Posted on 16 July 2013 by admin
विकास क्षेत्र धनपतगंज के कुटटा चैराहा वाया वरासिन मार्ग की पुलिया बरसात मे बह गयी । इस मार्ग पर तीन इण्टर कालेज सहित आधा दर्जन प्राथमिक व जूनयर हाई स्कूल भी है तथा एक दर्जन ग्राम सभा को जोडने वाले इस मार्ग के अवरोधित होने से लोगो की मुश्किले बढ़ गयी है ।
मई जून की पहली बरसात मे ही कुटटा चैराहा वाया वरासिन मार्ग पर स्थित देवकी नन्दन पुरवा के पास की पुलिया ढह गयी जिससे लोगो को आने जाने मे विषमताएं आ रही है । ज्ञात हो कि इस मार्ग पर तीन इण्टर कालेज व आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालय व चार पांच जू०हा०स्कूल के छात्रो का आवागमन है । आौर तो और यह मार्ग पहले से ही गडढा युक्त व उहृबड खाबड बन गया है जो पहले से यात्रियों के दुर्घटना को आमत्रित करते थे परन्तु पुलिया टूटने से दुर्घटना की आशंका और बढ गयी है । जिसकी सूचना लोगो ने मौखिक व लिखित अधिकारियों को दी है ।
क्षेत्र के कुुटटा प्रधान रण विजय सिंह, प्रदीप पाण्डेय समाज सेवी, दशरथ गुप्त, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, फतेपुर प्रधान भोला सिंह आदि लोगो ने अतिशीर्घ पुलिया मरम्मत व सडक को गडढा मुक्त करवाने की मांग की है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 July 2013 by admin
बार एसोसिएसन सुलतानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामा कान्त उपाध्याय के पिता की आकस्मिक मृत्यु विगत शुव्रहृवार को हो गयी । उनकी मृत्यु पर बार एसोसिएसन के अध्यक्ष ने शोक सभाकर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए कामना किया । अधिवक्ता गण आज न्यायिक कार्य से पूर्णतरू विरत रहे । इस सप्ताह का सोमवार पहलर दिन था परन्तु दीवानी मे मुकदमो से सम्बन्धित सभी कार्यवाहियां बाधित रही
इस समय बार एसोसिएसन के संघ पदाधिकारियो का चुनाव धीरे धीरे गति पकड़ रहा है । सोमवार को अधिवक्ता सदस्यों की अनन्तिम सूची वोर्ड पर चस्पा की गई है । मंगलवार को अधिवक्ता सदस्यो जिसका नाम सूची मे शामिल नहीहै आपत्त्तियां मांगी गई है तथा बुधवार को अध्यक्ष द्वारा अधिवक्ता सदस्यो की अन्तिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी । १९ जुलाई को पदो के लिए नामांकन कार्य की बिव्रहृी की जायेगी तथा मतदान २९ जुलाई को होगा मतगणना दूसरे दिन की जायेगी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 July 2013 by admin
जनपद के विचैलियं और अढतिये प्रशासनिक लापरवाही का फायदा उठाने में नही चूंक रहे चहुंओर मंहगाई बढाकर गैर वाजिक मुनाफा खोरी मे लगे है ।
हैरत है कि आम जनता आज अपनी दैनिक वस्तुओं को खरीदने में त्राहि माम बोल रही है जानते है क्यो कारण साफ है जिले में उच्चाधिकारीयों की गैर मौजूदगी उसी का फायदा उठाते हुए विचैलिये और अढतिये आये दिन दैनिक वस्तुओं, सब्जियों का अनाजो, घीद्व तेल आदि का रेट प्रतिदन सटोरिया बढाते घटाते है जिससे आम जनता लुट रही है न तो देश व प्रदेश मे सूखा घोषित है न बाढ है न तो अघोषित युद्ध की स्थिति है तब यह मंहगाई प्रति दिन बढने का कारण क्या है ये तो हमारे जिले की डी.एम. जान सकती है उ०प्र० के सी०एम० जनता को तो ये मुनाफाखोर बताते है कि सरकार महंगाई बढा रही है।
