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मौनवंशों को बचाने हेतु दिसम्बर व जनवरी माह में विशेष उपाय करें

Posted on 11 December 2012 by admin

प्रदेश के मौनपालक किसानों को मधु उत्पादन को बढ़ाने हेतु सलाह दी जाती है कि वे मौमी पतिंगे की गिडारों से रोकथाम तथा मौनवंशों में किसी भी प्रकार की बीमारी सम्बन्धी विभिन्न तकनीकी जानकारी मौन विशेषज्ञ (मुख्यालय)/संयुक्त निदेशक (उद्यान) से सम्पर्क करके प्राप्त कर उसे दूर करें। साथ ही माइट/गिडारांे के प्रकोप से मौनवंशों को बचाने हेतु दिसम्बर व जनवरी माह में विशेष उपाय करें।
यह सुझाव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक श्री ओम नारायण सिंह ने दिया है। उन्होंने सलाह दी कि मौनवंशों को सुदृढ़/सशक्त बनायें तथा मौनगृहों की दरारों को बंद रखें। मौनपालक खाली छत्तों को मौनगृहों से निकाल कर पाॅलीथीन में ढक कर रखें तथा खाली छत्तों को हवारोधी ड्रम में रखकर ईडीसीटी मिश्रण से धूमित करें। उन्होंने बताया कि मौनपालक वैसीलिस थ्यूरिनजेंसिस (बीटी पाउडर) की 0.5 ग्राम दवा प्रति फ्रेम की दर से 1 लीटर पानी में घोलकर छत्तों पर छिड़काव करें तथा प्रभावित छत्तों को धूप में रख कर गिडारों को हाथ से मारंेे।
श्री सिंह ने कहा कि मौनवंशों को परजीवी अष्टपदी माइट के प्रकोप से बचाव हेतु विशेष सावधानियां बरतें। बैरोवा एवं ट्रोपीलीलेप्स क्लेरी माइट मौनवंशों के लारवा, प्यूपा एवं वयस्क मौनों के शरीर से खून को चूसते हैं, जिससे लारवा, प्यूपा एवं वयस्क मौन मर जाती हैं। बैरोवा माइट से प्रभावित मौन विकलांग एवं अविकसित रह जाती है, जो अवतारक पट (बाटम बोर्ड) के नीचे गिरी हुई मिलती है। उन्होंने कहा कि ट्रोपीलीलेप्स क्लेरी माइट से प्रभावित मौनों के पंख, पैर अविकसित एवं शरीर कमजोर हो जाता है तथा वे मौनगृह से गिर कर दूर रंेग कर जाती हुयी दिखाई देती है। एकरैपिस बुडाई (एकरीन रोग) रोग एक प्रकार का सूक्ष्य आन्तरिक परजीवी एकरैपिस (उडी रैनी) के कारण होता है जो कमेरी एवं रानी मधु मक्खी की श्वांस नली में धुस कर शरीर से खून चूस कर अपना भोजन लेती है। एकरीन रोग से प्रभावित मौने मौनगृह के द्वारा पर रेंगती हुई चलती है तथा मौनों के पंख अंग्रेजी के K अक्षर के आकार में दिखाई देती है। रोगी मौनों को पेचिश होने लगती है तथा मल के पीले पीले धब्बे मौनगृह के अन्दर तथा बाहर छिटके हुये दिखाई देते हैं।
उन्होंने बताया कि माइट से बचाव हेतु रोगग्रस्त क्षेत्रों में मौनवंशों का माइग्रेशन न करें तथा रोगी मौनवंशों के अण्डे एवं लारवा वाले छत्ते स्वस्थ मौनवंशों को न दें। मौनपालक को शक्तिशाली बनाये रखें तथा मौनालय में लूट एवं लड़ाई न होने दें। इसके साथ साथ रोगी मौन वंशों को स्वस्थ मौनवंशों से न मिलायें। उन्होंने कहा कि बैरोवा एवं ट्रोपीलीलप्स क्लेरी माइट से प्रभावित मौनवंशों में सल्फर पाउडर 200 मि0ली0 ग्राम प्रति फ्रेम की दर से साप्ताहिक अन्तराल पर चार बार बुरकाव करें तथा फारमिक एसिड 85 प्रतिशत की 3-5 मि0ली0 मात्रा को एक दिन के अन्तराल पर एक शीशी में लेकर रुई की बत्ती बनाकर मौनगृह के तलपट में शाम के समय रखें और यह उपचार 5 बार किया जाये तथा प्रत्येक दिन दवा को बदलते रहेें। 2-3 ग्राम तम्बाकू की पत्ती का धुआं सप्ताह में दो बार करें तथा नीम का सूखा छिलका नीम की सूखी पत्ती को किसी टिन के बर्तन में रखकर मौनगृह के तल पट पर धुआं करें।
श्री सिंह ने एकरीन रोग से प्रभावित मौनवंशों के उपचार के लिए बताया कि फारमिक एसिड 85 प्रतिशत की 3-5 मि0ली0 दवा प्रति मौनवंश की दर से एक दिन के अन्तराल पर 5 बार फ्यूमीगेशन करें। मिथाइल सैलीसिलेट दवा में सोखता कागज को भिगोकर शाम के समय गेट के अन्दर डाल देना चाहिये तथा सुबह इसे निकाल दें। यह उपचार एक सप्ताह तक लगातार करें और आक्जैलिक एसिड 3 प्रतिशत 5 मि0ली0 प्रति ब्रूड चैम्बर की दर से 8 दिन के अन्तराल पर तीन छिड़काव करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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गन्ने के मूल्य की घोषणा को किसानों के साथ किया गया एक और धोखा बताया

