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हर बच्चे को जीवन का हक: मुख्यमंत्री

Posted on 03 March 2013 by admin

  • प्रदेश सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं  उपलब्ध कराने के गम्भीर प्रयास कर रही है: अखिलेश यादव
  • मुख्यमंत्री ने ‘लीडरशिप समिट आॅन चाइल्ड सर्ववाइवल’ को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां होटल ताज में हिन्दुस्तान टाइम्स तथा एन0जी0ओ0 सेव द चिल्ड्रेन के संयुक्त तत्वावधान में ‘नो चाइल्ड बाॅर्न टु डाइ’ विषय पर आयोजित ‘लीडरशिप समिट आॅन चाइल्ड सर्ववाइवल’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन का हक हर बच्चे को है। इसलिए हम सब को मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि शिशु मृत्यु दर कैसे कम से कमतर की जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार इस दिशा में सार्थक प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को उच्चस्तरीय एवं प्रभावी बनाने के लिए सक्रिय प्रयास लगातार कर रही है। बीमारों को एम्बुलेन्स की सेवा शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराना इसी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि शिशु की जीवन की रक्षा के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माँ का स्वस्थ होना है। जागरूकता अभियान चलाकर शिशु मृत्यु दर कम की जा सकती है। अधिकतर मामलों में शिशुओें की मृत्यु जागरूकता के अभाव में होती है। इसके लिए अभियान के अन्तर्गत महिलाओं को शिशु के स्वास्थ्य तथा विभिन्न प्रकार की बीमारियों इत्यादि से उसे बचाने के विषय में जानकारियां देकर उन्हें जागरूक बनाया जा सकता है।
cm-photo-02-march-2013श्री यादव ने कहा कि इस अभियान को हम तभी सफल बना सकते हैं, जब हमारी पहुंच लोगों तक हो। बेहतर अवस्थापना सुविधाएं देकर हम डाॅक्टरों की पहुंच सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके लिए हम सभी को जिम्मेदारी से कार्य करना होगा। इसकी सफलता के लिए छात्रों को इसमें शामिल किया जा सकता है और उन्हें गांव एडाप्ट भी कराए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के प्रति उनकी सरकार अत्यंत गम्भीर है और इसी उद्देश्य से रायबरेली में एम्स की स्थापना के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध करा भी दी है। जनपद जालौन के माधौगढ़ क्षेत्र में अस्पताल के अभाव में लोगों को हो रही घोर असुविधा की ओर जब मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया, तो उन्होंने वहां पर एक अस्पताल शीघ्र ही बनवाने की घोषणा की।
सम्बोधन के उपरान्त समिट के प्रतिभागियों द्वारा न्यूट्रिशन तथा हेल्थ को शैक्षिणिक पाठ्यक्रमों में एक अलग विषय के रूप में सम्मिलित किए जाने के सम्बन्ध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सकारात्मक प्रस्ताव है और इसे विषय के रूप में पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने इस अभियान के लिए किसी जानी-मानी हस्ती को ब्राण्ड एम्बेसडर बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार करने का आश्वासन दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए वैज्ञानिकों को आगे बढ़कर कार्य करने का आह्वान किया

Posted on 03 March 2013 by admin

  • गोरखपुर विश्वविद्यालय में महिलाओं के छात्रावास हेतु 2 करोड़, वाई-फाई हेतु 2.5 करोड़, विधि संकाय हेतु 50 लाख, पुस्तकालय तथा कैन्टीन व अन्य सुविधाओं हेतु क्रमशः एक-एक करोड़ रुपए सहित एक स्पोटर््स स्टेडियम बनाने की घोषणा
  • कुश्ती ग्रामीण संस्कृति व गरीबों से जुड़ा हुआ खेल

pressउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए वैज्ञानिकों को आगे बढ़कर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि पूर्वांचल के इस इलाके में आयोजित इस तीन दिवसीय विज्ञान कांग्रेस से प्रदेश के सतत् एवं समावेशीय विकास में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के महत्वपूर्ण निष्कर्षों को लागू करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे राज्य की जनता का भला हो सके।
मुख्यमंत्री ने आज दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में आयोजित प्रथम उत्तर प्रदेश विज्ञान कांग्रेस 2012-13 के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं के छात्रावास हेतु 2 करोड़, वाई-फाई हेतु 2.5 करोड़, विधि संकाय हेतु 50 लाख, पुस्तकालय तथा कैन्टीन व अन्य सुविधाओं हेतु क्रमशः एक-एक करोड़ रुपए सहित एक स्पोटर््स स्टेडियम बनाने की घोषणा की।
श्री यादव ने कहा कि सरकार युवा प्रतिभाओं को सही अवसर प्रदान करने के लिए व्यावहारिक नीति बनाने का प्रयास कर रही है ताकि उन्हें विकास यात्रा में अपना योगदान देने का मौका मिले और उनका ज्ञान व्यर्थ न जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवा प्रतिभाओं की कमी नही है केवल उन्हें सही दिशा दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी हाल में एक मैग्जीन में 200 विश्वविद्यालयों की सूची आयी है, जिसमें प्रदेश का कोई विश्वविद्यालय सम्मिलित नहीं है। गुणवत्तापरक शिक्षा की महत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि सुविधाओं एवं संसाधनों के अभाव के बावजूद यह आयोजन सराहनीय है। उन्होंने इंसेफलाइटिस को क्षेत्र की बड़ी समस्या बताते हुए वैज्ञानिकों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों की खुशहाली एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन्हें आधुनिक पढ़ाई एवं तकनीक में दक्षता हासिल करने के लिए शीघ्र लैपटाप उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे छात्रों को आगे की पढ़ाई में भी मदद मिलेगी। राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए उनको आर्थिक मदद दे रही है।
press-1उन्होंने नौजवानों को समाज की नींव बताते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा का मौका उपलब्ध कराने पर इसका लाभ समाज को निश्चित रूप से मिलेगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान से समाज में नई सोच तथा चेतना का विकास होता है और अन्ततोगत्वा इसका लाभ देश को मिलता है। उन्होंने कहा कि देश की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए नौजवानों की प्रतिभा निखारनी होगी और यह काम बिना पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए सम्भव नहीं है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 8 वैज्ञानिकों डाॅ0 नित्यानंद, डाॅ0 बी0पी0 कम्बोज, डाॅ0 एस0एस0 अग्रवाल, डाॅ0 पी0के0 सेठ, डाॅ0 आर0एस0 त्रिपाठी, डाॅ0 सी0एल0 खेत्रपाल, डाॅ0 एच0एन0 वर्मा तथा डाॅ0 कमर रहमान को विज्ञान-विभूषण से सम्मानित किया। बाद में मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में लगे साइंस एक्सपो-2013 (इंटरनेट) का अवलोकन किया। इस एक्सपो में स्वास्थ, चिकित्सा, ग्रामीण विकास, वैज्ञानिक शोध तथा बच्चों द्वारा बनाये गये विभिन्न माॅडलों को प्रदर्शित किया गया था। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पी0सी0 त्रिवेदी भी उपस्थित थे।
सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कुश्ती एवं महान भारत केसरी प्रतियोगिता के एक अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुश्ती ग्रामीण संस्कृति व गरीबों से जुड़ा हुआ खेल है। इसको बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार सदैव तत्पर है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यश भारती सम्मान की राशि 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 11 लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्मान से कुश्ती के अलावा अन्य क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोगों को पुरस्कृत किया जाता है, जिससे कि कुश्ती सहित अन्य विधाओं का विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से जो भी वायदे किये गए थे, प्रदेश सरकार उनको तेजी से पूरा करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट में गरीबों, किसानों और समाज के हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखा गया है। किसानों को उनकी उपज का समुचित मूल्य दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश के बेरोजगारों को स्थायी रोजगार की व्यवस्था होने तक बेरोजगारी भत्ता का वितरण किया जा रहा है। कन्या विद्या धन सहित अन्य योजनाएं समाज के कल्याण के लिए चलाई जा रही हैं।
इस दौरान उन्होंने सेना के पहलवान श्री युगवीर एवं उत्तर प्रदेश के श्री किशन कुमार के बीच महान भारत केसरी प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया तथा 51 किलोग्राम में स्वर्ण पदक प्राप्त श्री रामदुलारे यू0पी0, श्री अनवार अहमद दिल्ली को रजत एवं श्री नवीन कुमार उ0प्र0 व श्री रिन्कू पंजाब को कांस्य पदक प्रदान कर पुरस्कृत किया। इसके पूर्व आयोजकों ने मुख्यमंत्री को गदा व स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया।
उपरोक्त दोनों कार्यक्रमों की अध्यक्षता विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने किया। इन अवसरों पर प्रदेश सरकार के मंत्री श्री शंखलाल माझी, श्री रामकरन आर्य, श्री ब्रह्माशंकर तिवारी, विधायक श्रीमती राजमति, पूर्व विधायक डाॅ0 पी0के0 राय, पूर्व मंत्री श्री जयप्रकाश यादव, सांसद श्री बृजभूषण सिंह आदि जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित कराने के लिए जिला महिला अस्पतालों का विस्तार एवं उच्चीकरण कार्य प्रगति पर: मुख्य सचिव

