देश में व्याप्त ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार के लिये कांग्रेस व बी.जे.पी. की जन-विरोधी नीतियाँ ज़िम्मेदार: माननीया सुश्री मायावती जी
हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बी.एस.पी. यूनिट का राज्य-स्तरीय
कार्यकर्ता अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न
हैदराबाद, (आंध्र प्रदेश), 25 जून, 2011ः बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहाकि उŸार प्रदेश में सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करने वाली व “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर उनके नेतृत्व में चलने वाली बी.एस.पी. सरकार को विरोधी पार्टियाँ ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. हज़म नहीं कर पा रही हैं तथा ये पार्टियाँ अपनी विफलता व कमियों पर से जनता का ध्यान हटाने के लिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. के खि़लाफ साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल कर रही हैं।
दक्षिणी भारत के राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के व्हाइट हाउस, लाल बहादुर नगर में ”आंध्र प्रदेश बी.एस.पी. कार्यकर्ता अधिवेशन“ को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहाकि केन्द्र व आंध्र प्रदेश राज्य में चलने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार के साथ-साथ उसकी हर मोर्चे पर विफलता जग-ज़ाहिर है एवं इस कारण आंध्र प्रदेश के साथ-साथ सम्पूर्ण देश की जनता त्रस्त है, परन्तु कांग्रेस पार्टी देश भर में व्याप्त जानलेवा महँगाई, बेरोज़गारी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर आम जनता को राहत पहुँचाने के बजाय नेतृत्व परिवर्तन अर्थात् नये नेतृत्व को देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के गेम में व्यस्त है। देश की ज्वलन्त समस्याओं ख़ासकर ग़रीबी, महँगाई, बेरोज़गारी व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के मामले में कांग्रेस पार्टी व बी.जे.पी. के प्रति जनता की घोर निराशा का उल्लेख करत हुये उन्होंने कहाकि इन सभी समस्याओं की जड़ इन विरोधी पार्टियों की ग़लत आर्थिक नीतियाँ हैं, जिससे छुटकारा पाने के लिये देश भर में, हर स्तर पर, “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” को मज़बूत करना आवश्यक है।
अपने विशाल भारत देश की क्षेत्रीय विविधता व असमानता का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि उनकी पार्टी बी.एस.पी. छोटे राज्यों की पक्षधर है और इसी कारण आंध्र प्रदेश में अलग ‘तेलंगाना’ राज्य बनाने की माँग की हिमायत करती है। उŸार प्रदेश में भी पहाड़ी क्षेत्र उŸाराखण्ड को अलग राज्य बनाने में बी.एस.पी. सरकार की महŸवपूर्ण भूमिका रही है एवं वर्तमान में भी उŸार प्रदेश को विभाजित कर अलग बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल व पश्चिमी उŸार प्रदेश राज्य गठित करने हेतु संघर्षशील है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार की जन-विरोधी नीतियों का ज़मीनी स्तर पर डट कर मुक़ाबला करने के लिये भी देश में ‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट’ को मज़बूत करने की ज़रूरत है। वैसे भी यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट का जन्म ही, देश में शोषित, उपेक्षित व ग़रीबों के हितों की रक्षा करने के लिये हुआ है और अब तक ख़ासकर केन्द्र व ज़्यादातर राज्यों की सŸाा में रही कांग्रेस पार्टी की जन-विरोधी नीतियों व उसकी दलित-विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुये इसकी ग़लत नीतियों का विरोध करने के लिये बी.एस.पी. हर स्तर पर लगातार तत्पर है। बी.एस.पी. का ऐसा ही विरोध बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के साथ भी है।
देश में व्याप्त व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी व महँगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार के अभिशाप का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि देश को अन्दर से कमज़ोर करने वाली इन बुराइयों के लिये कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाँ पूरे तौर पर क़सूरवार हैं, क्योंकि केन्द्र व विभिन्न राज्यों में अपने शासनकालों के दौरान इन पार्टियों ने कभी भी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक सख़्त कार्यवाही नहीं की है। केन्द्र के साथ-साथ भारत के प्रान्तों में इन पार्टियों की सरकारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हंै। उन्होंने कहाकि देश भर में बी.एस.पी. ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई से अपना संगठन चलाती है और विरोधी पार्टियों की तरह धन्नासेठों के धन पर आश्रित नहीं है। इसीलिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार समाज के शोषित, उपेक्षित व ग़रीब लोगों के हित व सम्मान में बड़े-बड़े युग-परिवर्तनीय काम करके इन वर्गों के लोगों का जीवन सुधार कर, देश हित में, सामाजिक परिवर्तन की राह हमवार कर रही है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहाकि देश की आज़ादी के बाद से अब तक अर्थात् पिछले लगभग 63 वर्षों में समाज के अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी ख़राब व दयनीय रही है, क्योंकि केन्द्र व राज्यों की सŸाा में रही पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. की नीतियाँ बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को ही ध्यान में रखकर बनायी गयीं अर्थात् देश व विभिन्न प्रदेशों में सŸाा ज़्यादातर अप्रत्यक्ष तौर पर धन्नासेठों के हाथों में रही है, जिस कारण ही, अमीर और ज़्यादा अमीर व ग़रीब और ज़्यादा ग़रीब बनते जा रहे हंै। इस प्रकार की ग़लत आर्थिक नीति ने देश का बड़ा अहित किया है। यही कारण है कि बी.