रिटिश सांसद कीथ वाज और स्थानीय भारतीयों का बाबा को समर्थन के लिये शुक्रिया। बाबा रामदेव एक योगीराज और राष्ट्र नायक हैए साथ ही देश भ्रष्टाचार.कालाधन मुद्दे को लेकर संघर्ष करने वाले आदर्श पुरूष भी है। बाबा रामदेव का अपमान 125 करोड़ भारतीय के स्वाभिमान और सम्मान से जुड़ा सवाल है। यह पूरा घटनाक्रम शर्मनाक और निंदनीय है जिसमें भारत सरकार और कांग्रेस पार्टी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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- दिल्ली ज्वैलरी एण्ड जैम फेयर 2013 का आयोजन करने जा रहा है।

Posted on 23 September 2013 by admin

photo-of-event-img_8860दुनिया भर में आभूषण मेलों के आयोजन में अग्रणी- यूबीएम इणिडया उत्तरी भारत में देश के सबसे बड़े पेशेवर बी 2 बी वार्षिक ट्रेडशो- दिल्ली ज्वैलरी एण्ड जैम फेयर 2013 का आयोजन करने जा रहा है। रत्न एवं आभूषण उधोग के लिए आयोजित किया जाने वाला यह मेला रत्नों और आभूषणों के कारोबार के लिए एक बेहतरीन मंच पेश करेगा।  आभूषणों की दृषिट से देखा जाए तो चीन तेज़ी से विकसित होते हुए बाज़ारों में से एक है, साथ ही भारत भी आभूषणों के कारोबार के लिए दुनिया के प्रमुख गंतव्यों में से एक है। भारत में आभूषणों का कुल बाज़ार 90 बिलियन अमेरिकी डालर के करीब है, जिसमें डोमेसिटक रीटेल एवं कारोबार सेगमेन्ट दोनों शामिल हैं। दिल्ली, उत्तरी भारत में आभूषणों के कारोबार के लिए मुख्य केन्द्र है। दिल्ली में आभूषणों का बाज़ार बेहद सक्रिय है। हर तरह की ज्वैलरी के नए एवं अत्याधुनिक डिज़ाइन आपको यहां देखने को मिलेंगे। मेले का उदघाटन 21 सितम्बर को कारोबार क्षेत्र के दिग्गजों के द्वारा किया गया। इनमें राम अवतार वर्मा, अध्यक्ष, द बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन;योगेश सिंगल, महासचिव, द बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन; सतीश चन्द जैन, अध्यक्ष, दिल्ली ज्वैलर्स एसोसिएशन;विजय खन्ना, अध्यक्ष करोल बाग ज्वैलर्स एसोसिएशन, गुरजीत सिंह, उत्तराखण्ड ज्वेलर्स एसोसिएशन;सर्वेश कुमार जैन, महासचिव, मेरठ गवर्नमेन्ट एसोसिएशन;पवन गुप्ता, पीपी ज्वैलर्स; श्री रमेश नारंग, हजू़रीलाल;सुभाष भोला, भोलासन्स तथा बिल्लू जैन अध्यक्ष सराफा एसोसिएशन, गुरू बाज़ार अमृतसर मौजूद थे। भारत में तेज़ी से विकसित होते हुए आभूषण उधोग पर प्रकाश डालते हुए द बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राम अवतार वर्मा ने बताया, ”भारत आज हीरों, आभूषणों एवं रत्नों के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी निर्माताओं की सूची में शुमार हो गया है, आभूषण उधोग में भारत की प्रतिष्ठा तेज़ी से बढ़ रही है। यह उधोग देश के सबसे तेज़ी से विकसित होते हुए क्षेत्रों में से एक है। देश की अर्थव्यवस्था में भी लगभग 20 फीसदी वार्षिक विकास दर के साथ अतुलनीय योगदान दे रहा है।
हरियाणा, अमृतसर एवं लखनऊ जैसे क्षेत्रों से अग्रणी ज्वैलर्स ने अपने बेहतरीन डिज़ाइनों का प्रदर्शन किया। बिना कटे हीरों को भी प्रदर्शनी में रखा गया। डीपी डिज़ार्इन्स एवं एलकेएस ने भी अपने नए कलेक्शन जैसे फ्यूज़न ज्वैलरी एवं रायल रजवाड़ा कलेक्शन को डिस्प्ले पर रखा, जिसे खास तौर पर प्रीमियम सेगमेन्ट बाज़ार के लिए डिज़ाइन किया गया है। एमरल्ड, शीतल ग्रुप, कृष्णा एक्सपोर्ट, देरावला जैसे जाने माने नाम तथा रीटेल क्षेत्र में भी प्रतिषिठत ज्वैलर्स जैसे पीपी ज्वैलर्स, पीसी ज्वैलर्स, काशी, केज़, भोलासन्स, मोतीवाला एण्ड सन्स ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत राज्योंस को 10ए000 बसें मि‍लेंगी सीएसएमसी की पहली बैठक में 2124 बस मंजूर की

