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देश में आरक्षण के प्रबल समर्थक राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज का अपनी रियासत में सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन हेतु ऐतिहासिक योगदान, जन्मदिन के पुनीत अवसर पर उन्हें शत्-शत् नमन व बी.एस.पी. की भावभीनी श्रद्धांजलि

Posted on 26 June 2011 by admin

  • देश को कांग्रेस व बी.जे.पी. की देन ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु “बी.एस.पी. मूवमेन्ट“ को मज़बूत करने का माननीया सुश्री मायावती जी का आह्वान
  • मुम्बई में झोंपड़-पट्टी में रहने वाले ग़रीबों को वहां से उजाड़ने के बजाय, वहीं पर ही उत्तर प्रदेश की भांति दो-दो कमरों के बहुमंजिला मकान बनाकर देने की महाराष्ट्र सरकार से बी.एस.पी. की माँग, ताकि उनकी रोजी-रोटी न छिने
  • कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने वाली कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित
  • अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए
  • इन दोनों मुद्दों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी
  • महाराष्ट्र व गुजरात बी.एस.पी. यूनिट का राज्य-स्तरीय कार्यकर्ता अधिवेशन मुम्बई में सफलतापूर्वक सम्पन्न

अपने भारत देश में आरक्षण के प्रबल समर्थक राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज को उनके जन्मदिन पर आज उन्हें शत्-शत् नमन करते हुये बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहाकि समाज के दबे-कुचले दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान का जीवन देने हेतु उनके योगदान, संघर्ष व बलिदान के प्रति राष्ट्र सदा नतमस्तक रहेगा एवं उन्हें कभी भुला नहीं पायेगा। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार जरूरी वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाकर और उनको कम करने का जिम्मा राज्य सरकारों पर डालकर एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश कर रही है।

उत्तर प्रदेश की मा0 मुख्यमंत्री एव बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी आज मुम्बई के गोरेगाँव पूर्व स्थित विशाल नेस्को एक्ज़ीबिशन सेन्टर में आयोजित महाराष्ट्र व गुजरात बी.एस.पी. यूनिटों के राज्य-स्तरीय कार्यकर्ता अधिवेशन को सम्बोधित कर रही थी। अधिवेशन में दोनों राज्यों के छोटे-बड़े पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, परम्पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि का, ग़ैर-बी.एस.पी. पार्टियों की पूर्ववर्ती सरकारों ने, जातिवादी मानसिकता के तहत काम करते हुये, घोर उपेक्षा व तिरस्कृत किया, परन्तु उŸार प्रदेश में उनके नेतृत्व में बी.एस.पी. की सभी हुकूमतों में इन्हें विभिन्न रूपों में पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया है एवं ‘सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन’ के क्षेत्र में इनके अविस्मरणीय योगदानों को चिर-स्थायी बनाने हेतु अनेकों ऐतिहासिक व महŸवपूर्ण काम किये गये हैं, जिनमें इनके नाम पर भव्य स्थलों/स्मारकों के निर्माण के साथ-साथ नये ज़िलों व शिक्षण संस्थाओं आदि की स्थापना भी शामिल हैं।

देश में करोड़ों शोषित, पीड़ित व उपेक्षित लोगों के लिये आत्म-सम्मान के मानवतावादी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में महाराष्ट्र राज्य के महŸवपूर्ण व विशेष योगदान का उल्लेख करते हुये उन्होंने लोगों से देश और ख़ासकर महाराष्ट्र में ‘आत्म-सम्मान मूवमेन्ट’ को और ज़्यादा मज़बूत करने की अपील की। उन्होंने कहाकि परम्पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की समता व समानता की मानवतावादी विचारधारा को अमलीजामा पहनाने के लिये बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के साथ-साथ अम्बेडकरवादी पार्टी बी.एस.पी. का महाराष्ट्र व केन्द्र की सŸाा में आना ज़रूरी है, तभी ही भारतीय संविधान को उसकी असली मंशा के अनुरूप लागू करके देश के करोड़ों ग़रीबों, दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ-साथ अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों का भी वास्तविक कल्याण व उत्थान कर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार किया जा सकता है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार की जन-विरोधी नीतियों का ज़मीनी स्तर पर डट कर मुक़ाबला करने के लिये भी देश में ‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट’ को मज़बूत करने की ज़रूरत है। वैसे भी यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट का जन्म ही, देश में शोषित, उपेक्षित व ग़रीबों के हितों की रक्षा करने के लिये हुआ है और अब तक ख़ासकर केन्द्र व ज़्यादातर राज्यों की सŸाा में रही कांग्रेस पार्टी की जन-विरोधी नीतियों व उसकी दलित-विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुये इसकी ग़लत नीतियों का विरोध करने के लिये  बी.एस.पी. हर स्तर पर लगातार तत्पर है। बी.एस.पी. का ऐसा ही विरोध बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के साथ भी है।

