समिट के दौरान उद्योगपतियों से अच्छा संवाद हुआ, भविष्य में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश की सम्भावना
कैप्टिव पावर उत्पादन बढ़ाकर 1000 मेगावाट से अधिक किया जाएगा: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां विधान सभा में कहा कि आगरा में विगत माह आयोजित पार्टनरशिप समिट-2013 अपने उद्देश्य में सफल रही। उन्होंने कहा कि ऐसा अनेक वर्षों बाद हुआ कि उत्तर प्रदेश में किसी सरकार ने औद्योगिक नीति बना कर ऐसी समिट आयोजित की। समिट में बड़ी संख्या में उद्योगपति आए और उनसे द्विपक्षीय संवाद स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उद्योगपतियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
उम्मीद जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपति भविष्य में बड़े पैमाने पर प्रदेश में निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में चीनी को बढ़ावा देने के लिए नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव ने प्रयास किए थे और इसके फलस्वरूप प्रदेश में बड़े पैमाने पर चीनी मिलें लगी थीं। इस प्रयास का सर्वाधिक लाभ पश्चिमी तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश को मिला था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार यह प्रयास कर रही है कि उद्योग नीति का लाभ बुन्देलखण्ड को भी मिले और वहां भी उद्योग-कारखाने इत्यादि लगें।
श्री यादव ने कहा कि कैप्टिव पावर उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछली सपा सरकार के दौरान बगास से बिजली बनाने का फैसला लिया गया था, जिससे लगभग 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। अब इस उत्पादन को बढ़ाकर 1000 मेगावाट से अधिक किया जाएगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर नई अवस्थापना सुविधाएं भी निर्मित की जाएंगी। यदि प्रदेश में अच्छी अवस्थापना सुविधाएं नहीं होंगी, तो निवेशकों को आकर्षित करने में दिक्कत आएगी।
पी.पी.पी. माॅडल के आधार पर सड़क निर्माण के सम्बन्ध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार के कार्यकाल में उपशा (न्च्ैभ्।) और यूपिडा (न्च्प्क्।) का गठन किया गया था। इसके अन्तर्गत निजी विकासकर्ताओं के माध्यम से पी.पी.पी. के आधार पर सड़क निर्माण करवाना था। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण में अक्सर केन्द्र सरकार से एन.ओ.सी. लेना पड़ता है, जिसमें समय लगता है और इस कारण सड़क निर्माण में भी देर होती है। उन्होंने कहा कि पी.पी.पी. के अन्तर्गत निर्माण कार्य की समय सीमा निर्धारित रहती है और इसमें देर होने पर दण्ड का प्रावधान है।
उद्योगपतियों द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगने वाली अपनी औद्योगिक इकाइयों को बिहार में शिफ्ट करने के सम्बन्ध में किए गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक नीति में इस बात का ध्यान रखा गया है कि हमारी नीति बिहार से बेहतर हो अन्यथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि यही ध्यान बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थापित होने वाली इकाइयों के लिए भी रखा गया है क्योंकि बुन्देलखण्ड क्षेत्र मध्य प्रदेश से लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति का अध्ययन करने पर सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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