भारतीय जनता पार्टी ने सपा के लैपटाप वितरण योजना पर तीखे सवाल उठाये हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने निर्माता कम्पनी (एच.पी) द्वारा आपूर्ति किये गये लैपटापों के बदले धनराशि उपलब्ध न कराये जाने के कारण युवाओं को बरगला कर वोट पाने की योजना अब सपा सरकार के गले का फन्दा बन गई है। सपा के इस दावे को खोखला बताते हुए कि लैपटाप की आपूर्ति के लिए रू0 2721.14 करोड़ की बजट में व्यवस्था होने के बाद भी निर्माता कम्पनी को पैसा न देने का कारण सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। सच बात तो ये है कि प्रदेश का खजाना खाली है और उस पर लोक लुभावन वादों को पूरा करने का दबाव सरकार के गले में हड्डी बन गई है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने बताया कि मार्च महीने से लैपटाप वितरण शुरू होने के बाद से अब तक मात्र 80,000 लैपटाप का वितरण हो सका है। इस वितरण में लैपटाप की कीमत की धनराशि ताम झाम में खर्च हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस वितरण की व्यवस्था में सपा सरकार प्रदर्शन कर प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ क्यों डाल रही है। सरकार को चाहिए कि यदि वो लैपटाप बाँटने में गम्भीर है तो मात्र 15 दिनों में छात्रों के हाथों में लैपटाप पहुँच जाने चाहिए। सरकार अपनी फिजूलखर्ची को बन्द करे और अपने वादों पर ठोस कार्यवाही करे।
डा0 मिश्र ने सरकार से पूछा कि कुछ लैपटाप तो बांट दिये गये हैं परन्तु दो वर्षों के लगभग 25 लाख छात्रों को टैबलेट कब मिलेंगे? हाईस्कूल उत्तीर्ण लाखों छात्र टैबलेट की बाट जोह रहे हैं। उन्हें इस वादे की पूर्ति की चिन्ता है। सच बात तो यह है कि टैबलेट के लिए अभी तक सरकार ने कोई गम्भीर प्रयास नहीं किये हैं। ऐसा लगता है कि टैबलेट वितरण सपा सरकार के बूते की बात नहीं है। डा0 मिश्र ने मांग की कि सरकार की चाहे जो मजबूरी हो उसे तुरन्त प्रदेश के छात्रों को लैपटाप और टैबलेट बांटने चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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