Posted on 08 December 2012 by admin

photo-jayant-chaudharyराष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने सरकार द्वारा की गयी गन्ने के मूल्य की घोषणा को किसानों के साथ किया गया एक और धोखा बताया जबकि प्रदेश में किसान खाद, बिजली, पानी व डीजल की मंहगाई से जूझ ही रहा था वहीं सरकार ने लागत मूल्य से कम मूल्य की घोषणा करके किसानों का मजाक उड़ाया है।
राष्ट्रीय लोकदल ने सड़क से लेकर सदन तक गन्ने के लाभकारी मूल्य के लिए सरकार पर दबाव बनाया था कि केन्द्र द्वारा घोषित गन्ने का मूल्य और लागत मूल्य को जोड़कर लगभग 350 रू प्रति कु0 की मांग की थी लेकिन इस घोषणा से सरकार ने किसानों की अनदेखी की वहीं सरकार मिल मालिकों के दबाव में आकर गन्ना किसानों के साथ वादा खिलाफी व धोखा किया जबकि सरकार ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि केन्द्र द्वारा घोषित मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर किसानों को भुगतान किया जायेगा।
राष्ट्रीय लोकदल सरकार की घोर निन्दा करता है कि यह मूल्य किसानों के लिए ऊँट के मुँह में जीरा है। सरकार जब तक किसानों के हित की अनदेखी करेगी तब तक यह प्रदेश खुशहाल नहीं बनेगा। स्व0 चै0 चरण सिंह ने कहा था कि “देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है।” प्रदेश की गूँगी बहरी सरकार ने जो किसानों के साथ धोखा किया है उसका मुहतोड़ जवाब आगामी लोकसभा चुनाव मंे प्रदेश का किसान देगा।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश की आधी से ज्यादा चीनी मिले ठप पड़ी हैै किसानों के बकाया धनराशि के भुगतान के लिए भी सरकार के ऊपर जूँ भी नहीं रेंग रही है जिससे किसानो में भारी असंतोष व्याप्त है।
राष्ट्रीय लोकदल सरकार से मांग करता है कि प्रदेश के सभी चीनी मिलों में पेराई तत्काल शुरू करें तथा किसानों के बकाया धनराशि का भुगतान भी करने का निर्देश जारी करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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देर से लगभग लागत के बराबर ही समर्थन मूल्य की घोषणा करना प्रदेश के किसानों के प्रति उदासीनता दर्शाता है