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में ख़ासकर उŸार प्रदेश व बिहार से रोज़ी-रोटी की तलाश में आये लोगों की प्रति महाराष्ट्र राज्य में अब तक की कांग्रेस व बी.जे.पी. सहित विरोधी पार्टी की सरकारों का रवैया सौतेला अर्थात् न्यायपूर्ण नहीं होने का उल्लेख करते हुये माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि महाराष्ट्र सरकार के इस प्रकार के रवैये के कारण घरबार छोड़कर देश को अपना खून-पसीना देने वाले सर्वसमाज के ग़रीब, मज़दूर व विभिन्न आय वर्ग के लोगों को अनेकों प्रकार के विकराल समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है। इन ग़रीबों की रिहायशी बस्तियों में सड़क पानी, बिजली, स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है तथा इनकी बस्तियों को उजाड़ने का ख़तरा इनके सर पर हमेशा मंडराता रहता है। उन्होंने मुम्बई में झोंपड़-पट्टी में रहने वाले ग़रीबों को वहां से उजाड़ने के बजाय, वहीं पर ही उत्तर प्रदेश की भांति दो-दो कमरों के बहुमंजिला मकान बनाकर देने की महाराष्ट्र सरकार से माँग की, ताकि उनकी रोजी-रोटी न छिने सके।

अपने भारत देश में व्याप्त व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी व महँगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार के अभिशाप का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहाकि देश को अन्दर से कमज़ोर करने वाली इन बुराइयों के लिये कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाँ इसके लिये पूरे तौर पर ज़िम्मेदार हैं, क्योंकि केन्द्र व विभिन्न राज्यों में अपने शासनकालों के दौरान इन पार्टियों ने कभी भी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक सख़्त कार्यवाही नहीं की है। केन्द्र के साथ-साथ भारत के प्रान्तों में भी इन पार्टियों की सरकारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हंै। उन्होंने कहाकि देश भर में बी.एस.पी. ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई से अपना संगठन चलाती है और विरोधी पार्टियों की तरह धन्नासेठों के धन पर आश्रित नहीं है। इसीलिये उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार समाज के शोषित, उपेक्षित व ग़रीब लोगों के हित व सम्मान में बड़े-बड़े युग-परिवर्तनीय काम करके इन वर्गों के लोगों का जीवन सुधार कर, देश हित में, सामाजिक परिवर्तन की राह हमवार कर रही है।

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहाकि देश की आज़ादी के बाद से अब तक अर्थात् पिछले लगभग 63 वर्षों में समाज के अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी ख़राब व दयनीय रही है, क्योंकि केन्द्र व राज्यों की सŸाा में रही पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस व बी.जे.पी. की नीतियाँ बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों को ही ध्यान में रखकर बनायी गयीं अर्थात् देश व विभिन्न प्रदेशों में सŸाा ज़्यादातर अप्रत्यक्ष तौर पर धन्नासेठों के हाथों में रही है, जिस कारण ही, अमीर और ज़्यादा अमीर व ग़रीब और ज़्यादा ग़रीब बनते जा रहे हंै। इस प्रकार की ग़लत आर्थिक नीति ने देश का बड़ा अहित किया है। यही कारण है कि  बी.एस.पी. के गठन की ज़रूरत पड़ी और तबसे अब तक “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” के माध्यम से देश भर में इस प्रकार की जन-विरोधी नीति के खि़लाफ संघर्ष लगातार जारी है, जिसको देश के कोने-कोने में, ख़ासकर पश्चिमी भारत में आपके राज्यों में और ज़्यादा मज़बूत करने की ज़रूरत है, जोकि एक राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि बी.एस.पी. एक मानवतावादी मूवमेन्ट है, जिसका उद्देश्य दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी खासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के बताये हुये रास्तों पर चलकर देश में “समतामूलक समाज” की स्थापना करना है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहाकि ग़रीबी, बेरोज़गारी व आसमान छूती महँगाई से आज पूरे देश में हर वर्ग व हर समाज के लोग त्रस्त हैं, परन्तु कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस राष्ट्रीय समस्या के प्रति उदासीन व लापरवाह है तथा उसके नेता केवल संकीर्ण व तुच्छ राजनीति करने पर अमादा हैं, जबकि उŸार प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार ने कई कारगर उपाय करके प्रदेश की जनता को इन मामलों में काफी राहत पहुँचायी है। स्थायी व अस्थायी रोज़गार के लाखों नये अवसर मुहैया कराये गये हैं तथा अपने स्तर पर विभिन्न करों आदि में कमी करके जानलेवा महँगाई से लोगों को थोड़ी राहत पहुँचायी गयी है। सर्वसमाज के 31 लाख अत्यन्त ग़रीब परिवारों की महिला मुखिया को “उŸार प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना“ के माध्यम से 400 रुपये प्रतिमाह की दर से एक मुश्त छह माह की 2,400 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके आँसू पोंछने का काम कर रही है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि के खि़लाफ बी.एस.पी. ने ‘‘देशव्यापी जन-आन्दोलन‘‘ छेड़ते हुये उत्तर प्रदेश के समस्त 72 ज़िलों के मुख्यालयों पर दिनांक 31 मई सन् 2011 को विशाल धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम कर इसकी शुरुआत की है और अब डीज़ल, मिट्टी का तेल व रसोई गैस की क़ीमत में भारी वृद्धि कर महँगाई की आग में घी डालने का काम किया गया है। उन्होंने पश्चिमी भारत के राज्यों महाराष्ट्र व गुजरात की पार्टी यूनिटों के प्रभारियों को भी निर्देंशित किया कि वे भी अपने-अपने राज्यों में केन्द्र सरकार की इस जन-विरोधी नीति के खि़लाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित कर विरोध दर्ज करें।