Posted on 03 March 2013 by admin

  • प्रदेश के जिला महिला अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध 4930 बेडों  की संख्या को बढ़ाकर 10030 किया जायेगा तथा 12 सीएचसी पर 50 बेडेड मैटरनिटी विंग्स एवं 78 सीएचसी पर 30 बेडेड मैटरनिटी विंग्स का भी निर्माण कराया जा रहा है: जावेद उस्मानी
  • क्रिटिकल केसों के समुचित उपचार हेतु लखनऊ में  200 बेडयुक्त स्टेट एपेक्स रिफरल हास्पिटल फाॅर मैटरनल एण्ड चाइल्ड हेल्थ बनाये जाने की योजना: मुख्य सचिव
  • जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम विगत वर्ष 141 अस्पतालों में लागू था, जिन्हें मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में बढ़ाकर 566 अस्पतालांे में कार्यक्रम  लागू कराकर लाभान्वित कराया जा रहा है: जावेद उस्मानी
  • वर्ष 2013-14 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी 985 ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी: मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने बताया कि सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित कराने के लिए जिला महिला अस्पतालों का विस्तार एवं उच्चीकरण कराया जा रहा है। प्रदेश में नए मैटरनिटी विंग्स का निर्माण कराते हुए प्रदेश के जिला महिला अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध 4930 बेडों की संख्या को बढ़ाकर 10030 किया जायेगा तथा 12 सीएचसी पर 50 बेडेड मैटरनिटी विंग्स एवं 78 सीएचसी पर 30 बेडेड मैटरनिटी विंग्स का भी निर्माण कराया जा रहा है। इन सभी कार्याें के लिए 1300 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं। क्रिटिकल केसों के समुचित उपचार हेतु लखनऊ में 200 बेडयुक्त स्टेट एपेक्स रिफरल हास्पिटल फाॅर मैटरनल एण्ड चाइल्ड हेल्थ स्वीकृत कर दिया गया है। जननी सुरक्षा योजना के तहत आगामी वर्ष में प्रदेश की लगभग 28.5 लाख गर्भवती महिलाएं लाभान्वित कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम विगत वर्ष 141 अस्पतालों में लागू था, जिन्हें मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में बढ़ाकर 566 अस्पतालांे में कार्यक्रम लागू कराकर लाभान्वित कराया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी 985 ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी।
मुख्य सचिव ने आज यहां हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा आयोजित चाइल्ड सर्वाइवल सम्मिट के पूर्वान्ह सत्र पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं का मुफ्त उपचार, दवाइयां, जांचें, उन्हें घर से अस्पताल तक लेकर आने तथा उन्हें वापस उनके घर तक पहुंचाने की सुविधा और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ नवजात शिशु को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सीएचसी एवं पीएससी में आवश्यक सुविधाए मुहैय्या करायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराकर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कराया जाए, जिसके लिए आमजन की भी भागीदारी अवश्य सुनिश्चित होनी चाहिए।
श्री उस्मानी ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग 01 लाख आशा बहुओं की तैनाती की गयी है तथा आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निःशुल्क एम्बुलेन्स भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आम नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्युदर को घटाने के लिए हर सम्भव प्रयास सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
चाइल्ड सर्वाइवल सम्मिट में डाॅ0 पी0के0 प्रभाकर, उप आयुक्त, चाइल्ड हेल्थ एम0ओ0एच0एफ0एफ0, श्रीमती एडिले खुद्र, चीफ फील्ड आॅफिस, यूनीसेफ डाॅ0 विश्वजीत कुमार, सीईओ, कम्यूनिटी इम्पावरमेन्ट लैब, प्रो0 ए0के0 द्विवेदी, निदेशक एएमएस, श्री अखिलेश वाधवानी उप निदेशक बीएमजीएफ, डाॅ0 राजीव टण्डन सीनियर एडवाइजर स्वास्थ्य एवं पोषण, सेव द चिल्ड्रन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आगामी 11 मार्च को काल्विन तालुकेदार कालेज, लखनऊ के प्रागंण में 10 हजार लाभार्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा लैपटाॅप का वितरण कर योजना का शुभारम्भ

Posted on 01 March 2013 by admin

  • लाभार्थियों को नम्बरयुक्त लैपटाॅप तथा  वारंटी कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा: मुख्य सचिव
  • लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों के पात्र छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा: जावेद उस्मानी
  • लाभार्थियों को लैपटाॅप उपलब्ध कराने के पूर्व  लैपटाॅप को चेक अवश्य कर लिया जाए: मुख्य सचिव
  • योजनान्तर्गत 15 लाख लैपटाॅपों का  वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा: जावेद उस्मानी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव आगामी 11 मार्च को काल्विन तालुकेदार कालेज, लखनऊ के प्रागंण में 10 हजार लाभार्थियों को लैपटाॅप का वितरण कर योजना का शुभारम्भ करेंगे। लाभार्थियों को कार्यक्रम स्थल तक लाने एवं भेजने हेतु परिवहन निगम की बसें उपलब्ध करायी जायेंगी। लाभार्थियों को लैपटाॅप के साथ-साथ ब्रेक फास्ट एवं लंच पैकेट भी उपलब्ध कराया जायेगा। लाभार्थियों को नम्बरयुक्त लैपटाॅप एवं वारंटी कार्ड उपलब्ध कराकर प्राप्ति रसीद प्राप्त कर ली जाए, ताकि लाभार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा भविष्य में न हो। लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों के पात्र छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत 15 लाख लैपटाॅपों का वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आगामी 11 मार्च को काल्विन तालुकेदार कालेज, लखनऊ में लैपटाॅप वितरण कार्यक्रम तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना की शुरूआत में किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन हेतु कार्यक्रम स्थल में सी0सी0टी0वी0 कैमरे भी लगवाये जायें। उन्होंने कहा कि पात्र छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम स्थल मंे अलग-अलग बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए तथा वितरण हेतु नियुक्त पंक्ति प्रभारियों के साथ-साथ पर्याप्त स्टाफ अवश्य तैनात किए जायें, ताकि लैपटाॅप वितरण में किसी प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए।
श्री उस्मानी ने कहा कि आॅन साइट लैपटाॅप स्टोरेज व्यवस्था हेतु वाटर प्रूफ पण्डाल की व्यवस्था कराने के साथ-साथ पर्याप्त सुरक्षा गार्ड भी अवश्य तैनात किए जायें। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को लैपटाॅप उपलब्ध कराने के पूर्व लैपटाॅप को चेक अवश्य कर लिया जाए। किसी भी स्थिति में खराब लैपटाॅप किसी भी लाभार्थी को नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के कवरेज हेतु पर्याप्त स्थान अवश्य चिन्हित कर दिया जाए, ताकि मीडिया को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ समस्त प्रकार की समुचित व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित कराने के साथ-साथ पार्किंग आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करा ली जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सूचना श्री संजीव दुबे, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री पार्थसारथी सेन शर्मा, निदेशक सूचना श्री प्रभात मित्तल, जिलाधिकारी लखनऊ श्री अनुराग यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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विश्व बैंक मिशन द्वारा परियोजना के क्रियान्वयन हेतु 2835 करोड़ रूपये की स्वीकृति