Posted on 08 December 2012 by admin

गन्ना किसानों की ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण और उनकी खुशहाली के प्रति कांग्रेस पार्टी सदैव से प्रयत्नशील रही है। गन्ना हमारे प्रदेश की एक प्रमुख फसल है। जिस पर किसानों के परिवार से सम्बन्धित भविष्य की योजनाएं निर्भर करती हैं परन्तु गन्ना किसानों को समय पर बकाये का भुगतान न हेा पाना, गन्ने की पैदावार की लागत की तुलना में वाजिब मूल्य न मिलना तथा राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ माह देर से लगभग लागत के बराबर ही समर्थन मूल्य की घोषणा करना प्रदेश के किसानों के प्रति उदासीनता दर्शाता है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गत वर्ष पेराई सत्र में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 240 रूपये प्रति कुंतल घोषित किया था, जो कि नाकाफी था। जिससे किसानों को नुकसान में अपने गन्ने को मिलों में बेंचना पड़ा था और आज तक उनके भुगतान लम्बित हैं। किसानों के भुगतान को लेकर पूरे प्रदेश में कंाग्रेसजनों द्वारा आन्दोलन भी किया गया था। उन्होने कहा कि इस वर्ष किसानों को गन्ने की उपज में काफी अधिक लागत आयी है, इसलिए राज्य सरकार को कम से कम 325 रूपये प्रति कुंतल समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए था, जबकि राज्य सरकार ने 290 रूपये प्रति कुंतल किया है जेा किसानों की मजदूरी और उसकी लागत से भी कम है।
डाॅ0 खत्री ने एक बार पुनः उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी से गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 325 रूपये किये जाने तथा खाण्डसारी व्यवसाय को बचाने की मांग की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिये जिंक मैगनीज कार्बामेट

Posted on 04 December 2012 by admin

प्रदेश में आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिये जिंक मैगनीज कार्बामेट 2.0 से 2.5 कि0ग्रा0 अथवा काॅपर आक्सीक्लोराइड 2.5 से 3.0 कि0ग्रा0 को 800-1000 ली0 पानी में किसी एक रसायन को घोलकर प्रति हेक्टेयर  की दर से पहला छिड़काव बुवाई के 30-45 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव 10-15 दिन के बाद अवश्य किया जाये।
यह जानकारी देते हुये उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, निदेशक श्री ओ0एन0 सिंह ने बताया कि प्रदेश में आलू की फसल का व्यावसायिक एवं गुणात्मक उत्पादन सुनिश्चित करने हेतु फसल को रोगों से बचाने के लिये रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाये। उन्होंने कहा कि  प्रदेश में आलू के अच्छे उत्पादन हेतु कीट/व्याधियों का उचित समय पर नियंत्रण किया जाये, क्योंकि आलू की फसल झुलसा रोग के प्रति अत्यन्त संवेदनशील होती है। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम में जैसे कि बदलीयुक्त बूंदा-बांदी एवं नम वातावरण में इस रोग का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है तथा आलू की फसल को भारी क्षति पहुॅचाता है।
किसानों को सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि झुलसा रोग फसल की निचली पत्तियों से प्रारम्भ होता है, जिसके कारण गहरे भूरे/काले रंग के कुण्डलाकार छल्लेनुमा धब्बे बनते हैं जो बाद में सूख कर टूट जाते हैं। इस रोग के प्रकोप से पत्तियां सिर से झुलसना प्रारम्भ होती हैं और इनकी निचली सतह पर रूई की तरह फफूॅद दिखायी देती हैं। उन्होंने बताया कि झुलसा रोग का प्रकोप बदलीयुक्त आर्द्र वातावरण एवं कम तापमान पर बहुत तेजी से होता है और दो से चार दिन के अंदर ही सम्पूर्ण फसल नष्ट हो जाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बीजों एवं उर्वरक की अहम भूमिका