Posted on 19 September 2013 by admin

देश में शहरी यातायात को सुधारने का बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मि‍शन;जेएनएनयूआरएमद्ध के तहत राज्यों  के लि‍ए बसें जारी करने का दूसरा चरण प्रारंभ कि‍या है। कल नई दि‍ल्लीक में शहरी वि‍कास मंत्रालय के तहत गठि‍त केन्द्रीकय मंजूरी एवं नि‍गरानी समि‍ति‍;सीएसएमसीद्ध ने अपनी प्रथम बैठक में तीन राज्यों् के लि‍ए करीब 2124 बसों को मंजूरी दी है। पहले दौर में उन राज्योंे के लि‍ए बसों को जारी कि‍या गया जि‍न्हें1 2009 में बसें नहीं मि‍ली थी। मंगलवार को हुई बैठक में कर्नाटक और भटिंडा के लि‍ए क्रमशरू 2104 और 20 बसों के प्रस्ताथव को मंजूरी दी गई। आसाम;गुवाहाटी के लि‍एद्ध द्वारा बसों के अनुरोध को अधूरे डीपीआर के कारण मंजूरी नहीं दी गई। साथ हीए छत्तीससगढ़ के प्रति‍नि‍धि‍के उपस्थिक‍त न होने के कारण नए रायपुर के लि‍ए बसों को मंजूरी नहीं दी जा सकी। शहरी वि‍कास मंत्रालय के सचि‍व डॉण् सुधीर कृष्णां ने घोषणा की कि‍इस वर्ष शहरी नवीकरण के लि‍ए जेएनएनयूआरएम के तहत राज्योंॉ को 10ए000 बसें आवंटि‍त की जाएगी। बैठक में कल बोलते हुए सचि‍व ने कहा कि‍बसों के वर्तमान आवंटन में कुछ नई वि‍शेषताएं हैंए जैसे परि‍योजना को दीर्घकालि‍क बनाने के लि‍ए बस डि‍पोए कार्यशालाएंए नि‍यंत्रण केंद्रए आईटीएस प्रणाली आदि‍। उन्हों ने सड़क यातायात क्षेत्रए वि‍शेषकर बसों के संबंध में कर्नाटक राज्यी द्वारा सड़क परि‍वहन क्षेत्र में कि‍ए गए प्रयासों की सराहना की और अन्या राज्यों  से व कर्नाटक द्वारा स्थामपि‍त उच्चस मानकों का अनुसरण करने को कहा।

मैसूर शहर को आईटीएस प्रणाली सहि‍त बस स्टॉ्प के लि‍ए एलईडी डि‍स्प लेए सीसीटीवी कैमराए जीपीआरएस आदि‍वि‍शेषताओं के साथ सुवि‍धापूर्ण बसों का शहर बताया। कर्नाटक की योजना कम ईंधन खपत वाली ओएफ बीएस.4 बसों को जो पर्यावरण के अनुकूल हो शुरू करने की है। बैंगलोर और मैसूर के लि‍ए हाइब्रि‍ड बस शुरू करने का प्रस्ताहव है।

