गन्ना किसानों की ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण और उनकी खुशहाली के प्रति कांग्रेस पार्टी सदैव से प्रयत्नशील रही है। गन्ना हमारे प्रदेश की एक प्रमुख फसल है। जिस पर किसानों के परिवार से सम्बन्धित भविष्य की योजनाएं निर्भर करती हैं परन्तु गन्ना किसानों को समय पर बकाये का भुगतान न हेा पाना, गन्ने की पैदावार की लागत की तुलना में वाजिब मूल्य न मिलना तथा राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ माह देर से लगभग लागत के बराबर ही समर्थन मूल्य की घोषणा करना प्रदेश के किसानों के प्रति उदासीनता दर्शाता है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गत वर्ष पेराई सत्र में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 240 रूपये प्रति कुंतल घोषित किया था, जो कि नाकाफी था। जिससे किसानों को नुकसान में अपने गन्ने को मिलों में बेंचना पड़ा था और आज तक उनके भुगतान लम्बित हैं। किसानों के भुगतान को लेकर पूरे प्रदेश में कंाग्रेसजनों द्वारा आन्दोलन भी किया गया था। उन्होने कहा कि इस वर्ष किसानों को गन्ने की उपज में काफी अधिक लागत आयी है, इसलिए राज्य सरकार को कम से कम 325 रूपये प्रति कुंतल समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए था, जबकि राज्य सरकार ने 290 रूपये प्रति कुंतल किया है जेा किसानों की मजदूरी और उसकी लागत से भी कम है।
डाॅ0 खत्री ने एक बार पुनः उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी से गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 325 रूपये किये जाने तथा खाण्डसारी व्यवसाय को बचाने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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