- प्रदेश के जिला महिला अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध 4930 बेडों की संख्या को बढ़ाकर 10030 किया जायेगा तथा 12 सीएचसी पर 50 बेडेड मैटरनिटी विंग्स एवं 78 सीएचसी पर 30 बेडेड मैटरनिटी विंग्स का भी निर्माण कराया जा रहा है: जावेद उस्मानी
- क्रिटिकल केसों के समुचित उपचार हेतु लखनऊ में 200 बेडयुक्त स्टेट एपेक्स रिफरल हास्पिटल फाॅर मैटरनल एण्ड चाइल्ड हेल्थ बनाये जाने की योजना: मुख्य सचिव
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम विगत वर्ष 141 अस्पतालों में लागू था, जिन्हें मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में बढ़ाकर 566 अस्पतालांे में कार्यक्रम लागू कराकर लाभान्वित कराया जा रहा है: जावेद उस्मानी
- वर्ष 2013-14 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी 985 ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने बताया कि सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित कराने के लिए जिला महिला अस्पतालों का विस्तार एवं उच्चीकरण कराया जा रहा है। प्रदेश में नए मैटरनिटी विंग्स का निर्माण कराते हुए प्रदेश के जिला महिला अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध 4930 बेडों की संख्या को बढ़ाकर 10030 किया जायेगा तथा 12 सीएचसी पर 50 बेडेड मैटरनिटी विंग्स एवं 78 सीएचसी पर 30 बेडेड मैटरनिटी विंग्स का भी निर्माण कराया जा रहा है। इन सभी कार्याें के लिए 1300 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं। क्रिटिकल केसों के समुचित उपचार हेतु लखनऊ में 200 बेडयुक्त स्टेट एपेक्स रिफरल हास्पिटल फाॅर मैटरनल एण्ड चाइल्ड हेल्थ स्वीकृत कर दिया गया है। जननी सुरक्षा योजना के तहत आगामी वर्ष में प्रदेश की लगभग 28.5 लाख गर्भवती महिलाएं लाभान्वित कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम विगत वर्ष 141 अस्पतालों में लागू था, जिन्हें मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में बढ़ाकर 566 अस्पतालांे में कार्यक्रम लागू कराकर लाभान्वित कराया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी 985 ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी।
मुख्य सचिव ने आज यहां हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा आयोजित चाइल्ड सर्वाइवल सम्मिट के पूर्वान्ह सत्र पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं का मुफ्त उपचार, दवाइयां, जांचें, उन्हें घर से अस्पताल तक लेकर आने तथा उन्हें वापस उनके घर तक पहुंचाने की सुविधा और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ नवजात शिशु को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सीएचसी एवं पीएससी में आवश्यक सुविधाए मुहैय्या करायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराकर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कराया जाए, जिसके लिए आमजन की भी भागीदारी अवश्य सुनिश्चित होनी चाहिए।
श्री उस्मानी ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग 01 लाख आशा बहुओं की तैनाती की गयी है तथा आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निःशुल्क एम्बुलेन्स भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आम नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्युदर को घटाने के लिए हर सम्भव प्रयास सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
चाइल्ड सर्वाइवल सम्मिट में डाॅ0 पी0के0 प्रभाकर, उप आयुक्त, चाइल्ड हेल्थ एम0ओ0एच0एफ0एफ0, श्रीमती एडिले खुद्र, चीफ फील्ड आॅफिस, यूनीसेफ डाॅ0 विश्वजीत कुमार, सीईओ, कम्यूनिटी इम्पावरमेन्ट लैब, प्रो0 ए0के0 द्विवेदी, निदेशक एएमएस, श्री अखिलेश वाधवानी उप निदेशक बीएमजीएफ, डाॅ0 राजीव टण्डन सीनियर एडवाइजर स्वास्थ्य एवं पोषण, सेव द चिल्ड्रन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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