सुश्री मायावती जी ने यह भी कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस एवं मिट्टी के तेल की कीमतों को बढ़ाये जाने से पूरे देश में गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवारों पर पड़ रही महंगाई की मार अब और ज्यादा तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे केन्द्र की यूपीए सरकार की पूंजीपतियों को मदद करने की नीति तथा गरीब एवं मध्यम वर्ग परिवारों के प्रति केन्द्र सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया जाहिर हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की दोहरे चरित्र का पता इस बात से लगता है कि अभी कल ही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आई है, जबकि केन्द्र सरकार ने तेल की कीमतें बढ़ाने के पीछे अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों का बढ़ना बताया है।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसी स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार को डीजल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल की कीमतें कम करनी चाहिए। इसके साथ ही यूपीए की केन्द्र सरकार की गरीब व मध्यम वर्ग विरोधी नीतियां इस तथ्य से भी साफ उज़ागर होती हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा कच्चे तेल पर लगने वाले आयात शुल्क, ड्यूटी, सेस इत्यादि न समाप्त कर राज्य सरकारों को अपने यहां इस प्रकार के टैक्स घटाने की अपील जारी कर आम जनता के साथ छलावा करने का प्रयास किया गया है तथा यह कह कर कि उन्होंने टैक्स, ड्यूटी इसलिए नहीं घटाई कि वह इस धनर्रािश को शिक्षा इत्यादि पर खर्च कर रहे हैं। इस तरह कांगे्रस के नेतृत्व में चल रही केन्द्र की यूपीए सरकार ने अपनी जन विरोधी मानसिकता दिखाते हुए इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने का काम किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार की इस तथाकथित अपील पर कांग्रेस व कांगे्रस समर्थित पार्टियों द्वारा चलायी जा रही सरकारों में से कुछ राज्य सरकारों ने अपना टैक्स कम करके वाह-वाही लूटने का प्रयास किया है और कुछ ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। परन्तु यहां भी कांगे्रस के नेतृत्व में चल रही यूपीए की केन्द्र सरकार का दोहरा चेहरा सामने आ रहा है, क्योंकि केन्द्र की यूपीए सरकार कांगे्रस व कांगे्रस समर्थित सरकारों को केन्द्र सरकार टैक्सों में की गयी कमी को चुपके से दूसरे रास्तों से धन देकर पूरा कर देगी, किन्तु वहीं उनकी तरह, गैर-कांगे्रसी पार्टियों की सरकारें, और उसमें भी विशेषकर, उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार, जहां केन्द्र की यूपीए सरकार सामान्य योजनाओं में भी जान-बूझकर देरी करके व कम करके धनराशि आवंटित करती है, तो ऐसी स्थिति में इन सरकारों की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जरूरी वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाकर और उनको कम करने का जिम्मा राज्य सरकारों पर डालकर यूपीए की सरकार एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश कर रही है, कि पहले तेल की कीमतें बढ़ाओ, खुद टैक्स कम न करो, राज्य सरकारों पर यह मसला डाल दो और अपनी सरकारों से राज्यों में टैक्स कम करा लो, ताकि इनकी गलत आर्थिक नीतियांे की वजह से तेल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी के लिए जवाब गैर कांगे्रसी सरकारें देती रहें। उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है, उनकी सरकार प्रदेश के जनता के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी और उनका पूरा-पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार की सलाह की जरूरत नहीं है।

