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सूचना के अधिकार को राष्ट्रहित में शस्त्र की तरह इस्तेमाल करें

Posted on 12 April 2010 by admin

सूचना आयोग अगर शिकायतकर्ता को तीस दिनों के अन्दर उसकी शिकायत पर सूचना नहीं देता है या उसको राहत देने में विफल रहता है तो सूचना का अधिकार का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। अगर सरकार इस अधिनियम के त्वरित क्रियान्वयन के प्रति गम्भीर है तो उसे निगरानी प्रणाली का सहारा लेना पड़ेगा। वैसे भी इस अधिनियम की धारा 25 के अन्र्तगत निगरानी प्रणाली की व्यवस्था भी की गई है लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है।

एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के छठवें राष्ट्रीय सम्मेलन एवूं कार्यशाला में “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005: क्रियान्वयन, समस्याएं एवं समाधान´´ विषय पर आज यहां एनबीआरआई सभागार में वक्ताओं ने उक्त विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला में 200 से अधिक एन जी ओ और भूतपूर्व न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ, न्यायमूर्ति ड़ी.पी सिंह, भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी योगेन्द्र नारायण, एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के चीफ कोआर्डिनेटर अफजाल अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र दुबं और पत्रकार ओम प्रकाश त्रिपाठी ने सूचना के अधिकार पर बड़ी बेबाकी से अपने-अपने विचार रखे।

इस अवसर पर भूतपूर्व न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम हमारा एक शस्त्र है और इसे राष्ट्रहित में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। समय से सूचना मिलना महत्वपूर्ण है और धारा 25 में प्रावधान है कि सरकार समय पर सूचना उपलब्ध कराएं। यह अधिनियम लोकतन्त्र को सशक्त और मजबूत करने की प्रक्रिया निधारिZत करता है। इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह अधिनियम समय के साथ-साथ प्रभावी हो जाएगा। लोकतन्त्र में लोंगो की सहभागिता होनी चाहिए। लोकतन्त्र में सूचना का अधिकार इसलिए जरुरी है ताकि सरकार में जनता की सहभागिता हो सके और पारदर्शिता कायम भी रह सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1968 से लोकपाल बिल चर्चा में है लेकिन आज तक नहीं बन सका। सूचना का अधिकार अधिनियम में खामिया कम नहीं है जैसे कि शिकायतकर्ता सूचना आयुक्त के निर्णय के खिलाफ अपील नहीं कर सकता है। बस वह केवल हाईकोर्ट जा सकता है और हकीकत यह है कि सूचना आयोग में काम होता नहीं, मुकदमों का निस्तारण होता नहीं और आयोग के खुलने और बन्द होने या अधिकारी-कर्मचारी के आने जाने का कोई समय निधारिZत नहीं है।

इस अधिनियम पर पीएचडी करने वाले भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी योगेन्द्र नारायण ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इसमें व्यवस्था सबके सामने है, बस इसको समझने और क्रियान्चयन करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि 2002 में नौ राज्यों ने अपना सूचना के अधिकार का कानून बना लिया था लेकिन उसको लागू किया गया 2005 में वो भी सूचना का अधिकार अधिनियम का नाम देकर। सरकार का काम है कि इसके प्रति जनता में जागरुकता पैदा करे लेकिन जागरुकता पैदा करने के लिए एन जी ओ और मीडिया को ही आगे आना पड़ेगा और इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाना पड़ेगा। उन्होंने लोंगो की सुविधा के लिए सूचना अधिकारियों की एक उायरेक्टरी छपवाने का भी सुझाव दिया।

एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के चीफ कोआर्डिनेटर अफजाल अंसारी ने मेहमानों का स्वागत किया और अपने विचार रखते हुए कहा कि इस अधिनियम में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और लोंगो की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने से पूर्व जनता को विकास के कार्यों और सरकार के कार्यकलापों में हस्ताक्षेप का अधिकार नहीं था लेकिन इस अधिनियम ने हमको यह अधिकार दिलाया है। इससे भ्रप्टाचार कम होगा और साथ ही विकास के रास्ते खुलेगे लेकिन इसको सफल बनाने के लिए जरुरी है कि इसे ईमानदारी से लागू किया जाएं और लोगां में जागरुकता पैदा की जाएं।

