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वर्ष 2007 से पत्रकार शलभ भदौरिया, विष्णु वर्मा पर धारा 120 बी,420, 467, 468, 471 भादवि में मामला ई.ओ.डब्ल्यू. में पंजीबद्ध प्रकरण मु य न्यायायिक दण्डाधिकारी हेतु तैयार दबाव से रूका है।

Posted on 21 April 2010 by admin

जानकारी के अनुसार राज्य आर्थिक अनवेषण ब्यूरो भोपाल में प्रकरण क्रमांक 0भ्/06
पंजीयन दिनांक 23.2.06 को हुआ। प्रकरण का घटना स्थल पत्रकार भवन है। प्रकरण में
फरियादी गुलाबसिंह राजपूत थाना प्रभारी रा.आ.अप. अन्वेषण ब्यूरो भोपाल है जिसमें
सन्देही/आरोपी शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा विद्रोही है जिसकी विवेचना 30.10.2007
को पूर्व कर पुलिस अधीक्षक सुधीर लाड़ ब्यूरो इकाई भोपाल ने की।  ब्यूरो में
पंजीबद्ध प्रकरण में श्रमजीवी पत्रकार मासिक पत्र का आर.एन.आई. प्रमाण पत्र क्र.
3276/72 दिनांक 12.8.72 दिया वह स्पूतनिक तेलगू पाक्षिक राजमून्दरी आंध्र प्रदेश का
पाया गया।

उक्त  प्रमाण फर्जी पत्र के आधार पर शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा विद्रोही ने
डाक पंजीयन कराकर जनवरी 2003 से अगस्त 2003 तक 34.7भ्भ् रु. का अवैध रूप से आर्थिक
लाभ लिया। बुक पोस्ट की दरों में वृद्धि के कारण राशि 1,4062भ् हुई। अतज् प्रथम 
दृष्टा अन्तर्गत धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 भादवि का दण्डनीय पाये जाने से
प्रकरण पंजीबद्ध किया। पत्र के संबन्द्ध में विष्णु वर्मा ने जानकारी दी कि
श्रमजीवी पत्रकार की 4भ्00 प्रतियां प्रतिमाह सदस्यों को भेजी जाती है। झूठे प्रमाण
पत्र के आधार पर आरोपी शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा द्वारा सांठगांठ कर कूट रचना
की। जप्त दस्तावेजों के आधार एवं शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा के द्वारा दिये
दस्तावेज एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोप पूर्ण रूप से सत्य पाये।

जनस पर्क विभाग की सक्रियता एवं नियमों का पालन करने के कारण विभाग ने समस्त
समाचार पत्र पत्रिकाओं मासिक एवं साप्ताहिक को विज्ञापन नीति के परिपालन के लिये
आर.एन.आई. प्रमाण पत्र मांगे तब श्रमजीवी पत्रकार मासिक पत्र के प्रमाण पत्र की
प्रति विष्णु वर्मा द्वारा दी गई 1भ्.भ्.2002 को जांच में पाया गया कि वर्ष 1999 से
2003 तक श्रमजीवी पत्रकार समाचार पत्र के प्रधान संपादक शलभ भदौरिया थे तथा इनके
द्वारा कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भोपाल, प्रवर अधीक्षक डाक घर ाोपाल
में भी शलभ भदौरिया द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज प्रस्तुत किये। फर्जी प्रमाण पत्र
के आधार पर आर्थिक लाभ प्राप्त कर भारत शासन के साथ धोखाधड़ी कर शासन को 1,74970
रुपये की आर्थिक क्षति की।

मामला स पूर्ण दस्तावेजों एवं जांच रिपोर्ट के बाद महानिदेशक आर्थिक अपराध
अन्वेषण ब्यूरो को वर्ष 2007 में भेजा जा चुका है जिसे माननीय मु य न्यायायिक
दण्डाधिकारी महोदय जिला भोपाल में प्रस्तुत करना
है।                                          -

राधावल्लभ शारदा
प्रदेश  अध्यक्ष वकिZग जर्नलिस्ट यूनियन


Vikas Sharma
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देश भर के 13 स्कूली बच्चों को बाल भारती निबंध प्रतियोगिता पुरस्कार - देश भर के 13 स्कूली बच्चों को बाल भारती निबंध प्रतियोगिता पुरस्कार

Posted on 16 April 2010 by admin

नई  दिल्ली, शुक्रवार, 16 अप्रैल, 2010

देश भर के 13 स्कूली बच्चों को बाल भारती निबंध प्रतियोगिता-2009 के पुरस्कार दिए गए। प्रथम पुरस्कार के लिए दिल्ली की संस्कृति रावत, दूसरे पुरस्कार के लिए वर्धा, महाराष्ट्र के ओम कन्हैया बजाज और तीसरे पुरस्कार के लिए जोधपुर, राजस्थान की निधि शुक्ला के निबंध को चुना गया। इस मौके पर अन्य 10 को सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। तेरह विजेता बच्चों में से दस दिल्ली से बाहर के हैं। इनमें वर्धा, जोधपुर, नरसिंहपुर (म.प्र.), बड़वानी (म.प्र.), जयपुर, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड), सिरसा (हरियाणा), कानपुर (उ.प्र.), हैदराबाद (आ.प्र.), जमशेदपुर (झारखंड) जैसे दूर शहरों के प्रतियोगी शामिल हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तमन्ना फाउंडेशन की अध्यक्ष और शिक्षाविद श्रीमती श्यामा चोना ने विजेताओं को पुरस्कार बांटे।

वर्ष 2006 से हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो रही इस प्रतियोगिता में इस बार करीब एक हजार बच्चों ने भाग लिया। इस प्रतयोगता में ‘टीवी कार्यक्रमों में बच्चों की भूमिका- उचित या अनुचित’ विषय पर देश भर के छात्रों ने अपने रचनात्मक निबंध भेजे। उनका मूल्यांकन चयन समिति ने किया। 

इस मौके पर गणित जैसे विषय पर हिंदी में रोचक पुस्तकें लिखने वाले श्री आइवर यूशिएल की पुस्तक ‘खेल है गणित’ का विमोचन भी किया गया। बाल मनोविज्ञान को समझते हुए बच्चों के लिए गणित को रोचक बनाने के तरीके इस पुस्तक में हैं। लेखक ने अनेक कठिन लगने वाले प्रश्नों के हल ढूंढने की तरकीबें भी पुस्तक में बताई हैं जो न केवल रोचक हैं बल्कि खेल-खेल में बच्चों के मन से गणित का डर दूर करती है।