कुल 10ए000 बसों में से करीब 2000 बसें उत्तकर.पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों के लि‍ए हैं। तमि‍लनाडु ने 3ए000 शहरी बसों के लि‍ए अनुरोध कि‍या जबकि‍आंध्र प्रदेश ने 1200 बसों के लि‍ए अनुरोध कि‍या। अन्य  वि‍भि‍न्नज शहरों से भी अब मंत्रालय के पास प्रस्ता व आ रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्री सीस राम ओला द्वारा वर्ष 2011 के लिए विश्व्कर्मा राष्ट्री्य पुरस्काेर और राष्ट्रीैय सुरक्षा पुरस्काारों का वितरण

Posted on 19 September 2013 by admin

केन्द्री य श्रम और रोजगार मंत्री श्री सीस राम ओला ने आज नयी दिल्लीष स्थित विज्ञान भवन में वर्ष 2011 के लिए विश्व कर्मा राष्ट्रीलय पुरस्कावर और राष्ट्रीीय सुरक्षा पुरस्का रों का वितरण किया। इस अवसर पर श्री ओला ने कहा कि वर्ष 2011 के कामकाज के आधार पर विश्वतकर्मा राष्ट्रीीय पुरस्का्र के लिए 194 और राष्ट्रीीय सुरक्षा के लिए 116 आवेदन प्राप्ता हुए। इस वर्ष 116 विश्वएकर्मा राष्ट्रीरय पुरस्का र और राष्ट्री य सुरक्षा पुरस्काारों के विभिन्न् वर्गों में 63 विजेता और 35 उप विजेता हैं।

श्री ओला ने औद्योगिक संयंत्रों में दुर्घटनाएं रोकने और कार्यस्थकलों पर सुरक्षा उपायों के महत्व  पर बल दिया। उन्हों ने कहा कि विश्व्कर्मा राष्ट्री य पुरस्का र और राष्ट्रीतय सुरक्षा पुरस्कायरों की शुरूआत 1965 में की गई। इनका उद्देश्य् उन अच्छे् कर्मियों और औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्सा हित करना हैए जो दुर्घटनाएं रोकने और औद्योगिक सुरक्षा ;व्यापवसायिकद्ध उपायों को बढ़ावा देने और समान रूप से प्रबंधन और श्रमिक दोनों के हितों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करते हैं।

उन्होंकने कार्पोरेट सामाजिक दायित्वक के तहत औद्योगिक घरानों द्वारा स्वारस्य्ोि ए सुरक्षा और कार्य पर्यावरण की दिशा में उठाए गए कदमों पर खुशी जाहिर कीए जिससे परिणाम स्वररूप सुरक्षा और कर्मचारियों के स्वा स्य्द्  में समग्र बदलाव आया है और औद्योगिक दुर्घटनाओं में कमी आई है।

श्रम और रोजगार सचिव डॉण् मृत्युं जय सारंगी ने अपने स्वापगत भाषण में वैश्वी करणए निजीकरण और उदारीकरण के कारण भारतीय उद्योगों की चुनौतियों का उल्ले ख किया। उन्हों ने कहा कि वैश्वीउकरण से जहां उद्योगों और कार्यबल के लिए अवसर उपलब्धउ हुए हैंए तो वहीं वैश्विक मंदी का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्हों ने कहा कि औद्योगिक दुर्घटनाओं से केवल कर्मचारी ही नहींए उसका परिवारए समाज और पूरा देश प्रभावित होता है। उन्हों ने उम्मींद जताई कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योग इस तरह के उपाय करेंगे जिससे कर्मचारी सुरक्षा के प्रति अधिक सजग और सुरक्षित तरीके से कार्य कर सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अंतर्राष्ट्री य बाजार में भारतीय बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत 17ण्09ण्2013 को घटकर 108ण्64 डॉलरध्बैरल लीटर हुई

Posted on 19 September 2013 by admin

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम एवं विश्लेरषण प्रकोष्ठ1;पीपीएसीद्ध के आज जारीध्प्रकाशित आकड़ों के अनुसार 17ण्09ण्2013 को अंतर्राष्ट्री य बाजार में भारतीय बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत घटकर 108ण्64 डॉलरध्बैरल हो गई। इससे पहले कारोबारी दिवस 16ण्09ण्2013 को यह 110ण्08 डॉलरध्बैरल थी। 17ण्09ण्2013को कच्चे तेल की कीमत में रुपए की दृष्टि से 6885ण्10 रुण् प्रति बैरल की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि 16ण्09ण्2013 को ये कीमत 6877ण्80 रुण् प्रति बैरल थी। डॉलर की तुलना में रुपए की गि‍रावट के परिणाम स्वरुप ये बढ़ोतरी दर्ज की गई। 17ण्09ण्2013 को रुपए और डॉलर विनिमय की दर 63ण्38 रुण् प्रति अमरीकी डॉलर रही जबकि पिछले कारोबारी दिन 16ण्09ण्2013 को ये 62ण्48 रुण् प्रति अमरीकी डॉलर थी।

