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देश में आरक्षण के प्रबल समर्थक राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज का अपनी रियासत में सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन हेतु ऐतिहासिक योगदान, जन्मदिन के पुनीत अवसर पर उन्हें शत्-शत् नमन व बी.एस.पी. की भावभीनी श्रद्धांजलि

Posted on 26 June 2011 by admin

  • देश को कांग्रेस व बी.जे.पी. की देन ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु “बी.एस.पी. मूवमेन्ट“ को मज़बूत करने का माननीया सुश्री मायावती जी का आह्वान
  • मुम्बई में झोंपड़-पट्टी में रहने वाले ग़रीबों को वहां से उजाड़ने के बजाय, वहीं पर ही उत्तर प्रदेश की भांति दो-दो कमरों के बहुमंजिला मकान बनाकर देने की महाराष्ट्र सरकार से बी.एस.पी. की माँग, ताकि उनकी रोजी-रोटी न छिने
  • कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने वाली कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित
  • अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए
  • इन दोनों मुद्दों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी
  • महाराष्ट्र व गुजरात बी.एस.पी. यूनिट का राज्य-स्तरीय कार्यकर्ता अधिवेशन मुम्बई में सफलतापूर्वक सम्पन्न

अपने भारत देश में आरक्षण के प्रबल समर्थक राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज को उनके जन्मदिन पर आज उन्हें शत्-शत् नमन करते हुये बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहाकि समाज के दबे-कुचले दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान का जीवन देने हेतु उनके योगदान, संघर्ष व बलिदान के प्रति राष्ट्र सदा नतमस्तक रहेगा एवं उन्हें कभी भुला नहीं पायेगा। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार जरूरी वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाकर और उनको कम करने का जिम्मा राज्य सरकारों पर डालकर एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश कर रही है।

उत्तर प्रदेश की मा0 मुख्यमंत्री एव बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी आज मुम्बई के गोरेगाँव पूर्व स्थित विशाल नेस्को एक्ज़ीबिशन सेन्टर में आयोजित महाराष्ट्र व गुजरात बी.एस.पी. यूनिटों के राज्य-स्तरीय कार्यकर्ता अधिवेशन को सम्बोधित कर रही थी। अधिवेशन में दोनों राज्यों के छोटे-बड़े पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, परम्पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि का, ग़ैर-बी.एस.पी. पार्टियों की पूर्ववर्ती सरकारों ने, जातिवादी मानसिकता के तहत काम करते हुये, घोर उपेक्षा व तिरस्कृत किया, परन्तु उŸार प्रदेश में उनके नेतृत्व में बी.एस.पी. की सभी हुकूमतों में इन्हें विभिन्न रूपों में पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया है एवं ‘सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन’ के क्षेत्र में इनके अविस्मरणीय योगदानों को चिर-स्थायी बनाने हेतु अनेकों ऐतिहासिक व महŸवपूर्ण काम किये गये हैं, जिनमें इनके नाम पर भव्य स्थलों/स्मारकों के निर्माण के साथ-साथ नये ज़िलों व शिक्षण संस्थाओं आदि की स्थापना भी शामिल हैं।

देश में करोड़ों शोषित, पीड़ित व उपेक्षित लोगों के लिये आत्म-सम्मान के मानवतावादी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में महाराष्ट्र राज्य के महŸवपूर्ण व विशेष योगदान का उल्लेख करते हुये उन्होंने लोगों से देश और ख़ासकर महाराष्ट्र में ‘आत्म-सम्मान मूवमेन्ट’ को और ज़्यादा मज़बूत करने की अपील की। उन्होंने कहाकि परम्पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की समता व समानता की मानवतावादी विचारधारा को अमलीजामा पहनाने के लिये बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के साथ-साथ अम्बेडकरवादी पार्टी बी.एस.पी. का महाराष्ट्र व केन्द्र की सŸाा में आना ज़रूरी है, तभी ही भारतीय संविधान को उसकी असली मंशा के अनुरूप लागू करके देश के करोड़ों ग़रीबों, दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों का भी वास्तविक कल्याण व उत्थान कर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार किया जा सकता है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार की जन-विरोधी नीतियों का ज़मीनी स्तर पर डट कर मुक़ाबला करने के लिये भी देश में ‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट’ को मज़बूत करने की ज़रूरत है। वैसे भी यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट का जन्म ही, देश में शोषित, उपेक्षित व ग़रीबों के हितों की रक्षा करने के लिये हुआ है और अब तक ख़ासकर केन्द्र व ज़्यादातर राज्यों की सŸाा में रही कांग्रेस पार्टी की जन-विरोधी नीतियों व उसकी दलित-विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुये इसकी ग़लत नीतियों का विरोध करने के लिये  बी.एस.पी. हर स्तर पर लगातार तत्पर है। बी.एस.पी. का ऐसा ही विरोध बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के साथ भी है।

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में ख़ासकर उŸार प्रदेश व बिहार से रोज़ी-रोटी की तलाश में आये लोगों की प्रति महाराष्ट्र राज्य में अब तक की कांग्रेस व बी.जे.पी. सहित विरोधी पार्टी की सरकारों का रवैया सौतेला अर्थात् न्यायपूर्ण नहीं होने का उल्लेख करते हुये माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि महाराष्ट्र सरकार के इस प्रकार के रवैये के कारण घरबार छोड़कर देश को अपना खून-पसीना देने वाले सर्वसमाज के ग़रीब, मज़दूर व विभिन्न आय वर्ग के लोगों को अनेकों प्रकार के विकराल समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है। इन ग़रीबों की रिहायशी बस्तियों में सड़क पानी, बिजली, स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है तथा इनकी बस्तियों को उजाड़ने का ख़तरा इनके सर पर हमेशा मंडराता रहता है। उन्होंने मुम्बई में झोंपड़-पट्टी में रहने वाले ग़रीबों को वहां से उजाड़ने के बजाय, वहीं पर ही उत्तर प्रदेश की भांति दो-दो कमरों के बहुमंजिला मकान बनाकर देने की महाराष्ट्र सरकार से माँग की, ताकि उनकी रोजी-रोटी न छिने सके।

अपने भारत देश में व्याप्त व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी व महँगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार के अभिशाप का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि देश को अन्दर से कमज़ोर करने वाली इन बुराइयों के लिये कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाँ इसके लिये पूरे तौर पर ज़िम्मेदार हैं, क्योंकि केन्द्र व विभिन्न राज्यों में अपने शासनकालों के दौरान इन पार्टियों ने कभी भी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक सख़्त कार्यवाही नहीं की है। केन्द्र के साथ-साथ भारत के प्रान्तों में भी इन पार्टियों की सरकारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हंै। उन्होंने कहाकि देश भर में बी.एस.पी. ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई से अपना संगठन चलाती है और विरोधी पार्टियों की तरह धन्नासेठों के धन पर आश्रित नहीं है। इसीलिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार समाज के शोषित, उपेक्षित व ग़रीब लोगों के हित व सम्मान में बड़े-बड़े युग-परिवर्तनीय काम करके इन वर्गों के लोगों का जीवन सुधार कर, देश हित में, सामाजिक परिवर्तन की राह हमवार कर रही है।

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहाकि देश की आज़ादी के बाद से अब तक अर्थात् पिछले लगभग 63 वर्षों में समाज के अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी ख़राब व दयनीय रही है, क्योंकि केन्द्र व राज्यों की सŸाा में रही पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. की नीतियाँ बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को ही ध्यान में रखकर बनायी गयीं अर्थात् देश व विभिन्न प्रदेशों में सŸाा ज़्यादातर अप्रत्यक्ष तौर पर धन्नासेठों के हाथों में रही है, जिस कारण ही, अमीर और ज़्यादा अमीर व ग़रीब और ज़्यादा ग़रीब बनते जा रहे हंै। इस प्रकार की ग़लत आर्थिक नीति ने देश का बड़ा अहित किया है। यही कारण है कि  बी.एस.पी. के गठन की ज़रूरत पड़ी और तबसे अब तक “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” के माध्यम से देश भर में इस प्रकार की जन-विरोधी नीति के खि़लाफ संघर्ष लगातार जारी है, जिसको देश के कोने-कोने में, ख़ासकर पश्चिमी भारत में आपके राज्यों में और ज़्यादा मज़बूत करने की ज़रूरत है, जोकि एक राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि बी.एस.पी. एक मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिसका उद्देश्य दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी खासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के बताये हुये रास्तों पर चलकर देश में “समतामूलक समाज” की स्थापना करना है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि ग़रीबी, बेरोज़गारी व आसमान छूती महँगाई से आज पूरे देश में हर वर्ग व हर समाज के लोग त्रस्त हैं, परन्तु कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस राष्ट्रीय समस्या के प्रति उदासीन व लापरवाह है तथा उसके नेता केवल संकीर्ण व तुच्छ राजनीति करने पर अमादा हैं, जबकि उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार ने कई कारगर उपाय करके प्रदेश की जनता को इन मामलों में काफी राहत पहुँचायी है। स्थायी व अस्थायी रोज़गार के लाखों नये अवसर मुहैया कराये गये हैं तथा अपने स्तर पर विभिन्न करों आदि में कमी करके जानलेवा महँगाई से लोगों को थोड़ी राहत पहुँचायी गयी है। सर्वसमाज के 31 लाख अत्यन्त ग़रीब परिवारों की महिला मुखिया को “उŸार प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना“ के माध्यम से 400 रुपये प्रतिमाह की दर से एक मुश्त छह माह की 2,400 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके आँसू पोंछने का काम कर रही है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि के खि़लाफ बी.एस.पी. ने ‘‘देशव्यापी जन-आन्दोलन‘‘ छेड़ते हुये उत्तर प्रदेश के समस्त 72 ज़िलों के मुख्यालयों पर दिनांक 31 मई सन् 2011 को विशाल धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम कर इसकी शुरुआत की है और अब डीज़ल, मिट्टी का तेल व रसोई गैस की क़ीमत में भारी वृद्धि कर महँगाई की आग में घी डालने का काम किया गया है। उन्होंने पश्चिमी भारत के राज्यों महाराष्ट्र व गुजरात की पार्टी यूनिटों के प्रभारियों को भी निर्देंशित किया कि वे भी अपने-अपने राज्यों में केन्द्र सरकार की इस जन-विरोधी नीति के खि़लाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित कर विरोध दर्ज करें।