पिछले 62 वर्षों से लगातार प्रकाशित हो रही बाल भारती सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रकाशन विभाग की एक उत्कृष्ट मासिक पत्रिका है। मनोरंजक और ज्ञानवर्धक होने के साथ ही यह बच्चों और किशोरों की प्रतिभा के विकास के लिए रचनात्मक अभियान भी चलाती रही है। वार्षिक निबंध और चित्रकला प्रतयोगिताएं और दूसरी गतिविधियां इसी अभियान का हिस्सा हैं जो बच्चों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणा देती हैं। इसमें पाठकों को सक्रिय रूप से शामिल करने की कोशिश लगातार जारी है। बदलते समय के साथ पत्रिका का कलेवर, प्रस्तुतीकरण बदला है। फिर भी पत्रिका की कीमत सिर्फ आठ रुपए है। संभवतः देश की सबसे पुरानी हिंदी की लोकप्रिय बाल पत्रिका बाल भारती की प्रसार संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है। 

कार्यक्रम में  अतिथियों का स्वागत प्रकाशन  विभाग की अपर महानिदेशक  श्रीमती वीना जैन ने किया। हर वर्ग और और भाषा-भाषी के लिए किफायती दरों पर पठनीय सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ प्रकाशन विभाग हर माह 13 भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय विकास को दर्शाती ‘योजना’ पत्रिका छापता है। इसके अलावा विभाग हिंदी और अंग्रेजी में ग्रामीण विकास की पत्रिका ‘कुरुक्षेत्र’, तथा हिंदी, और उर्दू में साहित्यिक पत्रिका ‘आजकल’ का प्रकाशन भी करता है।

 


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सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ेगी या बर्बादी ?

Posted on 16 April 2010 by admin

शिरीष खरे
यह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें भी अब तक पूरी हो सकी हैं ?
 
साल 2000 और 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाने के छह महीने पहले सभी प्रभावित परिवारों को ठीक जगह और ठीक सुविधाओं के साथ बसाया जाए। मगर 8 मार्च, 2006 को ही बांध की ऊंचाई 110 मीटर से बढ़ाकर 121 मीटर के फैसले के साथ प्रभावित परिवारों की ठीक व्यवस्था की कोई सुध नही ली गई। हांलाकि 1993 में, जब इसकी ऊंचाई 40 मीटर ही थी तभी बडे पैमाने पर बहुत सारे गांव डूबना शुरू हो गए थे। फिर यह ऊंचाई 40 मीटर से 110 मीटर की गई और प्रभावित परिवारों को ठीक से बसाया नहीं गया। तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने भी स्वीकारा था कि वह इतने बड़े पैमाने पर लोगों का पुनर्वास नहीं कर सकती। इसीलिए 1994 को राज्य सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक में बांध की ऊंचाई कम करने की मांग की थी ताकि होने वाले आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक और पर्यावरणीय नुकसान को कम किया जा सके। 1993 को विश्व बैंक भी इस परियोजना से हट गया था। इसी साल `केन्द्रीय वन और पर्यावरण मन्त्रालय´ के विशेषज्ञ दल ने अपनी रिपोर्ट में कार्य के दौरान पर्यावरण की भारी अनदेखी पर सभी का ध्यान खींचा था। इन सबके बावजूद बांध का कार्य प्रगति पर चलता रहा और जो कुल 245 गांव, कम से कम 45 हजार परिवार, लगभग 2 लाख 50 हजार लोगों को विस्थापित करेगा। अब तक 12 हजार से ज्यादा परिवारों के घर और खेत डूब चुके हैं। बांध में 13,700 हेक्टेयर जंगल डूबना है और करीब इतनी ही उपजाऊ खेती की जमीन भी। मुख्य नहर के कारण गुजरात के 1 लाख 57 हजार किसान अपनी जमीन खो देंगे।
  
अगर सरदार सरोवर परियोजना में लाभ और लागत का आंकलन किया जाए तो बीते 20 सालों में यह परियोजना 42000 करोड़ रूपए से बढ़कर 45000 करोड़ रूपए हो चुकी है। इसमें से अबतक 2500 करोड़ रूपए खर्च भी हो चुके हैं। अनुमान है कि आने वाले समय में यह लागत 70000 करोड़ रूपए पहुंचेगी। गौर करने वाली बात है कि साल 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सरदार सरोवर परियोजना के लिए 3000 करोड़ रूपए से ज्यादा की रकम आंवटित करने की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार के मुताबिक परियोजना की पूरी लागत गुजरात के सिंचाई बजट का 80% हिस्सा है। इसके बावजूद अकेले गुजरात में ही पानी का लाभ 10% से भी कम हासिल हुआ है। जबकि मध्यप्रदेश को भी अनुमान से कम बिजली मिलने वाली है। ऐसे में पूरी परियोजना की समीक्षा होना जरूरी है।

पर्याप्त मुआवजा न मिलना, मकानों व जमीनों का सर्वे नहीं होना, या तो केवल मकानों को मुआवजा देना या फिर केवल खेती लायक जमीन को ही मुआवजा देना, पुनर्वास स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव, कई प्रभावित परिवार को पुनर्वास स्थल पर भूखण्ड न देने आदि के चलते हजारों डूब प्रभावित अपना गांव छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जहां-जहां गांव का पुर्नवास स्थल बनाया गया है वहां-वहां पूरे गांव के प्रभावित परिवारों को एक साथ बसाने की व्यवस्था भी नहीं है। गांव में लोगों की खेती की सिंचित जमीन के बदले सिंचित जमीन कहां देंगे, यह उचित तौर पर बताया नहीं जा रहा है।
 
कुछेक लोगों को बंजर जमीन दी है और कुछेक को गुजरात में उनकी इच्छा के विरूद्ध प्लाट दिये गए। गुजरात में जहां कुछ परिवारों को बसाने का दावा किया गया है वहां भी स्थिति डूब से अलग नहीं है। करनेट, थुवावी, बरोली आदि पुनर्वास स्थल जलमग्न हो जाते हैं, उनके पहुंच के रास्ते बन्द हो जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति की जीविका का आधार यानी उसकी खेती लायक जमीन बांध से प्रभावित है और उसका घर पास के गांव में है तो उसे बाहरी बताकर पुनर्वास लाभ से वंचित किया जा रहा है।