नीचे तालिका में इससे संबंधित विस्तृत जानकारी हैः.
विवरण    इकाई    17 सि‍तम्ब रए 2013 को कीमत ;16ण्09ण्2013ए पि‍छला कारोबारी दि‍वसद्ध    पिछला पखवाड़ा 01.15 अगस्ता  2013 ;पिछला पखवाड़ा  16.31 अगस्तए 2013द्ध
कच्चाव तेल;भारतीय बॉस्के;टद्ध    ;डॉलरध्बैरलद्ध    108ण्64;110ण्08द्ध    111ण्30;110ण्09द्ध
;रूण्ीजजचरूध्ध्ूूूण्कमेपहद.सिनजमण्बवउध्ूच.बवदजमदजध्नचसवंकेध्2010ध्07ध्तनचमम.ेलउइवसण्रचहध्बैरलद्ध
6885ण्60;6877ण्80द्ध    7263ण्44;7145ण्94द्ध
विनिमय दर    ;रूण्ध्डॉलरद्ध    63ण्38;62ण्48द्ध    65ण्26;64ण्91द्ध

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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खाद्य प्रसंस्कदरण क्षेत्र की समस्यााओं पर विचार.विमर्श और समाधान के लिए राज्यों् के मंत्रियों का सम्मेरलन।

Posted on 19 September 2013 by admin

श्री शरद पवार 20 सितम्ब्र को सम्मे लन का उद्घाटन करेंगे
खाद्य प्रसंस्कारण उद्योगों के मंत्रियों के राष्ट्री य स्तदर सम्मे लन का आयोजन इस सप्ताह किया जा रहा हैए जिसमें क्षेत्र को ऊर्जावान बनाने पर चर्चा और उच्च्.क्षमता के क्षेत्र की समस्यागओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

कृषि और खाद्य प्रसंस्क रण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार 20 सितम्बमर को राज्योंा के मंत्रियों के सम्मेंलन का उद्घाटन करेंगे।

सम्मेिलन में मुख्यल चर्चा इस बात पर की जाएगी कि राष्ट्रीिय खाद्य प्रसंस्कोरण मिशन और अन्यो योजनाओं के लिए उपलब्ध  धनराशि का उपयोग कैसे किया जाए। 2012 में शुरू किए गए मिशन के अधीन खाद्य प्रंसस्कबरण की अनेक संवर्धक गतिविधियां चलती हैं। कई राज्यश 2012.13 और इस वर्ष आवंटित धनराशि का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाए हैं।

सम्मे लन में योजना के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्योंे के विचारों का पता लगाया जाएगा। योजनाओं के उचित क्रियान्वभयन में राज्योंक के सामने आने वाली कठिनाइयों और राज्योंो की चिंताओं का हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।

कराधान.खासकर प्रसंस्कृनत खाद्य पर मंडी कर और बाजार सुधारों पर भी विचार.विमर्श होगा।

खाद्य प्रसंस्कइरण उद्योग का तेजी से विकास हो रहा है और इससे बहुत से लोगों को रोजगार मिल रहा है। 2011.12 में समाप्तऔ हुए पाँच वर्षों मेंए इसकी औसत वार्षिक वृद्धि दर 8ण्6 प्रतिशत रहीए इस अवधि के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि 7ण्7 प्रतिशत और कृषि में 3ण्8 प्रतिशत सालाना रही। 2011 में खाद्य प्रसंस्कमरण क्षेत्र में लगभग 17 लाख लोगों को और अन्यि 48 लाख लोगों को असंगठित खाद्य प्रसंस्केरण गतिविधियों में रोजगार मिला। एफपीआई मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों के तहत मेगा फूड पार्कोंए शीत शृंखला सुविधाएंए बूचडखानों के आधुनिकीकरणए खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन और गुणवत्ता  नियंत्रण जैसी अनेक गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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25वें भारत को जानो कार्यक्रम में शामि‍ल प्रवासी युवा प्रतिभागियों से मिले राष्ट्रजपति

