बीजों एवं उर्वरक की अहम भूमिका

Posted on 01 December 2012 by admin

प्रदेष के उत्पादन/उत्पादकता में गुणवत्तायुक्त बीजों एवं उर्वरक की अहम भूमिका होती है। प्रमाणित बीजों तथा संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन/उत्पादकता में लगभग 20-25 फीसदी की वृद्धि होती है। गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता सुनिष्चित हो इस हेतु कृषि मंत्री के निर्देषन में रबी की समस्त फसलों की उन्नतषील प्रजातियों के बीज प्रदेष के कृषकों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने यह सुनिष्चित किये जाने के आदेष दिये हैं कि सरकारी अथवा अर्द्धसरकारी संस्थाओं के बिक्री केन्द्रों से वितरित किये जाने वाले अनुदानित बीज केवल उन्हीं संस्थाओं से प्राप्त किये जायेंगे, जो संस्थायें अपने निजी प्रक्षेत्रों अथवा उत्पादक कृषकों द्वारा बीज का उत्पादन कराती हैं। किसी भी निजी संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीज का क्रय कर सरकारी एवं अर्द्धसरकारी बिक्री केन्द्रों से बीज का वितरण नहीं किया जायेगा।
कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने आज यहाॅं यह निर्देंष अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त कृषि निवेषों की उपलब्धता समय से सुनिष्चित की जाये। रबी फसलों के बीजों की आवष्यकता के अनुरूप ही बीजों की उपलब्धता समय से करायी गयी है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रमाणित बीजों के प्रति किसानों में उत्साह है तथा राजकीय बीज बिक्री केन्द्र बीजों की उपलब्धता के लिए आकर्षण केन्द्र बने हुए है। बीजों की उपलब्धता के साथ-साथ प्रदेष में उर्वरकों की उपलब्धता भी सुनिष्चित कराई गई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेष में उर्वरकों की कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा विषेष प्रयास कर डी0 ए0 पी0, एन0 पी0 के0, एवं यूरिया उर्वरकों की प्रीपोजषनिंग की गयी है। उन्होंने बताया कि यूरिया की प्रीपोजषनिंग का लक्ष्य 3.0 लाख मी0 टन के सापेक्ष 2.23 लाख मी0 टन की प्रीपोजषनिंग कर ली गयी है। इसी प्रकार डी0 ए0 पी0 में प्रीपोजषनिंग लक्ष्य 5.00 लाख मी0 टन के सापेक्ष 5.65 लाख मी0 टन की प्रीपोजषनिंग की गयी है। इसका प्रभाव यह रहा कि वर्तमान में प्रदेष में डी0 ए0 पी0, एन0 पी0 के0 एवं यूरिया उर्वरकों का कोई अभाव नहीं रहा है। राज्य सरकार द्वारा नियमित रूप से उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा की जा रही है। विगत 8-10 वर्षों के बाद प्रदेष में यह स्थिति आयी है कि अभी राज्य के किसी भी जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं रही है।
श्री आनन्द सिंह ने बताया कि कृषकों की मांग को देखते हुए मुख्य रूप से यूरिया की उपलब्धता का लक्ष्य 26.00 लाख मी0 टन के सापेक्ष 26.93 लाख मी0 टन की उपलब्धता की गई है अर्थात 104 प्रतिषत की उपलब्धता बनी हुई है। इसी प्रकार डी0 ए0 पी0 के लक्ष्य 5.50 लाख मी0 टन के सापेक्ष 11.64 लाख मी0 टन की उपलब्धता सुनिष्चित करा दी गयी है। इस प्रकार 212 प्रतिषत की उपलब्धता सुनिष्चित है। इसी क्रम में एन0 पी0 के0 जिसका लक्ष्य 3.25 लाख मी0 टन निर्धारित है, उसके सापेक्ष 6.00 लाख मी0 टन की उपलब्धता सुनिष्चित है, जो 185 प्रतिषत है। पोटाषयुक्त एम0 ओ0 पी0 का लक्ष्य 1.00 लाख मी0 टन निर्धारित है, जिसके सापेक्ष 1.28 लाख मी0 टन की उपलब्धता कराते हुए 128 प्रतिषत की प्राप्ति है। प्रदेष के सभी अंचलों में उर्वरकों एवं बीजों की उपलब्धता सुनिष्चित्ता के कारण किसानों में बुवाई के प्रति उत्साह है तथा कृषि के मुख्य निवेषों के प्रति किसान आवस्त है। प्रमाणित बीजों एवं संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से प्रदेष के उत्पादन में अवष्य वृद्धि होगी। अतः हम बारहवीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति तक 5 प्रतिषत ग्रोथ वृद्धि प्राप्त करने में सफल होेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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