सुश्री मायावती जी ने यह भी कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस एवं मिट्टी के तेल की कीमतों को बढ़ाये जाने से पूरे देश में गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवारों पर पड़ रही महंगाई की मार अब और ज्यादा तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे केन्द्र की यूपीए सरकार की पूंजीपतियों को मदद करने की नीति तथा गरीब एवं मध्यम वर्ग परिवारों के प्रति केन्द्र सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया जाहिर हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की दोहरे चरित्र का पता इस बात से लगता है कि अभी कल ही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आई है, जबकि केन्द्र सरकार ने तेल की कीमतें बढ़ाने के पीछे अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों का बढ़ना बताया है।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसी स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए। इसके साथ ही यूपीए की केन्द्र सरकार की गरीब व मध्यम वर्ग विरोधी नीतियां इस तथ्य से भी साफ उज़ागर होती हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा कच्चे तेल पर लगने वाले आयात शुल्क, ड्यूटी, सेस इत्यादि न समाप्त कर राज्य सरकारों को अपने यहां इस प्रकार के टैक्स घटाने की अपील जारी कर आम जनता के साथ छलावा करने का प्रयास किया गया है तथा यह कह कर कि उन्होंने टैक्स, ड्यूटी इसलिए नहीं घटाई कि वह इस धनर्रािश को शिक्षा इत्यादि पर खर्च कर रहे हैं। इस तरह कांगे्रस के नेतृत्व में चल रही केन्द्र की यूपीए सरकार ने अपनी जन विरोधी मानसिकता दिखाते हुए इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने का काम किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार की इस तथाकथित अपील पर कांग्रेस व कांगे्रस समर्थित पार्टियों द्वारा चलायी जा रही सरकारों में से कुछ राज्य सरकारों ने अपना टैक्स कम करके वाह-वाही लूटने का प्रयास किया है और कुछ ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। परन्तु यहां भी कांगे्रस के नेतृत्व में चल रही यूपीए की केन्द्र सरकार का दोहरा चेहरा सामने आ रहा है, क्योंकि केन्द्र की यूपीए सरकार कांगे्रस व कांगे्रस समर्थित सरकारों को केन्द्र सरकार टैक्सों में की गयी कमी को चुपके से दूसरे रास्तों से धन देकर पूरा कर देगी, किन्तु वहीं उनकी तरह, गैर-कांगे्रसी पार्टियों की सरकारें, और उसमें भी विशेषकर, उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार, जहां केन्द्र की यूपीए सरकार सामान्य योजनाओं में भी जान-बूझकर देरी करके व कम करके धनराशि आवंटित करती है, तो ऐसी स्थिति में इन सरकारों की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जरूरी वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाकर और उनको कम करने का जिम्मा राज्य सरकारों पर डालकर यूपीए की सरकार एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश कर रही है, कि पहले तेल की कीमतें बढ़ाओ, खुद टैक्स कम न करो, राज्य सरकारों पर यह मसला डाल दो और अपनी सरकारों से राज्यों में टैक्स कम करा लो, ताकि इनकी गलत आर्थिक नीतियांे की वजह से तेल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी के लिए जवाब गैर कांगे्रसी सरकारें देती रहें। उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है, उनकी सरकार प्रदेश के जनता के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी और उनका पूरा-पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार की सलाह की जरूरत नहीं है।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कानून-व्यवस्था को लेकर सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तुलना में देश में कांगे्रस एवं बीजेपी शासित राज्यों में, हर मामले में आए-दिन काफी ज्यादा अपराध होते रहते हैं, लेकिन दुःख की बात यह है कि इन सभी विरोधी पार्टियों की सरकारों में केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय एवं इनके सभी राष्ट्रीय आयोगों को ये सब वारदातें, इन्हें क्यों नहीं नजर आती हैं अर्थात, इन पर केन्द्रीय सरकार क्यों चुप्पी साधे रहती है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्रीय सरकार के साथ-साथ यहां सभी विरोधी पार्टियों को भी देश में एक दलित मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यहां उत्तर प्रदेश में चल रही सरकार, इन्हें आसानी से रास नहीं आ रही है। इससे इनकी आज भी दलित विरोधी मानसिकता साफ नजर आती है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है, के मुद्दे को गम्भीरता से लेने के साथ-साथ केन्द्र सरकार एवं अन्य विरोधी पार्टियों का जो दलित विरोधी रवैया नजर आता है, इन दोनों मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी शीघ्र ही पूरे देश भर में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी और इसके बारे में जल्द ही तारीख घोषित की जाएगी।

इससे पूर्व अधिवेशन स्थल पर पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का     बी.एस.पी. ज़िन्दाबाद, बहन कुमारी मायावती जी ज़िन्दाबाद आदि ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में महाराष्ट्र राज्य बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक व राज्यसभा सांसद श्री बीर सिंह, गुजरात राज्य बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक व उŸार प्रदेश विधान परिषद् सदस्य श्री धर्म प्रकाश भारती, गुजरात प्रदेश प्रभारी श्री भगत सिंह राका एडवोकेट व श्री सुरेन्द्र कलोरिया आदि प्रमुख थे। साथ ही, दोनों प्रदेशों से आये हुये कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कल दिनांक 25 जून सन् 2011 को यहाँ मुम्बई पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में महाराष्ट्र व गुजरात राज्य के बी.एस.पी. के पार्टी अध्यक्ष क्रमशः श्री विलास गरुड़ व डा. नरेश आचार्य व सर्वश्री उपेश जाधव, अशोक सिंह, अनिल पवार, सुमेश कुशलवारकर, श्रीकृष्ण डेली एवं पार्टी की केन्द्रीय यूनिट की तरफ से इन राज्यों में नियुक्त को-आॅर्डिनेटर प्रमुख थे।

तदुपरान्त, माननीया सुश्री मायावती जी ने कल ही महाराष्ट्र राज्य बी.एस.पी. यूनिट के नये प्रदेश कार्यालय भवन का उदघाटन करने के बाद इसका विस्तृत निरीक्षण किया। साथ ही, महाराष्ट्र व गुजरात राज्य यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व को-ओर्डिनेटरों से अलग-अलग बैठक कर, उन राज्यों में चल रही पार्टी संगठन से सम्बंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली। बी.एस.पी. महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष श्री विलास गरुड़ व गुजरात राज्य यूनिट के अध्यक्ष डा. नरेश आचार्य ने पार्टी संगठन व उसकी तैयारी के सम्बन्ध में अपने-अपने राज्यों की रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी को पेश की। कई घण्टों तक चली इन बैठकों में माननीया सुश्री मायावती जी ने संगठन के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ, इन दोनों राज्यों में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व पार्टी संगठन को उŸार प्रदेश के पैटर्न पर मज़बूत करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इन कार्यों में होने वाली दिक़्क़तों का उन्होने तत्काल समाधान किया और आह्वान किया कि आपके राज्यों में जब भी विधानसभा का आम चुनाव होता है तो उसमें उŸार प्रदेश की तरह अच्छा प्रदर्शन करके जनता की उम्मीदों पर पूरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि उŸार प्रदेश की तरह आप लोगों को भी अपने-अपने राज्यों में बी.एस.पी. को सŸाा में लाना है तो कैडर के आधार पर यहाँ भी पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। इसके साथ ही, बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के लिये सर्वसमाज के लोगों को “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर बी.एस.पी. से जोड़ना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी

Posted on 26 June 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने देश में अभी कुछ दिन पहले पेट्रोल व कल डीजल, रसोई गैस एवं मिट्टी के तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की निन्दा करते हुए इन कीमतों को तत्काल वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार से मांग की
  • उत्तर प्रदेश के मामले में केन्द्र सरकार तथा अन्य सभी विरोधी पार्टियों द्वारा अपनाया जा रहा रवैया दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है
  • इन दोनों मुद्दों तथा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी

उत्तर प्रदेश की मा0 मुख्य मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने आज महाराष्ट्र प्रदेश के मुम्बई के चैम्बूर स्थित बीएसपी कार्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से पार्टी को और मजबूत तथा इसका जनाधार बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से जुटने की अपील की।

प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने बीएसपी कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा कल डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार द्वारा अभी कुछ दिन पहले पेट्रोल तथा कल डीज़ल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल के दामों में जो बढ़ोत्तरी की है, उससे हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ेगी, जिसका सीधा प्रभाव देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग एवं छोटे-छोटे कारोबार में लगे लोगों और खासतौर से किसानों पर पडे़गा और यह केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने डीज़ल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल के दामों में बढ़ोत्तरी के बारे में जो फैसला लिया है, उसकी बीएसपी सरकार घोर निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस बढ़ोत्तरी को वापस लेने के लिये केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखेगी।

प्रवक्ता ने यह बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं अन्य विलासिता की चीजों के दाम बढ़ाए जाने चाहिए, जिनका इस्तेमाल देश की आम जनता नहीं, बल्कि ज्यादातर अमीर लोग ही करते हैं। ताकि ये देश के गरीब एवं मध्यम वर्गों के लोगों के उपर महंगाई की मार और ज्यादा न पड़ सके।

मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और जब यहां बीएसपी की सरकार बनने लगी है और खासतौर से यह सरकार एक दलित की बेटी के नेतृत्व में चल रही है, तब से विरोधी पार्टियों को आसानी से हजम नहीं हो रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में हाल में घटी कुछ घटनाओं को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा रिपार्ट मांगे जाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के दूसरे राज्यों में इस तरह की घटनाओं के होने पर केन्द्र सरकार चुप्पी साधे रहती है। इससे साफ जाहिर है कि यूपीए सरकार उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को बदनाम करने की एक मुहिम चला रही है। इसके साथ ही इससे कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार दलित विरोधी मानसिकता से बुरी तरह ग्रसित नजर आ रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी यह भी कहा  कि देश के अन्य राज्यों, खासतौर से कांगे्रस शासित प्रदेशों में आए दिन बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं तथा महिलाओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दलों को ये घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस शासित महाराष्ट्र राज्य में कुछ महीने पहले एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को तेल माफियाओं ने दिन-दहाड़े जिन्दा जला दिया था और अभी हाल में ही एक वरिष्ठ पत्रकार की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसी प्रकार कांगे्रस शासित हरियाणा राज्य में पुलिस थाने में ही 14 जून, 2011 को एक दलित लड़की के साथ बलात्कार किया गया जिसमें दो पुलिस वाले शामिल थे। इसके अलावा हरियाणा में ही एक एस0आई0 को सरेआम गोली से उड़ा दिया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति इस कदर बदतर हो गयी है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने एक व्यक्ति को जिन्दा जला डाला। इसी तरह भाजपा के सहयोग से चलायी जा रही बिहार सरकार में लोगों की जघन्य हत्याएं लगातार हो रही हैं, किन्तु विपक्षी दलों को ये सब घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। मा0 मुख्य मंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर आधारहीन आरोप लगाने से पहले कांगे्रस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कांगे्रस शासित तथा भाजपा को अपनी पार्टी की सरकारों वाले प्रदेशों में दलितों, महिलाओं तथा समाज के कमजोर वर्गों पर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर भी एक निग़ाह ज़रूर डाल लेनी चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब कांगे्रस शासित प्रदेशों में गम्भीर आपराधिक घटनाएं होती हैं तो उन सरकारों के खिलाफ़ केन्द्र की यूपीए सरकार कोई नोटिस जारी नहीं करती और न ही उनसे कोई रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा हर आपराधिक घटना के विरूद्ध निष्पक्ष तरीके से कठोर कदम उठाये जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा अक्सर रिपोर्ट मांगी जाती रहती है। इसके साथ-साथ पूरे देश भर में मीडिया के माध्यम से इसका खूब प्रचार भी कराया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस एवं अन्य विरोधी दलों को देश में एक दलित मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चल रही बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार  उनकी जातिवादी मानसिकता के चलते उनके गले नहीं उतर पा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि कांगे्रस शासित दिल्ली राज्य में प्रतिदिन महिलाओं के साथ जुल्म-ज्यादती की घटनाएं हो रही हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली बलात्कार की राजधानी बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की इज्जत-आबरू सुरक्षित नहीं है और दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं में कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था के हर मामले में तेजी से कठोर कार्यवाही करते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है तथा बीते चार वर्षों में कानून-व्यवस्था के प्रति आम जन-मानस का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की निग़ाह में अपराधी सिर्फ अपराधी है, चाहे वह कितना शक्तिशाली व प्रभावशाली क्यों न हो, उसकी सही जगह सिर्फ जेल है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर मामले में अपराधियों के खिलाफ की गयी कड़ी कार्यवाही की विरोधी दलों द्वारा सराहना न करके राज्य सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने का घिनौना जो प्रयास किया जा रहा है। यह एक दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो और क्या है? साथ ही सभी विपक्षी दल राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर गलत ठहराने का अनर्गल प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ये सभी दल अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। इतना ही नहीं, बल्कि सभी विरोधी दल विधान सभा के आम चुनाव को नज़दीक देखते हुए अपने राजनीतिक लाभ के लिये घिनौने तरीके से मुद्दे तलाशने की होड़ में घटिया बय़ानबाजी एवं सरकार पर झूठे आरोप लगाने पर हमेशा उतारू रहते हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा है कि सभी विपक्षी दलों में राज्य सरकार पर झूठे एवं घटिया आरोप लगाने की जो होड़ मची हुई है, उसके पीछे का सच उत्तर प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। विपक्षी पार्टियों को राज्य सरकार द्वारा जनता के हित में किये जा रहे तमाम कल्याणकारी एवं विकास कार्य नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल अपनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान यहां जघन्य अपराधों एवं दलित, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को याद न करके प्रदेश में जबरदस्ती कानून-व्यवस्था के खराब होने का झूठा आरोप लगाते रहते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए खासतौर से अपने देश में आम जनता की रोजमर्रा की जरूरी आवश्यकताओं की चीजों की जो कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और जिसके कारण महंगाई भी लगातार बढ़ रही है, के मुद्दे को गम्भीरता से लेने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार के प्रति केन्द्र सरकार एवं अन्य सभी विरोधी पार्टियों का जो दलित विरोधी रवैया नजर आता है, इन दोनों मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी बहुत जल्दी ही पूरे देश भर में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेंगे और इस आन्दोलन के तहत पूरे देश में विभिन्न स्तर पर धरना प्रदर्शन आदि किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन की निश्चित तारीख जल्द ही घोषित कर दी जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि इस मौके पर मा0 मुख्य मंत्री जी ने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन एवं निरीक्षण करके महाराष्ट्र बीएसपी स्टेट यूनिट को बधाई दी। इसके साथ ही उन्हांेंने कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों को बहुजन समाज पार्टी को महाराष्ट्र में मज़बूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिये।
उन्होंने इस अवसर पर महाराष्ट्र के मीडिया बन्धुओं के सुरक्षा की मांग करते हुए दिवंगत पत्रकार श्री जे0 डे0 के परिजनांे के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी.एस.पी अलग तेलंगाना राज्य सहित छोटे राज्यों की पक्षधर

Posted on 26 June 2011 by admin

देश में व्याप्त ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार के लिये कांग्रेस व बी.जे.पी. की जन-विरोधी नीतियाँ ज़िम्मेदार: माननीया सुश्री मायावती जी

हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बी.एस.पी. यूनिट का राज्य-स्तरीय
कार्यकर्ता अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न