Posted on 01 December 2012 by admin

प्रदेष के उत्पादन/उत्पादकता में गुणवत्तायुक्त बीजों एवं उर्वरक की अहम भूमिका होती है। प्रमाणित बीजों तथा संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन/उत्पादकता में लगभग 20-25 फीसदी की वृद्धि होती है। गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता सुनिष्चित हो इस हेतु कृषि मंत्री के निर्देषन में रबी की समस्त फसलों की उन्नतषील प्रजातियों के बीज प्रदेष के कृषकों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने यह सुनिष्चित किये जाने के आदेष दिये हैं कि सरकारी अथवा अर्द्धसरकारी संस्थाओं के बिक्री केन्द्रों से वितरित किये जाने वाले अनुदानित बीज केवल उन्हीं संस्थाओं से प्राप्त किये जायेंगे, जो संस्थायें अपने निजी प्रक्षेत्रों अथवा उत्पादक कृषकों द्वारा बीज का उत्पादन कराती हैं। किसी भी निजी संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीज का क्रय कर सरकारी एवं अर्द्धसरकारी बिक्री केन्द्रों से बीज का वितरण नहीं किया जायेगा।
कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने आज यहाॅं यह निर्देंष अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त कृषि निवेषों की उपलब्धता समय से सुनिष्चित की जाये। रबी फसलों के बीजों की आवष्यकता के अनुरूप ही बीजों की उपलब्धता समय से करायी गयी है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रमाणित बीजों के प्रति किसानों में उत्साह है तथा राजकीय बीज बिक्री केन्द्र बीजों की उपलब्धता के लिए आकर्षण केन्द्र बने हुए है। बीजों की उपलब्धता के साथ-साथ प्रदेष में उर्वरकों की उपलब्धता भी सुनिष्चित कराई गई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेष में उर्वरकों की कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा विषेष प्रयास कर डी0 ए0 पी0, एन0 पी0 के0, एवं यूरिया उर्वरकों की प्रीपोजषनिंग की गयी है। उन्होंने बताया कि यूरिया की प्रीपोजषनिंग का लक्ष्य 3.0 लाख मी0 टन के सापेक्ष 2.23 लाख मी0 टन की प्रीपोजषनिंग कर ली गयी है। इसी प्रकार डी0 ए0 पी0 में प्रीपोजषनिंग लक्ष्य 5.00 लाख मी0 टन के सापेक्ष 5.65 लाख मी0 टन की प्रीपोजषनिंग की गयी है। इसका प्रभाव यह रहा कि वर्तमान में प्रदेष में डी0 ए0 पी0, एन0 पी0 के0 एवं यूरिया उर्वरकों का कोई अभाव नहीं रहा है। राज्य सरकार द्वारा नियमित रूप से उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा की जा रही है। विगत 8-10 वर्षों के बाद प्रदेष में यह स्थिति आयी है कि अभी राज्य के किसी भी जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं रही है।
श्री आनन्द सिंह ने बताया कि कृषकों की मांग को देखते हुए मुख्य रूप से यूरिया की उपलब्धता का लक्ष्य 26.00 लाख मी0 टन के सापेक्ष 26.93 लाख मी0 टन की उपलब्धता की गई है अर्थात 104 प्रतिषत की उपलब्धता बनी हुई है। इसी प्रकार डी0 ए0 पी0 के लक्ष्य 5.50 लाख मी0 टन के सापेक्ष 11.64 लाख मी0 टन की उपलब्धता सुनिष्चित करा दी गयी है। इस प्रकार 212 प्रतिषत की उपलब्धता सुनिष्चित है। इसी क्रम में एन0 पी0 के0 जिसका लक्ष्य 3.25 लाख मी0 टन निर्धारित है, उसके सापेक्ष 6.00 लाख मी0 टन की उपलब्धता सुनिष्चित है, जो 185 प्रतिषत है। पोटाषयुक्त एम0 ओ0 पी0 का लक्ष्य 1.00 लाख मी0 टन निर्धारित है, जिसके सापेक्ष 1.28 लाख मी0 टन की उपलब्धता कराते हुए 128 प्रतिषत की प्राप्ति है। प्रदेष के सभी अंचलों में उर्वरकों एवं बीजों की उपलब्धता सुनिष्चित्ता के कारण किसानों में बुवाई के प्रति उत्साह है तथा कृषि के मुख्य निवेषों के प्रति किसान आवस्त है। प्रमाणित बीजों एवं संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से प्रदेष के उत्पादन में अवष्य वृद्धि होगी। अतः हम बारहवीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति तक 5 प्रतिषत ग्रोथ वृद्धि प्राप्त करने में सफल होेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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खाद्यान्न का सर्वाधिक उत्पादन करने का प्रयास करें

