Archive | November 14th, 2016

बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 02.11.2016

Posted on 14 November 2016 by admin

(1)    सीमावर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ  अब पिछले कुछ समय में रहस्मय ढंग से दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलाये जाने की घटना अत्यन्त ही दुःखद व चिन्तनीय: सुश्री मायावती जी।

(2)    जनहित व जनकल्याण के मामले में पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन की सरकार पूरी तरह से फेल। इस सरकार के मामले में हर प्रकार का अनुभव काफी कड़वा।

(3)    भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बंध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह ही पिस रही है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी

लखनऊ, 02 नवम्बर 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर होने व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ अब ताज़ा घटनाक्रमों में पिछले कुछ समय में दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलायें जाने की घटना पर गहरा दुःख व आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि वहाँ की पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार राज्य के लोगों के जनहित व जनकल्याण के मामले में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
रहस्मय ढंग से ख़ासकर स्कूलों के जलाये जाने की लगातार होने वाली घटनाओं पर माननीय जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने व राज्य सरकार को इस सम्बन्ध मंे तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने के आदेश का स्वागत करते हुये सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर यही लगता है कि जम्मू-कश्मीर मेें सरकार नाम की कोई व्यवस्था नहीं रह गयी है, जिससे विशेषकर घाटी मेें रहने वाली बहुसंख्यक आबादी का जन-जीवन पहले से काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि कश्मीर मेें हालात के ख़राब होने के लिये सम्बद्ध लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, परन्तु वास्तविकता यही लगती है कि घाटी के लोगों का राज्य की सरकार पर से विश्वास लगभग समाप्त हो गया है। इसकी ख़ास वजह यह है कि लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार के माध्यम से भाजपा अपना आर.एस.एस. का संकीर्ण व विभाजनकारी एजेण्डा लोगों पर थोपना चाहती है।
कुल मिलाकर सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गोलीबारी व कश्मीर घाटी में लगातार जारी हड़ताल के कारण आम जनजीवन काफी ज्यादा प्रभावित है। स्कूल, कालेज व बाज़ार आदि सभी बन्द पड़े हैं तथा जिनके पास थोड़ी भी हैसियत है उनके बच्चे घाटी से बाहर काफी बड़ी संख्या मे जाने लगे हैं। बाकी ग़रीब लोगों के सामने जीवन की विकट समस्या व भूखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, किन्तु राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से विमुक्त नज़र आती है, जो कि सरासर ग़लत है।
वास्तव में आज कश्मीर मेें जो हालात पैदा हो गये हैं उसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है, फिर भी ख़ासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया वहाँ की आमजनता के प्रति काफी उदासीन व असंवेदनशील बना हुआ है। इन सभी कारणों से स्पष्ट तौर पर लगता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बन्ध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह पिस रही है। केन्द्र की सरकार को चाहिये कि वे अपने नागरिकों की भरपूर चिन्ता करे और वहाँ हालात को सामान्य बनाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बी.एस.पी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 04.11.2016

Posted on 14 November 2016 by admin

(1)    प्रदेश के सपा मुख्यमंत्री की ‘‘विकास रथयात्रा‘‘ वास्तव में ‘‘दिवालिया रथयात्रा‘‘ साबित हुयी। करोड़ों रूपयों वाली ’लक्जरी रथ’ जहाँ वर्तमान सपा सरकार के मुखिया के यात्रा का प्रारम्भ में ही दिवाला निकाल गयी, वहीं रथयात्रा के साथ चलने वाले उनके हुड़दंगबाजों ने पहले आपस में खूब मार-पीट की और फिर यात्रा के रास्ते में जो भी मिला उसको लूटते-खसोटते चले गये और पुलिस को केवल तमाशाबीन बने रहने को मजबूर होना पड़ा: बी.एस.पी।

(2)    साथ ही, अगर सपा सरकार ने जनहित व जनकल्याण के वास्तविक काम किये होते तोे फिर उन्हें भारी सरकारी शान-शौकत के साथ यह ’’विकास रथयात्रा‘‘ निकालने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। सरकार का काम अपने आप अवश्य ही बोलता: सुश्री मायावती जी।
(3)    सदियों से उपेक्षित दलितों व ओ.बी.सी. वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में बी.एस.पी. सरकार द्वारा बनाये गये कुछ ज़रूरी भव्य स्थलों, स्मारकों व पार्कों आदि को ’’फ़िज़ूलख़र्ची’’ बताकर व उनका अनादर करना ओछी व जातिवादी द्वेषपूर्ण राजनीति तथा दिखावटी (छद्म) समाजवाद,
ऽ         जबकि लोहिया पार्क व इटावा में मौज-मस्ती के लिए लायन सफ़ारी व सैफ़ई महोत्सव आदि पर करोड़ों-अरबों रुपयों के सरकारी धन का ख़र्च क्या फ़िजूलख़र्ची नहीं है। यह इस सपा सरकार का कैसा दोहरा चाल, चरित्र व चेहरा: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।