Posted on 19 September 2013 by admin

भारत के राष्ट्रतपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रसपति भवन में 25वें भारत को जानो कार्यक्रम के प्रवासी युवा प्रतिभागियो से मुलाकात की। इस समूह में 8 देशों के 27 युवा पुरूष और महिलाएं सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्र पति ने प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम आयोजन को लेकर कि‍ए गए प्रयासों की सराहना की। उन्हों्ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि‍ हमारी जड़ें कहां से जुड़ी है और कि‍स स्थांन से हमारी उत्परत्ति हुई है। आगे उन्हों ने कहा कि सभी युवा पुरूष और महिलाओं के लिए यह कार्यक्रम समृद्ध अनुभव होगा। राष्ट्रंपति‍ ने कहा कि भारत स्वययं की निहित शक्ति जो स्थिति के अनुरूप प्रकट होती है के साथ विश्वु का सबसे बड़ा कार्यात्म‍क लोकतंत्र है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सिविल सोसायटी और विभिन्न अन्य संगठन ”सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून के मुददे पर साथ आए

Posted on 17 September 2013 by admin

सिविल सोसायटी और कर्इ अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों के सदस्यों ने ”सांप्रदायिक हिंसा (रोकथाम, नियंत्रण और पीडि़तों का पुनर्वास) विधेयक, 2005 को शीघ्र पारित करने की मांग को सुदृढ़ करने हेतु सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के प्रतिषिठत इंडिया इंटरनेश्नल सैन्टर में एक मीटिंग करके विचारों का आदान प्रदान किया। कमाल फारूकी (पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग) और मौलाना महमूद मदनी (महासचिव, जमियत उलेमा-ए-हिन्द) द्वारा बुलार्इ गर्इ इस बैठक में सिविल सोसायटी और दिल्ली की विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने महसूस किया कि दंगे की हालत में लागू किए जाने लाएक 15 से अधिक कानूनों की उपसिथति के बावजूद शासनगुजरात दंगे 2002 और हाल के मुजफफरनगर दंगों की रोकथाम करने में नाकाम रहा क्योंकि संबंधित राज्य पदाधिकारियों में उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक इच्छाशकित का अभाव था। इस बैठक का उददेश्य पशिचमी उत्तर प्रदेश में दंगे के शिकार लोगों के साथ सहानुभूति दिखाना और यह सुनिशिचत करने के लिए ठोस कदम उठाना भी था कि भविष्य में किसी राजनीतिज्ञ के निजी स्वार्थ या इच्छापूर्ती हेतु दंगे न हो सकें। बैठक में जान दयाल, फरहा नकवी, वृंदा ग्रोवर, मौलाना नियाज फारूकी, डाक्टर फखरूददीन मौहम्मद, मार्इकेल, डाक्टर तसलीम रहमानी, मौलाना अब्दुल वहाब खिलजी, एस अजीज हैदर, शकील सैयद के अतिरिक्त कमाल फारूकी और मौलाना महमूद मदनी व अन्य लोगों ने भाग लिया।
भारत ने ब्वदअमदजपवद वद जीम च्तमअमदजपवद ंदक च्नदपेीउमदज व जिीम ब्तपउम व ळिमदवबपकमए 1948 की न केवल पुषिट की है बलिक उसपर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए हमारी सरकार का दायित्व बनता है कि इस कंवेनशन के प्रावधानों को लागू करने के लिए आवश्यक कानून बनाए। केंद्र की यूपीए सरकार ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में भी ”सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून बनाने का आश्वासन दिया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 के तहत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना सरकार का दायित्व है। इस प्रतिबद्धता के तहत उसका नैतिक और सामाजिक कर्तव्य बनता है कि जिस प्रकार प्रधान मंत्री ने हाल में सम्पन्न हुए संसदीय सत्र में कर्इ बिल पारित कराने हेतु विपक्ष से खास बातचीत की और उन्हें मनाया उसी प्रकार इस बिल को भी शीघ्रता से पास कराने के लिए कार्यवार्इ करें।