Posted on 22 February 2013 by admin

  • वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत प्रदेश के निचली गंगा नहर प्रणाली के 12 जनपदों, शारदा सहायक समादेश क्षेत्र के हैदरगढ़ शाखा (किलोमीटर 23 डाउन) के 03 जनपद तथा बुन्दलेखण्ड क्षेत्र के जनपद ललितपुर में रोहनी सजनम एवं जामनी बांध नहर प्रणाली में पुनरोद्धार एवं आधुनिकीकरण कार्य हेतु विश्व बैंक के सहयोग से कराया जायेगा: मुख्य सचिव
  • परियोजना का निगोसिएशन विश्व बैंक के साथ माह अप्रैल में कराकर माह मई-जून से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाए: जावेद उस्मानी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा है कि उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत प्रदेश के निचली गंगा नहर प्रणाली के 12 जनपदों, शारदा सहायक समादेश क्षेत्र के हैदरगढ़ शाखा (किलोमीटर 23 डाउन) के 03 जनपद तथा बुन्दलेखण्ड क्षेत्र के जनपद ललितपुर में रोहनी सजनम एवं जामनी बांध नहर प्रणाली में पुनरोद्धार एवं आधुनिकीकरण कार्य हेतु विश्व बैंक के सहयोग से कराया जायेगा, जिसके लिए 2835 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति विश्व बैंक मिशन द्वारा प्रदान की गयी है। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु ऋण विश्व बैंक द्वारा 70 प्रतिशत तथा शेष 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित होगा। इस परियोजना में राज्य के अन्य विभागों यथा कृषि विभाग, भूजल विभाग, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर तथा राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा भी परियोजना में नियोजित कृषि, भूजल तथा अन्य अवयवों पर कार्य कराने में सहयोग प्रदान किया जायेगा। परियोजना का निगोसिएशन विश्व बैंक के साथ माह अप्रैल में कराकर माह मई-जून से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाए। उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण की कार्य अवधि 07 वर्ष रखी गयी है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि निचली गंगा नहर प्रणाली की समानान्तर गंगा नहर की वर्तमान क्षमता को 4200 क्यूसेक से बढ़ाकर उसकी नियोजित क्षमता 8900 क्यूसेक किए जाने का प्र्रस्ताव है तथा इस सम्पूर्ण नहर को पूर्ण रूप से कंक्रीट लाइनिंग किए जाने का प्रस्ताव परियोजना में सम्मिलित किया गया है। जिससे सम्पूर्ण नहर प्रणाली, जिसकी लम्बाई लगभग 8000 किलोमीटर है तथा यह प्रणाली जनपद एटा, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रूखाबाद, कासगंज, कन्नौज, कानपुर, कानपुर देहात, फतेहपुर, औरैया, मैनपुरी तथा कौशाम्बी जिलों में टेल की नहरों पर समुचित जल पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इन नहरों को रोस्टर करके चलाया जाता है तथा टेलों पर पर्याप्त पानी पहुंचाने में कठिनाई होती है। शारदा सहायक क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद रायबरेली, अमेठी तथा बाराबंकी एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद ललितपुर इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
श्री उस्मानी ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम-2009 के अन्तर्गत परियोजना क्षेत्रों में जल उपभोक्ता समितियों का चुनाव एवं गठन किया जाना प्राविधानित है, जिससे नहरों पर प्राप्त जल का जल प्रबन्धन सीधे कृषकों द्वारा निष्पादित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि रिमोट संेसिंग एप्लीकेशन सेन्टर, लखनऊ के माध्यम से सम्पूर्ण परियोजना क्षेत्र का बेस लाइन सर्वे जैसे क्राॅपिंग पैटर्न, क्राॅप इन्टेन्सिटी, लैण्ड यूस्ड डेटा इत्यादि का कार्य कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत विभिन्न विभागों द्वारा कराए गए कार्याें के अनुश्रवण, बेस डेटा के सापेक्ष कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त परियोजना का अनुश्रवण वेबबेस्ड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सूचना प्रभारी के माध्यम से किए जाने का प्राविधान परियोजना में कराया गया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि भूजल विभाग द्वारा परियोजना क्षेत्र एवं उत्तर प्रदेश के अवशेष क्षेत्रों के भूजल स्तर का अनुश्रवण अत्याधुनिक डिजिटल आॅटोमैटिक लेवल रिकार्डर स्थापित कर किए जाने का प्राविधान कराया जायेगा। यह प्रणाली वेबबेस्ड किए जाने का प्रस्ताव परियोजना में सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त भूजल विभाग जनपद फर्रूखाबाद के एैंरो ब्लाक, जोकि अतिदोहित ब्लाकों में चिन्हित है, का विशेष अध्ययन एवं सुधार कार्य परियोजना में सम्मिलित है। भूजल विभाग द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश के एक्यूफर मैपिंग का कार्य कराए जाने का प्रस्ताव किया गया है एवं तदानुसार परियोजना में सम्मिलित है। इस कार्य के निष्पादन पश्चात सम्पूर्ण प्रदेश में भूजल स्तर का डिजिटल मैप तैयार होगा, जोकि वेबबेस्ड होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री देवाशीष पाण्डा, सचिव सिंचाई एवं अध्यक्ष पैक्ट श्री एस0पी0 गोयल, सचिव वित्त श्री बी0एम0 जोशी, विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर श्री विंस्टन यू एवं अन्य प्रतिनिधि सुश्री अंजू गौड़, श्री राजगोपाल, श्री बेन ओबरायन सहित विश्व बैंक के प्रतिनिधियों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रदेश सरकार राज्य के पिछड़ेपन को दूर कर विकसित प्रदेशों के समकक्ष ले जाने का प्रयास कर रही है: मुख्यमंत्री

Posted on 22 February 2013 by admin

  • जनता से किए गए वायदों को हर हाल में पूरा किया जाएगा
  • समाजवादी सोच एवं सिद्धान्त पर चलते हुए सरकार मजदूरों, नौजवानों तथा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है

up-cm-in-vidhan-sabha1उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के पिछड़ेपन को दूर कर इसे अन्य विकसित प्रदेशों के समकक्ष ले जाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने गरीबों, किसानों, मजदूरों तथा नौजवानों को भरोसा दिलाया किे जनता से किए गए वायदों को हर-हाल में पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजनाएं पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की नकल कतई नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछली राज्य सरकार की सभी योजनाएं केवल एक वर्ग विशेष के लिए ही संचालित थीं। इसके अलावा विकास की धनराशि पत्थर एवं मूर्तियों पर खर्च करते हुए भ्रष्टाचार को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया गया, जिसके फलस्वरूप कई पूर्व मंत्री जेल में हैं। जबकि वर्तमान सरकार सभी के कल्याण के लिए पारदर्शी एवं समाजवादी सोच के आधार पर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत 22 विभागों के 36 कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके तहत चयनित ग्राम सभा के सभी पुरवों पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है। बेरोजगारी भत्ते की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक लगभग साढ़े ग्यारह लाख नौजवानों को इसका लाभ मिल चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा रोजगार के स्थाई अवसर पैदा करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। जबकि उनकी सरकार कृषि एवं उद्योग-धंधों तथा आधारभूत संसाधनों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि रोजगार के स्थाई साधन पैदा हो सकें। स्किल डेवलपमेंट के लिए आईटीआई, पाॅलीटेक्निक तथा इंजीनियरिंग काॅलेजों का माहौल सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री यादव ने राज्य सरकार द्वारा पुनः शुरु की गई कन्या विद्या धन योजना  की चर्चा करते हुए कहा कि अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह योजना पिछली सपा सरकार में शुरु की गई थी। इसके अलावा 10वीं पास बालिकाओं, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय की बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सोच एवं सिद्धान्त पर चलते हुए उनकी सरकार प्रदेश के मजदूरों, नौजवानों तथा किसानों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है।
प्रदेश के 10वीं तथा 12वीं पास छात्रों को निःशुल्क टैबलेट एवं लैपटाॅप कम्प्यूटर वितरण का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सत्ता में आते ही इस सम्बन्ध में निर्णय ले लिए था। उन्होंने खरीद प्रक्रिया की चर्चा करते हुए कहा कि आपूर्ति हेतु प्रतियोगी माहौल तैयार करने के लिए टेण्डर प्रक्रिया का पालन नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लैैपटाॅप की टेण्टर प्रक्रिया में विश्व की बड़ी कम्पनियों में से एक कम्पनी ने मौका हासिल किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कम्पनी द्वारा आपूर्ति के बाद शीघ्र ही टैबलेट का वितरण शुरु हो जाएगा। इसके अलावा उन्होंने रिक्शा चालकों को निःशुल्क बैटरी/मोटर चलित अत्याधुनिक रिक्शा उपलब्ध कराने की योजना का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ वर्तमान में रिक्शा चलाने वाले लोगों को मिलेगा।
श्री यादव ने वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए विभिन्न फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था पहले से करने के फलस्वरूप इस बार किसानों को उर्वरक की अनुपलब्धता से नहीं जूझना पड़ा। गेहूं खरीद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में कुछ समस्याओं के कारण किसानों को गेहूं खरीद का लाभ ठीक ढंग से नहीं मिल पाया। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस सत्र में किसानों को गेहूं खरीद की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। धान खरीद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एफसीआई के असहयोग के कारण उसमें कुछ समस्याएं आईं। गन्ना घटतौली के विरूद्ध उनकी सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की गई। इसके अलावा मिल मालिकों के न चाहने के बावजूद किसानों को गन्ने का अच्छा मूल्य दिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 3000 करोड़ रुपए गन्ना किसानों को अतिरिक्त प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
आरक्षण पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एवं सरकार पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ है। उन्होंने विपक्षी दल द्वारा लोहिया आवास योजना की आलोचना को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इसके मानक लाभार्थी की समस्याओं एवं स्थिति को देखकर तय किए गए हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत बनाए गए मकानों में सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में चलने वाले जुगाड़ के सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय के निर्देशों के दृष्टिगत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कुम्भ मेला-2013 में बेहतर व्यवस्था के लिए लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खाँ तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की तारीफ पूरे विश्व में हो रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रदेश सरकार किसानों के समग्र विकास के लिए कृतसंकल्प