न्यायमूर्ति डी पी सिंह ने कहा कि इस अधिनियम से सरकार के कार्यों में बदलाव आ सकता है। मुकदमों का समय पर निस्तारण होना चाहिए और धारा 25 के अनुसार सरकार को समय पर सूचना का जवाब देना चाहिए और लोगो का इसका राष्ट्रहित में प्रयोग करना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र दुबं ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम अपने आप में एक क्रान्ति है। इसका देशहित में एक हथियार के रुप में प्रयोग करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय किसान यूनियन का धरना आन्दोलन स्थगित

Posted on 12 April 2010 by admin

किसानों की समस्याओं के समाधान की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार के सकारात्मक रुख से सन्तुष्ट भारतीय किसान यूनियन ने 20 अप्रैल, 2010 से लखनऊ में प्रस्तावित अनिश्चितकालीन धरना आन्दोलन को स्थगित कर दिया है।

मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
अधिकारियों ने प्रतिनिधि मण्डल की मॉगों को गम्भीरता पूर्वक सुनकर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मॉंगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।

बैठक में अधिकारियों के अलावा किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव श्री राजपाल शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के प्रति आभार व्यक्त किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Transferred I.A.S Officers in U.P

Posted on 11 April 2010 by admin

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समाजवादी मजदूर सभा, उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला अध्यक्षों की बैठक

Posted on 11 April 2010 by admin

`केन्द्र और राज्य दोनों ही सरकारों को गरीबों की, किसानों की और मजदूरों की कोई चिन्ता नही है। प्रदेश में कल-कारखानें बन्द होते जा रहे हैं। मजदूर ‘ाोशण-उत्पीड़न के शिकार हैं। उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। बसपा सरकार कोे भ्रश्टाचार से फुरसत नहीं हैं। केन्द्र सरकार की नीतियॉ बहुराश्ट्रीय कंपनियों के पक्ष मेंं हैं। इस सब से ऊबी जनता परिवर्तन चाहती है। इसके लिए श्रमिकों को लामबन्द होकर संघशZ का बिगुल फूंकने को तैयार हो जाना चाहिए।´´

ये उद्गार आज यहॉ समाजवादी मजदूर सभा, उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला अध्यक्षों की बैठक में नेता विरोधी दल श्री शिवपाल िंसंह यादव ने व्यक्त किए। बैठक में  समाजवादी मजदूर सभा के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री आर0डी0 पाल, समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव श्री ओमप्रकाश सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के साथ समाजवादी मजदूर सभा के राश्ट्रीय महासचिव श्री एम0ए0 खान, प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रभानन्द यादव, प्रदेश महासचिव श्री देवेन्द्र सिंह अवाना, श्री धर्मानन्द तिवारी, श्री रामानन्द यादव, श्री रविन्द्र यादव, श्री शिवचन्द्र पाठक, प्रदेेश सचिव एवं मुकेश तिवारी भी उपस्थित थे।

dsc_58891मुख्य अतिथि श्री शिवपाल सिंह यादव ने श्रमिक प्रतिनिधियों से कहा कि पीड़ित-शोिशत श्रमिक वर्ग के पक्ष में लगातार आन्दोलन चलाना होगा। अधिकार बिना संघशZ के नहीं हासिल किए जा सकते हैं। यह लड़ाई बड़ी है जिसे तैयारी और संकल्प से ही जीता जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को समाजवादी पार्टी का साथ देना चाहिए, क्योंकि वही उनकी समस्याओं का समाधान कर सकती है। श्रमिकों के संघशZ में समाजवादी पार्टी हमेशा उनके साथ रही है और आगे भी मजबूती से उनके साथ खड़ी रहेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के चलते चीनी मिलें बन्द हो रही हैं। इस उद्योग को औने पौने दाम में बिचौलियों को बेचने की तैयारी चल रही है। भदोही का कंबल कारखाना बन्द हो गया है,। चूड़ी व चमड़ा उद्योग भी संकट में है। बुनकर तबाही के कगार पर खड़े हैं।