हम क्या करें डीजल ५० पै० प्रतिलीटर बढता है तो ये मुनाफा खोर ५० ग्राम सामान पर ५० पैसा बढा देते है । हालात यह कि जनपद के नगर मुख्यालय पर बडे बडे थोक व्यापारियो के दर्जनो गोदाम बिना मानक के डंप पडे है । वो भी पुराने रेट पर खरीदा गया माल है मगर उसे मनमाने रेट पर बेच रहे है जबकि मानक मात्र १० प्रतिशत तक फुटकर बिव्रहृी पर मार्जिन का होना चाहिए मगर खरीद से ५० प्रतिशत ज्यादा पर बेंच कर गरीबो का गला काटने वाले ये अढतिये मुनाफा खोर सपा सरकार को गरीबो व जनता में लाचार व बीमार साबित करने पर तुले है ।
सब्जी बिव्रहृेता तो हर घण्टे रेट बढाते गिराते है आलू का तो रेट जबसे खुट कर आया आज तक ६० रु० पसेरी के नीचे नही गया । रोजे को देखकर लाइसुन प्याज हर घण्टे बढा रहा है जैसे गंगा नही का जल स्तर कारण साफ है कि जिले के जिम्मेदार आलाधिकारियों को सरकार लाखो रुपया वेतन डी०ए०समेत इतना ज्यादा धन देती है कि उन्हे आलू प्याज हमेशा सस्ता लगता है आम जनता है जिसे रोज खरीद कर खाना है उसे पता चलता है कि आंटा दाल का भाव छाठपे वेंतनमान वालो ने बढाई है कृतिम मंहगाई उन्हे तो वेतन कई कई माह लेने की भी जरुरत नही पडती फिर भी उन्हे बाजार की मंहगाई का फर्क नही पडता इसी लिए बाजार पर नियंत्रण रखने वाले महंकमें गायब है ।
मुनाफा खोरो के हाथो बिक चुके है उन्हे न तो गरीबोे की चिन्ता है न सपा सरकार की बदनामी की चिन्ता यही कारण है कि बाजार देखने आज तक न तो डी०एम० कभी गई न पूर्रि्त विभाग न कांटा बाट माप विभाग न मार्केटिंग निरिक्षक न फूड निरिक्षक और आलू व कोल्ड स्टोर को सरकारी सब्सीडि देने वाला उद्यान विभाग हालात बद से बदतर है जिले मे सोमवार व गुरुवार दो दिन विभागो के अधिकारी रहते है उसका कारण है कि डी०एम० इन्ही दो दिन जनता से मिलती है और बैठके करती है बकाया दिनो मे जिला प्रभार पर रहता है न देखने वाला कोई न सुनने वाला कोई जनता लुटती है तो लुटे शासन प्रशासन को इसकी फुर्सत कहां ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने सपा के लैपटाप वितरण योजना पर तीखे सवाल उठाये हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने निर्माता कम्पनी (एच.पी) द्वारा आपूर्ति किये गये लैपटापों के बदले धनराशि उपलब्ध न कराये जाने के कारण युवाओं को बरगला कर वोट पाने की योजना अब सपा सरकार के गले का फन्दा बन गई है। सपा के इस दावे को खोखला बताते हुए कि लैपटाप की आपूर्ति के लिए रू0 2721.14 करोड़ की बजट में व्यवस्था होने के बाद भी निर्माता कम्पनी को पैसा न देने का कारण सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। सच बात तो ये है कि प्रदेश का खजाना खाली है और उस पर लोक लुभावन वादों को पूरा करने का दबाव सरकार के गले में हड्डी बन गई है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने बताया कि मार्च महीने से लैपटाप वितरण शुरू होने के बाद से अब तक मात्र 80,000 लैपटाप का वितरण हो सका है। इस वितरण में लैपटाप की कीमत की धनराशि ताम झाम में खर्च हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस वितरण की व्यवस्था में सपा सरकार प्रदर्शन कर प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ क्यों डाल रही है। सरकार को चाहिए कि यदि वो लैपटाप बाँटने में गम्भीर है तो मात्र 15 दिनों में छात्रों के हाथों में लैपटाप पहुँच जाने चाहिए। सरकार अपनी फिजूलखर्ची को बन्द करे और अपने वादों पर ठोस कार्यवाही करे।