Posted on 22 February 2013 by admin

  • वर्ष 2013-14 के बजट में किसानों से सीधे गेहूं और धान की खरीद किए जाने के लिए 9010 करोड़ रु0 की व्यवस्था
  • लगभग 8 लाख किसान ऋण मुक्त होंगे
  • बजट में ग्रामीण सम्पर्क मार्ग तथा पुलों के निर्माण पर  1877 रु0 व्यय करने की व्यवस्था
  • कृषि सिंचाई तथा बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्याें के लिए 7061 करोड़ रु0 का प्राविधान

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के समग्र विकास के लिए कृतसंकल्प है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने वर्ष 2013-14 के बजट में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से अनेक प्राविधान किए हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के किसानों को ऋण के जाल से मुक्त कराने हेतु ऋण माफी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 में 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। वर्ष 2013-14 में इस योजना के लिए 750 करोड़ रुपये व्यय किए जाने की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार से कुल 1650 करोड़ रुपये ऋण माफी के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे प्रदेश के 08 लाख किसानांे को ऋण मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को उनकी उपज की विपणन सुविधाओं हेतु ग्रामीण सम्पर्क मार्ग तथा सेतुओं के निर्माण के लिए 1877 करोड़ रुपये व्यय करने की व्यवस्था बजट में की गई है। इसके अतिरिक्त कृषि सिंचाई तथा बाढ़ नियंत्रण से संबंधित निर्माण एवं अनुरक्षण कार्यों हेतु 7061 करोड़ रुपये व किसानों से सीधे गेहूं और धान की उपज की खरीद किये जाने हेतु 9010 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये, किसान दुर्घटना बीमा हेतु 375 करोड़ रुपये, आधारिक बीज भण्डारण योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, कपास आदि बीजों के भण्डारण हेतु 390 करोड़ रुपये तथा प्रमाणित बीजों, संकर बीजों, संकर मक्का बीजों तथा मूंगफली के संकर बीजों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए 121 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा हेतु 200 करोड़ रुपये, कृषकों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु 240 करोड़ रुपये की सब्सिडी, किसानों के निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु 170 करोड़ रुपये, व लघु एवं सीमान्त कृषकों को बोरिंग तथा पम्प सेट के लिए अनुदान देने हेतु      70.80 करोड़ रुपये की धनराशि 2013-14 के बजट में प्राविधानित की गई है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के वर्ष 2013-14 के बजट में सोडिक लैण्ड रीक्लेमेशन हेतु 176.70 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 771 करोड़ रुपये, फसल बीमा के प्रीमियम के भुगतान हेतु 60 करोड़ रुपये, प्रारम्भिक सहकारी कृषि ऋण समितियोें के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए अनुदान हेतु 53.74 करोड़ रुपये, बीज ग्राम योजना हेतु अनुदान के लिए 12.12 करोड़ रुपये, किसानों को जिंक सल्फेट खाद पर सब्सिडी के लिए 13 करोड़ रुपये, रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण योजना के अन्तर्गत सब्सिडी हेतु 100 करोड़ रुपये, डाॅ. राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना हेतु 5 करोड़ रुपये तथा भूमि सेना योजना हेतु 79 करोड़ रुपये व्यय करने का प्राविधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आगरा में आयोजित पार्टनरशिप समिट-2013 अपने उद्देश्य में सफल

Posted on 22 February 2013 by admin

समिट के दौरान उद्योगपतियों से अच्छा संवाद हुआ,  भविष्य में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश की सम्भावना
कैप्टिव पावर उत्पादन बढ़ाकर 1000 मेगावाट  से अधिक किया जाएगा: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां विधान सभा में कहा कि आगरा में विगत माह आयोजित पार्टनरशिप समिट-2013 अपने उद्देश्य में सफल रही। उन्होंने कहा कि ऐसा अनेक वर्षों बाद हुआ कि उत्तर प्रदेश में किसी सरकार ने औद्योगिक नीति बना कर ऐसी समिट आयोजित की। समिट में बड़ी संख्या में उद्योगपति आए और उनसे द्विपक्षीय संवाद स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उद्योगपतियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
उम्मीद जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपति भविष्य में बड़े पैमाने पर प्रदेश में निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में चीनी को बढ़ावा देने के लिए नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव ने प्रयास किए थे और इसके फलस्वरूप प्रदेश में बड़े पैमाने पर चीनी मिलें लगी थीं। इस प्रयास का सर्वाधिक लाभ पश्चिमी तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश को मिला था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार यह प्रयास कर रही है कि उद्योग नीति का लाभ बुन्देलखण्ड को भी मिले और वहां भी उद्योग-कारखाने इत्यादि लगें।
श्री यादव ने कहा कि कैप्टिव पावर उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछली सपा सरकार के दौरान बगास से बिजली बनाने का फैसला लिया गया था, जिससे लगभग 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। अब इस उत्पादन को बढ़ाकर 1000 मेगावाट से अधिक किया जाएगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर नई अवस्थापना सुविधाएं भी निर्मित की जाएंगी। यदि प्रदेश में अच्छी अवस्थापना सुविधाएं नहीं होंगी, तो निवेशकों को आकर्षित करने में दिक्कत आएगी।
पी.पी.पी. माॅडल के आधार पर सड़क निर्माण के सम्बन्ध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार के कार्यकाल में उपशा (न्च्ैभ्।) और यूपिडा (न्च्प्क्।) का गठन किया गया था। इसके अन्तर्गत निजी विकासकर्ताओं के माध्यम से पी.पी.पी. के आधार पर सड़क निर्माण करवाना था। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण में अक्सर केन्द्र सरकार से एन.ओ.सी. लेना पड़ता है, जिसमें समय लगता है और इस कारण सड़क निर्माण में भी देर होती है। उन्होंने कहा कि पी.पी.पी. के अन्तर्गत निर्माण कार्य की समय सीमा निर्धारित रहती है और इसमें देर होने पर दण्ड का प्रावधान है।
उद्योगपतियों द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगने वाली अपनी औद्योगिक इकाइयों को बिहार में शिफ्ट करने के सम्बन्ध में किए गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक नीति में इस बात का ध्यान रखा गया है कि हमारी नीति बिहार से बेहतर हो अन्यथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि यही ध्यान बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थापित होने वाली इकाइयों के लिए भी रखा गया है क्योंकि बुन्देलखण्ड क्षेत्र मध्य प्रदेश से लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति का अध्ययन करने पर सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास व कल्याण के लिए बजट में अनेक प्राविधान किए

Posted on 21 February 2013 by admin

  • गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को  साडि़यां देने के लिए 438 करोड़ रु0 की व्यवस्था
  • निराश्रित विधवाओं को भरण-पोषण अनुदान हेतु 608 करोड़ रु0 की बजट व्यवस्था
  • कन्या विद्याधन योजना के लिए 900 करोड़ रु0 तथा  सबला योजना के तहत 320 करोड़ रु0 का प्राविधान
  • पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 2712 करोड़ रु0 की बजट व्यवस्था

उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सर्वांगीण विकास और उनके कल्याण के लिए कृतसंकल्प है। महिला हितों के प्रति अपने इस संकल्प को साकार करने हेतु राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से अनेक प्राविधान किए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि भूख मुक्ति व जीवन रक्षा गारन्टी योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली 18 वर्ष से अधिक की सभी महिलाओं को दो-दो साडि़यां दिए जाने के लिए 438 करोड़ रुपये की व्यवस्था वर्ष 2013-14 के बजट में की गई है। इसके साथ ही 18 वर्ष से 60 वर्ष तक की निराश्रित विधवाओं को भरण-पोषण अनुदान हेतु 608 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुकी निराश्रित विधवाओं को वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है। वृद्धावस्था/किसान पेंशन हेतु 1683 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है, जिसमें से पात्र विधवाओं को भी वृद्धावस्था पेंशन दी जाएगी। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनान्तर्गत 350 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। महिलाएं इस योजना की मुख्य लाभार्थी हैं। सरकार ने इसके अलावा कन्या विद्याधन योजना के लिए 900 करोड़ रुपये तथा सबला योजना के तहत 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं के पोषण तथा स्वास्थ्य के स्तर में सुधार, घरेलू जीवन कौशल व व्यावसायिक कौशल संवर्धन हेतु 320 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। इसके अतिरिक्त किशोरी शक्ति योजना, जिसके उद्देश्य सबला योजना के समान हैं, के लिए 6.62 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाओं व कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार दिया जाता है एवं उनके स्वास्थ्य परीक्षण तथा टीकाकरण आदि की व्यवस्था की जाती है। इन केन्द्रों पर शत्-प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं के रूप में महिलाएं कार्य करती हैं। इन कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को मानदेय देने के लिए 999 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। इसके साथ ही बजट में 161 करोड़ रुपये आंगनबाड़ी केन्द्रों निर्माण पर व्यय करने का प्राविधान किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस बजट में अल्पसंख्यक समुदाय की 10वीं पास पुत्रियों की शिक्षा अथवा विवाह के लिए ‘हमारी बेटी उसका कल योजना’ के अंतर्गत 350 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों की पुत्रियों की शादी एवं इलाज के लिए 37.50 करोड़ रुपये, पिछड़े वर्ग के गरीब परिवारों की पुत्रियों की शादी एवं इलाज के लिए 150 करोड़ रुपये तथा अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों की पुत्रियों की शादी तथा परिजनों के इलाज हेतु संचालित योजना में 200 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश सरकार ने गरीब अल्पसंख्यक अभिभावकों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान मद में 12 करोड़ रुपये तथा अल्पसंख्यक वर्ग की ही कक्षा-9 में पढ़ने वाली छात्राओं को साइकिल देने के लिए 9.39 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट में प्राविधानित हैं। इसके साथ वृद्ध महिला आश्रमों की स्थापना हेतु 03 करोड़ रुपये, श्रमजीवी महिलाओं के गर्भवती होने की स्थिति में पारिश्रमिक की क्षतिपूर्ति के लिए  4.30 करोड़ रुपये, श्रमजीवी महिलाओं के आवास निर्माण के लिए 01 करोड़ रुपये, निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादी अनुदान हेतु 70 लाख रुपये, निराश्रित महिलाओं के लिए संचालित महिला आश्रय सदनों के लिए 40 लाख रुपये, स्वाधार आश्रय गृह के संचालन के लिए 1.35 करोड़ रुपये, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के छात्रावासों के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए छात्रावास के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को यूनिफार्म एवं साइकिल दिए जाने के लिए 80 लाख रुपये व कानपुर गल्र्स पाॅलीटेक्निक तथा महिला पाॅलीटेक्निक, मथुरा के लिए 93 लाख रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को निःशुल्क यूनिफार्म दिए जाने हेतु 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नामांकन के अनुपात में इस योजना से छात्राओं को भी लाभ मिलेगा। 10वीं एवं 12वीं पास छात्र-छात्राओं को टैबलेट पी0सी0 एवं लैपटाॅप देने के लिए हेतु 2721 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नामांकन के अनुपात में इस योजना से छात्राओं को भी लाभ मिलेगा। शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने हेतु 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इस योजना मंे महिलाओं को भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना हेतु 1605.71 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना हेतु 1456.53 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक समुदायों के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना हेतु 777 करोड़ रुपये तथा सामान्य वर्ग के गरीब छात्र/छात्राओं के छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना हेतु 869.40 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नामांकन के अनुपात में इन सभी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं में छात्राओं को भी लाभ मिलेगा।
प्रवक्ता के अनुसार पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 2712 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। अनुपूरक पुष्टाहार योजना के अन्तर्गत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं एवं 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरी बालिकाओं को अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध करया जाता है। वर्ष 2013-14 में इस योजना से लगभग 2.50 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि महिलाओं के साथ की जाने वाली बदसलूकी को रोकने के लिए वीमेन पावर लाइन 1090 सेवा प्रारम्भ की गई है जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। इस सेवा की सफलता से प्रेरित होकर अन्य राज्य भी इसका अनुसरण कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इमरजेन्सी मेडिकल ट्रांसपोर्ट सेवा के अन्तर्गत समाजवादी स्वास्थ्य सेवा की एम्बुलेंसों को संचालित करने की योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत इस समय 988 एम्बुलेन्स संचालित की जा रही है, जो अपने आप में पूरे देश में एक कीर्तिमान है। दिनांक 15 फरवरी, 2013 तक इस योजना के अन्तर्गत 1.91 लाख से ज्यादा प्रदेशवासियों को लाभ प्राप्त हो चुका है, जिनमें 01 लाख से भी ज्यादा महिला लाभार्थी शामिल हैं, जिन्हें प्रसूति सम्बन्धी चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी गई हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रमुख अंश एवं विशेषताएँ वित्तीय वर्ष 2013-2014

Posted on 19 February 2013 by admin

किसानों के लिये योजनाएं
गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान के लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
किसानों की ऋण माफी योजना में कुल 1,650 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिससे लगभग 08 लाख किसान कर्जमुक्त होंगे।
किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
किसान दुर्घटना बीमा हेतु 375 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ग्रामीण किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के वादे के स्थान पर 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर 3 लाख रूपये तक अल्पकालिक फसली ऋण प्रारम्भिक सहकारी कृषि ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था।

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिये योजनाएं
डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजनान्तर्गत सी0सी0 रोड, के0सी0 ड्रेन  निर्माण एवं आन्तरिक गलियों में  इण्टरलाकिंग टाइल्स बिछाने हेतु 287 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
दस हजार से अधिक आबादी वाले सभी ग्रामों तथा दूषित पानी वाले समस्त गाँवों को भी नगरीय क्षेत्रों की तरह नल से जल उपलब्ध कराने की योजना से आच्छादित करने का निर्णय।
ग्रामीण सड़कों के निर्माण व उच्चीकरण के लिये तीन हजार एक सौ सात करोड़ रूपये (3,107 करोड़ रूपये) के प्रस्ताव स्वीकृत।
स्वर्ण जयन्ती रोजगार योजना को अधिक परिणामपरक बनाने के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन प्रदेश में लागू किया जा रहा है। ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

शहरी क्षेत्रों के विकास के लिये योजनाएं
ऽ    नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु आदर्श नगर योजना के अन्तर्गत 156 करोड़ रूपये, नगरीय सीवरेज योजना हेतु 120 करोड़ रूपये, नगरीय पेयजल कार्यक्रम के लिये 130 करोड़ रूपये तथा नगरीय जल निकासी योजना के लिये 110 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
’’नया सवेरा नगर विकास योजना’’ के क्रियान्वयन के लिये, नागर स्थानीय निकायों को धनराशि उपलब्ध कराये जाने हेतु 900 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्ष 2012-13 की व्यवस्था से छः सौ उनसठ करोड़ रूपये (659 करोड़ रूपये) अधिक है।
पी0पी0पी0 मोड पर नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन योजना के क्रियान्वयन हेतु 195 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
नगरीय सड़क सुधार की एक नई योजना प्रस्तावित की गयी है जिसके लिए 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।

कमजोर वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएं
वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजनान्तर्गत 1,683 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
रानी लक्ष्मी बाई पेंशन योजना हेतु 1,250 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
बेरोजगारी भत्ता योजना हेतु 1,200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
अल्पसंख्यक समुदाय की 10वीं पास पुत्रियों को शिक्षा अथवा विवाह हेतु ’’हमारी बेटी उसका कल योजना’’ के अन्तर्गत 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
अल्पसंख्यक समुदाय के अन्त्येष्टि स्थलों एवं कब्रिस्तानों की सुरक्षा हेतु कब्रिस्तान/अन्त्येष्टि स्थलों की चहार दीवारी निर्माण योजना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
अल्पसंख्यक वर्गों की शिक्षा के लिये अल्पसंख्यक क्षेत्रों में बहुउद्देशीय शैक्षणिक हब की स्थापना की जायेगी जिसमें कक्षा-6 से लेकर 12 तक शिक्षा की व्यवस्था होगी। इस योजना को प्रारम्भ करने के लिये 34 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।
ऽ    अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में क्रिटिकल गैप्स को दूर किये जाने के लिए 492 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    विकलांग जन के भरण-पोषण हेतु पेंशन दिये जाने के लिये 317 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।