बैठक में पूरे प्रदेश में 01 मई 2010 को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मजदूर दिवस मनाने और ‘ाीघ्र ही निर्णायक आन्दोलन छेड़ने का निश्चय किया गया। बैठक में विभिन्न जनपदों से आये श्रमिक प्रतिनिधियों सहित 50 जिला अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यू0पी0ए0 सरकार प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के प्रति पूरी तरह पूर्वाग्रह से ग्रसित

Posted on 11 April 2010 by admin

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मन्त्री श्री सुबोध कान्त सहाय द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य मण्डी परिषद को चोरों का अड्डा बताए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मन्त्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ऐसा अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी किया जाना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि श्री सहाय के इस गैर जिम्मेदाराना बयान से यह बात एक बार फिर साबित हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के प्रति पूरी तरह पूर्वाग्रह से ग्रसित है। इसीलिए राज्य सरकार के विभागों तथा उपक्रमों की उपलिब्ध्यों को नज़रअन्दाज कर निराधार बयानबाजी करना केन्द्रीय मन्त्रियों की कार्यशैली का एक हिस्सा बन गया है। उन्होंने मॉंग की कि श्री सहाय को अपने बयान के लिए माफी मॉगनी चाहिए।

श्री मौर्य ने कहा कि श्री सहाय को लोगों को यह बताना चाहिए कि मण्डी परिषद आज अचानक चोरों का अड्डा कैसे बन गई है, जबकि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में गत वर्ष आयोजित इण्टरनेशनल हार्टी एक्सपो-2009 का उद्घाटन श्री सहाय द्वारा किया गया था, जिसमें उ0 प्र0 मण्डी परिषद को उत्कृष्ट कार्याें के लिए प्रथम पुरस्कार “एवार्ड´´ प्रदान किया गया था। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद को अपने बेहतर कार्याें के लिए और भी अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान मिल चुके हैं।

प्रदेश बी0एस0पी0 अध्यक्ष ने कहा कि श्री सहाय को यह नहीं मालूम है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित `फूड एण्ड टेक्नोलॉजी एक्सपो-2008´ प्रदर्शनी में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद को उत्तरांचल के विधान सभा अध्यक्ष द्वारा प्रथम पुरस्कार, और `चतुर्थ इण्टरनेशनल फ्लोरा एक्सपो´ में केन्द्रीय कृषि सचिव द्वारा “जूरी एवार्ड´´ दिया गया। इसी प्रकार दिल्ली सरकार की मुख्यमन्त्री ने प्रदेश मण्डी परिषद को `आम महोत्सव´ के आयोजन में `प्रथम पुरस्कार´ प्रदान किया। सकाल मीडिया ग्रुप पुणे (महाराष्ट्र) द्वारा आयोजित `इण्टरनेशनल हाईटेक एग्रो-एक्सपो -2008´ में मण्डी परिषद को `बेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट प्रोग्राम एवार्ड´ से सम्मानित किया गया। सेन्टर फॉर एग्रीकल्चर एवं रूरल डेवलप्मेंट, नई दिल्ली द्वारा `एग्री एक्सपो-2008´ प्रदर्शनी में मण्डी परिषद को “बेस्ट डिस्प्ले एवार्ड´´ से सम्मानित किया गया। उन्होंने कि पिछले वित्तीय वर्ष में आयोजित विभिन्न प्रदर्शनियों में भी मण्डी परिषद के स्टाल को `प्रथम पुरस्कार´ दिया जा चुका है। इसमें प्रमुख रूप में दिल्ली टूरिज्म एण्ड परिवहन डेवलपमेंट लि0 नई दिल्ली द्वारा `आम महोत्सव´ में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार `फूड एण्ड टेक्नोलॉजी एक्सपो´ में भी प्रदेश मण्डी परिषद को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने श्री सहाय द्वारा अनुबन्ध खेती की पैरवी किए जाने पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि केन्द्रीय खाद्य प्रसस्ंकरण मन्त्री के इस बयान से यह बात भी साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी की नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार कभी भी छोटे और मध्यम किसानों की हितैषी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि श्री सहाय जिस अनुबन्ध खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, उसका लाभ केवल बड़े उद्योगपतियों और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों और धन्नसेठों की बदौलत राजनीति करने वाले नेताओं की जमात में शामिल श्री सहाय किसानों की खेती अपने पूंजीपति आकाओं के हाथों में गिरवी रखना चाहते हैं। इसीलिए वे ऐसी किसान विरोधी बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों ने हमेशा ही अनुबन्ध खेती का विरोध किया है, क्योंकि छोटे व मझोले किसान अच्छी तरह जानते हैं कि ऐसी खेती से उनका कभी भी भला होने वाला नहीं है।