मा0 मुख्यमंत्री जी ने कानून-व्यवस्था को लेकर सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तुलना में देश में कांगे्रस एवं बीजेपी शासित राज्यों में, हर मामले में आए-दिन काफी ज्यादा अपराध होते रहते हैं, लेकिन दुःख की बात यह है कि इन सभी विरोधी पार्टियों की सरकारों में केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय एवं इनके सभी राष्ट्रीय आयोगों को ये सब वारदातें, इन्हें क्यों नहीं नजर आती हैं अर्थात, इन पर केन्द्रीय सरकार क्यों चुप्पी साधे रहती है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्रीय सरकार के साथ-साथ यहां सभी विरोधी पार्टियों को भी देश में एक दलित मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यहां उत्तर प्रदेश में चल रही सरकार, इन्हें आसानी से रास नहीं आ रही है। इससे इनकी आज भी दलित विरोधी मानसिकता साफ नजर आती है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है, के मुद्दे को गम्भीरता से लेने के साथ-साथ केन्द्र सरकार एवं अन्य विरोधी पार्टियों का जो दलित विरोधी रवैया नजर आता है, इन दोनों मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी शीघ्र ही पूरे देश भर में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी और इसके बारे में जल्द ही तारीख घोषित की जाएगी।

इससे पूर्व अधिवेशन स्थल पर पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का     बी.एस.पी. ज़िन्दाबाद, बहन कुमारी मायावती जी ज़िन्दाबाद आदि ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में महाराष्ट्र राज्य बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक व राज्यसभा सांसद श्री बीर सिंह, गुजरात राज्य बी.एस.पी. यूनिट के केन्द्रीय संयोजक व उŸार प्रदेश विधान परिषद् सदस्य श्री धर्म प्रकाश भारती, गुजरात प्रदेश प्रभारी श्री भगत सिंह राका एडवोकेट व श्री सुरेन्द्र कलोरिया आदि प्रमुख थे। साथ ही, दोनों प्रदेशों से आये हुये कलाकारों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कल दिनांक 25 जून सन् 2011 को यहाँ मुम्बई पहुँचने पर माननीया सुश्री मायावती जी का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में महाराष्ट्र व गुजरात राज्य के बी.एस.पी. के पार्टी अध्यक्ष क्रमशः श्री विलास गरुड़ व डा. नरेश आचार्य व सर्वश्री उपेश जाधव, अशोक सिंह, अनिल पवार, सुमेश कुशलवारकर, श्रीकृष्ण डेली एवं पार्टी की केन्द्रीय यूनिट की तरफ से इन राज्यों में नियुक्त को-आॅर्डिनेटर प्रमुख थे।

तदुपरान्त, माननीया सुश्री मायावती जी ने कल ही महाराष्ट्र राज्य बी.एस.पी. यूनिट के नये प्रदेश कार्यालय भवन का उदघाटन करने के बाद इसका विस्तृत निरीक्षण किया। साथ ही, महाराष्ट्र व गुजरात राज्य यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व को-ओर्डिनेटरों से अलग-अलग बैठक कर, उन राज्यों में चल रही पार्टी संगठन से सम्बंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली। बी.एस.पी. महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष श्री विलास गरुड़ व गुजरात राज्य यूनिट के अध्यक्ष डा. नरेश आचार्य ने पार्टी संगठन व उसकी तैयारी के सम्बन्ध में अपने-अपने राज्यों की रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी को पेश की। कई घण्टों तक चली इन बैठकों में माननीया सुश्री मायावती जी ने संगठन के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ, इन दोनों राज्यों में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व पार्टी संगठन को उŸार प्रदेश के पैटर्न पर मज़बूत करने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इन कार्यों में होने वाली दिक़्क़तों का उन्होने तत्काल समाधान किया और आह्वान किया कि आपके राज्यों में जब भी विधानसभा का आम चुनाव होता है तो उसमें उŸार प्रदेश की तरह अच्छा प्रदर्शन करके जनता की उम्मीदों पर पूरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने कहाकि उŸार प्रदेश की तरह आप लोगों को भी अपने-अपने राज्यों में बी.एस.पी. को सŸाा में लाना है तो कैडर के आधार पर यहाँ भी पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। इसके साथ ही, बी.एस.पी. मूवमेन्ट को मज़बूत करने के लिये सर्वसमाज के लोगों को “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर बी.एस.पी. से जोड़ना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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