डूब प्रभावितों के अनुसार आवल्दा, भादल, तुअरखेड़ा, घोघला आदि गांवों के तो पुर्नवास ही नहीं बनाये गए हैं। गांव भीलखेड़ा साल 1967 और 1970 में दो बार नर्मदा नदी में आई भारी बाढ़ से उजड़कर बसा है। बांध की ऊंचाई बढ़ाने से यह तीसरी बार उजड़ने की कगार पर है। भादल का राहत केम्प 7 किमी दूर ग्राम सेमलेट में बनाया गया है। भादल से सेमलेट सिर्फ पहाड़ी रास्तों से पैदल ही पहुंचा जा सकता है। एकलरा के प्राथमिक स्कूल को गांव से करीब ढ़ाई किलोमीटर दूर पुनर्वास करने से 53 में से केवल 8-10 बच्चे ही पहुंच पा रहे हैं। शिक्षकों को रिकार्ड रखने में परेशानी हो रही है और मध्यान्ह भोजन योजना का उचित संचालन नहीं हो पा रहा है।

यह तो महज एक सरदार सरोवर परियोजना के चलते इतने बड़े पैमाने पर चल रहे विनाशलीला का हाल है। मगर 1200 किलोमीटर लंबी नर्मदा नदी पर छोटे, मझोले और बड़े करीब 3200 बांध बनाना तय हुआ है। यहां से आप सोचिए कि नर्मदा नदी को छोटे-छोटे तालाबों में बांटकर किस तरह से पूरी घाटी को असन्तुलित विकास, विस्थापन और अनियमितताओं की तरफ धकेला जा रहा है।

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लेखक शिरीष खरे `चाईल्ड राईटस एण्ड यू’ के `संचार विभाग´ से जुड़े हैं।

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बी.एस.पी.पार्टी का 14 अप्रैल को देश-व्यापी आन्दोलन

Posted on 27 March 2010 by admin

पार्टी के ज़िम्मेदार पदाधिकारियों, मन्त्रियों, सांसदों, विधायकों की बैठक सम्पन्न

लखनऊ -  बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री कुमारी मायावती जी ने पार्टी के लोगों का आज यहां आह्वान किया कि वे कांग्रेस,  बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों की बाबा साहेब डा. अम्बेडकर-विरोधी सोच का पर्दाफ़ाश करने एवं बाबा साहेब की सोच-विरोधी महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने का तीव्र विरोध करने के लिये उनकी जयन्ती के दिन दिनांक 14 अप्रैल को देश-व्यापी आन्दोलन के तहत सभी ज़िला मुख्यालयों पर ज़ोरदार एक-दिवसीय धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बनायें।

पार्टी के ज़िम्मेदार पदाधिकारियों, मन्त्रियों, सांसदों, विधायकों आदि की एक बैठक को सम्बोधित करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि सभी विरोधी पार्टियों, ख़ासकर कांग्रेस पार्टी की नीति एवं व्यवहार हमेशा ही परम्पूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर विरोधी रहा है, जिस कारण ही बाबा साहेब को पूणा पैक्ट के लिये मजबूर किया गया तथा कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा उनको भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया गया।

बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि और फिर अन्तत: भारत की आज़ादी के लगभग 43 वर्षो के बाद, जब केन्द्र में श्री वी.पी. सिंह के नेतृत्व में ग़ैर-कांग्रेसी गठबंधन वाली नेशनल फ्रन्ट की सरकार चल रही थी, जिसे बी.एस.पी. का भी समर्थन प्राप्त था, तब सन् 1990 में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर जैसी हस्ती को, बी.एस.पी. के दबाव में भारत रत्न के सम्मान से अलंकृत किया गया। इस प्रकार बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी का रवैया हमेशा से ही उपेक्षापूर्ण व तिरस्कारी रहा है, और इतना ही नहीं, बल्कि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के परिनिर्वाण के बाद, उनके मूवमेन्ट को पुनर्जीवित करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी के प्रति भी कांग्रेस तथा अन्य विरोधी पार्टियों का रवैया तिरस्कार व उपेक्षा का रहा, जो अन्त तक जारी रहा। इसी कारण ही बड़े दु:ख के साथ यह कहना पड़ता है कि मान्यवर श्री कांशीराम जी का दिनांक 9 अक्तूबर, 2006 को देहान्त होने पर, उनके सम्मान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार ने एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक नहीं घोषित किया और इसी प्रकार, तब उत्तर प्रदेश में चल रही समाजवादी पार्टी की सरकार ने भी मान्यवर श्री कांशीराम जी के सम्मान में प्रदेश में एक दिन का भी राजकीय शोक नहीं घोषित किया।
और अब जबकि उत्तर प्रदेश में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की मानवतावादी सोच पर चलने वाली बी.एस.पी. की सरकार भव्य स्मारक, पार्क, विश्वविद्यालय, ज़िला  इत्यादि बनवाकर उनको उचित आदर-सम्मान देने का प्रयास कर रही है तो कांग्रेस, बी.जे.पी. तथा अन्य विरोधी पार्टियों को यह सब बहुत बुरा लग रहा है और ये पार्टियां इसमें बाधा डालने की लगातार कोशिशें कर रही हैं। इन मामलों को कोर्ट-कचहरी तक में घसीटा जा रहा है, जहां इन विरोधी पार्टियों के वरिष्ठ व ज़िम्मेदार लोग इसका खुलकर विरोध करते नज़र आते हैं। इसलिये कांग्रेस, बी.जे.पी. तथा अन्य विरोधी पार्टियों की इन हरकतों की जितनी भी निन्दा की जाये, वह कम होगी।

बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस पार्टी ही नहीं, बल्कि बाबा साहेब को मान-सम्मान देने के मामले में विरोधी समाजवादी पार्टी का भी रवैया बहुत कुछ कांग्रेस पार्टी जैसा ही बाबा साहेब-विरोधी रहा है, जिस कारण ही उस पार्टी के लोग, बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के अनुयाइयों के लिये तीर्थस्थल की हैसियत रखने वाले लखनऊ के डा. अम्बेडकर स्मारक के बारे में उलूल-जुलूल बातें करते रहते हैं। ऐसे लोगों का भी तीव्र विरोध करना व उनका पर्दाफ़ाश करना बहुत ज़रूरी है।

बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि इसी प्रकार, अपने देश की महिलाओं के बारे में भी कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार की सोच बाबा साहेब डा. अम्बेडकर-विरोधी है। बाबा साहेब सर्वसमाज की महिलाओं के हक़ व हक़ूक़ के लिये जीवन भर संघर्षरत रहे तथा मौक़ा मिलने पर उन्होंने भारतीय संविधान में महिलाओं को आत्म-सम्मान के साथ जीने का, वोट डालने का एवं पुरुषो के समान बराबरी का हक़ दिलाया। इस मामले में भी बाबा साहेब  डा. अम्बेडकर की सोच महिलाओं में भी दबे-कुचले लोगों को, जिनको वास्तव में आगे बढ़ाने की ज़रूरत है, उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करने के पक्षधर थे। और स्वतन्त्रता के बाद, बाबा साहेब ने हिन्दू कोड बिल के माध्यम से, महिलाओं के सम्पूर्ण व व्यापक उत्थान व कल्याण का प्रयास किया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी व अन्य विरोधी संगठनों ने तब बाबा साहेब के उस प्रयास को भी असफल कर दिया था, जिस कारण बाबा साहेब को मायूस होकर केन्द्रीय क़ानून मन्त्री के पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था, हालांकि केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल से उनके इस्तीफा देने के पीछे कुछ और भी महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।

बहन मायावती जी ने कहाकि जैसाकि सर्वविदित है कि बहुजन समाज पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है, बल्कि पूरी तरह से इसके पक्ष में है, क्योंकि बी.एस.पी. का नेतृत्व दलित समाज में जन्मी एक ऐसी सशक्त महिला के हाथ में है जिसने देश की राजनीति में अपनी एक अलग मज़बूत और अनोखी जगह बनायी है, जो वर्तमान में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण एवं विशाल राज्य की मुख्यमन्त्री भी हैं और सर्वसमाज के ग़रीबों, शोशितों व पीड़ितों को सम्मानपूर्वक जीवन यापन की सुविधा मुहैया कराने के लिये पूरी तरह से तत्पर हैं। लेकिन देश में लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का जो विधेयक अभी हाल ही में दिनांक 9 मार्च, 2010 को केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पास कराया गया है, उससे देश की अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं सवर्ण समाज की ग़रीब महिलाओं को कोई ज़्यादा व सीधा लाभ होने वाला नहीं है, क्योंकि इस विधेयक में इन वर्गों की महिलाओं के लिये अलग से आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है।

इसके अलावा इस विधेयक में अनेकों गम्भीर व घातक कमियां हैं, जिनका पर्दाफाश करने के लिये बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की जयन्ती के दिन दिनांक  14 अप्रैल, 2010 को ज़िला स्तर पर एक दिन का धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। उन्होंने इसके लिये लोगों का आह्वान किया कि वे अपने मसीहा बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के लिये एक दिन का पूरा समय निकाल कर इस कार्यक्रम को ज़रूर सफल बनायें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने सम्बंधी निर्णय का स्वागत

Posted on 26 March 2010 by admin

लखनऊ- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने सम्बंधी निर्णय का स्वागत किया है और मांग की है केन्द्र सरकार पूरे देश में पिछड़े वर्ग के मुस्लिमों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में तुरन्त कार्यवाही करे। उत्तर प्रदेश सरकार को तुरन्त इस बारे में बिल लाना चाहिए।

श्री यादव ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग के मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल कर एक रास्ता खोला था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर मुहर लगाते हुए सामाजिक औरशैक्षणिक तौर पर पिछड़ें मुस्लिमों को आरक्षण का हक देकर एक प्रशंसनीय कार्य किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सवाल यह नहीं है कि वे हिन्दू हैं या मुस्लिम। बल्कि सवाल सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन का है। सिर्फ इसलिए कि वे मुस्लिम है उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है। केवल धर्म के आधार पर दलितों और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी का समाजवादी पार्टी हमेशा विरोध करती रही है। उसकी हमेशा मांग रही है कि मुस्लिमों  को भी नौकरी तथा शिक्षा के क्षेत्र मे पर्याप्त आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए केन्द्र सरकार को उचित वैधानिक कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में सर्वप्रथम यह मुद्दा उठाया और सरकार को बाध्य किया कि वह सच्चर कमेटी तथा रंगनाथ मिश्र की संस्तुतियों को लागू करने में देर न करे।

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आजादी के बाद मुस्लिम समुदाय की हालत बद से बदतर हुई है। उसका एक बड़ा वर्ग शिक्षा और नौकरी के साथ सत्ता प्रतिष्ठानो में नगण्य हो गया है। कांग्रेस जिसने 50 साल से ज्यादा इस देश पर राज किया मुस्लिमों के इस लगातार पिछड़ेपन और दुर्दशा के लिए जिम्मेवार है। विधान सभाओं और संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व जो अभी बरायनाम है, हमेशा को समाप्त करने के लिए महिला आरक्षण बिल लाया गया है। ये साजिशें मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए हो रही है। इसीलिए श्री मुलायम सिंह यादव  इन नीतियों का पुरजोर विरोध करते है और मानते हैं कि इस देश के हर नागरिक को, जो शिक्षा, नौकरी तथा सामाजिक रूप से पिछड़ा है, अपना हक पाने का अधिकार है। सामाजिक न्याय के सिद्धान्त के आधार पर गरीब व पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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बी0एस0पी0 के धरना-प्रदर्शन में उमड़ा जनसैलाब

Posted on 25 March 2010 by admin

बी0एस0पी0 प्रमुख तथा मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर तथा आगरा मण्डल के जनपदों का हवाई सर्वेक्षण करके धरना प्रदर्शन में उमड़े जन-समूह का जायजा लिया

लखनऊ  - बहुजन समाज पार्टी ने संस्थापक एवं जन्म दाता मान्यवर श्री कांशीराम जी की 76वें जन्म दिन तथा पार्टी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर 15 मार्च, 2010 लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय विशाल महारैली को रोकने व बाधित करने के लिए विरोधियों ने तमाम घिनौनी साजिश की थी। इस साजिश का पर्दाफाश करने के लिए बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने 25 मार्च को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करके विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने की घोषणा की थी। उनके निर्देशों के अनुरूप आज प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्यालयों पर विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा अपरकास्ट के लोगों का जनसैलाब उमड़ा। बहुजन समाज पार्टी के खिलाफ की जा रही घिनौनी साजिशों का पर्दाफाश करने के लिए कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश-खरोश के साथ धरना-प्रदर्शन में भाग लिया। इसका नेतृत्व अपने-अपने जनपदों में मन्त्रियों, सांसदों, विधायकों, क्षेत्रीय कोआडिनेटर आदि ने किया। यह धरना-प्रदर्शन पूरी तरह सफल रहा।