श्री मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अनुबन्ध खेती की वकालत करने वाले श्री सहाय अपने गृह प्रदेश झारखण्ड में आज तक इस खेती को लागू नहीं करवा सके। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा और पिछली यू0पी0ए0 सरकार में लगातार छ: साल तक खाद्य प्रसंस्करण मन्त्रालय का दायित्व सम्भालने के बावजूद श्री सहाय झारखण्ड में अनुबन्ध खेती की व्यवस्था नहीं करवा पाये।
 
प्रदेश बी0एस0पी0 अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के कामकाज को लेकर मीडिया में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले श्री सहाय के कार्यकाल के दौरान उनके मन्त्रालय का रिपोर्टकार्ड फिसड्डी है। उन्होंने कहा कि केवल बड़े-बड़े रंगीन विज्ञापन जारी कर और मंहगे पॉच सितारा होटलों में मीटिंग आयोजित करने से देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। इसके लिए जरूरत है एक पुख्ता कार्ययोजना और इसे लागू करने के लिए ईमानदार नीयत की, जिसका केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार में पूरा अभाव है। 

श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उ0 प्र0 की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के लिए प्रदेश के किसानों का हित सर्वोपरि है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य में कृषि आधारित उद्योगों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है इसलिए किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए मण्डी परिषद के माध्यम से उसने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

प्रदेश बी0एस0पी0 अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को मण्डियों में घटतौली से बचाने के लिए देश में पहली बार प्रदेश की 60 मण्डियों में इलेक्ट्रानिक तौल मशीन स्थापित कराई गई, जो सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। इसी प्रकार मण्डी परिषद ने किसानों को मृदा परीक्षण, जैविक खाद, कृषि यन्त्र, उन्नतशील बीज, एग्री क्लीनिक, कीट नियन्त्रण, सूचना विज्ञान केन्द्र, फसल संरक्षण आदि सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न जिलों में कृषक सेवा केन्द्र स्थापित किए गये हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कार्य के दौरान दुघZटना होने की दशा मण्डी परिषद द्वारा समूह जनता व्यक्तिगत दुघZटना सहायता योजना के अन्तर्गत 1669 किसानों को 438 करोड़ रूपये की सहायता दी गई। खलिहान, अग्नि दुघZटना सहायता योजना में खड़ी फसल की आगजनी होने के कारण 3899 किसानों में 2.39 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित की गई। इसके साथ ही किसानों को उनकी उपज बढ़ाने के उद्देश्य से उपहार के रूप में सीड िड्रल, स्प्रेयर, धातु निर्मित बखारी, ट्रैक्टर, राइस ट्रान्सप्लान्टर, पावर टिलर आदि  1444 किसानों को 2.89 करोड़ रूपये का उपहार दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 जिला मान्यताप्राप्त पत्रकार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मण्डल अम्बिका सोनी से मिला

Posted on 11 April 2010 by admin

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मन्त्री अम्बिका सोनी से उ0प्र0 जिला मान्यताप्राप्त पत्रकार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मण्डल पत्रकारों, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की कठिनाइयों तथा डीएवीपी की नई अव्यवहारिक नीतियों को लेकर मिला।