शहरी गरीबांे के लिये कल्याणकारी योजनाएं
रिक्शाचालकों को बैटरी/सौर ऊर्जा चालित अत्याधुनिक रिक्शे दिये जाने की योजना के लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था जो वर्ष 2012-13 की बजट व्यवस्था से 300 करोड़ रूपये अधिक।
शहरी गरीब व्यक्तियों के लिये आवास उपलब्ध कराने की योजना ’’आसरा’’ के अन्तर्गत 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था, जो गत वर्ष की बजट व्यवस्था से 300 करोड़ रूपये अधिक।
प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र तथा स्लम में सी0सी0रोड, इण्टरलाॅकिंग टाइल्स, नाली, जल निकासी एवं अन्य सुविधाओं के निर्माण हेतु 375 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
शहरी क्षेत्रों को स्लम मुक्त करने के उद्देश्य से शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराये जाने की ’’राजीव आवास योजना’’ हेतु 100 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।

महिलाओं के लिये
भूख मुक्ति व जीवन रक्षा गारन्टी योजना के अन्तर्गत बी0पी0एल0 परिवारों की 18 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं को दो-दो साडि़याॅं तथा 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन को एक-एक कम्बल दिये जाने के लिये 600 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।
निराश्रित विधवाओं को भरण-पोषण अनुदान हेतु 608 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनान्तर्गत 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
वृद्ध महिला आश्रमों की स्थापना हेतु 03 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

अधिवक्ताओं के लिये
अधिवक्ता कल्याण निधि को आर्थिक सहायता हेतु 40 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।

कृषि
वर्ष 2013-14 में 55.81 लाख कुन्टल बीज वितरण का लक्ष्य, जिसमें खरीफ के अन्तर्गत 11.68 लाख कुन्टल एवं रबी के अन्तर्गत 44.13 लाख कुन्टल बीज का वितरण प्रस्तावित।
up-cm-akhilesh-yadav-budget-press-meeting108.40 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य, जिसमें खरीफ के अन्तर्गत 52.50 लाख मीट्रिक टन एवं रबी के अन्तर्गत 55.90 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जाना प्रस्तावित।
कृषकों को 44 लाख किसान के्रडिट कार्ड का वितरण तथा उनसठ हजार करोड़ रूपये (59,000 करोड़ रूपये) का कृषि ऋण उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2013-2014 में 771 करोड़ रूपये का प्रस्ताव।
ऽ    कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान हेतु बजट में 270 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

पंचायती राज
बहुउद्देशीय पंचायत भवन/भारत निर्माण सेवा केन्द्रांे की निर्माण योजना में गैर बी0आर0जी0एफ0 जनपदों बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर तथा मुजफ्फरनगर में 162 पंचायत भवनों के निर्माण का लक्ष्य।
पिछड़े क्षेत्रों के विकास हेतु पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2013-2014 में 702 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
वर्ष 2013-2014 में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दो हजार आठ सौ तीस (2,830) हेक्टेयर में पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम चलाया जाना प्रस्तावित।
विभिन्न मसालों-हल्दी, लहसुन, मिर्च, धनिया की उन्नतशील प्रजातियों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2013-2014 में चार हजार सात सौ अस्सी (4,780) हेक्टेयर में कार्यक्रम चलाया जाना प्रस्तावित।

ग्राम्य विकास
ग्राम्य विकास कार्यक्रमों के लिये पाॅच हजार सत्तासी करोड़ रूपये (5,087 करोड़ रूपये) की व्यवस्था।
विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के विकास हेतु 1.50 करोड़ रूपये की दर से कुल 756 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निकांड से होने वाली क्षति को रोकने के लिये फायर ब्रिगेड की गाडि़याॅ क्रय करने तथा निर्धन व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु विधायक निधि से धनराशि स्वीकृत करने के लिये प्रावधान।

दुग्ध विकास एवं पशुधन तथा मत्स्य

अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित 5 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता के प्रदेश के सबसे बड़े डेरी प्लान्ट की स्थापना करायी जायेगी।
जनपद आजमगढ़ में एक नया पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा।
ऽ    कुक्कुट उद्योग के तेजी से विकास के लिए प्रदेश में काॅमर्शियल लेयर्स एवं ब्राॅयलर पैरेण्ट फार्म खोले जाने की नीति को क्रियान्वित किया जायेगा।
मछुआ समुदाय के सामाजिक संरक्षण हेतु 1.30 लाख समिति के सदस्यों/सक्रिय मत्स्य पालकों को निःशुल्क प्रीमियम पर आधारित मछुआ दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य।
मछुआ समुदाय के आवास विहीन मछुआ परिवारों को 50,000 रुपये प्रति आवास की दर से निःशुल्क आवास की सुविधा प्रदान करायी जायेगी।

परती भूमि विकास
ऊसर सुधार परियोजना के तृतीय चरण हेतु 176 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन परियोजना के अन्तर्गत उपचार हेतु इक्कीस हजार सात सौ तिरानवे (21,793) हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन।
बीहड़ सुधार पायलट परियोजना के अन्तर्गत दो हजार छः सौ चैवन (2,654) हेक्टेयर का चयन।

गन्ना एवं चीनी उद्योग
गन्ना किसानों के उत्पादों की विपणन सुविधाओं में विस्तार हेतु अन्तर-ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 63 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

ऊर्जा
ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं और परियोजनाओं के लिए ग्यारह हजार सात सौ बत्तीस करोड़ रुपये (11,732 करोड़ रुपये) की व्यवस्था, जो वर्ष 2012-13 की तुलना में 24.5 प्रतिशत अधिक।
सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत वितरण कम्पनियों की कार्यकुशलता में सुधार तथा उनका वित्तीय पुनर्गठन करने के लिए बजट में 1,522 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के निर्माण, क्षमता विस्तार तथा आधुनिकीकरण कार्यों के लिए एक हजार सत्तर करोड़ रुपये (1,070 करोड़ रुपये) की व्यवस्था।
सार्वजनिक क्षेत्र में अधिष्ठापित उत्पादन क्षमता 4,433 मेगावाट में 1,500 मेगावाट की वृद्धि का लक्ष्य।
नये विद्युत संयंत्रों से विद्युत की निकासी हेतु विभिन्न क्षमताओं वाले 61 नये ट्रांसमिशन केन्द्रों की स्थापना तथा 1,837 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों के अधिष्ठापन का लक्ष्य।
वितरण व्यवस्था में सुधार हेतु 33 के0वी0 क्षमता के 338 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण प्रस्तावित।
अविद्युतीकृत एवं आंशिक रूप से विद्युतीकृत तीन हजार आठ सौ चैवन (3,854) ग्रामों तथा तीस हजार छः सौ सत्तर (30,670) मजरों के विद्युतीकरण पर तीन हजार चार सौ तिरपन करोड़ रुपये (3,453 करोड़ रुपये) का व्यय अनुमानित।

सड़क एवं यातायात
सड़कों एवं सेतुओं के निर्माण, अनुरक्षण, मरम्मत तथा चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिये बजट में सात हजार आठ सौ अड़तालिस करोड़ रुपये (7,848 करोड़ रुपये) की व्यवस्था, जो वर्ष 2012-13 की बजट व्यवस्था से एक हजार दो सौ चार करोड़ रुपये (1,204 करोड़ रुपये) अधिक।
कृषि विपणन सुविधाओं हेतु ग्रामीण सम्पर्क मार्गों, लघु सेतुओं के निर्माण कार्यों के लिए एक हजार आठ सौ सतहत्तर करोड़ रुपये (1,877 करोड़ रुपये) की व्यवस्था।
ग्रामों/बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु 250 करोड़ रुपये की  व्यवस्था।
पुलों के निर्माण एवं अनुरक्षण हेतु एक हजार एक सौ दस करोड़ रुपये (1,110 करोड़ रुपये) की बजट व्यवस्था, जिसमें रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था सम्मिलित।
जिला मुख्यालयों को चार लेन से जोड़े जाने हेतु 350 करोड़ रुपये की  व्यवस्था।
अधिक यातायात घनत्व वाले राज्य मार्गों, प्रमुख जिला मार्गों एवं अन्य जिला मार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाएं
पूर्वांचल की विशेष योजनाओं एवं सड़क संयोजकता में सुधार कार्यों हेतु 291 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं एवं सड़क संयोजकता में सुधार कार्यों के लिये 109 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
सिंचाई
किसानों को मुफ्त एवं बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण एवं अनुरक्षण कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के बजट में सात हजार  इकसठ  करोड़ रुपये (7,061 करोड़ रुपये) की बजट व्यवस्था, जो वर्ष 2012-13 की बजट व्यवस्था से एक हजार आठ सौ सत्रह करोड़ रुपये  (1,817 करोड़ रुपये) अधिक।
ऽ    बाढ़ नियंत्रण कार्यों हेतु 725 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    उत्तर प्रदेश वाॅटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
वाॅटर बाॅडीज के रिपेयर, रिनोवेशन एवं रिस्टोरेशन (आर0आर0आर0) संबंधी परियोजना हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
प्रारम्भ में यह योजना बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बाॅंदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, झाॅसी एवं ललितपुर में चलायी जायेगी।