लखनऊ, 04 नवम्बर 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने कल कुछ किलोमीटर चलकर प्रारम्भ होने वाली प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री की तथाकथित ‘‘विकास रथयात्रा‘‘ को वास्तव में ‘‘दिवालिया रथयात्रा‘‘ साबित होने वाला बताते हुये कहा कि करोड़ों रूपयों से बनने वाली ’लक्जरी रथ’ जहाँ वर्तमान सपा सरकार के मुखिया का यात्रा के प्रारम्भ में ही दिवाला निकाल गयी, वहीं रथयात्रा के साथ चलने वाले उनके हुड़दंगबाजों ने रास्ते में जो भी मिला उसको लूटते-खसोटते चले गये और पुलिस को केवल तमाशाबीन बने रहने को मजबूर होना पड़ा।
इतना ही नहीं बल्कि ’’विकास रथयात्रा’’ को सपा को ’’लाल झण्डी’’ दिखाकर यात्रा शुरू करने के समय आयोजित कार्यक्रम में सपा परिवार व सपा सरकार की भरपूर मौजूदगी में नये-नये समाजवादी युवकगण आपस में ही उसी तरह सेे भिड़ गये जैसे कि वे आमतौर पर प्रदेश में अराजकता व जंगलराज कायम करकेे हर वर्ग के लोगों का जीवन बेहाल कर रखा है तथा जिन्हें वर्तमान मुख्यमंत्री का खुला संरक्षण प्राप्त है और यह सब ’सपाई तमाशा’ सपा के सभी बड़े नेतागण की मौजूदगी में हुआ परन्तु सभी ख़ामोश तमाशाबीन बने रहे।
सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि वैसे तो किसी भी सरकार के लिये उसके काम को बोलना चाहिये, परन्तु जिस प्रकार वर्तमान मुख्यमंत्री को अपने गुमनाम होने की शिकायत है कि लोग उन्हें नहीं पहचानते, ठीक उसी प्रकार उनके विकास के दावे भी हवा-हवाई होने की लोगों को शिकायत है, क्योंकि उनके विकास के दावों का लाभ लोगों को अब तक मिलना शुरू ही नहीं हुआ है। लोग पूछते हैं कि क्या बहु-प्रचारित ’’लखनऊ मेट्रो सेवा’’ शुरू हो गयी है? क्या अन्य योजनायें ज़मीनी हक़ीक़त में बदल कर उनका लाभ लोगों को मिलने लगा है? केवल शिलान्यास कर देने से या घोषणा कर देने से या फिर आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन कर देने को विकास कहा जा सकता है क्या?
इस प्रकार, अगर सपा सरकार ने जनहित व जनकल्याण के वास्तविक काम किये होते तो फिर उन्हें भारी सरकारी शान-शौकत के साथ यह ’’विकास रथयात्रा‘‘ निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
इसके अलावा प्रदेश में पूरे वर्तमान सपा शासनकाल में केवल घोर जातिवाद, द्वेष व भ्रष्टाचार एवं जंगलराज का बोलबाला रहा है। इसके लिये अनेकों बार माननीय उच्च न्यायालय के अलावा मा. उच्चतम न्यायालय तक से सपा सरकार को फटकार मिलती रही है। साथ ही डंेगू जैसे घातक बीमारी ने महामारी का रूप धारण कर लिया तब अन्ततः माननीय हाईकोर्ट को काफी सख़्ती के साथ इस मामले में भी दख़ल देना पड़ा, परन्तु सपा सरकार का मुखिया इन बातों के मद्देनजर शर्मिन्दा व सतर्क होकर काम करने के बजाय कुछ जगह ही निष्प्रभावी ढंग से शुरू हुयी ’एम्बुलेन्स सेवा’ का ही ढिंढ़ोरा पीटता रहता है।
साथ ही, जिस वर्तमान सपा सरकार को प्रदेश की लगभग 22 करोड़ जनता का ख़्याल रखने की संवैधानिक जिम्मेदारी है, वह केवल कुछ ज़िला स्तर व मण्डल स्तर पर इक्का-दुक्का विकास की बात करके लोगों का वोट हासिल करना चाहता है। यह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है?
इतना ही नहीं बल्कि भाजपा से सपा की मिलीभगत है इसलिए सपा सरकार का मुखिया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ इशारों-इशारों में बात करता है तथा खुलकर आलोचना या निन्दा भी करने में काफी हिचकता है, परन्तु   बी.एस.पी. के खिलाफ ग़लत आरोप व अनर्गल बातें करने में बाप से भी दो कदम आगे रहता है। ऐसा समझना गलत होगा कि जनता इन बातों का नोट नहीं ले रही है।
इसी क्रम में एक तरफ तो सदियों से उपेक्षित दलितों व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर व उनके आदर-सम्मान में      बी.एस.पी. सरकार द्वारा बनाये गये कुछ ज़रूरी भव्य स्थलों, स्मारकों व पार्कों आदि को ’’फ़िज़ूलख़र्ची’’ बताकर व उनका अनादर आदि करके उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की वर्तमान सरकार का मुखिया ना केवल ओछी व जातिवादी द्वेषपूर्ण राजनीति कर रहा है, बल्कि दिखावटी (छद्म) समाजवादी होने का भी परिचय दे रहा है।
परन्तु वहीं दूसरी तरफ अपनी संकीर्ण व जातिवादी सोच के साथ लोहिया पार्क व इटावा में केवल मौज-मस्ती के लिए लायन सफ़ारी बनाने को व सैफ़ई महोत्सव आदि पर करोड़ों-अरबों रुपयों के सरकारी धन के ख़र्च को अपनी सपा सरकार की फ़िजूलख़र्ची मानने को तैयार नहीं है। यह इस सपा सरकार का कैसा दोहरा चाल, चरित्र व चेहरा?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 02.11.2016

