जनपद के विचैलियं और अढतिये प्रशासनिक लापरवाही का फायदा उठाने में नही चूंक रहे चहुंओर मंहगाई बढाकर गैर वाजिक मुनाफा खोरी मे लगे है ।
हैरत है कि आम जनता आज अपनी दैनिक वस्तुओं को खरीदने में त्राहि माम बोल रही है जानते है क्यो कारण साफ है जिले में उच्चाधिकारीयों की गैर मौजूदगी उसी का फायदा उठाते हुए विचैलिये और अढतिये आये दिन दैनिक वस्तुओं, सब्जियों का अनाजो, घीद्व तेल आदि का रेट प्रतिदन सटोरिया बढाते घटाते है जिससे आम जनता लुट रही है न तो देश व प्रदेश मे सूखा घोषित है न बाढ है न तो अघोषित युद्ध की स्थिति है तब यह मंहगाई प्रति दिन बढने का कारण क्या है ये तो हमारे जिले की डी.एम. जान सकती है उ०प्र० के सी०एम० जनता को तो ये मुनाफाखोर बताते है कि सरकार महंगाई बढा रही है।
हम क्या करें डीजल ५० पै० प्रतिलीटर बढता है तो ये मुनाफा खोर ५० ग्राम सामान पर ५० पैसा बढा देते है । हालात यह कि जनपद के नगर मुख्यालय पर बडे बडे थोक व्यापारियो के दर्जनो गोदाम बिना मानक के डंप पडे है । वो भी पुराने रेट पर खरीदा गया माल है मगर उसे मनमाने रेट पर बेच रहे है जबकि मानक मात्र १० प्रतिशत तक फुटकर बिव्रहृी पर मार्जिन का होना चाहिए मगर खरीद से ५० प्रतिशत ज्यादा पर बेंच कर गरीबो का गला काटने वाले ये अढतिये मुनाफा खोर सपा सरकार को गरीबो व जनता में लाचार व बीमार साबित करने पर तुले है ।
सब्जी बिव्रहृेता तो हर घण्टे रेट बढाते गिराते है आलू का तो रेट जबसे खुट कर आया आज तक ६० रु० पसेरी के नीचे नही गया । रोजे को देखकर लाइसुन प्याज हर घण्टे बढा रहा है जैसे गंगा नही का जल स्तर कारण साफ है कि जिले के जिम्मेदार आलाधिकारियों को सरकार लाखो रुपया वेतन डी०ए०समेत इतना ज्यादा धन देती है कि उन्हे आलू प्याज हमेशा सस्ता लगता है आम जनता है जिसे रोज खरीद कर खाना है उसे पता चलता है कि आंटा दाल का भाव छाठपे वेंतनमान वालो ने बढाई है कृतिम मंहगाई उन्हे तो वेतन कई कई माह लेने की भी जरुरत नही पडती फिर भी उन्हे बाजार की मंहगाई का फर्क नही पडता इसी लिए बाजार पर नियंत्रण रखने वाले महंकमें गायब है ।
मुनाफा खोरो के हाथो बिक चुके है उन्हे न तो गरीबोे की चिन्ता है न सपा सरकार की बदनामी की चिन्ता यही कारण है कि बाजार देखने आज तक न तो डी०एम० कभी गई न पूर्रि्त विभाग न कांटा बाट माप विभाग न मार्केटिंग निरिक्षक न फूड निरिक्षक और आलू व कोल्ड स्टोर को सरकारी सब्सीडि देने वाला उद्यान विभाग हालात बद से बदतर है जिले मे सोमवार व गुरुवार दो दिन विभागो के अधिकारी रहते है उसका कारण है कि डी०एम० इन्ही दो दिन जनता से मिलती है और बैठके करती है बकाया दिनो मे जिला प्रभार पर रहता है न देखने वाला कोई न सुनने वाला कोई जनता लुटती है तो लुटे शासन प्रशासन को इसकी फुर्सत कहां ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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