लघु सिंचाई
लघु सिंचाई की विभिन्न योजनाओं के लिये 340 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
इससे 8.80 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन।
निःशुल्क बोरिंग हेतु 30 करोड़ रूपये तथा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सामुदायिक नलकूप योजना हेतु 05 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
नगर विकास
जे0एन0एन0यू0आर0एम0 कार्यक्रम के अन्तर्गत सीवरेज, जलापूर्ति ड्रेनेज, नगरीय परिवहन, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु 975 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
आगरा पेयजलापूर्ति परियोजना हेतु 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
नदी प्रदूषण नियंत्रण कार्यों हेतु 15 करोड़ रूपये तथा झील संरक्षण योजना हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त किये जाने हेतु ’’राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन अथाॅरिटी’’ के कार्यों के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
आवास एवं शहरी नियोजन
लखनऊ नगर के समग्र विकास योजना की तर्ज पर लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न नगरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
सूचना प्रौद्योगिकी
लखनऊ में साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क तथा आई0टी0सिटी की स्थापना का निर्णय।
सूचना प्रौद्योगिकी नीति के क्रियान्वयन हेतु 16 करोड़ रूपये की व्यवस्था।

लघु उद्योग
वित्तीय वर्ष 2013-2014 में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की स्थापना प्रस्तावित है, ताकि अधिक से अधिक नये रोजगार के अवसर सृजित हों।
खादी एवं ग्रामोद्योग
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक न्याय पंचायत में एक इकाई की स्थापना करने के उद्देश्य से वर्ष 2013-2014 में लगभग 2,500 ग्रामोद्योगी इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य जिससे लगभग 60,000 लाभार्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
हथकरघा वस्त्रोद्योग
मुबारकपुर, जनपद आजमगढ़ में हथकरघा उद्योग के लिए विपणन केन्द्र की स्थापना हेतु 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
बेसिक शिक्षा
बेसिक शिक्षा की विभिन्न योजनाओं के लिये वर्ष 2013-2014 हेतु इक्कीस हजार पाॅच सौ बीस करोड़ रूपये (21,520करोड़ रूपये) की बजट व्यवस्था।
वर्ष 2013-2014 में सर्व शिक्षा अभियान के लिये दो हजार दो सौ उन्नीस करोड़ रूपये (2,219 करोड़ रूपये) एवं मध्याह्न भोजन कार्यक्रम हेतु एक हजार सात सौ उनहत्तर करोड़ रूपये (1,769 करोड़ रूपये) की बजट व्यवस्था।
सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत असेवित बस्तियाॅ, जो किन्ही कारणों से छूट गयी हैं, उनमें वर्ष 2013-2014 में नवीन विद्यालय खोला जाना प्रस्तावित।
वित्तीय वर्ष 2013-2014 में दस हजार (10,000) अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण के साथ-साथ बीस हजार (20,000) विद्यालयों की चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा
माध्यमिक शिक्षा की विभिन्न योजनाओं के लिये वर्ष 2013-2014 हेतु कुल दस हजार तीन सौ सड़सठ करोड रूपये (10,367 करोड़ रूपये) की व्यवस्था।
माध्यमिक विद्यालयों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के लिये 98 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
शैक्षिक दृष्टि से पिछडे़ 680 विकास खण्डों में माध्यमिक स्तर पर अध्ययन करने वाली छात्राओं के लिये 200 छात्रावासों का निर्माण।
जनपद एटा के ग्राम अमृतपुर रघुपुर तथा जनपद लखनऊ ग्राम पंचायत सैरपुर में राजकीय इण्टर काॅलेज की स्थापना।
बख्शी का तालाब, लखनऊ के ग्राम बेहटा के जूनियर हाई स्कूल को उच्चीकृत कर राजकीय इण्टर काॅलेज की स्थापना।
प्रदेश में एक नये सैनिक स्कूल की स्थापना की जायेगी।
प्राविधिक शिक्षा
प्रत्येक मण्डल में एक राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज स्थापित किया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल।
मैनपुरी में एक राजकीय इंजीनियरिंग कालेज की स्थापना के लिये 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
प्रदेश में पी0पी0पी0 माॅडल पर एक इण्डियन इन्स्टीट्यूट आॅफ इन्फाॅर्मेशन   टेक्नोलाॅजी की स्थापना के लिए 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज, गोरखपुर को रूड़की की भांति विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय।
व्यावसायिक शिक्षा
ऽ    व्यावसायिक शिक्षा के अन्तर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पाॅच सौ पन्चानबे करोड़ रूपये (595 करोड़ रूपये) की व्यवस्था।
ऽ    ंप्रदेश में 21 नये राजकीय आई0टी0आई0 खोले जाने हेतु 42 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
वर्तमान में संचालित राजकीय आई0टी0आई0 के सुदृढ़ीकरण हेतु 53 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा
चिकित्सा शिक्षा के लिये दो हजार चार सौ बीस करोड़ रूपये (2,420 करोड़ रूपये) की बजट व्यवस्था, जो वर्ष 2012-13 की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक।
ऽ    मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर की महामारी की रोकथाम हेतु 500 शैय्या वाले बाल रेाग चिकित्सा संस्थान की स्थापना तथा एम0आर0आई0 की स्थापना के लिये 08 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
आजमगढ़ में एक नया पैरा मेडिकल काॅलेज स्थापित किये जाने हेतु 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
मेडिकल काॅलेज कानपुर में न्यूरोलाॅजी विभाग की स्थापना के लिए 02 करोड़ रूपये तथा मेडिकल काॅलेज मेरठ में एम0आर0आई0 व सी0टी0स्कैन की स्थापना के लिए 08 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
राजकीय मेडिकल काॅलेज, इलाहाबाद में एम0आर0आई0 व सी0टी0स्कैन की स्थापना का निर्णय।
राजकीय मेडिकल काॅलेजों में आई0सी0यू0 की स्थापना हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु गरीब एवं पिछड़े वर्गो के लिये निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
ऽ    वर्ष 2013-14 में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कलयाण कार्यक्रमों के लिए 8,225 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत 75 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश में 100 शैय्या वाले चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजनान्तर्गत चयनित ग्रामों में उपकेन्द्रों के भवन के निर्माण के लिए 22 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    जनपद अलीगढ़ के 200 शैय्यायुक्त चिकित्सालय को 300 शैय्यायुक्त बनाया जायेगा।
ऽ    परिवार कल्याण कार्यक्रमों हेतु 2,792 करोड रूपये की व्यवस्था।
समाज कल्याण
ऽ    वर्ष 2013-2014 में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 1,456 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावासों के निर्माण के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों की पुत्रियों की शादी तथा परिजनों के इलाज हेतु सहायता योजना के लिए 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना हेतु 16 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
अल्पसंख्यक कल्याण
ऽ    वर्ष 2013-2014 में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के लिए 777 करोड़ रूपये की व्यवस्था, जोकि वर्ष 2012-2013 की तुलना में 100 करोड़ रूपये अधिक है।
ऽ    प्रदेश के मान्यता प्राप्त मदरसों/मकतबों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा की सुविधा प्रदान किये जाने के लिए 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
पिछड़ा वर्ग कल्याण
ऽ    वर्ष 2013-2014 में पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के लिए 1,605 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था, जो कि वित्तीय वर्ष 2012-2013 के बजट से 117 करोड़ रूपये अधिक है।
ऽ    पिछड़े वर्ग के निर्धन लोगों की पुत्रियों की शादी एवं बीमारी की योजनान्तर्गत 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था, जो गत वर्ष की तुलना में 60 करोड़ रूपये अधिक है।
विकलांग कल्याण
ऽ    विकलांग पेंशन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के जनपद औरैया की हीरानगर, कन्नौज की छिबरामऊ एवं इलाहाबाद की मेजा तहसील में सामान्य बच्चों सहित दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए कक्षा-6 से 12 तक की शिक्षा हेतु समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
महिला एवं बाल विकास