उक्त प्रतिनिधि मण्डल ने एसोसिएशन की ओर से, अध्यक्ष अब्दुल वहीद, सचिव जुबैर अहमद, उपाध्यक्ष एमएम मोहसिन ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मन्त्री अिम्बका सोनी एवं श्री एपी फ्रेन्क नोरोनहा (डीजी, डीएवीपी) से केन्द्रीय मन्त्री के कार्यालय में भेंट कर एक ज्ञापन पत्र भी सौंपा जिसमें मान्यताप्राप्त पत्रकारों को केन्द्रीय स्तर पर और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की लिम्बत मान्यता को अविलम्ब प्रदान करने, वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने, वशZ में कम से कम 12 पृश्ठ बहुरंगी एवं “याम-श्वेत विज्ञापन प्रदान करने, विज्ञापन दरों में संशोधन, पत्रकारों को हवाई यात्रा में 50 प्रतिशत की छूट देने आदि विशयों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसको केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मन्त्री अिम्बका सोनी ने  प्राथमिकता के आधार पर हल करने का अश्वासन देते हुए प्रतिनिधि मंण्डल से सुझाव भी मांगे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा किये गये बर्बर लाठीचार्ज की डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कड़ी निन्दा की

Posted on 11 April 2010 by admin

कानपुर में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा किये गये बर्बर लाठीचार्ज की उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कड़ी निन्दा करते हुए कहा है कि पुलिस द्वारा जिस प्रकार निर्ममतापूर्वक वकीलों पर लाठी बरसायी गई, पुलिस द्वारा दौड़ा-दौड़ा कर एवं चैम्बरों में घुसकर निहत्थे वकीलों को पीटा गया, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में वकील घायल हो गये व तमाम वाहन जला दिये गये। यह घटना लोकतन्त्र को कलंकित करने वाली घटना है इससे यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार का पुलिस पर नियन्त्रण खत्म हो चुका है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जोशी ने कहा कि मामूली विवाद में जिस प्रकार कचेहरी में पुलिस द्वारा ताण्डव किया गया है यह शर्मनाक है। उन्होने कहा कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रदेश सरकार की संवेदनशून्यता और बसपा सरकार की पुलिस प्रशासन पर लगभग खत्म हो चुके नियन्त्रण के चलते ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं। प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वकीलों पर हुए जुल्म को कांग्रेस पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी तथा वकीलों के साथ खड़ी है। उन्होने कहा कि इसके पूर्व शिक्षा मित्रों पर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, कंाग्रेस की महिलाओं एवं अन्य संगठनों पर जिस प्रकार पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज की गई है उससे यही सिद्ध होता है कि प्रदेश सरकार का पुलिस पर नियन्त्रण खत्म हो चुका है।

  प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने उपरोक्त घटना की जांच के लिए प्रदेश कंाग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं मा0 उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एस.सी. माहेश्वरी के नेतृत्व में उ0प्र0 कंाग्रेस विधि प्रकोष्ठ के पूर्व चेयरमैन श्री सरोज शुक्ला एडवोकेट एवं पूर्व संयोजक श्री वीरेन्द्र नाथ त्रिपाठी एडवोकेट सहित तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है जो दिनांक 13अप्रैल(मंगलवार) को कानपुर पहुंचकर कानपुर बार एसोसिएशन में वकीलों से मुलाकात करेंगे और जो 12अधिवक्ता जिला अस्पताल में भर्ती ह,ैं उनका हालचाल लेंगे और शीघ्र ही विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगें।

  उ0प्र0 कांग्रेस विधि एवं मानवाधिकार विभाग के संयोजक व वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आई.एच.फारूकी ने इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी वकीलों के साथ है। उन्होने मांग की है कि वकीलों के हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करायी जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महिला मुख्यमन्त्री के रहते महिलाओं का ही सबसे ज्यादा उत्पीड़न

Posted on 10 April 2010 by admin

10-04-0समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने आज यहॉ पार्टी के राज्य मुख्यालय 19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ मेें आयोजित समाजवादी महिला सभा उ0प्र0 की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में महिला मुख्यमन्त्री के रहते महिलाओं का ही सबसे ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है। लूट, हत्या, बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के साथ केन्द्र राज्य की मिली-भगत से मंहगाई और बिजली-पानी की किल्लत ने घर-गृहस्थी को संकट में डाल दिया है। स्थिति बर्दाश्त से बाहर हो गई है। समाजवादी पार्टी अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ संघशZरत है। अब इसमेें और तेजी लाई जाएगी ताकि इस भ्रश्ट और नाकारा सरकार से जनता को राहत मिल सके।