Posted on 27 November 2012 by admin

किसान रबी में गेहूॅ के साथ अन्य खाद्यान्न का सर्वाधिक उत्पादन करने का प्रयास करें। प्रदेष सरकार किसानों को समस्त कृषि निवेषों जैसे आदि खाद, गुणवत्तायुक्त बीज, कृषि रक्षा रसायन, माइक्रोन्यूट्रेन्ट आदि की कोई कमी नहीं होने देगी। जिप्सम तथा सूक्ष्म तत्वों पर 75 प्रतिषत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत विषेष सुविधायें प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। रबी 2011-12 में 340.62 लाख मी0 टन खाद्यान्न उत्पादन के सापेक्ष वर्तमान वर्ष में 358.32 लाख कुन्तल खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्री आनन्द सिंह ने आज यहाॅं यह विचार कृषि भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित रबी उत्पादकता गोष्ठी 2012-13 में रखे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी इच्छा से कृषि यन्त्र आई0 एस0 आई0 मार्क के तथा बीज कही से भी खरीद सकते हैं उन्हें अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसान डी0 ए0 पी0 की जगह अन्य खादों, बायोफर्टिलाइजर, सोलर इनर्जी का उपयोग करे। मृदा स्वास्थ्य का सुधार अति आवष्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेष अवष्य ही खाद्यान्न उत्पादन में काफी आगे तक जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों के हितार्थ संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु जनपद/विकास खण्ड एवं मण्डल स्तर पर गोष्ठियां एवं  मेलों का आयोजन किया जायेगा। किसान इसमें अवष्य भाग लेकर लाभ उठायंे।
रबी की रणनीति के अन्तर्गत 43.93 लाख कुन्तल विभिन्न फसलों के प्रमाणित/गुणवत्तायुक्त बीजों का वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि यूरिया, डी0 ए0 पी0, एन0 पी0 के0, एम0 ओ0 पी0 आदि उर्वरकों के लक्ष्य निर्धारण के साथ-साथ उर्वरकों की प्रीपोजीषनिंग कर ली गई है। किसानों को खाद की कोई दिक्कत नहीं होगी। मृदा स्वास्थ्य के लिए अपनी मिट्टी पहचाने अभियान के अन्तर्गतज 14.07 लाख मृदा नमूने एकत्रित होंगे। तथा शत-प्रतिषत किसानों को किसान क्रेडिट कार्डों से आच्छादित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेष के 28 जनपदों में हरित क्रांति योजना का द्वितीय चरण क्रियान्वित किया जायेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने कहा कि सिंचाई, ऊर्जा आदि की व्यवस्था दस दिनों में कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि दलहन तिलहन का उत्पादन बढ़ाने हेतु त्वरित दलहन उत्पादन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कृषि निदेषक, श्री डी0 एम0 सिंह ने संचालित सभी योजनाओं की जानकारी दी।
गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि देवाषीष पाण्डा, समस्त कृषि विष्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि एवं संबंधित सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों/कर्मचारियों एवं भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा न करने से पूरे सूबे के किसानों में भारी रोष व्याप्त है