लखनऊ कलेक्ट्रेट में आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि महारैली की सफलता से बौखलाये विपक्षी नेताओं के पास जब कोई मुद्दा नहीं बचा तो इन लोगों ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी के सम्मान में पहनायी गई नोटों की माला को ही अपने विरोध का मुद्दा बना लिया। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 कार्यकर्ताओं के छोटे-छोटे आर्थिक सहयोग से यहां तक पहुंची है। पार्टी के कार्यकर्ता कभी मान्यवर श्री कांशीराम जी के वजन बराबर तो कभी आयु के आधार पर चन्दा देकर पार्टी को आगे बढ़ाया। बी0एस0पी0 धन्नासेठों से पैसे लेकर न तो पार्टी चलाती है और न ही चुनाव लड़ती है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 को जो पैसा देता है वह वोट भी देगा।

photoश्री सिद्दीकी ने कहा कि विपक्षी बी0एस0पी0 के खिलाफ साम, दाम, दण्ड, भेद अपनाकर तरह-तरह के दुष्प्रचार करके बदनाम करते रहते हैं। मान्यवर श्री कांशीराम जी के जन्म दिन पर रैली को बाधित करने की कोशिश भी इसी का हिस्सा है। रैली को असफल बनाने के लिए जनहित याचिका दाखिल करने की ओछी हरकत की गई। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इस तरह का पी0आई0एल0 दायर करके किसी रैली को रोकने का असफल प्रयास किया गया। इसके बाद मधुमिक्खयों को उड़ाकर रैली रोकने का प्रयास किया गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बी0एस0पी0 की रैली को कोई रोक नहीं सकता। श्री सिद्दीकी ने सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं द्वारा माला पहनने का प्रमाण देने के लिए इन्टरनेट से निकाली गई तस्वीरों को जनता के सामने प्रदर्शित किया। लखनऊ में धरना-प्रदर्शन को नगर विकास मन्त्री श्री नकुल दुबे, सांसद श्री जय प्रकाश रावत व श्री अखिलेश दास गुप्ता, विधान परिषद सदस्य श्री रामचन्द्र प्रधान, विधायक श्री सिद्धार्थ शंकर व इरशाद खां आदि ने सम्बोधित किया।

इसी तरह प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन के दौरान मुत्रियों, सांसदों, विधायकों, जोनल-कोआर्डिनेटर ने अपने सम्बोधन में विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किये। इन वक्ताओं ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा बी0एस0पी0 के खिलाफ की जा रही घिनौनी साजिशों का जोरदार जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती को कार्यकर्ताओं द्वारा पहनायी गई नोटों की माला को संसद तक ले जाने का कार्य किसने किया, यह प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। इन पार्टियों को अपनी करतूत शायद याद नहीं है। वक्ताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को देश में बेरोजगारी और गरीबी नहीं दिखायी पड़ती। यू0पी0ए0 की सरकार देश वासियों को धोखा दे रही है। यू0पी0ए0 सरकार ने अभी डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाये हैं। इनकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण मंहगाई चरम-सीमा पर है। उन्होंने भाजपा पर भी तीखे प्रहार करते हुए कहा कि वह अब डूबता जहाज है। भारतीय जनता पार्टी जब केन्द्र में सरकार थी, इन्हीं के कार्यकाल में आतंकवादी कान्धार काण्ड को अंजाम दिये थे।

वक्ताओं ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि इस पार्टी की कोई विचारधार नहीं है। तथाकथित समाजवादी पार्टी पूरी तरह गुमराह है। विधान सभा में अन्दर और बाहर क्या बोलते हैं किसी को पता नहीं और हैरत की यह बात है कि इन्हें भी पता नहीं। वक्ताओं ने कहा कि लोकदल सिर्फ दो जिलों की पार्टी है। श्री अजीत सिंह बड़ी-बड़ी मालायें पहनते हैं और जब सुश्री मायावती जी ने माला पहनी तो वह गलत थीं।

वक्ताओं ने विभिन्न अवसरों पर विपक्षी दलों द्वारा नोटों की माला पहनने तथा सोने व चान्दी के मुकुट लेने का सिलसिलेवार व्यौरा देते हुए कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी महर्षि बाल्मीक की जयन्ती पर जब हजार-हजार रूपये के नोटों की माला पहनती हैं तो कोई एतराज नहीं करता। इससे क्या रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के नियमों का उल्लंघन नहीं होता। एक दूसरे कार्यक्रम में यू0पी0ए0 की चेयर परसन श्रीमती सोनिया गांधी चान्दी का मुकुट पहने हुए हैं। इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री लाल कृष्ण अडवानी चान्दी के मुकुट उपहार में लेते हैं और सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव को फिरोजाबाद लोक सभा उपचुनाव में चान्दी की गदा भेंट की जाती है। इसके अलावा विभिन्न अवसरों पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने अपने नेताओं को नोटों की माला, सोने के मुकुट, तलवार आदि भेंट किये जाते हैं तो कही कोई चर्चा नहीं होती और जब दलित की बेटी नोटों की माला पहनती है तो विपक्षी पार्टियां दुखी हो जाती हैं। नेताओं ने जोर देकर कहा कि सुश्री मायावती को पार्टी कार्यकर्ता नोटों की माला पहनायेंगे।

वक्ताओं ने सपा के नेताओं को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत देते हुए कहा कि जो जितना बड़ा अपराधी है, वो उतना बड़ा समाजवादी है। फिरोजाबाद में चान्दी की गदा जब अपने कंधे पर रखकर हल्लाबोल का नारा लगाते हैं, तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होता। बसपा नेताओं ने बी0एस0पी0 को कोसने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि बी0एस0पी0 को मिटाना आसान नहीं है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं की तालियों की गड़गड़ाहट और जोशीले नारे के बीच ललकारते हुए कहा कि विपक्षियों की साजिश को किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जायेगा।