मीटिंग में उपसिथत लोगों ने इस बात पर खेद जताया कि सरकार उनकी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं हालांकि सिविल सोसायटी उन एक दो प्वाइंट को छोड़ देने को तैयार है जो सरकार को मंजूर नहीं। उल्लेखनीय है कि यू पी ए (एक) के गठन के समय दिए गए आश्वासनों के अनुसार ठपसस दवण् ब्ग्ट व 2ि005 श्ज्ीम ब्वउउनदंस टपवसमदबम ;च्तमअमदजपवदए ब्वदजतवस ंदक त्मींइपसपजंजपवद व टिपबजपउेद्ध ठपससए 2005.12.07श् को संसद में प्रस्तुत किया गया था और बाद में गह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2006 में पेश की थी जिसके कर्इ प्रावधानों पर सिविल सोसायटी ने कड़ा विरोध किया था। 2005 से अब तक विभिन्न सिविल सोसायटी ग्रुप सरकार से निरंतर बात करने की कोशिश करते रहे हैं और इस बिल की बाबत अपने विचार उस तक पहुंचाते रहे हैं।
सिविल सोसायटी से जुड़े लोग गत 7 वर्षों में यू पी ए अध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, न्याय एवं विधि मंत्री, गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और संसद सदस्यों से मुलाकात करके उन्हें इस बिल के महत्व से अवगत कराते रहे परन्तु कोर्इ लाभ नहीं हुआ। यदि इन्होंने समय रहते कदम उठाया होता और यह बिल पारित कर दिया होता तो मुजफफरनगर और मेरठ में कर्इ बहुमूल्य जानें शायद बच सकती थीं। न केवल सिविल सोसायटी बलिक अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने भी सरकार से साफ शब्दों में बता दिया था कि इस बिल का पास होना कितना आवश्यक है।
इस संबंध में जमात-ए-इस्लामी हिंद, आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावेरत, मिल्ली पालिटीकल पार्टी आफ इंडिया, मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद और इसी मांग को आगे बढ़ने हेतु गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस विधेयक के पारित होने को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय की मांगों को अवगत कराया। आर एन आर्इ से खास बातचीत करते हुए आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावेरत के अध्यक्ष डाक्टर जफरूल इस्लाम खां ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात करके उन्होंने न केवल पशिचमी उत्तर प्रदेश के दौरे की अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपी बलिक 21 प्वार्इंट का एजेंडा भी उन्हें दिया जिसमें पशिचमी उत्तर प्रदेश में दंगे के शिकार लोगों को तुरन्त मुआवजा, उनके मकानों की मरम्मत और तुरन्त सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून पारित करने की आवश्यकता की बात भी कही गर्इ है।
आर एन आर्इ से बात करते हुए सोशल वर्कर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डाक्टर अमानत हुसैन ने प्रश्न किया कि आखिर क्यों पिछले संसद अधिवेशन में इस बिल को पास करने हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया जबिक सरकार ने हर वह बिल पास करा लिया जो वह कराना चाहती थी। उन्होंने क्हा कि पशिचमी उत्तर प्रदेश में हुर्इ हिंसा के बाद भी यदि सरकार सचेत नहीं हुर्इ और इस बिल को पारित करने हेतु आवश्यक कार्यवार्इ नहीं की तो उसकी नीयत शक के घेरे में आ जाएगी।

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बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश का, उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा ख़ासकर मुस्लिम समाज को गुमराह करने वाला फैसला लिये जाने के सम्बन्ध में वक्तव्य

