चैक क्षेत्र किसी भी शहर की जान होता है लेकिन सुलतानपुर जनपद का चैक क्षेत्र शहर की जान ही नही जानलेवा भी है अगर आप मोटर-साइकिल पर है तो चैक घंटाघर से शाहगंज चैराहा पहुंचने मे आपको बीस मिनट तो लग ही जायेगे जबकि यह दूरी महज ३ मिनट की होनी चाहिये और यदि आप पैदल है तब तो पूछिये ही मत ।
घंटाघर से शाहगंज चैराहा तक का मार्ग हो या फिर घंटाघर से गल्लामंडी का मार्ग । हर ओर के दूकानदारो ने पूरी की पूरी पटरी ही छेंक रखी है देखने मे ऐसा लगता है मानो चैक क्षेत्र मे पटरियो पर ही दूकाने लगी हो उस पर बुरी यह है कि कुछ ठेला वाले पटरी से सटाकर ठीक सडक पर अपनो रोजगार चला रहे है ।
यह हाल सभी दूकानदारो का है चाहे वह साडी वाले हो या किराना व्यवसायी हो या फिर लोहे का व्यापार करने वाले लोहे का व्यापार करने वालो ने तो स्टील की चादरे इस कदर पटरियो पर खडी कर रखी है कि किसी भी रोज बडा हादसा हो सकता है लेकिन इतना सब होने के बावजूद प्रशासन को कोई फर्क नही पडता आम आदमी कितना ही परेशान हो प्रशासन के लिये यह रोष की बात है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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