इस मौके पर बी0एस0पी0 नेताओं ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि आजादी के 63 वर्ष के बाद भी जनता को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं ने सवालिया लहजे में कहा कि आजादी के बाद यह सोचने का विषय है कि देश के लोग कहां खड़े हैं। चारो तरफ गरीबी, भुखमरी और लाचारी है, इसमें दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और अपरकास्ट के गरीबों की हालत अब-भी दयनीय बनी हुई है। इन सबके लिए लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। इसमें सपा भी हॉ में हॉ मिलाती रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में तीन बार भारतीय जनता पार्टी की भी सरकार रही, लेकिन गरीबों के लिए इन्होंने भी कोई ठोस नहीं कदम उठाये गये। नेताओं ने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव के कारण आतंकवाद बढ़ रहा है। यह सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।

बी0एस0पी0 नेताओं ने प्रदर्शन में घोटालों की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में सुखोई, बोफोर्स तथा हवाला आदि जैसे भारी घोटाले हुए। भाजपा के शासनकाल में तहलका, तेलगी, ताबूत घोटाला हुआ। बिहार में श्री लालू यादव ने चारा घोटाला किया। वक्ताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी सहित सभी को अपने गिरेबान में पहले झांकना चाहिए। उन्होंने सपा के नेताओं की अकूत सम्पत्ति एवं घोटालों का ब्यौरा देते हुए कहा कि सपा की 150 घोटालों की सूची है। श्री अखिलेश यादव, श्री शिवपाल यादव पुत्रवधु श्रीमती डिम्पल यादव के पास बेनामी तथा अकूत सम्पत्ति है। वक्ताओं ने श्री अखिलेश यादव की सम्पत्ति का ब्योरा देते हुए कहा कि इनके पास 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक की सम्पत्ति दिखायी गई है। वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं का अवाहन किया कि इनके कारनामों और सम्पत्तियों के बारे में जनता को बतायें। इन नेताओं ने अपने-अपने जनपदों में कार्यकर्ताओं का अवाहन किया कि यहां से यह संकल्प लेकर जाये कि जब तक सुश्री मायावती को प्रधानमन्त्री नहीं बना लेगें तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।

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अवस्थापना सुविधाओ के विकास चुनौतियाँ और संभावनाएँ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

Posted on 24 March 2010 by admin

लखनऊ - प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अवस्थापना सुविधाओं के विकास, चुनौतियां और सम्भावनाएं विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें देश भर के वित्त/योजना मन्त्रियों ने भाग लिया। सम्मेलन में उ0प्र0 की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के प्रतिनिधि के रूप में वित्त मन्त्री श्री लालजी वर्मा ने प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को उसके विभिन्न मन्त्रालयों में पी0पी0पी0 के आधार पर लिम्बत पड़ी उत्तर प्रदेश की योजनाओं को स्वीकृति यथाशीघ देनी चाहिए, ताकि प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तेजी से हो सके। उन्होंने आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश को अधिक से अधिक सहयोग का आग्रह किया है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश के साथ असहयोग का रवैया अपनाये हुए है।

श्री वर्मा ने स्वास्थ्य, ऊर्जा, सड़क, यातायात तथा एयरपोर्ट से सम्बन्धित योजनाओं का विस्तार से जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की उदासीनता के कारण इनको अभी मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि ताज इंटर नेशनल एयरपोर्ट का मामला नागरिक उड्डयन मन्त्रालय में लिम्बत है। राज्य सरकार इसे योजना आयोग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप पी0पी0पी0 के आधार पर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अविलम्ब इसकी मंजूरी देनी चाहिए। इसी तरह राज्य सरकार कुशीनगर में पी0पी0पी0 के आधार पर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास करना चाहती है, क्योंकि बौद्ध धार्मिक पर्यटन एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश से खाड़ी के देशों में बढ़ते आवागमन को देखते हुए यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के गृह और वित्त मन्त्रालयों से अनुमति का अनुरोध किया गया है। केन्द्र सरकार को इस मामले का निस्तारण तत्काल करना चाहिए।

वित्त मन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार से समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट के लिए कहा जाता है, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा पी0पी0पी0 के आधार पर बनाये जाने वाले नये एक्सप्रेस-वे तथा राजमार्ग हाईवे एवं सम्पर्क मार्ग बनाने के सभी रास्ते बन्द हो जाते हैं। केन्द्र सरकार को इस तरह का कोई अनुबन्ध राज्य सरकार पर नहीं थोपना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सड़क राजमार्ग तथा एक्सप्रेस-वे में पूंजी निवेश बन्द नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा इससे प्रदेश की अवस्थापना सुविधाओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतिस्पर्धी सड़कों के निर्माण और इन्टर चेंज से सम्बन्धी मुद्दों के निस्तारण के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया है। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि इस मंच का उपयोग सड़कों के विकास के लिए किया जा सकता है।

श्री वर्मा ने कहा कि पी0पी0पी0 के आधार पर राज्य के बस अड्डों के विकास और आधुनिकीकरण के लिए उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम की एक सब्सीडियरी इकाई स्थापित किया जाना है। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से इसके लिए अनुमति मांगी है, किन्तु लगातार पत्र-व्यवहार करने और इस सम्बन्ध में हुई बैठकों के बावजूद अब तक अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मामले में शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करते हुए स्वीकृति देनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार का यह मानना है कि सड़क परिवहन प्रणाली के त्वरित विकास के लिए राज्य सड़क परिवहन निगमों की जिम्मेदारियों को बांटा जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस दिशा में प्रभावी पहल सुनिश्चित करनी चाहिए।

वित्त मन्त्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पी0पी0पी0 मॉडल के आधार पर माध्यमिक, उच्च शिक्षा, तकनीकी, सामान्य शिक्षा, परास्नातक तथा विशिष्ट शोध केन्द्रों तथा बौद्धिक विकास से सम्बन्धित आई0टी0आई0 की भान्ति अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश सरकार ने छ: आई0टी0आई0, आठ पालिटेक्निक पी0पी0पी0 आधार पर निजी विकासकर्ताओं को लैण्ड ग्रान्ट बेसिस पर दिये हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास शिक्षा में पी0पी0पी0 के सहयोग के लिए न तो कोई नीति और न ही फ्रेम वर्क है। मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने इस दिशा में कोई विशेष निर्देश अथवा कोई सहायक दिशा-निर्देश जारी नहीं किये हैं, खासतौर से पालिटेक्निक, स्नातक स्तर, तकनीकी संस्थाओं, माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों तथा कॉलेजों के लिए। इस दिशा में मानव संसाधन विकास मन्त्रालयों को राज्यों के सहयोग से शिक्षा में स्टेट रन पी0पी0पी0 मॉडल के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए।