ppb_5806हैदराबाद, (आंध्र प्रदेश), 25 जून, 2011ः बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहाकि उŸार प्रदेश में सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करने वाली व “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर उनके नेतृत्व में चलने वाली बी.एस.पी. सरकार को विरोधी पार्टियाँ ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. हज़म नहीं कर पा रही हैं तथा ये पार्टियाँ अपनी विफलता व कमियों पर से जनता का ध्यान हटाने के लिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. के खि़लाफ साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल कर रही हैं।
दक्षिणी भारत के राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के व्हाइट हाउस, लाल बहादुर नगर में ”आंध्र प्रदेश बी.एस.पी. कार्यकर्ता अधिवेशन“ को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहाकि केन्द्र व आंध्र प्रदेश राज्य में चलने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार के साथ-साथ उसकी हर मोर्चे पर विफलता जग-ज़ाहिर है एवं इस कारण आंध्र प्रदेश के साथ-साथ सम्पूर्ण देश की जनता त्रस्त है, परन्तु कांग्रेस पार्टी देश भर में व्याप्त जानलेवा महँगाई, बेरोज़गारी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर आम जनता को राहत पहुँचाने के बजाय नेतृत्व परिवर्तन अर्थात् नये नेतृत्व को देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के गेम में व्यस्त है। देश की ज्वलन्त समस्याओं ख़ासकर ग़रीबी, महँगाई, बेरोज़गारी व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के मामले में कांग्रेस पार्टी व बी.जे.पी. के प्रति जनता की घोर निराशा का उल्लेख करत हुये उन्होंने कहाकि इन सभी समस्याओं की जड़ इन विरोधी पार्टियों की ग़लत आर्थिक नीतियाँ हैं, जिससे छुटकारा पाने के लिये देश भर में, हर स्तर पर, “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” को मज़बूत करना आवश्यक है।
अपने विशाल भारत देश की क्षेत्रीय विविधता व असमानता का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि उनकी पार्टी बी.एस.पी. छोटे राज्यों की पक्षधर है और इसी कारण आंध्र प्रदेश में अलग ‘तेलंगाना’ राज्य बनाने की माँग की हिमायत करती है। उŸार प्रदेश में भी पहाड़ी क्षेत्र उŸाराखण्ड को अलग राज्य बनाने में बी.एस.पी. सरकार की महŸवपूर्ण भूमिका रही है एवं वर्तमान में भी उŸार प्रदेश को विभाजित कर अलग बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल व पश्चिमी उŸार प्रदेश राज्य गठित करने हेतु संघर्षशील है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार की जन-विरोधी नीतियों का ज़मीनी स्तर पर डट कर मुक़ाबला करने के लिये भी देश में ‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट’ को मज़बूत करने की ज़रूरत है। वैसे भी यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट का जन्म ही, देश में शोषित, उपेक्षित व ग़रीबों के हितों की रक्षा करने के लिये हुआ है और अब तक ख़ासकर केन्द्र व ज़्यादातर राज्यों की सŸाा में रही कांग्रेस पार्टी की जन-विरोधी नीतियों व उसकी दलित-विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुये इसकी ग़लत नीतियों का विरोध करने के लिये बी.एस.पी. हर स्तर पर लगातार तत्पर है। बी.एस.पी. का ऐसा ही विरोध बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के साथ भी है।
देश में व्याप्त व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी व महँगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार के अभिशाप का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि देश को अन्दर से कमज़ोर करने वाली इन बुराइयों के लिये कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाँ पूरे तौर पर क़सूरवार हैं, क्योंकि केन्द्र व विभिन्न राज्यों में अपने शासनकालों के दौरान इन पार्टियों ने कभी भी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक सख़्त कार्यवाही नहीं की है। केन्द्र के साथ-साथ भारत के प्रान्तों में इन पार्टियों की सरकारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हंै। उन्होंने कहाकि देश भर में      बी.एस.पी. ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई से अपना संगठन चलाती है और विरोधी पार्टियों की तरह धन्नासेठों के धन पर आश्रित नहीं है। इसीलिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार समाज के शोषित, उपेक्षित व ग़रीब लोगों के हित व सम्मान में बड़े-बड़े युग-परिवर्तनीय काम करके इन वर्गों के लोगों का जीवन सुधार कर, देश हित में, सामाजिक परिवर्तन की राह हमवार कर रही है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहाकि देश की आज़ादी के बाद से अब तक अर्थात् पिछले लगभग 63 वर्षों में समाज के अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी ख़राब व दयनीय रही है, क्योंकि केन्द्र व राज्यों की सŸाा में रही पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. की नीतियाँ बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को ही ध्यान में रखकर बनायी गयीं अर्थात् देश व विभिन्न प्रदेशों में सŸाा ज़्यादातर अप्रत्यक्ष तौर पर धन्नासेठों के हाथों में रही है, जिस कारण ही, अमीर और ज़्यादा अमीर व ग़रीब और ज़्यादा ग़रीब बनते जा रहे हंै। इस प्रकार की ग़लत आर्थिक नीति ने देश का बड़ा अहित किया है। यही कारण है कि बी.एस.पी. के गठन की ज़रूरत पड़ी और तबसे अब तक “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” के माध्यम से देश भर में इस प्रकार की जन-विरोधी नीति के खि़लाफ संघर्ष लगातार जारी है, जिसको देश के कोने-कोने में, ख़ासकर दक्षिणी भारत में आपके राज्य में और ज़्यादा मज़बूत करने की ज़रूरत है, जोकि एक राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि बी.एस.पी. एक मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिसका उद्देश्य दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर देश में समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि ग़रीबी, बेरोज़गारी व आसमान छूती महँगाई से आज पूरे देश में हर वर्ग व हर समाज के लोग त्रस्त हैं, परन्तु कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस राष्ट्रीय समस्या के प्रति उदासीन व लापरवाह है तथा उसके नेता केवल संकीर्ण व तुच्छ राजनीति करने पर अमादा हैं, जबकि उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार ने कई कारगर उपाय करके प्रदेश की जनता को इन मामलों में काफी राहत पहुँचायी है। स्थायी व अस्थायी रोज़गार के लाखों नये अवसर मुहैया कराये गये हैं तथा अपने स्तर पर विभिन्न करों आदि में कमी करके जानलेवा महँगाई से लोगों को थोड़ी राहत पहुँचायी गयी है। सर्वसमाज के 31 लाख अत्यन्त ग़रीब परिवारों की महिला मुखिया को “उŸार प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना“ के माध्यम से 400 रुपये प्रतिमाह की दर से एक मुश्त छह माह की 2,400 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके आँसू पोंछने का काम कर रही है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि के खि़लाफ बी.एस.पी. द्वारा ‘‘देशव्यापी जन-आन्दोलन‘‘ शुरू किया गया है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के समस्त 72 ज़िलों के मुख्यालयों पर दिनांक 31 मई सन् 2011 को विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया और अब देश के विभिन्न राज्यों में भी यह आन्दोलन जारी है। उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य की पार्टी यूनिट के प्रभारी को भी निर्देंशित किया कि वे भी अपने राज्य में केन्द्र सरकार की इस जन-विरोधी नीति के खि़लाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित कर विरोध दर्ज करें।
इससे पूर्व अधिवेशन स्थल पर पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बी.एस.पी. ज़िन्दाबाद, बहन कुमारी मायावती जी ज़िन्दाबाद आदि ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में आंध्र प्रदेश राज्य   बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक राज्यसभा सांसद श्री बृजलाल खाबड़ी, श्री आर.एन. आर्या, श्री बी.एस. गौतम व श्री गौरी प्रसाद उपासक व प्रदेश पार्टी यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रमुख थे। साथ ही, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुये कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कल दिनांक 24 जून सन् 2011 को यहाँ हैदराबाद पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में आंध्र प्रदेश के लिये नियुक्त केन्द्रीय को-आॅर्डिनेटरों के साथ-साथ राज्य बी.एस.पी. यूनिट के अध्यक्ष श्री एम. बलैया, उपाध्यक्ष श्री वाई. शंकर, कोषाध्यक्ष श्री एम. वेंकटेश व श्री बी. ललैया आदि प्रमुख थे।
तदुपरान्त, माननीया सुश्री मायावती जी ने कल ही आंध्र प्रदेश राज्य   बी.एस.पी. यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व को-ओर्डिनेटरों से अलग-अलग मुलाक़ात कर, राज्य में चल रही पार्टी संगठन से सम्बंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली। बी.एस.पी. आंध्र प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष श्री एम. बलैया ने पार्टी संगठन व उसकी तैयारी के सम्बन्ध में अपने राज्य की विस्तृत रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी को पेश की। कई घण्टों तक चली इन बैठकों में माननीया सुश्री मायावती जी ने संगठन के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ, आंध्र प्रदेश राज्य में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व पार्टी संगठन को उŸार प्रदेश के पैटर्न पर मज़बूत करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इन कार्यों में होने वाली दिक़्क़तों का भी उन्होंने तत्काल समाधान किया और आह्वान किया कि आपके राज्य में जब भी विधानसभा का आम चुनाव होता है तो उसमें उŸार प्रदेश की तरह अच्छा प्रदर्शन करके जनता की उम्मीदों पर पूरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि उŸार प्रदेश की तरह आप लोगों को भी अपने राज्य में बी.एस.पी. को सŸाा में लाना है तो कैडर के आधार पर यहाँ भी पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। इसके साथ ही, बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के लिये सर्वसमाज के लोगों को “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर बी.एस.पी. से जोड़ना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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BSP in favour of smaller States including separate Telangana State

Posted on 26 June 2011 by admin

Anti-people policies of Congress and BJP responsible for poverty, unemployment, price-rise and corruption in country  —Hon’ble Ms. Mayawati ji
State-level workers’ conference of BSP Andhra Pradesh Unit
concludes successfully in Hyderabad

ppb_5806Hyderabad (Andhra Pradesh): 25 June 2011 :: Bahujan Samaj Party (BSP) National President and Hon’ble Chief Minister of Uttar Pradesh Ms. Mayawati ji said here today that opposition parties, especially Congress and BJP were unable to accept the BSP Government under her leadership in Uttar Pradesh, which was representing the Sarvsamaj and following the policy of “Sarvajan Hitai, Sarvajan Sukhai”. These parties with a view to divert the attention of people from their failure and shortcomings were adopting all tactics against BSP in Uttar Pradesh.

Addressing the “Andhra Pradesh BSP workers’ conference” in White House, Lal Bahadur Nagar in Hyderabad, Ms Mayawati ji said that Congress party ruling at the Centre and in Andhra Pradesh was a big failure on all fronts, owing to which the people of Andhra Pradesh and the Country were suffering. Instead of giving relief to common man by checking the increase in prices, unemployment and corruption, the Congress party is interested in the game of change in leadership on the post of Prime Minister. Referring to the deep desperation of people towards Congress and BJP for failure to check the burning issues of the Country especially poverty, prices-rise, unemployment and corruption, she said that wrong economic policies were the root cause of these problems and it was necessary to strengthen the BSP movement at every level in the entire Country to get rid of these problems.

Referring to the regional diversities and imbalances in the large Country of India, she said her party BSP is in favour of smaller States and owing to which it supports the demand of separate State of Telangana in Andhra Pradesh. BSP Government had an important role for the formation of separate hill State of Uttarakhand and it is struggling for the formation of separate Bundelkhand, Pooravanchal and West Uttar Pradesh by dividing U.P. at present.

The Hon’ble Ms. Mayawati ji said it was necessary to strengthen BSP movement in the entire country to oppose anti-people policies of Congress led Government at the Centre strongly. It is a well known fact that BSP movement took birth for safeguarding the interests of exploited, deprived and poor people of the Country and BSP is always struggling at every level to oppose and expose the anti-people policies and anti-dalit mindset of Congress party, which remained in power at the Centre and maximum number of States mostly. Similarly, BSP is also against the wrong policies of BJP and other opposition parties, she added.

Referring to the prevalent large scale poverty, unemployment, price-rise and corruption and holding responsible the Congress and BJP for the ills, which are weakening the Country, she said that these parties never took any stern action on these issues during their regimes at the Centre and different States. Serious allegations regarding corruption were being levelled on the Governments of these parties at the Centre and the States. She said that BSP was the only party, which thrived on the support of its workers and it never depended on the money of capitalists like opposition parties. Therefore, the BSP Government in Uttar Pradesh was working in the interests and honour of exploited, deprived and poor people of the society. BSP Government had done remarkable works for the betterment and welfare of these sections and treading on the path of social change in the interest of the Country.