Posted on 14 November 2016 by admin

(1)    सीमावर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ  अब पिछले कुछ समय में रहस्मय ढंग से दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलाये जाने की घटना अत्यन्त ही दुःखद व चिन्तनीय: सुश्री मायावती जी।

(2)    जनहित व जनकल्याण के मामले में पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन की सरकार पूरी तरह से फेल। इस सरकार के मामले में हर प्रकार का अनुभव काफी कड़वा।

(3)    भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बंध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह ही पिस रही है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 02 नवम्बर 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर होने व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ अब ताज़ा घटनाक्रमों में पिछले कुछ समय में दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलायें जाने की घटना पर गहरा दुःख व आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि वहाँ की पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार राज्य के लोगों के जनहित व जनकल्याण के मामले में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
रहस्मय ढंग से ख़ासकर स्कूलों के जलाये जाने की लगातार होने वाली घटनाओं पर माननीय जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने व राज्य सरकार को इस सम्बन्ध मंे तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने के आदेश का स्वागत करते हुये सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर यही लगता है कि जम्मू-कश्मीर मेें सरकार नाम की कोई व्यवस्था नहीं रह गयी है, जिससे विशेषकर घाटी मेें रहने वाली बहुसंख्यक आबादी का जन-जीवन पहले से काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि कश्मीर मेें हालात के ख़राब होने के लिये सम्बद्ध लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, परन्तु वास्तविकता यही लगती है कि घाटी के लोगों का राज्य की सरकार पर से विश्वास लगभग समाप्त हो गया है। इसकी ख़ास वजह यह है कि लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार के माध्यम से भाजपा अपना आर.एस.एस. का संकीर्ण व विभाजनकारी एजेण्डा लोगों पर थोपना चाहती है।
कुल मिलाकर सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गोलीबारी व कश्मीर घाटी में लगातार जारी हड़ताल के कारण आम जनजीवन काफी ज्यादा प्रभावित है। स्कूल, कालेज व बाज़ार आदि सभी बन्द पड़े हैं तथा जिनके पास थोड़ी भी हैसियत है उनके बच्चे घाटी से बाहर काफी बड़ी संख्या मे जाने लगे हैं। बाकी ग़रीब लोगों के सामने जीवन की विकट समस्या व भूखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, किन्तु राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मंेदारियों से विमुक्त नज़र आती है, जो कि सरासर ग़लत है।
वास्तव में आज कश्मीर मेें जो हालात पैदा हो गये हैं उसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है, फिर भी ख़ासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया वहाँ की आमजनता के प्रति काफी उदासीन व असंवेदनशील बना हुआ है। इन सभी कारणों से स्पष्ट तौर पर लगता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बन्ध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह पिस रही है। केन्द्र की सरकार को चाहिये कि वे अपने नागरिकों की भरपूर चिन्ता करे और वहाँ हालात को सामान्य बनाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत मा. राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे

Posted on 14 November 2016 by admin

गृहमंत्री एवं लखनऊ के सांसद मा. राजनाथ सिंह जी दो दिवसीय दौरे पर आज 11 नवम्बर को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ पहुंचेे। एयरपोर्ट पर महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा  ने बुके भंेट कर मा. राजनाथ सिंह जी का स्वागत किया साथ ही साथ पूर्व विधायक सुरेश तिवारी, विद्यासागर गुप्ता, पूर्व नगर अध्यक्ष मनोहर सिंह तथा वीरेन्द्र तिवारी, महानगर महामंत्री त्रिलोक अधिकारी, अंजनी श्रीवास्तव, पुष्कर शुक्ला, राजीव मिश्रा, पार्षद सौरभ सिंह, रामकृष्ण यादव, धीरेन्द्र बहादुर सिंह, राजेश सिंह आदि कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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स्पा,बसपा से पिछडे ठगे जाने के लिए तैयार नहीं- स्वामी प्रसाद मौर्या

Posted on 14 November 2016 by admin

भारतीय जनता पार्टी 2017की चुनावी जंग जीतने के लिए पूरी रौ में आ गयी है।कल राजधानी से 75 रथ रवाना करने के बाद पिछड़े वर्ग के सम्मेलन का सिलसिला शुरू करके सपा और बसपा को बेक पुट पर ला दिया है।राजधानी से सटे उन्नाव जनपद के ऊगू मे आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन मे पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा,बसपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि में विधान सभा मे नेता प्रतिपक्ष के रूप मे साढ़े चार मुख्यमंत्री का अरोप लगाता था वह आज सबके सामने साबित हो गया है।श्री मौर्य ने कहा कि हम आपको सावधान करने आये है कि यूपी में लम्बे अर्से से पिछड़ों के मसीहा बनने का दावा करने वाले मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश में चार बार सरकार बनाई और बदले मे हमें लूट,अपराध,भष्टाचार और गुन्डागर्दी मिली।आज सबसे बड़ा संकट अपराध का है।जमीन पर अवैध कब्जा हो रहे है। पिछडे ठगे जाने के लिए तैयार नहीं  है। कानून व्यवस्था और भष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए चचा-भतीजे की लड़ाई का नाटक छलावा है,दिखावा है ताकि लोग लाचार मजवूर सी एम की असफलता और मैनपुरी,इटावा,ऐटा के सिर्फ ओबीसी कोटे की सरकारी नौकरीयां लूटने को भूल जाए।तेली ,कुर्मी,कुशवाहा,लुहार,नामदेव,निषाद आदि कई वर्ग के लोग क्या सिर्फ बोट देने को है?श्री मौर्या ने बसपा सुप्रीमो को महाठगनी बताते हुये उन पर जम कर हमला बोला कि बाबा साहेब अम्बेडकर,कांशीराम के विचारो को चैराहे पर नीलाम करने का काम कर रही है।बड़ी बोली टिकिटो को लगबाई जाती है।इसी लिए मायावती को राजनीति से बर्खास्त कर दिया है।बीजेपी ने पिछड़े नरेन्द्र मोदी को प्रधान मंत्री बनाया है।इस अवसर पर युवा समाजसेवी डा.श्याम सिंह सर्जन ने स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत किया।  भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित पिछडा वर्ग सम्मेलन के क्रम में 15 नवम्बर को 16 विधान सभाओं के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित होगे। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मनकापुर तथा गौरा विधान सभा के सम्मेलन को संसाद श्री राजेश वर्मा तथा प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश, शाहावाद और हरदोई सम्मेलन के श्री स्वामी प्रसाद मौर्य तथा पूर्व विधायक सुन्दरलाल लोधी, कैसरगंज तथा मल्हनी विधानसभा सम्मेलन का सांसद मुकेश राजपूत, बिन्दकी तथा जहानाबाद के सम्मेलन को पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार तथा पूर्व सांसद राम नारायन साहू , पडरौना तथा कुशीनगर के सम्मेलन को संासद श्री रवीन्द्र कुशावाहा तथा प्रमुनाथ चैहान, पट्टी तथा रानीगंज विधान सभा सम्मेलन को पूर्व मंत्री श्री रामकुमार वर्मा तथा विक्रमाजीत मौर्य, खुर्जा तथा सिकन्दरा बाद के सम्मेलन को पूर्व मंत्री डाॅ. धर्म सिंह सैनी तथा श्री विजय कश्यप तथा चैरी चैरा, पिपराइच विधानसभा सम्मेलन को क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव जी सम्बोधित करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रेस विज्ञप्ति