श्री वर्मा ने कहा कि राज्य सरकारें नि:शुल्क चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध करा रहीं हैं, इसमें केन्द्र को पूरा सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाते हुए कोयला आधारित नये बिजली संयन्त्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जवाहरपुर (एटा), दोपाहा (सोनभद्र), ललितपुर तथा यमुना एक्सपे्रस वे परियोजनाओं के लिए कोल लिंकेज स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत हैं। इसके अलावा छ: कोल ब्लॉक के आवंटन का भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। उन्होंने केन्द्रीय कोयला मन्त्रालय से प्राथमिकता के आधार पर राज्य सरकार के लिए कोयले का कोटा आवंटित किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वर्तमान में 48 हजार मेगावाट क्षमता के 12 अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट देश के विभिन्न हिस्सों में लगवा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में एक भी अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट मन्जूर नहीं किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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गिरजा प्रसाद कोइराला भारत-नेपाल के बीच आत्मीय सम्बंधों के सेतु थे - मुलायम सिंह

Posted on 20 March 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री गिरजा प्रसाद कोइराला के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि वे भारत-नेपाल के बीच आत्मीय सम्बंधों के सेतु थे। उनका निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति भी है।

श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि श्री गिरजा प्रसाद कोइराला ने नेपाल में राणाशाही और राजशाही की समाप्ति तथा लोकतन्त्र की स्थापना के आन्दोलनों की अगुवाई की थी। नेपाल में लोकतन्त्र की बहाली के आन्दोलन को समाजवादी आन्दोलन के महानायक डा0 राम मनोहर लोहिया ने गति दी थी। भारत के समाजवादियों के साथ स्व0 कोइराला के निकट सम्बंध थे। श्री यादव ने कहा कि मेरे भी स्व0 कोइराला के साथ निकट सम्बंध थे। अपनी नेपाल यात्रा के दौरान मैने उनके परिवार के साथ स्मरणीय क्षण बिताए थे। उनके परिवार ने जो प्रेमपूर्ण व्यवहार किया, आग्रहपूर्वक भोजन कराया वह सब याद आ रहा है।

श्री यादव ने कहा कि नेपाल के चार बार प्रधानमन्त्री रहे स्व0 कोइराला आज के नेपाल के निर्माता के रूप में याद किए जाएगें। संकट की हर घड़ी में नेपाल के सभी लोग उनकी ओर आशाभरी निगाहों से देखते थे। माओवादी आन्दोलन में भी उनकी शान्तिपरक भूमिका की सबने सराहना की थी। उन्होने नेपाल को गृह युद्ध से बचा लिया था।

मुलायम सिंह यादव ने नेपाल की उप प्रधानमन्त्री, विदेशमन्त्री तथा स्व0 कोइराला की बेटी सुश्री सुजाता कोइराला को अपना सन्देश भेजकर शोक संवेदना व्यक्त की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पुरुषो का प्रतिनिधित्व लगभग शून्य हो जाएगा - मुलायम सिंह

Posted on 14 March 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने एक कार्यकृम को संबोधित करते हुये कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का वर्तमान स्वरूप भारत की संसदीय प्रणाली के लिए घातक सिद्ध हो सकता हैइसलिए नही कि इसमे एक तिहाई आरक्षण महिलाओ के लिए है बल्कि इस आरक्षण के लागू होने के दस साल बाद हिन्दुस्तान की लोक सभा मे और राज्यो की विधान सभा मे पुरुषो का प्रतिनिधित्व लगभग शून्य हो जाएगा और देश का स्थापित एवं अनुभवी नेतृत्व किसी दल का हो, संसद से बाहर हो जाएगाm-11

सिंह ने कहा यों तो इस विधेयक मे एक तिहाई सीटे महिलाओ के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है लेकिन जो 33% महिलाए प्रथम आरक्षण के बाद चुनकर लोक सभा मे पहुँचेगीवे अपनी जीती हुई सीट को छोड्ना नही चाहेगीं और कानूनन उन्हे विवश भी नही किया जा सकता जबकि रोटेसन के कारण दूसरे चुनाव मे 33% अन्य सीटे महिलाओ के लिए आरछित कर दी जाएगी।  इस प्रकार ठवीँ वर्ष मे भारत की संसद मे लगभग 66% महिला सदस्य होगीं और तीसरी लोकसभा आते-आते यानी 11वे वर्ष मे यह प्रतिशत बदकर 99 हो जाएगा यादव ने कहा कि यहाँ पर मै  स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि कोई भी पार्टी आमतौर पर 10% से ज्यादा सिटिंग सदस्यो की टिकिट नही काटती और इसे मान भी लिया जाए तो भी आरक्षण लागू होने के बाद 11वी वर्ष मे हिन्दुस्तान की पार्लियामेंट मे कम से कम 80 से 85 प्रतिशत के बीच
महिलाओ का प्रतिनिधित्व होगा

यादव ने कहा कि देश के सामने गंभीर संकट हैहमारे किसी भी पड़ोसी देश से संबंध अच्छे नही हैचीन और पाकिस्तान हमारी सीमा पर आख गड़ाए बैठे हैसे मे देश को अनुभवी नेतृत्व की आवश्यकता होगी लेकिन दुर्भाग्य से पूरा नेतृत्व संसद से बाहर होगा और उसका नीत निर्धारण मे और महत्वपूर्ण निर्णय लेने मे कोई भी साथ नही देगादेश की स्थित
क्या होगी, इसकी अभी कल्पना भी नही की जा सकतीजहाँ तक इस विधेयक पर मुसलमानदलित और पिछदी महिलाओ के आरछन का प्रश्न है,इस संबंध मे मै आपको बताना चाहूगा कि सन 1952 से लेकर अब तक 15 लोकसभाओ मे 7906 लोक सभा सदस्यो मे केवल 14 मुस्लिम महिलाए लोकसभा मे चुनकर पहुँची है जिनका प्रतिशत 0.17 फीसदी है। 15वी लोकसभा मे सर्वाधिक मुस्लिम महिलाए चुनकर लोकसभा मे पहुँची है जिनकी संख्या 3 हैउनमे से 2 उत्तर प्रदेश से तथा एक पश्चिम बंगाल से है