BSP National President said that even after 63 years of Independence, the economic and social condition of SC/ST, OBC, religious minorities, especially Muslim, Sikh, Christian, Bauddh and Upper Caste poor people remained pitiable, because the parties ruling at the Centre and States especially Congress and BJP formulated the policies in the interests of capitalists, owing to which these capitalists ruled the Country and different States indirectly and the divide between rich and poor people increased. This wrong economic policy had done a great damage to the Country. This was the reason for which BSP was formed and it was continuously struggling through BSP movement against such type of anti-people policy in the Country. BSP movement is a national necessity and it should be strengthened, especially in South India and the State of Andhra Pradesh including all parts of the country. She said that BSP is a humanitarian movement and the aim of this movement is to establish a society based on equality in the Country following the paths shown by saints, gurus and great men, especially Mahatma Jyotiba Phule, Chhatrapati Shahuji Maharaj, Sri Narayana Guru, Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar and Manyawar Sri Kanshiram ji etc. who took birth in dalit and OBC sections from time to time.

Hon’ble Ms. Mayawati ji said that Congress led Central Government was indifferent and careless towards poverty, unemployment, increasing prices from which every section and every society of the country was suffering. The leaders of this party were engaged in cheap politics, while the BSP Government in Uttar Pradesh had taken several significant steps owing to which people felt relief pertaining to these problems. Lakhs of new temporary and permanent employment opportunities were created and concessions were given in different taxes at its own-level, owing to which people felt relief from spiralling prices. The State Government had given one-time amount of Rs. 2400 of six months as financial assistance at the rate of Rs. 400 per month to women head of the family of 31 lakh poor families of Sarvsamaj under “Uttar Pradesh Mukhyamantri Mahamaya Garib Arthik Madad Yojana”.

Hon’ble Ms. Mayawati ji said that BSP had launched nation-wide people’s movement against the high increase in Petrol prices by Congress led Central Government under which large scale demonstrations were organised on 31 May 2011 at the Head Quarters of all the 72 districts of Uttar Pradesh and now this movement was continuing in different States of the Country. She directed to the in-charge of party unit of Andhra Pradesh that he should also organise demonstrations against this anti-people policy of the Central Government in his State.

Earlier, Hon’ble Ms. Mayawati ji was welcomed by the BSP office bearers and party workers on reaching the venue of conference with slogans of BSP Zindabad, Bahen Kumari Mayawati ji Zindabad. Central Co-ordinator of Andhra Pradesh BSP Unit and Rajya Sabha MP Mr. Brij Lal Khabri, Mr. R.N. Arya, Mr. B.S. Gautam and Mr. Gauri Prasad Upasak and senior office bearers of State party unit welcomed the Hon’ble Ms. Mayawati ji. Cultural programme was also presented by the artists of different parts of the State and they welcomed the National President Hon’ble Ms. Mayawati ji.

It may be recalled that warm welcome was given to Hon’ble Ms. Mayawati ji on 24 June 2011 yesterday on reaching Hyderabad. Central co-ordinators for Andhra Pradesh, besides State BSP Unit President Mr. M. Ballaiyya, Vice President Mr. Y. Shankar, Treasurer Mr. M. Venkatesh and Mr. B. Lallaiyya welcomed Hon’ble Ms. Mayawati ji.

Later, the Hon’ble Ms. Mayawati ji held separate meetings with the Andhra Pradesh BSP Unit office bearers and co-ordinators yesterday who apprised her with the activities of party organisation in detail. BSP Andhra Pradesh Unit President Mr. M. Ballaiyya presented detailed report to National President Hon’ble Ms. Mayawati ji pertaining to the party organisation and its preparation in the State. In these meetings which lasted for several hours, Hon’ble Ms Mayawati ji reviewed the works of the organisation and directed the office bearers to increase the mass-base of party and strengthen the organisation on the pattern of Uttar Pradesh. She also solved the related problems immediately and appealed them to provide good results in the Assembly elections of the State, whenever held. To bring BSP in power in Andhra Pradesh, she said that preparations have to be made on the basis of cadre like Uttar Pradesh. Besides, people of Sarvsamaj have to be associated with BSP on the policy of “Sarvajan Hitai, Sarvajan Sukhai” to strengthen BSP movement.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता पर अनुसूची एच एक्स भ्ग् के गंभीर प्रभाव होंगे-जे.एस. शिंदे, अध्यक्ष, एआईओसीडी

Posted on 25 June 2011 by admin

ड्रग एंड काॅस्मेटिक्स रूल्स 1945 में संशोधन के लिए भारत सरकार का हाल का कदम और एंटीबायोटिक्स के दुरूप्रयोग से संबंधित अनुसूची 0 को शामिल किया जाना, किसी उद्देश्य की पूर्ति करने के बजाय 65 फीसदी ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता को गंभीर प्रभावित करेगा।

एंटीबायोटिक और दूसरी दवाओं का दुरूपयोग रोकने के लिए सरकार के कदम और पहल का एआईओसीडी में हम स्वागत करते हैं। चूंकि हम भारत के कोने-कोने में दवाओं के वितरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, इसलिए अनुसूची भ्ग्, को लागू करने और क्रियान्वयन को लेकर हम अत्यधिक सरोकार रखते हैं।

अनुसूची भ्ग्, ‘सुपर बग’ की खबरों के आलोक में एंटीबायोटिक्स के दुरूपयोग को रोकने के लिए बनाई गई है। सरकार ने मुख्य कारक को किनारे करते हुए आसान शिकार के रूप में ‘केमिस्ट’ को दायरे में लिया है।

भारत में केमिस्टों की अखिल भारतीय संस्था आॅल इंडिया आॅर्गनाइजेशन आॅफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने इस मसले को भारत सरकार के समक्ष उठाया और भारत के माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधानमंत्री, माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद, भारत के औषधि महानिरीक्षक, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य संबंधित पक्षो को ज्ञापन सौंपा है।

अनुसूची के दो भाग हैंः भाग ए में 16 एंटीबायोटिक दवाएं शामिल की गई हैं। ये दवाएं, दवा निर्माताओं द्वारा सीधे क्षेत्रीय परिचर्या अस्पतालों को सीधे बेची जानी चाहिए। भाग बी में 74 दवाएं और फार्मूले हैं जो रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के नुस्खे (प्रतिलिपि सहित) पर केमिस्ट द्वारा बेची जा सकती हैं और नुस्खे की एक प्रति केमिस्ट को आगामी 2 वर्षों तक अपने पास रखनी होगी।

एआईओसीडी का मानना है कि इस अधिसूचना को बनाते समय सरकार ने अनेक वास्तविक मसलोें को दरकिनार कर दिया है, जैसे कि ग्रामीण और सूक्ष्म ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स की उपलब्धता, निर्धन जनता की वित्तीय स्थितियां, अनुसूची के का व्यापक उल्लंघन, सरकारी अस्पतालों में दवाओं की नियमित उपलब्धता और अपेक्षाएं पूरी करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता से जुड़े मसले, इत्यादि। साथ ही, अधिसूचना पर विचार करने से पूर्व दिशानिर्देशों को निर्दिष्ट किया जाना, शिक्षा और जनजागरूकता इत्यादि कदम नहीं उठाए गए हैं जो कि सबसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं।

भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, भारत की माननीय राष्ट्रपति जी ने भी मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के समक्ष अपने भाषण में कहा कि हमारे देश में डाॅक्टरों की संख्या अपर्याप्त है और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य के लिए डाॅक्टर तैयार नहीं हैं, और ऐसी ही समस्याओं का अवलोकन माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा शुभासाक्षी मामले में किया गया।

देश में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं के वर्तमान परिदृश्य के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करते हुए, हम अनुभव करते हैं कि नई अनुसूची भ्ग्, को लागू किया जाना, स्वास्थ्य सेवाओं को और विशेषकर देश के ग्रामीण व सूक्ष्म दूरस्थ

इलाकों में प्रभावित करेगा। यह आम जनता के क्षेत्रों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स (एमबीबीएस/एमडी/एमएस/इत्यादि) की अनुपलब्धता के नाते उनका जीवन संकट में डाल सकता है और हर बार उनकी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए दौड़कर नगर आने लायक पर्याप्त पैसा उनके पास नहीं भी हो सकता है।

नुस्खे की प्रति रखने और बिना प्रतिलिपि नुस्खे पर दवाएं न देने से देश में कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है, जिससे अंततः उल्लंघन की घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा और इन सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता में अनैतिक तत्व सक्रिय हो सकते हैं। दूसरी ओर, आरएमपी के लिए दवाओं की खरीद और मरीजों में बांटने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इससे देश के नागरिकों को प्रदत्त मूलभूत अधिकारों का बुनियादी उल्लंघन हो सकता है क्योंकि इसके द्वारा लोगों के बीच कानूनी भेदभाव किया जाएगा और सुधार का मूलभूत उद्देश्य भी खत्म हो जाता है। अपरिहार्य परिस्थितियों में केमिस्ट द्वारा यह कानून तोड़ने पर भी उसे इस कृत्य के लिए 20000 रूपए तक जुर्माना और/या 2 साल तक जेल का दण्ड भोगना पड़ सकता है।

एआईओसीडी का दृष्टिकोण है कि ऐसा होने पर लोगों के लिए कोई आसानी बनने के बजाय बड़े पैमाने पर समस्याएं उत्पन्न होंगी, जिनसे दूर-दराज और अति दूर-दराज के लोग अधिक प्रभावित होंगे। सरकार से एआईओसीडी अनुरोध करता है कि प्रस्तुत ज्ञापन पर गहन विचार करते हुए डी एंड सी नियमों में ऐसे कोई बदलाव, जो अंततः बड़े पैमाने पर सामान्य जनता के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं, करने से पहले पुनर्विचार करें।

एआईओसीडी के अध्यक्ष श्री जे.एस. शिंदे ने यह भी कहा कि यदि केन्द्र सरकार द्वारा हमारे अनुरोध पर ध्यान न दिया गया तो इससे देश के 7.5 लाख केमिस्टों की आजीविका प्रभावित होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नोमाक्र्स ने नीम फेस वॉश पेश किया