Posted on 25 November 2012 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद जयन्त चैधरी ने उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुये कहा कि गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा न करने से पूरे सूबे के किसानों में भारी रोष व्याप्त है, जिसके लिए राष्ट्रीय लोकदल के विधायक शीतकालीन सत्र में सरकार को विधान सभा मंें घेरने का काम करेंगे।
उन्होनंे ंप्रदेश मुख्यालय में सदस्यता अभियान का शुभारम्भ करते हुये व पदाधिकारियों व  कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुये कहा कि ट्रान्सफर, पोस्टिंग व शस्त्र लाइसेन्स, के चक्कर में न फंसे बल्कि सड़क पानी बिजली, खाद व अन्य स्थानीय समस्याओं को लेकर जन चेतना रैली निकालें तथा चैधरी साहब की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने का काम करें।
श्री जयन्त चैधरी ने सपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुये कहा कि किसानों का कर्जा माफ करना भी एक धोखा है, जिस तरीके से प्रदेश के नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता न देकर उनके साथ सरासर धोखा किया उसी तरह से प्रदेश के किसानों के साथ सरकार का छलावा है। सरकार अपने घोषणा पत्र को ईमानदारी से लागू करने में विफल है तथा सरकार सभी मुददों पर असफल सिद्ध हो रही है। पूरे प्रदेश  में कानून व्यवस्था चरमरा गयी है।
उन्होेंने गेहूँ के समर्थन मूल्य की घोषणा न करने के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्री से सम्पर्क कर जल्दी से जल्दी गेहँू का समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल को संसद में पेश किया जिसकी पूरे देश मंें चर्चा का विषय है। उन्होंने प्रदेश के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि सदस्यता अभियान को पूरे प्रदेश में युद्ध स्तर पर चलायें, जिससे चैधरी चरण सिंह की नीतियों और कार्यक्रमों के साथ दलितों अकलियतों, मजदूरों किसानों, पिछड़ों व अन्य वर्गों को जोेड़ा जाये।
प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि 1 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक सदस्यता अभियान बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक चलाया जायेगा। 23 दिसम्बर को श्रद्धेय चैधरी चरण सिंह के जन्मदिवस को किसान दिवस के रूप में प्रदेश के प्रत्येक जनपदों में मनाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना होगा तभी राष्ट्रीय लोकदल आमजन की पार्टी बनेगी।
इस मौके पर स्व0 रामआसरे वर्मा पूर्व विधान सभा उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष की पुत्री डा0 मीना वर्मा, रायबरेली से ए0के0 शर्मा, सुल्तानपुर से राजनारायन तिवारी, कुशीनगर से विवेका नन्द पाण्डेय, हिन्द मजदूर किसान पंचायत के प्रदेश महासचिव, राकेश मनी पाण्डेय, प्रतापगढ से मो0 जीमल तथा अन्य जनपदों से भारी संख्या में आये कार्यकर्ताओं ने अपने समर्थकों के साथ जयन्त चैधरी के हाथों से सदस्यता ग्रहण की।
इस मौके पर विधान मण्डल दल के नेता, विधायक ठा0 दलबीर सिंह, वीरपाल राठी, पूरन प्रकाश, त्रिलोकीराम दिवाकर, भगवती प्रसाद सूर्यवंशी, पं0 सुदेश शर्मा, तथा पूर्व विधायकों में सच्चिदानंद गुप्त, रामबाबू शास्त्री, जाहिद हुसैन अंसारी, चैधरी सत्पाल, धर्म सिंह बालियान, चैधरी सुखबीर सिंह, श्रीमती मिथिलेष पाल व प्रदेश पदाधिकारियों, मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेश कुमार ंिसंह मुन्ना, किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राममेहर सिंह, बुन्देलखण्ड के अध्यक्ष वीरेन्द्र साक्षी, युवा रालोद के अध्यक्ष आरिफ महमूद, छात्रसभा के अध्यक्ष शशांक सिंह, अधिवक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अंकुर सक्सेना, अनिल दुबे, डा0 के0के0 त्रिपाठी, डा0 सुरेश यादव, वसीम हैदर, चन्द्रबली यादव, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ला,, एम0ए0 आरिफ, रामलखन यादव, सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी संजय बाल्मीकि, टी0पी0 मिश्र, डा0 मधू सिंह, शकुन्तला कुरील, पुष्पा कुंवर, किरन सिंह, रमावती तिवारी, अनीता यावव, लक्ष्मी गौतम, वसुधा सिंह, साधना चैधरी किरन,  सिंह,जोनल अध्यक्षों, जिलाध्यक्षों, फ्रन्टल संगठनों के पदाधिकारियेा व अन्य कार्यकर्ताओं ने सभा को सम्बोधित किया तथा जयन्त चैधरी के हाथों से सदस्यता ग्रहण की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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त्रिदिवसीय किसान महोत्सव का आयोजन कराने का निर्णय