यादव ने कहा, बगैर आरक्षण के जो अन्य महिलाए चुनकर आई है तो वे या तो पूर्व केंद्रीय मंत्रियो और भूतपूर्व या वर्तमान मुख्य मंत्रियो या भूतपूर्व या वर्तमान संसद सदस्यो विधायको की बेटियाँ, पौत्रिया या पत्निया है सामान्य गरीब परिवारो से कोई भी महिला लोक सभा मे चुनकर नही पहुची इसलिए हम माँग करते है कि इस विधेयक मे मुसलमान,दलितो और पिछदी वर्गो की महिलाओ की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान विधेयक का स्वरूप बदला जाये और उसमे इन वर्गो को आरछन दिया जायेबिना आरक्षण के मुस्लिम,दलित और पिडी महिलाए आधुनिकता के रंग मे रॅगीं हुई पढ़ी लिखी फर्राटेदार अंग्रज़ी बोलने वाली और संपन्न महिलाओ का मुकाबला नही कर सकती

यादव ने कहा,आरक्षण के लिए राजनैतिक द्लो को कानून बनाकर प्रस्तावित कोटा के अनुसार आरक्षण देने को बाध्य किया जाएअगर कोई दल इसका उलंघन करता है तो निर्वाचन आयोग को यह अधिकार हो की उस दल का रजिस्ट्रेसन रद्द कर देंयद्यपि प्रस्तावित विधेयक मे दलित महिलाओ के आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन वह दलितो के आरक्षण अंदर ही है और इसमे भी दलित वर्ग का जो बड़ा और स्थापित नेतृत्व है उसके खत्म होने की आशंका है इसलिए आरच्छन् उसके बाहर होना चाहिएदेश के नेतृत्व और देश के हित मे सोंचते हुए समाजवादी पार्टी का रुख महिला आरक्षण के वर्तमान प्रारूप के खिलाफ है, महिला आरक्षण के खिलाफ नहीं लेकिन मुझे दुख है कि मीडिया के जरिए समाजवादी पार्टी को महिला आरक्षण विरोधी
प्रचारित किया जा रहा है जो सत्यता से कोसों दूर है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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इच्छाधारी फिर कराएगा साईधाम में शतचण्डी यज्ञ

Posted on 13 March 2010 by admin

अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताता रहा बाबा
झल्लाए ए.सी.पी ने मीडियाकर्मियों को दूर रखने का किया प्रयास

चित्रकूट -  मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मैं फिर से अपने पैतृक गांव चमरौहां में शतचण्डी यज्ञ करवाऊंगा। यह बात इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवा द्विवेदी ने शनिवार को चित्रकूटधाम रेलवे स्टेशन में उस समय कही जब दिल्ली पुलिस उसको अपने घेरे में ले कर उत्तर प्रदेश संपर्क क्रान्ति से दिल्ली ले जाने के लिए यहां पहुंची। हालांकि दिल्ली पुलिस के अधिकारी झल्लाते हुए पत्रकारों को बाबा से दूर रखने का प्रयास कर रहे थे।
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मालूम हो कि देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किए गए इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवमूरत उर्फ शिवा को दिल्ली पुलिस मकोका में रिमाण्ड मिलने के बाद शुक्रवार को दोबारा लेकर रीवांचल एक्सप्रेस से मानिकपुर स्टेशन पहुंची थी। जहां स्टेशन के बाहर गेस्ट हाउस में कुछ देर रुकने के बाद बाबा द्वारा बनवाए जा रहे साईंधाम मन्दिर चमरौहां पहुंच उसके घर भी गई थी। जहां घर के दरवाजे बन्द करवा दिल्ली पुलिस के एसीपी मेहर सिंह ने घंटों बाबा से पूछताछ की थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस सीतापुर कस्बे स्थित यूपी टूरिस्ट बंगले में बाबा को लेकर रुकी हुई थी। इस बीच लगातार अन्देशा जताया जाता रहा कि दिल्ली पुलिस के बाबा की हकीकत जानने के लिए उसे ऐसे कई स्थानों पर ले जा सकती है जहां से कभी न कभी बाबा का जुड़ाव रहा होगा। लेकिन एसी कमरे में बन्द होने के बाद दिल्ली पुलिस शनिवार को भी दोपहर बाद तक बाबा को लिए टूरिस्ट बंगले के कमरा नंबर 213 में ही रुकी रही। जबकि मीडिया कर्मियों सहित अन्य लोग भी आगे की तहकीकात के बारे में उत्सुकता से टूरिस्ट बंगले के आस-पास ही घूमते रहे। इधर शाम पांच बजे एक प्राइवेट चार पहिया वाहन में बैठ टीम सीधे चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन पहुची जहां बाबा को प्रतीक्षालय में बैठा मुख्य गेट पर दिल्ली पुलिस के जवान पहरेदारी करते रहे। इस बीच जब टीम इंचार्ज  दिल्ली पुलिस के एसीपी जो बार-बार बाहर निकल ट्रेन के आने की जानकारी कर रहे थे बातचीत की गई तो उन्होंने झल्लाते हुए कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

13ckt71इसी बीच  मानिकपुर से आई उत्तर प्रदेश संपर्क क्रान्ती एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफार्म नंबर 1 में रुकी तो दिल्ली पुलिस के जवान अपने घेरे में लेकर बाबा को एसी कोच ए-1 की ओर बढ़ गए। इस दौरान हुई बातचीत में बाबा इच्छाधारी ने कहा कि उसके ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं वे सब निराधार और बेबुनियाद है। जिसका नतीजा जल्द ही सामने आ जाएगा। साथ ही उसने कहा कि उसके द्वारा फिर से निर्माणाधीन मन्दिर में शतचण्डी यज्ञ करवाएगा। इस बीच बाबा लगातार यही कहता रहा कि आरोप बेबुनियाद हैं। शायद उसी के चलते दिल्ली पुलिस के ए.सी.पी मेहर सिंह मीडियाकर्मियों से बाबा को दूर करने के लिए झल्लाते हुए सभी को धकियाते भी रहे। स्टेशन से ट्रेन रवाना होने तक तक इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम स्टेशन पर डटा रहा।

श्री गोपाल

09839075109

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