Posted on 22 August 2013 by admin

नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2013, 2013: उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लक्ष्यों का 20 प्रतिशत मात्राकृत करते हुये लाभान्वित करने का जो फैसला राज्य मन्त्रिमण्डल द्वारा दिनांक 20 अगस्त सन् 2013 को लिया गया है वह सरासर ’’धोखा’’ है व आगामी लोकसभा को ध्यान में रखकर अल्पसंख्यकों को गुमराह करके उसका लाभ उठाने के स्वार्थपूर्ण उद्देश्य से लिया गया है और साथ ही ‘‘जनसंख्या के आधार पर मुसलमानों को अलग से आरक्षण दिये जाने‘‘ के चुनावी घोषणा-पत्र से साफ-साफ मुकरना है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2012 के लिए जारी अपने चुनावी घोषणा-पत्र में सपा ने यह वायदा किया था कि ‘‘मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों की रोशनी में सभी मुसलमानों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से अत्यधिक पिछड़ा मानते हुये दलितों की तरह जनसंख्या के आधार पर अलग से आरक्षण दिया जायेगा‘‘, लेकिन अब लगभग डेढ़ वर्ष का लम्बा समय बीत जाने के बाद भी इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्रवाई तो दूर, कोई प्रारम्भिक कार्यवाही भी अब तक नहीं की गयी है।

इसके अलावा ‘‘मुस्लिम बहुल जि़लों में नये सरकारी शैक्षिक संस्थानों की स्थापना‘‘ की वायदा चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया था, जिस पर भी रत्ती बराबर भी अमल नहीं किया गया है। यह सरासर धोखेबाज़ी व फरेब नहीं तो और क्या है?

इतना ही नहीं बल्कि उर्दू-अरब-फारसी विश्वविद्यालय, जो मान्यवर श्री कांशीराम जी के नाम पर मेरी बी.एस.पी. सरकार द्वारा स्थापित किया गया था, उस विश्वविद्यालय को विशेष क़ानूनी अधिकार देकर अल्पसंख्यक तालीमी इदारों को प्रोत्साहित व मान्यता आदि देने की ख़ास जि़म्मेदारी दी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में वर्तमान सपा सरकार ने अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस प्रकार उपरोक्त बातों से यह स्पष्ट है कि सपा सरकार अल्पसंख्यकों में भी ख़ासकर मुस्लिम समाज के हितों के संरक्षण व कल्याण के प्रति बिल्कुल गम्भीर व संवेदनशील नहीं है, वरना अपने चुनावी वायदों को पूरा करने में सपा इतनी ज़्यादा कोताही व लापरवाही नहीं बरतती, जैसाकि अभी तक देखने को मिल रहा है।

साथ ही, मामूली महत्व की व कम बजटों वाली 85 विभिन्न सरकारी योजनाओं में 20 प्रतिशत कोटा निर्धारित करने का फैसला जो अब लिया गया है, वह वास्तव में बजट प्रस्तुत करते समय ही वर्ष के प्रारम्भ में ही ले लेना चाहिये था तब ही इसका कुछ लाभ वर्तमान वित्तीय वर्ष में मिल सकता था। लेकिन लगभग आधा वित्तीय वर्ष निकल जाने के बाद अब जो फैसला लिया गया है इसका कोई लाभ वर्तमान में अल्संख्यकांे को नहीं मिलने वाला है।

जाहिर है कि सपा सरकार का यह फैसला ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोगों को वरग़लाने व गुमराह करने तथा बाक़ी समाज के लोगांे को ख़ासकर भाजपा को भड़का कर साम्प्रदायिक माहौल तैयार करके आपसी चुनावी लाभ उठाने की नीयत से किया गया ही प्रतीत होता है अर्थात् सपा की नीयत में खोट व ख़ुराफात प्रतीत होता है।

साथ ही, स्पष्ट तौर पर सपा सरकार द्वारा हर क्षेत्र में व हर स्तर पर अपनी नाकामी को छिपाकर उसकी तरफ से ध्यान बांटने की एक नाकाम कोशिश भी है, क्योंकि अपराध-नियन्त्रण व क़ानून-व्यवस्था के साथ-साथ साम्प्रदायिक दंगों व तनाव के कारण सर्वसमाज के लोग और ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोगों की नाराज़गी जग-ज़ाहिर है और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को कड़ा सबक़ सिखाने के लिए उन्हें बस सही मौक़े का ही इन्तज़ार है। वैसे भी सपा सरकार की घोर नाकामी व जनता का विश्वास खोने के चर्चे उत्तर प्रदेश मे ही नही बल्कि देश भर में अब आम है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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