Posted on 23 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों की आय बढ़ाने एवं किसानों के लिये कार्यरत सरकारी विभागों से उनका सीधा संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य सेे आगामी दिसम्बर माह में राज्य के सभी 75 जनपदों में त्रिदिवसीय किसान महोत्सव का आयोजन कराने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी देते हुये राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज यहाॅ बताया कि किसान महोत्सव में किसानों से संबंधित सरकारी विभागों  कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य पालन, रेशम उत्पाद, समाज कल्याण, पंयाचती राज, ग्राम्य विकास, नेडा (वैकल्पिक ऊर्जा विभाग), लघु सिंचाई, अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, सहकारिता आदि 27 विभागों तथा इफ्को, कृभको, बीज उत्पादन कम्पनियों, कृषि उपकरण कम्पनियांे आदि से किसानों के सीधे संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था की जायेगी, ताकि उन्हें इन योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि किसान महोत्सव मंे किसानों को कृषि तथा अन्य विभागों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त किसान, वैज्ञानिक एवं अधिकारियों के मध्य संवाद स्थापित कर समस्याओं का निराकरण कराया जायेगा, साथ ही किसानोन्मुखी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायी जायेगी। किसानों महोत्सव में किसानों को अनुदान पर कृषि निवेश एवं अन्य कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ ही लाभार्थियों का स्थलीय चयन, एकीकृत कृषि प्रदर्शनी से किसानों को जोड़ने तथा विभिन्न विभागों द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं व लाभों को उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री रंजन ने बताया कि लखनऊ में 20, 21 व  22 दिसम्बर, 2012 को किसान महोत्सव आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरीय किसान महोत्सव के लिये जिलाधिकारी नोडल अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सदस्य सचिव, उप कृषि निदेशक तथा अन्य समस्त विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि किसान महोत्सव में अधिक से अधिक किसानों एवं जन-सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसके लिये समस्त विभागों को  अपने से संबंधित कार्यक्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि किसान महोत्सव में क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों में मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जायेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि किसान महोत्सव का आयोजन  पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर किया जायेगा तथा इसमें भाग लेने वाले विभागों के अतिरिक्त निजी कम्पनियां भी अपना स्टाल लगायेंगी। उन्होंने कहा कि किसान महोत्सव में उर्वरक कम्पनियां, बीज उत्पादक कम्पनियां, कृषि रक्षा रसायन उत्पादक कम्पनियां, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा कृषि से संबंधित समस्त विभाग अपना स्टाल लगायेंगे साथ ही यू0पी0 एग्रो, बीज विकास निगम, कृषि उपकरण बनाने वाली कम्पनियां, स्प्रिंकलर/ड्रिप कम्पनियां, आत्मा के समूह एन0जी0ओ0 तथा कृषि से संबंधित निजी निवेश आपूर्तिकर्ता भी अपने स्टाल लगायेंगे, तथा जिन निवेशों पर अनुदान की सुविधा है वह किसानों को अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि किसान महोत्सव में समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अन्य विभागों द्वारा विभिन्न लाभार्थियों को देय लाभों का चेक भी वितरित किया जायेगा एवं कृषि गोष्ठी का आयोजन भी कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसान महोत्सव में कृषि ऋण शिविर का आयोजन जनपद के लीड बैंक के अधिकारी व डी0डी0एम0 नाबार्ड के सहयोग से किया जायेगा एवं किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध कराया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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50 हजार रुपए तक ऋण लेने वाले किसानों का शेष मूलधन तथा ब्याज माफ करने की घोषणा