Posted on 14 November 2016 by admin

जीएसटी काउंसिल में राज्यों के अधिकारों के विरुद्ध लिए जा रहे निर्णयों को लेकर वाणिज्य कर विभाग के हजारों अधिकारियों कर्मचारियों ने आज लखनऊ के लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना.प्रदर्शन किया। साथ ही अपनी मांगों का एक ज्ञापन प्रदेश के राज्यपाल को सौंपा। यह जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश वाणिज्यकर अधिकारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने कहा कि आल इंडिया कांफेडरेशन ऑफ कामर्शियल टैक्स एसोसिएसनस ;आक्टाद्ध के तत्वाधान में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना.प्रदर्शन किया गया है।
1ण् व्यापारी के लिए सिंगल इंटर फेस जिससे व्यापारी को अलग.अलग विभागों के चक्कर न लगाने पड़े।
2ण् जीएसटी के तीनों एक्ट ;एसजीएसटीए सीजीएसटी व आईजीएसटीद्ध में केंद्र एवं राज्यों को समान अधिकार दिए जाने हेतु क्रास एमपावरमेंट की व्यवस्था।
3ण् डेढ़ करोड़ वार्षिक टर्नओवर के वस्तु एवं सेवा सहित समस्त व्यापारियों पर राज्यों का एकल प्रशासन।
4ण् राज्यों एवं केंद्र के पास पंजीकृत डेढ़ करोड़ वार्षिक टर्नओवर से ऊपर के डीलरों की वर्तमान संख्या के अनुपात में प्रशासन हेतु डीलरों का विभाजन।
5ण् जीएसटी काउंसिल के सचिवालय में दो तिहाई पद राज्य कर्मियों को दिए जाएं।
धरने को संबोधित करते हुए असिसटेंट कमिश्नरए सुनील वर्मा  ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में केंद्रीय उत्पाद कर विभाग ने अपने दबदबे का दुरुपयोग किया हैए ऐसे प्रस्ताव लाए जा रहे हैं जिनसे की भविष्य में राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता कमजोर होगी। उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ के उपाध्यक्ष अंजेश बर्नवाल ने कहा कि आक्टा के बैनर तले चल रहे आंदोलन की आवाज अगर जीएसटी काउंसिल द्वारा जल्दी नहीं सुनी गई तो समय पर जीएसटी लागू होना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि केंद्रीय उत्पाद कर विभाग के साथ टे्रनिंग के साथ.साथ पैन अपडेशन और डेटा माईग्रेशन को रोकने का आह्वड्ढान पूर्व में ही किया जा चुका है। डीएस गौतमए प्रवक्ता आक्टा द्वारा बताया गया कि 3ए 4 नवम्बर की जीएसटी काउंसिल की बैठक में हमारें प्रस्तावों पर विचार की उम्मीद है क्योंकि देश के सभी राज्यों के वाणिज्य कर विभाग इस आंदोलन में एक साथ भाग ले रहे हैं और इसी का परिणाम है कि जीएसटी काउंसिल की पिछली तीन बैठकों से कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है।
आज के इस विशाल विरोध प्रदर्शन में पूरे प्रदेश से लगभग तीन हजार से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में उपस्थित हुए। विरोध प्रदर्शन में वाणिज्य कर विभाग के तीनों अधिकारी संघों के अध्यक्ष और महासचिवों के अतिरिक्त विभिन्न कर्मचारी संघों के पदाधिकारी गण सेलक राम चौधरीए आरके सिंह भदौरियाए भूपेश अवस्थीए विनय श्रीवास्तवए गंगा रामए राज भरत अवस्थीए संजय तिवारीए सुरेश यादव आदि उपस्थित रहे। वाणिज्य कर विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों की एसोसिएशन ;कामरानद्ध के अध्यक्ष एससी अग्रवाल व महासचिव बीबी सिंह  भी उपस्थित रहे।
उपरोक्त विरोध प्रदर्शन के पश्चात संघों के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय से मुलाकात कर अपनी पांच सूत्रीय मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया तथा केंद्र सरकार व जीएसटी काउंसिल तक उपरोक्त मांगों को पहुंचाने का अनुरोध किया गया।
कृपया इस कार्यक्रम के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए वाणिज्य कर अधिकारी

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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