डा0 मिश्र ने सरकार से पूछा कि कुछ लैपटाप तो बांट दिये गये हैं परन्तु दो वर्षों के लगभग 25 लाख छात्रों को टैबलेट कब मिलेंगे? हाईस्कूल उत्तीर्ण लाखों छात्र टैबलेट की बाट जोह रहे हैं। उन्हें इस वादे की पूर्ति की चिन्ता है। सच बात तो यह है कि टैबलेट के लिए अभी तक सरकार ने कोई गम्भीर प्रयास नहीं किये हैं। ऐसा लगता है कि टैबलेट वितरण सपा सरकार के बूते की बात नहीं है। डा0 मिश्र ने मांग की कि सरकार की चाहे जो मजबूरी हो उसे तुरन्त प्रदेश के छात्रों को लैपटाप और टैबलेट बांटने चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
जनपद की आम जनता को न्याय पालिका लगातार खुशियों की सौगात दे रही हैे जिसके चलते घर घर मे जनता माननीय सुप्रीम कोर्ट व माननीय उच्च न्यायालय को कोटि कोटि बधाई दे रही है और माननीय न्यायाधिशों को हजारो आशीष दे रही है । कारण साफ है कि भारत के लगभग सभी राजनीतिक दल सही मायने मे जनता नही बल्कि बाहूबली पूजक बनते जा रहे थे यही अपराधी शिरोमणि अपने अपराधिक आकंडो और अपराधियों शूटरो की बदौलत सत्त्ता में चुनाव जीतकर इंट्री पा जाते थे और लोकतंत्र में उच्च सदन मे बैठकर करोडो संविधान पसंद जनता के भाग्य विधाता बन जाते थे ।
बीते दो दशक से राजनीती मे जनता इन राजनीतिज्ञो के वोट देने का साधन मात्र बन चुकी थी जनता कभी भी इन सत्त्ताशीनो के आगे अपनी बात मजबूती से नही रख पाती थी । कारण भी था कि सत्त्ता व विपक्ष में करीब करीब इन लोगो का वर्चस्व हो गया था जिनके पास तमाम सरकारी गैर सरकारी संसाधन मौजूद थे और उनके बलपर निहत्थी और मजबूर जनता को शोषण झेलना पडता रहा है बीते दिनो सामाजिक कार्यकर्र्ता हन्ना हजारे का और उनकी टीम का हश्र सभी ने देखा है जिन्हे कोर्ट के उनके चैम्बर में घुसकर पीटा गया था उनका हस्र देखकर कौन आम जनता सरकार और सत्त्ता धारियों का विरोध कर सकता था इन सबकी जड में माननीय बने अपराधी सांसदो व नेताओं की भूमिका जग जाहिर है ।
भारत की लगभग सभी राजनीतिक पाटियां ऐसे समय अपराधि का प्रभावो का भरपूर इस्तेमाल करती है जिससे चुनाव आयोग को बैलट बचाने के लिए सेना तक लगानी पडती है । बूथो का नाम करण करना पडता है संवेदन शील, अतिसंवेदनशील की श्रेणी बनानी पडती है चूंकि उस क्षेत्र से जेल में बद कुख्यात अपराधी चुनाव लड रहा होता है और उसके शूटर चुनाव प्रचार और प्रबंघक देख रहे होते है । जनता करे भी तो क्या उसके पास इनसे निपटने की ताकत ही नही है उसकी आवाज सुनने वाला ही कोई नही है मगर इन अपराधियों के जेल मे रहते चुनाव लडने और दो साल तक की सजा प्राप्त करने वालो पर चुनाव लडने पर सुप्रीमकोर्ट के आदेश ने एका एक राजनीति की दशा और दिशा ही बदल दी है ।
अब इन अपराध शिरोमणियों से राजनीतिक दलो को किनारा करना ही पडेगा और जनता की आवाज ओर उसके अधिकार की पैरोकारी करना ही पडेगा वरना अब जनता इन अपराधियों के शूटरो और उनकी दहसत में आने वाली नही है । सही मायने मे दिन प्रति दिन राजनीति में समाजसेवी व्यवहारिक, मृदुल और विकास सेवको की पूछ बढेगी और अपराधी की जगह मात्र जेल ही होगी सत्त्ता की कुर्सी नही ही मिलेगी वही अब पुलिस और अधिकारियों को भी अपनी गैरत और इज्जत किसी अपराधी माननियो को प्रोटोकाल के चलते नही गवानी पडेगी । धन्य हो सुप्रीम कोर्ट और चिरंजीवी हो ऐसे माननीय न्यायाधीश जिन्होने करोडो मजबूर जनता का मान सम्मान बचा लिया और सत्त्ता से अपराधियों की छुटटी करने का मार्ग प्रसस्त कर दिया
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