श्री अखिलेश यादव ने कहा कि महिला आरक्षण के सवाल पर समाजवादी पार्टी के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि समाजवादी पार्टी का ही रूख सबसे ज्यादा लोकतािन्त्रक हैं। समाजवादी पार्टी पिछड़ा और अल्पसंख्यक महिलाओं का आरक्षण चाहती है, ताकि वह आर्थिक दृिश्ट से मजबूत हों और उन्हें सम्मान के साथ राजनीति में आगे आने का अवसर मिले। समाजवादी पार्टी के नेता श्री मुलायम सिंह यादव ने महिलाओें को शिक्षा और नौकरी में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी देने और राजनीतिक दलों पर 20 प्रतिशत चुनाव मेंं टिकट दने की बाध्यता के प्रस्ताव दिए हैं। उन्होंने भाजपा-कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे खासकर पिछड़ी तथा मुस्लिम महिलाओं को संसद में आने से रोकना चाहते हैं। जब एक दर्जन राज्यों से मुस्लिम सांसद ही चुनकर नहीं आए हैं तो फिर मुस्लिम महिलाओं का क्या होगा.

10-04-dश्री यादव ने समाजवादी पार्टी के आन्दोलन तथा अन्य कार्यक्रमों में महिलाओं द्वारा बढ़-चढकर भागीदारी निभाने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुये कहा कि अगले विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की ही महिलाओं की मदद से सरकार बनना सुनििश्चत है। समाजवादी विचारधारा सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। महिला संगठन के ‘ाक्तिशाली होने पर चुनाव और राजनीति में उनका हक उन्हें स्वत: मिल जाएगा।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि श्री मुलायम िंसंह यादव की सरकार में कन्या विद्याधन योजना एक ऐतिहासिक कदम थी। आने वाली सरकार में यह धनराशि बढ़ाकर 50 हजार रूपए की जाएगी। नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। महिला संगठन की बैठक को समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने भी सम्बोधित किया। इस बैठक में जिलाध्यक्षों सहित राज्य कार्यकारिणी के दो सौ महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक की अध्यक्षता समाजवादी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लीलावती कुशवाहा ने की। बैठक को डा0 मधु गुप्ता, ‘ाारदा सिंह, अल्पना बाजपेयी, कंचना िंसंह, परवीन अय़्यूब, ‘ाम्मी बोहरा, चन्द्रा रावत, सुशीला राजभर, सुरभि ‘ाुक्ला, सुशमा जाटव, ऊशा दुबे राजदेवी चौधरी, रेखा उपाध्याय, लालमुनि यादव, प्रमिला मेहरोत्रा, आशु अग्रवाल, मीना राजपूत, प्रियंका पाल िंसंह, मुन्नी पाल, जानकी पाल, कुमकुम, अनीता श्रीवास्तव, राजेश कुमारी यादव ने सम्बोधित किया।

समाजवादी महिला सभा ने महिला आरक्षण बिल पर पार्टी की नीति का दृढ़ता से समर्थन किया और अगली सरकार समाजवादी पार्टी की बनाने के लिए संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। बैठक में महिला उत्पीड़़न तथा मंहगाई के खिलाफ आन्दोलन में बढ़-चढकर भाग लेने का भी निश्चय व्यक्त किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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डी 3 कमाण्डो फोर्स के ऑडीशन देश के युवाओं तक पंहुचने में सफल रहे

Posted on 10 April 2010 by admin

untitled-11आतंकवाद से सीधे सामना करने के लिए, यूटीवी बिन्दास ने युवाओं की भाषा बोलने के अपने उत्साह को पुन: विर्णत किया है - यूटीवी प्रस्तुत करता है बिन्दास डी3 कमाण्डो फोर्स: दादागिरी अगेंस्ट टैरोरिस्ट, भारत के टेलीविजन पर पहला रिएलटी शो जिसमें असली हथियार, रणकौशल और फौजी इकाइयों के अनुशासन को दिखाया जाएगा। प्रतियोगियों को अर्मी की असली शैली में ट्रेनिंग दी जाएगी, उनकी परीक्षा वास्तविक जीवन के हीरों - भूतपूर्व कमाण्डों द्वारा ली जाएगी जिसमें कैप्टन अल्र्बट लुईस, भूतपूर्व 9 पैरा कंमाडों व स्पेशल फोर्स, भारतीय सेना व कैप्टन धर्मवीर सिंह, भारतीय सेना के ऑफिसर शामिल हैं। स्टेट ऑफ दि ऑर्ट ट्रेनिंग सेंटर में उनके रहने के दौरान प्रतियोगियों को जंगल में बचे रहने की ट्रेनिंग, वॉटर लेण्डिंग, बूटकैंप िड्रल, फिटनेस तथा हथियारों की ट्रेनिंग दी जाएगी, इन सब को इस तरह से बनाया गया है कि उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