Posted on 25 June 2011 by admin

- संवेदनशील और मुंहासे वाली त्वचा के लिए राहतकारी क्रीम -

मौजूदा गर्मियों में चिलचिलाती धूप आपकी खूबसूरती को नुकसान नहीं पहुंचाएगी। ओजोन आयुर्वेदिक्स ने नोमाक्र्स नीम फेस वॉश को पेश किया है जो त्वचा को अत्यधिक तैलीय बनने से रोकती है और बार-बार मुंहासे निकलने की समस्या से भी निजात दिलाती है।
नियमित रूप से धूल, प्रदूषण और गर्मी की चपेट में रहने से त्वचा अत्यधिक तैलीय हो जाती है जिससे इस पर मुंहासे, दाने और सफेद एवं काले निशान पड़ जाते हैं।
नोमाक्र्स नीम फेस वाॅष जैविक तत्वों से परिपूर्ण है जो त्वचा को अत्यधिक तैलीय होने से बचाता है और त्वचा की जड़ में जमी गंदगी को दूर करता है और तेज धूप से त्वचा पर पड़ने वाले दाग धब्बों से बचाता है। यह फेस वाॅष खासकर मुंहासे वाली त्वचा को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।

नीम, नींबू और लौंग के गुणों से भरपूर नोमाक्र्स नीम फेस वाॅष का नियमित इस्तेमाल त्वचा को स्वच्छ, स्वस्थ एवं चमकदार बनाता है। इसका इस्तेमाल करें और कुछ ही मिनटों में अपेक्षित परिणाम सामने आ जाएगा।

कीमत- 45 रुपये
उपलब्धताः पूरे भारत में

ओजोन समूह के बारे मेंः
ओजोन समूह चार प्रमुख खंडों में कारोबार करता है। ये खंड हैं - ‘ओजोन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, न्यूट्रीषनल, एंटी-इफेक्टिव, एंजियोलिटिक्स, एनएसएआईडी और कार्डिएक एवं डायबेटिक सेगमेंटों की दवाओं पर केंद्रित है। ‘ओजोन आयुर्वेदिक्स कंज्यूमर हेल्थकेयर’ स्किनकेयर के व्यवसाय में सक्रिय है और नोमाक्र्स एवं ओजोन रेंज, चैथा डाइमेनसन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड समूह का नया उद्यम है और यह स्वास्थ्य एवं लाइफस्टाइल पत्रिका फोर्थ डी वेलबीइंग के प्रकाषन और ओजोन मिषन से संबद्ध है जिसका मानना है कि लोग समाज का अंदरूनी हिस्सा हैं और एक कंपनी के तौर पर काॅरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहलों के जरिये उनका ध्यान रखना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

आजोन आयुर्वेदिक्स के बारे मेंः
ओजोन समूह की प्रमुख कंपनी आजोन आयुर्वेदिक्स ने वर्श 2001 में नोमाक्र्स को लाॅन्च किया। नोमाक्र्स न सिर्फ माक्र्स रिमूवल क्रीम्स की श्रेणी में षामिल है बल्कि इसे कई वर्शों से मोस्ट ट्रस्टेड टाॅप 10 स्किन केयर ब्रांड एंड मोस्ट प्रीफर्ड ब्रांड का दर्जा भी हासिल है।

एक दषक पहले मार्क रिमूवल श्रेणी में षामिल होने वाले ‘नोमाक्र्स’ ब्रांड ने प्राॅब्लम साॅल्युषन ब्रांड से डेली केयर ब्रांड तक का अपना सफर सफलतापूर्वक पूरा किया है। एज स्पेषिफिक स्किन केयर काॅनसेप्ट के ताजा लाॅन्च के साथ नोमाक्र्स ‘एज स्पेषिफिक स्किन केयर रेंज आॅफ प्रोडक्ट्स’ के साथ भारत का नंबर वन ब्रांड बन गया है।

कंपनी के घरेल आॅर्गेनिक हर्ब फार्म में प्रमुख गुणवत्ता उपायों में एक महत्वपूर्ण बैकवार्ड इंटिग्रेषन रणनीति षामिल है जो ओजोन को विषेश रूप से अनिवार्य आॅर्गेनिक तत्वों के विकास में सक्षम बनाती है और सुनिष्चित करती है कि वे गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त हैं।

नोमाक्र्स दक्षिण पूर्व एषिया, जीसीसी देषों, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के कई देषों में उपलब्ध है। ओजोन समाज की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है, क्योंकि यह इस उक्ति में विष्वास रखती है कि ‘जीवन अनमोल है’।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मुस्लिम मेहनतकश बिरादरियों के लोग कांग्रेस के साथ हर चुनाव में मजबूती से खड़े रहे

Posted on 21 June 2011 by admin

momin-confrence-karte-raish-anshari-and-mr-digvijay-press-varta-001मोमिन कान्फ्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हाजी मो0 रईस अन्सारी ने अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय करने के बाद कहा कि मोमिन कान्फ्रेंस और कांगे्रेस गठबंधन का इतिहास बहुत ही पुराना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं0 जवाहर लाल नेहरू और मौलाना अबुल कलमा आजाद जैसे दिग्गज नेताओं के प्रयासों का ही नतीजा था। 1937 में देश के प्रथम असेम्बली चुनाव में मोमिन कान्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन से बिहार और उत्तर प्रदेश में जब सम्प्रदायिकता चरम सीमा पर थी मुस्लिम लीेग के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। यह मोमिन कान्फ्रेंस के प्रयासों से ही सम्भव हुआ था। मोमिन कान्फ्रेंस सदैव देश के विभाजन के खिलाफ रही आजादी के बाद मौलाना अबुल  कलाम आजाद की अपील पर मोमिन कान्फ्रेंस का कांग्रेस में विलय हो गया और मोमिन कान्फ्रेंस एक सामाजिक संस्था बन गई। 1947 से 1989 तक मोमिन कान्फ्रेंस के लीडरों ने देश और प्रदेश की राजनीति में बहुत अहम भूमिका अदा की। बदले मंे कांग्रेस ने भी बुनकर समाज व मुसलमानों के मेहनतकश तबको को पूरा सम्मान दिया। केंद्र व प्रदेश मंे टिकट वितरण की क्रिया से लेकर राज्य सभा, विधान परिषद में नामांकन तथा संगठन के मुख्य पदों पर भी मोमिन कान्फ्रेंस के लोगों को समायोजित किया गया, बदले मंेे मोमिन कान्फ्रेंस ने इस बात के लिए कामयाब जद्दो-जहद की कि अंसारी बिरादरी बुनकर समाज मुस्लिम मेहनतकश बिरादरियों के लोग कांग्रेस के साथ हर चुनाव में मजबूती से खड़े रहे। 1968 में मुस्लिम मजलिस बनने के बाद भी अंसारी बिरादरी व बुनकर समाज कांग्र्रेस के साथ कंधे से कंधा लगाकर मदद करता रहा। मई 1976 में माननीय इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में मोमिन कान्फ्रेंस ने दिल्ली में ऐतिहासिक वृहद सम्मेलन का आयोजन किया। तदोपरान्त दिसम्बर 1985 में कांगे्रस के 100 साल पूरे होने पर मोमिन कान्फ्रेंस ने ऐतिहासिक वृहद सम्मेलन का आयोजन दिल्ली मंे किया जिसमें भारत के प्रधानमंत्री माननीय राजीव गांधी जी मुख्य अतिथि थे। मोमिन कान्फ्रेंस द्वारा आयोजित सम्मेलनों मंे पूरे भारत से अंसारी बिरादरी बुनकर समा व मुस्लिम मेहनतकश बिरादरियों के लोग शामिल हुए। इसी समय कांग्रेस सरकारों ने बुनकरों की भलाई और लाभ पहुंचाने के लिए कई आर्थिक पैकेज भी दिये। बाबरी मस्जिद शहीद होने के बाद कांग्रेस की लोकप्रियता में कमी आई, मोमिन कान्फ्रेंस और अंसारी बिरादरी के लोगांे को गैर कांग्रेसी सरकारों का समर्थन करना पड़ा यह हमारी सामाजिक मजबूरी थी। वर्ष 2000 में मोमिन कान्फ्रेंस ने सक्रिय राजनीति में पुनः प्रवेश किया उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के मिशन 2012 को सफल बनाने के लिए 9 जून 2011 को दिल्ली स्थित कांग्रेस के कंेद्रीय कार्यालय (ए0आई0सी0सी0भवन, 24 अकबर रोड) में अखिल भारतीय कांगे्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 माननीय दिग्विजय सिंह जी की कयादत में मोमिन कान्फ्रेंस की प्रदेश कार्यकारिणी ने प्रदेश अध्यक्ष हाजी मो0 रईस अंसारी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके मोमिन कान्फ्रेंस का कांगे्रस मंे विलय कर दिया। उन्होंने कहा हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पूर्व की भांति कांग्रेस-मोमिन कान्फ्रेंस का अतीत की तरह सम्मान करती रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस द्वारा भाजपा के समक्ष राजनैतिक आत्म-समर्पण; बी.एस.पी. को प्रभावी विकल्प के रूप में उभरने का बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी का आह्वान

Posted on 20 June 2011 by admin

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा चार राज्यों की बी.एस.पी. यूनिटों का एक-दिवसीय ‘कार्यकर्ता अधिवेशन’  भोपाल में सफलतापूर्वक सम्पन्न

भोपाल (मध्य प्रदेश), 19 जून, 2011ः मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्रमुख प्रतिपक्षी कांग्रेस पार्टी पर भाजपा के समक्ष राजनैतिक तौर पर पूर्ण रूप से आत्मसमर्पण कर देने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रदेश को भी, उŸार प्रदेश के पैटर्न पर तैयार करके व्यापक जनहित में सŸाा प्राप्त करें।