आज के इस युग मे समाज का दो वर्गो को अपने रोजी रोटी का संकट व्याप्त हो गया है हमारे समाज मे आज कल शादी विवाह के समारोह मे प्लास्टिक दोना पत्त्तल व ग्लास का उपयोग धडल्ले से किया जा रहा है।
जिसकी वजह से कुम्हार व वनराजा जाति के लोग धंधो पर कठुराघात हो रहा है जिससे इन समुदायो का धंधा चैपट हो गया है आप देख रहे होगे कि किसी कार्यव्रहृम मे इन जनजातियो का वह पुराना दोना पत्त्तल प मिटटी का कोहला कही दूर दूर नही दिखता जब कि समाज के लोगो को पता है कि इन प्लास्टिक बर्तनो से हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण को काफी नुकसान होता है लेकिन समाज आंख मूदकर इसका उपयोग जम कर कर रहा है ।
एक तरफ हरे पेडो की कटान की वजह से जंगल खत्म होते जा रहे है जिसमे बनराजा समुदाय के लोगो को पत्त्तल बनाने के लिए पत्त्ते भी ठीक से नही मिल पा रहे है और जो बचा है उसे प्लास्टिक बर्तनो को बढा रहे बाजार रही सही कसर पूरी कर दे रहे है ।
यह दोनो समुदाय अपने मेहनत के बल पर अपनी रोजी रोटी चलाता है आज उसका जीना दूभर हो गया है सलीमपुर ग्रेंट के प्रतापू व तेजराम ने बताया हम लोग पत्त्ते तोडकर पत्त्तल बनाते है लेकिन अब काफी जंगल खत्म हो गया है जिसकी वजह से हम लोगो को काफी मेहनत कर के पत्त्तल लाकर बनाना पड़ता है और जो बचा है वह अब बाजार के प्लास्टिक के बर्तनो की वजह से हमारे समानो को कोई पूछता नही है।
यही हाल कुम्हार जाति का है शुकलहिया के कुम्हार का टोला के रामरुप व राम मूरत बताते है कि हमारे बर्तनो को कोई अब नही पूछता है तब की पहले हम लोगो का बनाया बर्तन खूब बिकता था लेकिन प्लास्टिक बाजार मे हम लोगो को रोजी रोटी के लिए मुहाल कर दिया अब अगर दूसरा धंधा करे तो हमारा परिवार भुखमरी के कगार पर आ जायेगा।
कुम्हार व वनराज समुदाय शासन की तरफ देख रहे है शायद शाशन की नजर इन समुदायो पर पड़ जाय और इनके भी दिन बहुर जाये ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
चैक क्षेत्र किसी भी शहर की जान होता है लेकिन सुलतानपुर जनपद का चैक क्षेत्र शहर की जान ही नही जानलेवा भी है अगर आप मोटर-साइकिल पर है तो चैक घंटाघर से शाहगंज चैराहा पहुंचने मे आपको बीस मिनट तो लग ही जायेगे जबकि यह दूरी महज ३ मिनट की होनी चाहिये और यदि आप पैदल है तब तो पूछिये ही मत ।
घंटाघर से शाहगंज चैराहा तक का मार्ग हो या फिर घंटाघर से गल्लामंडी का मार्ग । हर ओर के दूकानदारो ने पूरी की पूरी पटरी ही छेंक रखी है देखने मे ऐसा लगता है मानो चैक क्षेत्र मे पटरियो पर ही दूकाने लगी हो उस पर बुरी यह है कि कुछ ठेला वाले पटरी से सटाकर ठीक सडक पर अपनो रोजगार चला रहे है ।
यह हाल सभी दूकानदारो का है चाहे वह साडी वाले हो या किराना व्यवसायी हो या फिर लोहे का व्यापार करने वाले लोहे का व्यापार करने वालो ने तो स्टील की चादरे इस कदर पटरियो पर खडी कर रखी है कि किसी भी रोज बडा हादसा हो सकता है लेकिन इतना सब होने के बावजूद प्रशासन को कोई फर्क नही पडता आम आदमी कितना ही परेशान हो प्रशासन के लिये यह रोष की बात है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
१४ जुलाई । सरकारी अस्पताल और उसमे कार्यरत डाक्टर फार्मासिस्ट जब राजनीति के शिकार होगे तो उनका उत्साह गिरेगा और खुद को बचाते हुए ऐसा काम करेंगे कि सांप मरे या न मरे पर लाठी न टुटे किसी सच्चाई तक पहुचने से पहले निर्णय ले लेना कही गुनाह वे लज्जत जैसी बात न हो यह सोच कर काम करने से लोगो को फायदा मिलता है।