Posted on 23 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उ0प्र0 सहकारी ग्राम्य विकास बैंक से भूमि बंधक रखकर 50 हजार रुपए तक ऋण लेने वाले किसानों का शेष मूलधन तथा ब्याज माफ करने की घोषणा की है। यह सुविधा उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने 31 मार्च, 2012 तक मूलधन का कम से कम 10 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों का 1650 करोड़ रुपए का ऋण माफ हो जाएगा तथा प्रदेश के लगभग 07 लाख 20 हजार किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्तमान बजट में 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है शेष आवश्यक धनराशि की व्यवस्था आगे के बजट में की जाएगी।
press2मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन का उल्लेख करते हुए कहा कि नेताजी एक किसान परिवार से हैं और किसानों के जायज हितों के लिए उनके द्वारा लगातार संघर्ष किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जमीन बंधक रखकर कर्ज लेने वाले किसानों द्वारा कर्ज न दे पाने की स्थिति में जमीन को नीलाम करने की व्यवस्था को समाप्त करने और ऐसी स्थिति में किसानों की कर्ज माफी का वायदा किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान तरक्की नहीं करेंगे तब तक देश और प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाना सम्भव नहीं है। इसीलिए प्रदेश सरकार लगातार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की मदद करने का फैसला करती रही है।
श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित में नहरों एवं राजकीय नलकूपों के माध्यम से मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था का फैसला पहले ही ले चुकी है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बहुत शीघ्र राज्य सरकार गन्ना मूल्य घोषित कर देगी। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा चुक हैं।
पत्रकार वार्ता में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, अम्बिका चैधरी,
बलराम यादव, अहमद हसन, राम गोविन्द चैधरी, आनन्द सिंह,
ओमप्रकाश सिंह, राज्यमंत्री अभिषेक मिश्र, विधान परिषद सदस्य राजेन्द्र चैधरी, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव सूचना संजीव मित्तल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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किसानों के सशर्त ऋण माफी की घोषणा से किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है

Posted on 23 November 2012 by admin

सपा सरकार द्वारा ऋणमाफी की घोषणा, मात्र एक छलावा है तथा किसानों के साथ एक और धोखा, यह बात राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।
श्री सिंह ने कहा कि उ0प्र0 के विधानसभा चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी ने किसानों का ऋण माफ करने का वायदा किया था, जिस कारण किसानों ने आश लगाये रखी कि हमारा ऋण माफ हो जायेगा फलस्वरूप इनके ऊपर ब्याज बढ़ता गया तथा ऋण का नवीनीकरण न हो पाने से आगे उनको ऋण भी नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी फसल प्रभावित हो रही है। आज सपा सरकार द्वारा  किसानों के सशर्त ऋण माफी की घोषणा से किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि केवल भूमि विकास बैंकों का ऋण माफ करने से कुछ ही किसानों का ऋण माफ हो पायेगा जबकि पूरा किसान वर्ग खाद् और डीजल के बढ़े दामों और अन्य मंहगाई के कारण परेशान है। ऐसे में शेष किसान बढ़े हुये ब्याज सहित अपना ऋण चुकाने को मजबूर होंगे। किसानों द्वारा समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र पर विश्वास करना उनके लिए अतिरिक्त बोझ बन गया है। बढ़ा हुआ ब्याज अदा करके ऋण मुक्त होने में किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा। प्रदेश सरकार द्वारा केवल एक ही बैंक का ऋण माफ करने से यह साबित होता है कि सरकार को किसानों के फायदें की नहीं बल्कि भूमि विकास बैंक के लाभ की चिन्ता है।
श्री सिंह ने उ0प्र0 सरकार से माँग की है कि वह अपना वायदा पूरा करते हुये सभी किसानों के ऋण माफ करें नहीं तो आने वाले दिनों में किसान अपने साथ हुये धोखे का बदला लोकसभा चुनाव में सपा के विरूद्ध मतदान करके लेगा।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व प्रदेश महासचिव वसीम हैदर ने दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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