ऽ    वर्ष 2013-2014 में पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 2,712 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    अनुपूरक पुष्टाहार योजना के अन्तर्गत लगभग 2.50 करोड़ लाभार्थियों को अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराने का लक्ष्य जिसमें 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं एवं 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरी बालिकाएं शामिल।
ऽ    प्रदेश के बच्चों में कुपोषण की समस्या के प्रभावी समाधान हेतु ‘‘स्टेट न्यूट्रीशन मिशन’’ का गठन किया जायेगा।
ऽ    ‘सबला’ योजना के अन्तर्गत 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य के स्तर में सुधार, घरेलू जीवन कौशल व व्यवसायिक कौशल संवर्धन हेतु 320 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
खेल एवं युवा कल्याण
ऽ    खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए 177 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के जनपद झाॅंसी में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण, इटावा में एस्ट्रोटर्फ हाकी मैदान एवं जिम्नेजियम हाल का निर्माण। जनपद आगरा में एयरोस्पोर्ट्स प्रारम्भ कराये जायेंगे। जनपद अलीगढ़ में राष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करायी जायेगी।
ऽ    ओलम्पिक पदक विजेता खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वर्ण पदक विजेता को एक करोड़ रूपये, रजत पदक विजेता को 50 लाख रूपये तथा कांस्य पदक विजेता को 25 लाख रूपये दिये जायेंगे।
ऽ    प्रदेश में खेल एवं खेल से सम्बन्धित क्रियाकलापों को बढ़ावा दिये जाने के लिए अनुदान देने की एक नई योजना प्रारम्भ। इसके लिए 5 करोड़ रूपये की  व्यवस्था।
राजस्व
ऽ    कृषक दुर्घटना बीमा योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 375 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश में आम आदमी बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    मण्डल/जनपद/तहसीलों के अनावासीय भवन तथा आवासीय भवनों के निर्माण कार्यों के लिए 144 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
न्याय
ऽ    उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच, लखनऊ के निर्माणाधीन नवीन भवन के लिए वर्ष 2013-2014 के बजट में 476 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण एवं मरम्मत के लिए 370 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश की ग्रामीण जनता को सस्ता एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए 113 तहसीलों पर बाह्य न्यायालय/ग्राम न्यायालय स्थापित करने हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त/सेवारत् कर्मचारियों की एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ में चिकित्सा हेतु रिवाॅल्विंग फण्ड के लिए 50 लाख रूपये की व्यवस्था।
वन
ऽ    प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण वृद्धि हेतु वर्षाकालीन वृक्षारोपण के लिए प्रत्येक जनपद में हरित पट्टी स्थापित करने का निर्णय। इसके लिए 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश में पौधशाला प्रबन्ध परियोजना में 8 से 12 फुट ऊॅंचाई के पौधों को तैयार करने के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    वन्य जीवों के प्रति जन संवेदना जागृत करने के उद्देश्य से लखनऊ व कानपुर स्थित चिडि़याघर का आधुनिकीकरण करने का निर्णय।
पर्यावरण
ऽ    प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी छोटे कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित उत्प्रवाह के शुद्धिकरण हेतु एफ्लुएन्ट ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (ई0टी0पी0) की स्थापना अनिवार्य।
पर्यटन
ऽ    पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए आगरा के ताजगंज वार्ड तथा ताजगंज को जाने वाले मुख्य मार्गों के पुनर्निर्माण और उच्चीकरण के कार्य के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    मथुरा में प्राचीन काल के 50 ऐतिहासिक जलकुण्डों एवं तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जायेगा।
ऽ    अयोध्या में पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा चित्रकूट में रामघाट का सौन्दर्यीकरण कराने का निर्णय।
ऽ    पर्यटन एवं शिल्प कलाओं के विकास हेतु अवस्थापना सुविधाओं का सृजन कराये जाने के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
ऽ    दुधवा नेशनल पार्क में स्थित गेस्ट हाउस का उच्चीकरण तथा पार्क की सड़कों का सुदृढ़ीकरण कराने के लिए 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
संस्कृति
ऽ    राजापुर, चित्रकूट में तुलसी स्मारक प्रांगण में लोहिया प्रेक्षागृह की स्थापना की जायेगी।
ऽ    जनपद आजमगढ़ में हरिऔध कला केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ    विख्यात समाजवादी चिंतक जनेश्वर मिश्र की स्मृति में इलाहाबाद में ‘‘जनेश्वर मिश्र पुस्कालय’’ की स्थापना की जायेगी।
वाणिज्य कर
ऽ     वर्ष 2013-2014 में वाणिज्य कर से 43,936 करोड़ रूपये की प्राप्ति का अनुमान, जो वर्ष 2012-2013 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
स्टाम्प शुल्क
ऽ    वर्ष 2013-2014 में स्टाम्प शुल्क से 10,555 करोड़ रूपये की प्राप्ति का अनुमान, जो वर्ष 2012-2013 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।
आबकारी
ऽ    वर्ष 2013-2014 में आबकारी शुल्क से 12,084 करोड़ रूपये की प्राप्ति का लक्ष्य, जो वर्ष 2012-2013 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
मोटर वाहन एवं यात्रीकर
ऽ    वर्ष 2013-2014 में मोटर वाहन एवं यात्रीकर से 3713 करोड़ रूपये की प्राप्ति का लक्ष्य, जो वर्ष 2012-2013 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2013-2014 के बजट अनुमान
प्राप्तियाॅं
ऽ    वर्ष 2013-2014 में दो लाख पन्द्रह हजार नौ सौ उन्नीस करोड़ बयासी लाख रूपये (2,15,919.82 करोड़ रूपये) की कुल प्राप्तियाॅं अनुमानित हंै।
ऽ    कुल प्राप्तियों में एक लाख सतहत्तर हजार सात सौ अड़तालिस करोड़ इक्कीस लाख रूपये (1,77,748.21 करोड़ रूपये) की राजस्व प्राप्तियाॅं तथा अड़तीस हजार एक सौ इकहत्तर करोड़ इकसठ लाख रूपये (38,171.61 करोड़ रूपये) की पूंॅजीगत प्राप्तियाॅं सम्मिलित हैं।
ऽ    वर्ष 2013-2014 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश एक लाख चालीस हजार छः सौ इक्यावन करोड़ रूपये (1,40,651 करोड़ रूपये) है। इसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश अड़सठ हजार चार सौ अट्ठावन करोड़ रूपये (68,458 करोड़ रूपये) सम्मिलित है।
व्यय
ऽ    वर्ष 2013-2014 में कुल व्यय दो लाख इक्कसी हजार दो सौ एक करोड़ उन्नीस लाख रूपये (2,21,201.19 करोड़ रूपये) अनुमानित है।
ऽ    कुल व्यय में एक लाख सड़सठ हजार आठ सौ बानवे करोड़ बीस लाख रूपये (1,67,892.20 करोड़ रूपये) राजस्व लेखे का व्यय है तथा तिरपन हजार तीन सौ आठ करोड़ निन्यानवे लाख रूपये (53,308.99 करोड़ रूपये) पूॅंजी लेखे का व्यय है।
ऽ    वर्ष 2013-2014 के बजट में सड़सठ हजार सोलह करोड़ तिरपन लाख रूपये (67,016.53 करोड़ रूपये) आयोजनागत व्यय अनुमानित है।
ऽ    राजस्व बचत
ऽ    वर्ष 2013-2014 में नौ हजार आठ सौ छप्पन करोड़ एक लाख रूपये (9,856.01 करोड़ रूपये) की राजस्व बचत अनुमानित है।
राजकोषीय घाटा
ऽ    वर्ष 2013-2014 में तेईस हजार नौ सौ तेरह करोड़ उन्तीस लाख रूपये (23,913.29 करोड़ रूपये) का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.94 प्रतिशत है।
समेकित निधि
ऽ    समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् वर्ष 2013-2014 में घाटा पाॅंच हजार दो सौ इक्यासी करोड़ सैंतीस लाख रूपये (5,281.37 करोड़ रूपये) अनुमानित है।
लोक लेखे से समायोजन
ऽ    वर्ष 2013-2014 में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए तीन हजार पाॅंच सौ पचास करोड़ रूपये (3,550 करोड़ रूपये) लोक लेखे से समायोजित किये जायेंगे।
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम
ऽ    वर्ष 2013-2014 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम एक हजार सात सौ इकत्तीस करोड़ सैंतीस लाख रूपये (1,731.37 करोड़ रूपये) ऋणात्मक अनुमानित है।
अन्तिम शेष
ऽ    वर्ष 2013-2014 में प्रारम्भिक शेष दो हजार नौ सौ सत्तावन करोड़ नब्बे लाख रूपये (2,957.90 करोड़ रूपये) को हिसाब में लेते हुए अन्तिम शेष एक हजार दो सौ छब्बीस करोड़ तिरपन लाख रूपये (1,226.53 करोड़ रूपये) होना अनुमानित है।

up-budget2013

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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