पर आज कल दबाव मे निर्णय लेने का चलन हो गया है बडे बडे गुनाहो में गुनाहगार खुली हवा में घूमते है और बुगुनाह लोगो को बलि का बकरा बनाने मे तनिक भी संकोच नही करते मामला जिला चिकित्सालय मे दो सप्ताह मे दो मौत से जुडा है जबकि दोनो मौत के बारे में जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.आर.पी. सिंह का कहना है कि पहली मौत जिस व्यक्ति कि हुइ थी उसके परिजन उसको तब अस्पताल मे लेकर आए जब उसकी स्थिति बहुत ही नाजुक हो गई थी उसकी आंते पूरी तरह सड़ गई थी ।
दूसरी महिला कि मौत जहरीले सांप के काटने से हुई उस महिला को दिन में १० बजे सांप ने काटा और अस्पताल में १२ बजे लाई गई डाक्टरो ने हर संभव प्रयास किया परन्तु वह बच नही पाई तो इसमे डाक्टरो की गल्ती या लापरवाही कहा से है सी.एम.एस. का कहना है कि जिला अस्पताल मे जो भी डाक्टर है उनकी कबिलियत पर शंका नही किया जा सकता डाक्टर पूरी इमानदारी से मरीजो को स्वास्थ्य लाभ पहुचाने का काम करते है रहा सवाल अनारा देवी का पोस्टमार्टम का तो पोस्टमार्टम करने वाले गायनिक सर्जन डा० आन्नद सिंह का कहना है कि अनारा देवी की मौत विषैले जन्तु के जहर से हुई है उसमें डाक्टर की लापरवाही का सवाल ही नही उठता ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 July 2013 by admin
१४ जुलाई । जनपद मे चहुंओरं अब चर्चा है तो बस न्यायपालिका की खुशियां है आम जनमानस में तो इस बात की कि अब सत्त्ताधारी सभी को पूछेगे सम्मेलन होगा तो आम जनका न ब्राम्हण न अनुसूचित न यादव सभा का ।
गौरतलब हो कि उच्च न्यायालय ने हाल ही मे एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सभी राजनैतिक पार्टियों को जातिये सम्मेलन करने पर रोक लगा दी और प्रमुख दलो को नोटिस जारी कर दी है जिससे आम जनता मे खुशी की लहर दौड गई जगह जगह अदालत के आदेश पर चर्चायें शुरु हो गई है । कही खुशी तो कहीं गम देखने को मिल रहा है कुछ लोग अभी भी अदालत के निर्र्णय को काफी कम आंक रहे है चूंकि बीते कई दशक से गेरुआ पार्टी के कमण्डल वाद में जनता ने राजनैतिक दलो के विरादरी बाद को समाज मे पुष्पित और पलव्वित कर सत्त्ता का महावृक्ष बना दिया था ।
उसी को बीते पंच वर्षीय समय मे शोसल इंजीनियरिंग का घृणित नाम देकर सत्त्ता सुख भोगा गया जिसका फायदा चन्द सामजिक ठेकेदारो ने मनमर्जी उठाया उ०प्र० के सत्त्ताधरियों ने जातियों के प्रतिशत जारी कर समाज को पूरी तरह खंड खंड करने के लिए वेहद अंसवैधानिक नारे तक तक गढे हथिया नसीन पार्टी के नेताओं ने नारा दिया ब्राम्हण शंख बजायेगा हाथी दिल्ली जायेगा । उसके पूर्व विरादरी को सत्त्ता का हथियार बनाने के लिए नारा दिया गया कि तिलक तराजू और तलवार इनको जूते मारो चार जैसे घृणित और अपमान जनक नारे से सत्त्ता की कुर्सी प्राप्त करनी चाही अब सत्त्ता की लालायित पार्टियों ने धर्म के आधारा पर लालबत्त्ती थानो मे पोस्टिंग प्रशासन शासन में पोस्टिंग का खुलेआम नंगा नाच शुरु कर दिया है ।
बात यही नही रुकी है अभी तक मण्डल से लगे एस.पी., डी.एम. वोटो से लेगे सी.एम.,पी.एम. तक पहुंच चुकी है । धार्मिक आधार पर वोटो का धु्रवीकरण करने की कहानी शुरु हो चुकी है जिसको हमारे देश की इलेक्ट्रानिक मीडिया स्टूडियों मे बैठकर धार दे रही है और टेलीविजन के जरिये पूरे देश की जनता मे हिन्दू और मुसलमान की पैरोकारी राष्ट्रीय पार्टियां शुरु कर चुकी है।