एस.पी. के गठन की ज़रूरत पड़ी और तबसे अब तक “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” के माध्यम से देश भर में इस प्रकार की जन-विरोधी नीति के खि़लाफ संघर्ष लगातार जारी है, जिसको देश के कोने-कोने में, ख़ासकर दक्षिणी भारत में आपके राज्य में और ज़्यादा मज़बूत करने की ज़रूरत है, जोकि एक राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि बी.एस.पी. एक मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिसका उद्देश्य दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर देश में समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि ग़रीबी, बेरोज़गारी व आसमान छूती महँगाई से आज पूरे देश में हर वर्ग व हर समाज के लोग त्रस्त हैं, परन्तु कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस राष्ट्रीय समस्या के प्रति उदासीन व लापरवाह है तथा उसके नेता केवल संकीर्ण व तुच्छ राजनीति करने पर अमादा हैं, जबकि उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार ने कई कारगर उपाय करके प्रदेश की जनता को इन मामलों में काफी राहत पहुँचायी है। स्थायी व अस्थायी रोज़गार के लाखों नये अवसर मुहैया कराये गये हैं तथा अपने स्तर पर विभिन्न करों आदि में कमी करके जानलेवा महँगाई से लोगों को थोड़ी राहत पहुँचायी गयी है। सर्वसमाज के 31 लाख अत्यन्त ग़रीब परिवारों की महिला मुखिया को “उŸार प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना“ के माध्यम से 400 रुपये प्रतिमाह की दर से एक मुश्त छह माह की 2,400 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके आँसू पोंछने का काम कर रही है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि के खि़लाफ बी.एस.पी. द्वारा ‘‘देशव्यापी जन-आन्दोलन‘‘ शुरू किया गया है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के समस्त 72 ज़िलों के मुख्यालयों पर दिनांक 31 मई सन् 2011 को विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया और अब देश के विभिन्न राज्यों में भी यह आन्दोलन जारी है। उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य की पार्टी यूनिट के प्रभारी को भी निर्देंशित किया कि वे भी अपने राज्य में केन्द्र सरकार की इस जन-विरोधी नीति के खि़लाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित कर विरोध दर्ज करें।
इससे पूर्व अधिवेशन स्थल पर पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बी.एस.पी. ज़िन्दाबाद, बहन कुमारी मायावती जी ज़िन्दाबाद आदि ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में आंध्र प्रदेश राज्य बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक राज्यसभा सांसद श्री बृजलाल खाबड़ी, श्री आर.एन. आर्या, श्री बी.एस. गौतम व श्री गौरी प्रसाद उपासक व प्रदेश पार्टी यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रमुख थे। साथ ही, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुये कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कल दिनांक 24 जून सन् 2011 को यहाँ हैदराबाद पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में आंध्र प्रदेश के लिये नियुक्त केन्द्रीय को-आॅर्डिनेटरों के साथ-साथ राज्य बी.एस.पी. यूनिट के अध्यक्ष श्री एम. बलैया, उपाध्यक्ष श्री वाई. शंकर, कोषाध्यक्ष श्री एम. वेंकटेश व श्री बी. ललैया आदि प्रमुख थे।
तदुपरान्त, माननीया सुश्री मायावती जी ने कल ही आंध्र प्रदेश राज्य बी.एस.पी. यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व को-ओर्डिनेटरों से अलग-अलग मुलाक़ात कर, राज्य में चल रही पार्टी संगठन से सम्बंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली। बी.एस.पी. आंध्र प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष श्री एम. बलैया ने पार्टी संगठन व उसकी तैयारी के सम्बन्ध में अपने राज्य की विस्तृत रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी को पेश की। कई घण्टों तक चली इन बैठकों में माननीया सुश्री मायावती जी ने संगठन के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ, आंध्र प्रदेश राज्य में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व पार्टी संगठन को उŸार प्रदेश के पैटर्न पर मज़बूत करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इन कार्यों में होने वाली दिक़्क़तों का भी उन्होंने तत्काल समाधान किया और आह्वान किया कि आपके राज्य में जब भी विधानसभा का आम चुनाव होता है तो उसमें उŸार प्रदेश की तरह अच्छा प्रदर्शन करके जनता की उम्मीदों पर पूरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि उŸार प्रदेश की तरह आप लोगों को भी अपने राज्य में बी.एस.पी. को सŸाा में लाना है तो कैडर के आधार पर यहाँ भी पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। इसके साथ ही, बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के लिये सर्वसमाज के लोगों को “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर बी.एस.पी. से जोड़ना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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