commandos-making-contestants-do-push-upsऑडीशन के लिए कई बहुत कठिन टास्कों की तैयारी के साथ, प्रतियोगियों को दिल्ली, लखनऊ व मुम्बई के ऑडीशन में अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया गया जैसे मंकी क्रॉल, रस्सी पर सीधी चढ़ाई आदि। आतंकवाद के खिलाफ इस क्रंातिकारी प्रयास की पुन: व्याख्या करते हुए, कैप्टन लुईस, कैप्टन क्षितिज शर्मा, कैप्टन धर्मवीर सिंह, शो के होस्ट विवान भटेना व जज दादा विशाल के साथ, ऑडिशन को नए स्तर पर ले जाया गया था। युवाओं के ब्राण्ड द्वारा यह अपनी तरह की पहली अपील है जो राष्ट्रा को कुछ महत्वपूर्ण करने के लिए प्ररित करता है। कठिन परीक्षा से गुजरने के बाद, 14 विजयी प्रतियोगियों को फलस्वरूप अपने जीवन में - एक नागरिक से कमाण्डो होने का बदलाव मिलेगा।

3 शहरों में हुए इन ऑडीशनों की कुल प्रतिक्रिया लगभग 6,500 रही। यह दिल्ली से लगभग 3,500 प्रतियोगियों, लखनऊ से  1,500 और मुम्बई से 1,500 प्रतियोगियों का साक्षी रहा।

contestants-made-to-carry-other-contestants-at-lucknow-auditionsऑडीशन के प्रचार के लिए एक बेहद मजबूत मार्केटिंग प्लान तथा बाहरी व प्रिंट एडर्वटािइंजिंग की मिली जुली योजना ने लोगों को ऑडीशन में बड़ी संख्या में आने में मदद की। इसमें बीटीएल गतिविधि जैसे बाइक टैगिंग, कॉलेज के बाहर बैनर, ब्राण्डेड नोट बुक के साथ डी3 ऑडीशन के पैम्फलेट का कॉलेज के बाहर वितरण, मॉल में दादागिरी के वार जोन का निमार्ण शमिल हैै।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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डॉ0 भीम राव अम्बेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी की सोच में आज तक कोई बदलाव नहीं आया

Posted on 10 April 2010 by admin

बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि करोड़ों-करोड़ों दलितों, दबे-कुचलों और उपेक्षितों के मसीहा व संविधान निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीम राव अम्बेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी की सोच में आज तक कोई बदलाव नहीं आया है। यही कारण है कि दलित विरोधी और जातिवादी मानसिकता में जकडे़ कांग्रेसी नेताओं को डॉ0 अम्बेडकर जयन्ती के शुभ अवसर पर अपनी पार्टी द्वारा अम्बेडकर नगर जनपद में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम के पोस्टर में बाबा साहेब के चित्र को स्थान देने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई, जबकि कांग्रेस पार्टी के युवराज सहित अन्य नेताओं की तस्वीरें प्रमुखता से इन पोस्टरों में छपवाई गई है। उन्होंने कहा कि इस करतूत की कलई खुल जाने से बौखलाये कांग्रेसी नेताओं ने लीपापोती की नीयत से आनन-फानन में दूसरे पोस्टर जारी करके बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर का अपमान किया है क्योंकि इन पोस्टरों में कांग्रेस के युवराज, पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमन्त्री के चित्रों को बाबा साहेब के चित्र से कहीं ज्यादा प्रमुखता से स्थान दिया गया है।

बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दलित समाज के लोग अच्छी तरह समझ गये है कि कांग्रेस पार्टी ने शुरू से उनका इस्तेमाल एक वोट बैंक की तरह किया। इसलिए कांग्रेसी नेता अपने दलित प्रेम को लेकर चाहे जितनी राजनीतिक नौटंकी क्यों न कर ले, इनकी दाल अब गलने वाली नहीं। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी देश तथा प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रही है, इसलिए दलितों में व्याप्त गरीबी और बदहाली के लिए कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को यात्रा सहित अन्य कार्यक्रमोें के दौरान लोगों, खास तौर पर दलितों को यह बताना चाहिए कि कांग्रेस की वजह से ही पूरे देश में अब भी दलितों की स्थिति दयनीय बनी हुयी है। उन्होंने कहा कि दलितों के घर जाकर खाना खाने और धूल-मिट्टी में सने उनके बच्चों को गोद में खिलाने से दलितों का उत्थान नहीं हो सकता। इसके लिए जरूरत होती है साफ नीयत और ईमानदारी से किये गये प्रयासों की, जो कि प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार बखूबी कर रही है।

श्री मौर्य ने कहा कि बाबा साहेब के अनुयायियों को अच्छी तरह याद है कि देश की आजादी से पहले और बाद भी कांग्रेस पार्टी का रवैया लगातार अनुसूचित जाति/जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग विरोधी रहा है। उन्होंने कहा कि इन वगोंZ की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए अपनी तमाम जिन्दगी पूरी तरह समर्पित करने वाले परम पूज्य बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर के मिशन में कांग्रेस पार्टी ने ही कदम-कदम पर रूकावटें पैदा की थीं, जिन्हें भुलाया नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब के करोड़ों समर्थकों को यह भी याद है कि बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर ने अपने मानने वालों को कांग्रेस पार्टी से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा था कि “मेरे जीते-जी तो छोड़ो, मेरे मरने के बाद भी इन वर्गों के लोगों को कांग्रेस पार्टी के “चार आने´´ तक का भी सदस्य नहीं बनना चाहिये।´´

प्रदेश बी0एस0पी0 अध्यक्ष ने कहा कि दलित हितैषी तथा बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के समर्थक होने का ढोंग करने वाले कांग्रेसी नेताओं को लोगों को यह भी बताना चाहिए कि किस प्रकार वर्ष 1946 में कांग्रेस पार्टी ने भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए गठित होने वाली संविधान सभा में बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर के चुनाव को लेकर तमाम रूकावटें पैदा की थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह डर था कि बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर अगर संविधान सभा के लिए चुन लिये गये तो वे देश के करोड़ों दलितों, शोषितों एवं उपेक्षित वर्गों के लोगों को जिन्दगी के हर पहलू में मान-सम्मान की जिन्दगी बसर करने के लिए कानूनी हक दिलवायेंगे, जिसके पक्ष में कांग्रेस पार्टी नहीं थी। अपने मजबूत इरादों और दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर संविधान सभा के लिए चुने गये। उन्होंने विभिन्न धर्मों व जातियों के हितों को ध्यान में रखते हुए संविधान में सदियों से उपेक्षित दलितों, शोषितों तथा पिछड़ों को आत्म सम्मान का जीवन बसर करने के लिए अनेक कानूनी अधिकारों की व्यवस्था की। साथ ही, शिक्षा, सरकारी नौकरियों, रोजगार तथा राजनीति के क्षेत्र में भी अनुसूचित जाति तथा जनजाति वगोंZ के लोगों को आरक्षण की अनेक विशेष सुविधाएं भी मुहैया करायी।

श्री मौर्य ने कहा कि देश को आजाद हुए लगभग 63 वर्ष के बाद भी कांग्रेस ने बाबा साहेब के प्रति अपना पुराना रवैया नहीं बदला है। समाज के शोषित, वंचित और उपेक्षित वगोंZ के प्रति कांग्रेस पार्टी की न तो हमददीZ है और न ही उनके उत्थान की कोई ठोस योजना। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर जैसे महामानव के प्रति कांग्रेस पार्टी के अपमानजनक नज़रिये का नवीनतम उदाहरण लोगों के सामने है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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