जिन पर अब माननीय सुप्रीम कोर्ट को कठोर निर्णय और निर्देश देने की जरुरत है मामले को संयम रहते राष्ट्रवादियों को सर्वोच्च अदालत के संज्ञान में लाना पडेगा वर्ना ये नेता हिन्दुस्तान का एक बार फिर बंटवारा कराने की फिराक में दिखाई पडते है धर्म और जाति की बात करने वाले निश्चित ही भारत और संविधान विरोधी है इन पर आजीवन चुनाव लडने पर पाबंदी लगनी चाहिए साथ ही इनकी जगह समाज मे न होकर जेलो मे होनी चाहिए । भारत की जनता माननीय सवोच्च न्यायालय की ओर न्याय के एतिहासिक निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
१४ जुलाई। जनपद के पुलिस विभाग द्वारा जनता के गुम गये, चोरी गये मोबाईल को बरामद करने के लिए बाकायदा एक सेल गठित है उसका नाम है संर्विलांस सेल यह विंग पुलिस अधीक्षक आवास से संचालित है।
गौरतलब हो कि जिले मे किसी भी प्रकार की गंम्भीर घटना और मोबाईल की गुमशुदगी चोरी की घटनाओं के खुलासे व मोबाईल की बरामदगी यही सेल करती है पुलिस विभाग के कुछ हाईटेक व जानकार सिपाहियों को इस कार्य मे लगाया गया है।
इसके प्रभारी एस०ओ०जी० इंचार्ज हुआ करते है मगर अब यह सेल पूर्णतया निरंकुश और नेतृत्व विहीन है अब जिले मे किसी का भी मोबाईल खो जाये तो शायद ही उसे मिल पायेगा यह लगभग असंभव है ऐसा नही है कि मोबाईल बरामद नही होते मोबाईल बरामद तो होते है मगर लौटाये नही जाते।
और तो और भुक्त भोगी द्वारा दी गई तहरीर की शायद ही कही इंट्री होती है ज्यादातर मामलो मे आम जनता थाने पर तहरीर देकर उसमे मोबाईल नं०आई०एम०आई० नं०, खरीद की रशीद आदि देता है मगर तहरीर पर थाने की प्राप्ति द्वारा मोबाईल कम्पनी से उपभोक्ता को नया सिम व पुराना नंम्बर तुरन्त मिल जाता है।
उसी से अपना काम चला लेती है पुलिस विभाग के इस अति महत्वपूर्ण सेल का अपना कही कोई जन सुलभ कार्यालय नही है जहां जनता बेहिचक बिना भय के अपनी बात कह सके ।
सोचा जा सकता है कि सर्विलांस के जरिये मोबाईल बरामदगी के बाद शायद ही किसी को बुलाकर दिया जाता है । सूत्र बताते है कि इस कार्य मे लगे सिपाही बरामद मोबाईल को ढठेरी बाजार मे सेट मोबाईल की दुकानो पर औने पौने मे बेंच देते है।
वहीं दूसरी और चोरी का मोबाईल इस्तेमाल करने वाले से मनमाना नजराना वसूल कर छोड दिया जाता है न उनका साईबर व्रहृाइम मे चालान ही होता है न ही पता चलता है कि मोबाईल किसके पास है मामला को देकर रफा दफा कर दिया जाता है।
हैरत है और बेहद आश्श्च्र्य की बात है कि पुलिस अधीक्षक के आवास पर बैठकर यह सबकुछ हो रहा है बेचारे काम के बोझ के मारे कप्तान साहब को भनक भी नही लगती है और खेल होता रहता है शायद कप्तान साहब पुराने खयालात और सरल हृदय आदमी है वो आज भी हाईटेक नही हो पाये है और ये सर्विलांस सिपाही और कम्प्यूटर आपरेटर उन्हे कुछ बताते ही नही है।
और जनता मे इतनी हिम्मत है नही कि हजार पांच सौ के मोबाईल के लिये शेर की मांद मे जाये सोचिये अब आपका मोबाईल चाहे कितना भी महंगा हो गुम जाने, चोरी होने पर शायद ही मिले उम्मीद न कीजिए।
नगर की जनता ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि अब तक बरामद मोबाईल की सूची जारी की जाये जिससे मित्र पुलिस का जनता मे विश्श्वस कायम हो सके अथवा बरामद मोबाईल की सूची विभागीय बेवसाईट पर उपलब्ध कराई जाये ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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