(1) सीमावर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ अब पिछले कुछ समय में रहस्मय ढंग से दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलाये जाने की घटना अत्यन्त ही दुःखद व चिन्तनीय: सुश्री मायावती जी।
(2) जनहित व जनकल्याण के मामले में पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन की सरकार पूरी तरह से फेल। इस सरकार के मामले में हर प्रकार का अनुभव काफी कड़वा।
(3) भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बंध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह ही पिस रही है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी
लखनऊ, 02 नवम्बर 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने जम्मू-कश्मीर राज्य के कश्मीर घाटी क्षेत्र में लगातार 114 दिन से सामान्य जनजीवन अस्थिर होने व वहाँ लगातार कफ्र्यू जारी रहने के साथ-साथ अब ताज़ा घटनाक्रमों में पिछले कुछ समय में दो दर्जन से अधिक स्कूलों के जलायें जाने की घटना पर गहरा दुःख व आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि वहाँ की पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार राज्य के लोगों के जनहित व जनकल्याण के मामले में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
रहस्मय ढंग से ख़ासकर स्कूलों के जलाये जाने की लगातार होने वाली घटनाओं पर माननीय जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने व राज्य सरकार को इस सम्बन्ध मंे तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने के आदेश का स्वागत करते हुये सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर यही लगता है कि जम्मू-कश्मीर मेें सरकार नाम की कोई व्यवस्था नहीं रह गयी है, जिससे विशेषकर घाटी मेें रहने वाली बहुसंख्यक आबादी का जन-जीवन पहले से काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि कश्मीर मेें हालात के ख़राब होने के लिये सम्बद्ध लोग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, परन्तु वास्तविकता यही लगती है कि घाटी के लोगों का राज्य की सरकार पर से विश्वास लगभग समाप्त हो गया है। इसकी ख़ास वजह यह है कि लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार के माध्यम से भाजपा अपना आर.एस.एस. का संकीर्ण व विभाजनकारी एजेण्डा लोगों पर थोपना चाहती है।
कुल मिलाकर सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गोलीबारी व कश्मीर घाटी में लगातार जारी हड़ताल के कारण आम जनजीवन काफी ज्यादा प्रभावित है। स्कूल, कालेज व बाज़ार आदि सभी बन्द पड़े हैं तथा जिनके पास थोड़ी भी हैसियत है उनके बच्चे घाटी से बाहर काफी बड़ी संख्या मे जाने लगे हैं। बाकी ग़रीब लोगों के सामने जीवन की विकट समस्या व भूखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, किन्तु राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से विमुक्त नज़र आती है, जो कि सरासर ग़लत है।
वास्तव में आज कश्मीर मेें जो हालात पैदा हो गये हैं उसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है, फिर भी ख़ासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया वहाँ की आमजनता के प्रति काफी उदासीन व असंवेदनशील बना हुआ है। इन सभी कारणों से स्पष्ट तौर पर लगता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बन्ध में तनाव की स्थिति मंे बेचारी कश्मीर की आमजनता बेवजह पिस रही है। केन्द्र की सरकार को चाहिये कि वे अपने नागरिकों की भरपूर चिन्ता करे और वहाँ हालात को सामान्य बनाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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