बी.एस.पी स्टेट यूनिट द्वारा यहाँ जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा चार राज्यों के एक-दिवसीय “कार्यकर्ता अधिवेशन” को सम्बोधित करते हुये बी.एस.पी. प्रमुख ने कहाकि देश की राजनीति में मध्य प्रदेश का अपना विशिष्ट स्थान है, परन्तु कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के सामने अपने-आपको सरेण्डर कर रखा है, जिस कारण लगातार कई वर्षों से यहाँ    बी.जे.पी. का शासन चला आ रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही पार्टियों की नीतियाँ लगभग एक जैसी ‘ग़रीब-विरोधी’ व बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को लाभ पहुँचाने वाली हैं। इस कारण ग़रीबों, शोषितों, पीड़ितों का इनसे क़तई भला होने वाला नहीं है। इन पार्टियों की नीतियाँ ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली हैं। इसलिये आपके अपने-अपने प्रदेशों ख़ासकर मध्य प्रदेश में बी.एस.पी. के लोगों को, उŸार प्रदेश की तरह, लोगों के समक्ष एक अच्छा राजनैतिक विकल्प बनकर उभरना होगा। मध्य प्रदेश में     बी.एस.पी. के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी ने अपना काफी खून-पसीना लगाया है। यहाँ के लोगों को भी अपना खून-पसीना लगाकर पार्टी संगठन को और ज़्यादा मज़बूत व जनाधार को बढ़ाना चाहिये, ताकि बी.एस.पी. मध्य प्रदेश में भी सŸाा प्राप्त कर दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में मुस्लिम, सिख, बौद्ध, पारसी व ईसाइयों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों, महिलाओं, छात्रों व अन्य पेशों में लगे लोगों की बेहतर देखभाल कर सके।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि देश के समक्ष आज ग़रीबी, बेरोज़गारी व आसमान छूती महँगाई सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि पूरे देश में हर वर्ग व हर समाज के लोग इससे त्रस्त हैं, परन्तु कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन व लापरवाह है तथा उसके नेता केवल संकीर्ण राजनीति करने में व्यस्त हैं। यही हाल कांग्रेस व भाजपा-शासित राज्यों का भी है, जबकि उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार ने कई कारगर उपाय करके प्रदेश की जनता को इन मामलों में काफी राहत पहुँचायी है। स्थायी व अस्थायी रोज़गार के लाखों नये अवसर मुहैया कराये गये हैं तथा अपने स्तर पर विभिन्न करों आदि में कमी करके जानलेवा महँगाई से लोगों को काफी राहत पहुँचायी गयी है। सर्वसमाज के 31 लाख अत्यन्त ग़रीब परिवारों की महिला मुखिया को “उŸार प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना“ के माध्यम से 400 रुपये प्रतिमाह की दर से एक मुश्त छह माह की 2,400 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके आँसू पोंछने का काम किया गया है तथा आगे और भी परिवारों को इस योजना के लाभ में शामिल किया जायेगा।

अपने भारत देश में 80 करोड़ से ज़्यादा लोग 20 रुपये मात्र पर अपना दिन गुज़ारने को मजबूर हैं; इसलिये कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में, की गयी भारी वृद्धि “जानलेवा” है, जिसके खि़लाफ बी.एस.पी. ने “देशव्यापी जन-आन्दोलन” छेड़ा है, जिसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश के समस्त 72 ज़िलों के मुख्यालय पर दिनांक 31 मई सन् 2011 को विशाल धरना-प्रदर्शन करके की जा चुकी है। उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों की पार्टी यूनिटों के प्रभारियों को भी निर्देंशित किया कि वे भी अपने-अपने प्रदेश में केन्द्र सरकार की इस ‘जन-विरोधी नीति’ के खि़लाफ विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित कर इस “जन-विरोधी” नीति का विरोध करें।

इससे पूर्व यहाँ जम्बूरी मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल पहुँचने पर बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का, “बी.एस.पी. ज़िन्दाबाद, बहन कुमारी मायावती जी ज़िन्दाबाद” आदि ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा प्रदेश के केन्द्रीय संयोजक व राज्यसभा सांसद श्री राजाराम व श्री धर्मप्रकाश भारती (एम.एल.सी.), छŸाीसगढ़ राज्य में पार्टी के केन्द्रीय संयोजक श्री सेवाराम व उड़ीसा राज्य के संयोजक श्री धरमवीर सिंह अशोक, श्री रामपाल तथा श्री मुरारी सिंह पेशकार आदि प्रमुख थे। साथ ही, मुख्य अतिथि के सम्बोधन से पूर्व, कलाकारों ने मिशनरी गीत व शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कल शनिवार दिनांक 18 जून, 2011 को यहाँ भोपाल, मध्य प्रदेश पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में चारों राज्यों में पार्टी के केन्द्रीय संयोजकों के साथ-साथ मध्य प्रदेश बी.एस.पी. यूनिट के अध्यक्ष श्री नर्मदा प्रसाद अहिरवार, राजस्थान प्रदेश बी.एस.प. यूनिट के अध्यक्ष श्री भगवान सिंह बाबा, छŸाीसगढ़ राज्य यूनिट के अध्यक्ष श्री सदानन्द मारकन्डे एडवोकेड व उड़ीसा राज्य बी.एस.पी. यूनिट के अध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार नायक आदि प्रमुख थे। मध्य प्रदेश में रीवा से बी.एस.पी. के लोकसभा सांसद श्री देवराज सिंह पटेल व मध्य प्रदेश में बी.एस.पी. के सात विधायकों सर्वश्री रामलखन सिंह पटेल, मदन कुशवाहा, परसराम मुदगल, मनीराम धाकड़, राजकुमार उरमलिया, रामगरीब कौल, राधेलाल बघेल के अलावा सिंगरौली की महापौर श्रीमती रेनु शाह व पूर्व सांसद श्री सुखलाल कुशवाहा के साथ-साथ पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।

माननीया सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कार्यकर्ता अधिवेशन को सम्बोधित करने से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व केन्द्रीय को-आॅर्डिनेटरों से अलग-अलग मुलाक़ात कर, यहाँ इन राज्यों में चल रही पार्टी संगठन से सम्बंधित गतिविधियों व तैयारियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों की बी.एस.पी. यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व केन्द्रीय कोआॅर्डिनेटरों ने पार्टी संगठन व उसकी तैयारी के सम्बन्ध में अपने-अपने प्रदेश की रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी को पेश की।

कल दिनांक 18 जून, 2011 को कई घण्टे तक चली इस बैठक में माननीया सुश्री मायावती जी ने बी.एस.पी. संगठन के कार्यों की गहन समीक्षा के साथ-साथ, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व पार्टी संगठन को उŸार प्रदेश के पैटर्न पर, मज़बूत करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इन कार्यों में होने वाली दिक़्क़तों का भी उन्हांेने तत्काल समाधान किया और आह्वान किया कि आपके अपने-अपने प्रदेशों में जब भी विधानसभा का आम चुनाव होता है तो उसमें उŸार प्रदेश की तरह अच्छा प्रदर्शन करके इन राज्यों की जनता की उम्मीदों पर पूरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि सर्वसमाज के लोगों को “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर बी.एस.पी. से जोड़ कर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि आम जनता को विरोधी पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस व भाजपा की हुकूमतों से यहाँ भी काफी ज़्यादा निराशा है तथा उन्हें एक अच्छे विकल्प की तलाश है। इसके साथ ही, उŸार प्रदेश की तरह आप लोगों को भी यदि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छŸाीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों में बी.एस.पी. को सŸाा में लाकर ग़रीब, शोषित व उपेक्षित लोगों की सरकार बनानी है तो कैडर के आधार पर इन प्रदेशों में भी मिशनरी भावना से काम करते हुये जी-जान से पूरी तैयारी करनी होगी, तभी यहाँ दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी का, इस देश में सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक मुक्ति लाने का सपना साकार हो सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Corruption of Congress Governments in Centre and Delhi ashamed Country, blow to the honour and self-pride of common people – BSP Supremo

Posted on 17 June 2011 by admin

Basic facilities like - water, electricity, roads and schools could be provided in all areas and bastis of Delhi with the amount of Congress corruption-    Hon’ble Ms. Mayawati ji

Delhi state BSP workers conference concludes successfully

New Delhi : 16 June 2011 :: Bahujan Samaj Party National President and the Hon’ble Chief Minister of Uttar Pradesh Ms. Mayawati ji said that Congress Government of Delhi has ashamed the entire Country by encouraging and protecting corruption in Commonwealth Games and  made a set back to the honour and self-pride of the people of National Capital Delhi, which is highly condemnable.

untitled-1Addressing the workers conference of Delhi State organized here today at Talkatora Stadium by BSP, the National President of BSP said that the amount involved in Commonwealth Games could be utilised for roads, water, electricity, schools etc. by the development of bastis of the people who came from Uttar Pradesh and Bihar. Terming   the Congress Government of Delhi as “anti-people and anti- poor”, she said that this government was not being able to provide basic facilities of daily life in the areas of dalit, exploited, poor, labourer and lower income group people who had come to Delhi in search of employment. These people are facing step motherly treatment. Delhi Government had neither any just policy nor any clear intention in this regard. Congress led Central Government was also guilty because millions of rupees had been drowned on the name of Commonwealth Games, but no attention was paid over the development and maintenance of malin bastis, undeveloped areas and irregular colonies. This attitude of Congress Government was an injustice towards common man of Delhi, against which BSP would always struggle. She demanded the regularisation of irregular bastis with immediate effect.

Ms. Mayawati ji said though Congress Party is known as an origin of corruption in this country, but corruption amounting to millions of rupees and several scams which exposed recently had ashamed the entire country. It also maligned the image of country at international level. All this happened under the protection of Congress led Central Government, she said.

Referring to the resentment of the people especially common man in the country owing to the corruption which hammered the self pride and honour of the people, she said that this was one more blow on the interest of the people by the Congress Party Government.

Referring to the controversies regarding land acquisition, BSP Supremo said that before putting any allegation of BSP Government, Congress and BJP should look at themselves because the farmers are doing agitations in Congress ruled states Haryana, Rajasthan, Delhi, Maharashtra and BJP ruled Gujarat and Madhya Pradesh on the issue of land acquisition, but nobody is concerned about farmers of these states. She said that the land of farmers was being acquired on cheaper rates.

The rate of land is Rs. 03 crore to 10 crore per acre in Delhi’s Kanjawala, Bawana and Delhi Dehat, but government of Delhi State is acquiring land at the rate of Rs. 53 lakh per acre. Similarly, farmers are agitated in the districts of Congress ruled Rajasthan – Jalaur, Badmer, Jaisalmer, Choru and Chittaud on the issue of land acquisition. Land is being acquired from farmers in Sanchaur tehsil of district Jalaur at the rate of Rs. 06.80 per sq. mt. The land of farmers had been taken in the districts of Haryana – Rohtak, Sonipat, Yamuna Nagar, Ambala and Palwal at cheaper rates and farmers felt betrayed. Similarly, farmers in the district of Baitul in BJP ruled Madhya Pradesh who were agitating for their land which had been taken for power plant were caned. Cases were registered on 100 farmers of Anup Pur district in Madhya Pradesh for their land agitation. Such types of agitations had been launched in the districts of Katni, Satna, Singrauli, Damoh and Tikamgarh on the issue of land acquisition.

The Congress party ruled at the centre and various states for the better part of the 63 years long period after independence. Therefore, it should tell the people what steps it took for the betterment of the farmers. Who stopped it from changing the 117 years old Land Acquisition Act 1894, when it was in power for such a long period. It was evident that the Congress was not changing the land acquisition policy to benefit capitalists and it was betraying the farmers continuously. She said that the BSP would exert pressure in the next monsoon session of Parliament to formulate a new national policy of land acquisition to solve this problem and if needed it would lay siege (gherao) of the Parliament.

Hon’ble Ms. Mayawati ji said that all the sections of the country had been badly affected by poverty, unemployment and skyrocketing inflation, but the Congress-led Central Government was not concerned about it and its leaders were indulging in petty politics only, while the BSP Government of Uttar Pradesh had provided relief to the people of the State through its own efforts. Lakhs of temporary and permanent employment opportunities had been provided and the tax rates had been reduced to give some relief to the people from the inflation. The woman heads of 31,00,000 very poor families of Sarvasamaj were being provided an assistance of Rs. 400 p.m. through Uttar Pradesh Mukhyamantri Mahamaya Gharib Arthik Madad Yojana. They have been provided an amount of Rs. 2400 for six months under this scheme. In future more such families would be benefited under this scheme.

Terming the hike in petrol prices effected by Congress-led Central Government as anti-people, Ms. Mayawati ji said that the BSP had already launched country-wide mass movement to oppose it. She said that it had been initiated by holding demonstrations at all 72 district HQs of Uttar Pradesh on 31 May 2011. She directed the unit in-charges of Delhi State to hold demonstrations against the anti-people policies of the Central Government.

Earlier, Hon’ble Ms. Mayawati ji was given warm welcome on her arrival at the Talkatora Stadium. The party workers raised slogans in her support. Prominent among those, who welcomed her included central co-ordinator of Delhi State and former member U.P. Vidhan Parishad, Mr. Ram Chandra Tyagi, Mr. M.L. Tomar and Shri Chhota Chandrapal. Before the address of the Chief Guest, the artists presented cultural programme in her welcome.

It may be recalled that Hon’ble Ms. Mayawati ji was accorded warm welcome upon her arrival at the national capital Delhi yesterday (15 June 2011). Those who welcomed her included Central Co-ordinators, besides President of the BSP Delhi Unit Mr. Brahm Singh Vidhuri, Vice President Mr. Ramesh Kanwal, etc. Hon’ble Ms. Mayawati ji, before addressing the workers’ conference here today, held meeting with the senior office bearers of Delhi and also with the central co-ordinator separately and inquired about the activities and preparations of the party organisation there. The senior office bearers of the BSP Delhi State Unit and the central co-ordinator presented the report regarding party organisation and its preparation before the BSP National President.

Hon’ble Ms. Mayawati ji, held meetings for several hours and reviewed the functioning of party organisation in the State of Delhi. She gave directives for increasing the party base in Delhi State and strengthen the party organisation on the pattern of Uttar Pradesh. She provided immediate solutions to the problems affecting these works. She called upon the workers to make serious efforts in the Vidhan Sabha elections whenever the same were held, so that the aspirations of the people could be fulfilled like Uttar Pradesh. She said that the BSP cadre would have to make full preparations if the party had to come to power in Delhi as well.  Besides, the people of Sarvasamaj had to be associated with the BSP on the basis of the policy of ‘Sarvajan Hitai and Sarvajan Sukhai’. She said that the people were frustrated with the opposition parties especially Congress and BJP and they were looking for better alternatives. She said that they would have to work with missionary zeal and only then they could realise the dream of social change and economic emancipation dreamt by saints, gurus and great men born in dalit and OBC like Mahatma Jyotiba Phule, Chhatrapati Shahu ji Maharaj, Shri Narayana Guru, Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar and Manyawar Sri Kanshi Ram ji.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अखिल भारतीय गुर्जर संघर्श समिति ने राजस्थान के गुर्जर आरक्षण आंदोलन में षहीद हुए गुर्जर भाईयों की चैथी बरसी पर एक श्रृंद्धांजलि सभा का आयोजन किया।

Posted on 30 May 2011 by admin

ऽ    अखिल भारतीय गुर्जर संघर्श समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी सुखवीर सिंह जौनपुरिया ने कि सभा में सभी गुर्जर नेताओं से मिल बैठ कर विचार किया गया कि 6 माह में से 5 माह बीत जाने पर भी राजस्थान सरकार का गुर्जरों को आरक्षण देने व गुर्जर नेताओं के प्रति रूख स्पश्ट क्यों नहीं है।
ऽ    अखिल भारतीय गुर्जर संघर्श समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी सुखवीर सिंह जौनपुरिया ने राजस्थान सरकार को गुर्जर आरक्षण के अहम् व संवेदनषील मुद्दे पर प्रदेष की जनता को जवाब देना होगा ।

dsc_0297अखिल भारतीय गुर्जर संघर्श समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी सुखवीर सिंह जौनपुरिया ने कोटपुतली में आयोजित प्रैस वार्ता में कहा 29 मई रविवार को सुबह 10 बजे गुर्जर षहीद स्मारक, कल्याणपुरा, कोटपुतली में राजस्थान के गुर्जर आरक्षण आंदोलन में षहीद हुए गुर्जर भाईयों की चैथी बरसी पर एक श्रृंद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । सभा में षहीदों को श्रृंद्धांजलि देने से पहले श्रृंद्धांजलि के लिए हवन पूजन किया गया । तत्पष्चात् उपस्थित षहीद परिवारों को सम्मानित करने के बाद वीर गाथाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। जौनपुरिया ने बताया कि श्रृंद्धांजलि सभा में आने के लिए राजस्थान प्रदेष के साथ साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, मध्यप्रदेष, गुजरात, महाराश्ट्र, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, जम्मू कष्मीर के गुर्जर संगठनों के सभी राजनैतिक दलों के नेता पहुंचें। उन्होंने कहा कि सभा में सभी गुर्जर नेताओं से मिल बैठ कर विचार किय कि 6 माह में से 5 माह बीत जाने पर भी राजस्थान सरकार का गुर्जरों को आरक्षण देने व गुर्जर नेताओं के प्रति रूख स्पश्ट क्यों नहीं है। राजस्थान सरकार को गुर्जर आरक्षण के अहम् व संवेदनषील मुद्दे पर प्रदेष की जनता को जवाब देना होगा। हम प्रदेष के गुर्जर नेताओं के निर्देषन में अन्य समाजों को साथ मिलाकर अपनी मांग को उठाने की रणनीति पर विचार करेंगें। जौनपुरिया ने कहा कि जब किसी के यहाँ कोई मृत्यु होती है और उसकी बरसी होती है तो हम सभी जात पात और धर्म भूलकर एक दूसरे के यहाँ आते जाते हैं इसलिए मैं गुर्जर समाज के साथ .. साथ 36 बिरादरी के सभी भाईयों एवं नेताओं से कल कल्याणपुरा, कोटपुतली गुर्जर षहीद स्मारक पर पँहुचने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि हमारे प्रदेष में षिक्षा व तकनीकी संस्थानों को बढ़ाने, बेहतर षिक्षा नीति बनाने क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व विकास कार्यों के लिए बेहतर रणनीति बनाकर सरकार से वार्ता की जायेगी। श्रृंद्धांजलि सभा में अन्य प्रदेषों से श्री रामवीर सिंह बिघुड़ी, पूर्व विधायक, डाॅ. यषवीर सिंह, पूर्व चेयरमैन, खादी ग्रामोद्योग, जम्मू कष्मीर, कमर रब्बानी चेची, नरेन्द्र भाटी, पूर्व मंत्री, यू पी वीरेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री, यूपी, नंद लाल, क्षेत्रीय विधायक, पंजाब, षांताराम महाजन, अध्यक्ष, अखिल भारतीय गुर्जर परिशद, महाराश्ट्र, ज्ञानेन्द्र, गुर्जर चेयरमैन एबीजीपी, श्री कंवर सिंह कंवर, कांग्रेस नेता व समाज सेवी-दिल्ली, भूकाराम, पूर्व विधायक, सुभाश घावड़ी, चेयरमैन, बावल आदि गणमान्य अतिथी उपस्थित रहें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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