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जेटिप्रवलिज-एचडीएफसी बैंक को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड की ‘ाानदार रेंज की पे’ाक’ा के लिए जेट एयरवेज ने एचडीएफसी बैंक से की साझेदारी

Posted on 10 August 2012 by admin

co-brand-credit-cardभारत में जेट एयरवेज का सबसे बड़ा और फ्रेìी पुरस्कार विजेता नियमित उड़ान कार्यक्रम, जेट िप्रवजिल ने भारत में निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक के साथ मिलकर संयुक्त रूप से “जेटिप्रवलिज- एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड“ की पे’ाक’ा की है। यह अपने तरह का एक विि’ा”ट क्रेडिट कार्ड है, जिससे जेपीमाइल्स (जेटिप्रवलिज द्वारा हवाई यात्रा की दूरी) के रूप में अनोखे लाभ और पुरस्कार उपलब्ध होंगे।

जेटिप्रवलिज-एचडीएफसी बैंक को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड्स से भारत के अनेक ‘ाहरों में ग्राहकों को बढ़ी हुई माइलेज के अवसर हासिल होंगे। इस को-ब्रांड क्रेडिट कार्ड्स के द्वारा कार्ड के अधिक प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा और कार्डधारियों के लिए हवाई यात्रा करना और भी आसान और आनंददायक हो जाएगा। क्रेडिट कार्ड ग्राहकों के वि”ाय में एचडीएफसी बैंक की गहरी समझ और सर्वाधिक सफल नियमित उड़ानों का प्रबंधन करने वाले जेट एयरवेज के अनुभव के मेल के कारण इस साझेदारी से ग्राहकों को ढ़ेरों लाभ मिलेंगे।

वल्र्ड, प्लैटिनम और टाइटेनियम वैरियंट्स वाले जेटिप्रवलिज-एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड मास्टरकार्ड नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे, जिससे ग्राहकों के लिए पूरे वि’व में कहीं से भी लाभ हासिल करना संभव हो सकेगा। मुख्य वैरियंट होने के नाते जेटिप्रवलिज- एचडीएफसी बैंक वल्र्ड क्रेडिट कार्ड से कार्डधारियों को व्यापक पैमाने पर लाइफस्टाइल फायदे मिलेंगे, जिनमें खर्च किए गए प्रत्येक 150 रुपये के लिए 6 जेपीमाइल्स और पहले 90 दिनों में अतिरिक्त 10,000 जेपीमाइल्स का लाभ ‘ाामिल है।

ग्राहकों की फीडबैक और अनुसंधान से एक बढ़िया स्थिति के निर्माण का संकेत मिलता है, जिसमें वे अपने प्वाइंट्स और माइल्स को एक खाते में जमा कर सकते हैं। इस साझेदारी से कार्डधारियों को अपने सभी खर्चों को एक खाते में सिंगल रिवार्ड करेंसी - जेपीमाइल्स के साथ जमा करने और विभिé प्रोग्राम साझीदारों के माध्यम से अपना अर्जित अंक जमा करने का अवसर मिलेगा। इस तरह वे “फ्लाई फ्री फास्टर“ (तीव्रतर गति से नि:’ाुल्क उड़ान) की अपनी योग्यता जल्द-ही हासिल कर लेंगे।

जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री निकोस कार्देिस्सस ने कहा, “हमारा उÌे’य अपने अतिथियों के साथ संबंध मजबूत करना है। यह को-ब्रांडेड कार्ड अतिथियों को अनेक लाभ मुहैया कराता है, क्योंकि इसमें प्लास्टिक को इलेक्ट्रोनिक भुगतान उपकरण के रूप में प्रयोग करके एक साथ असाधारण मूल्य जोड़ा गया है। अपने सभी सदस्यों के लिए यात्रा-विकल्प में बेहतर भुगतान लचीलापन और सुविधा के साथ महत्वपूर्ण सुधार के प्रति जेटिप्रवलिज समर्पित है। एचडीएफसी बैंक के साथ यह गठबंधन एक और अनोखी यात्रा विकल्प है, जिसका लक्ष्य है- पारिवारिक यात्राओं के लिए हवाई यात्रा को अधिक किफायती और लागत-सक्षम बनाना। यह को-ब्रांडेड प्रोग्राम हमारे ग्राहक-अभिमुख प्रवृत्ति का प्रमाण है और हम परस्पर मिलकर ग्राहक संबंधों को मजबूत करने की दि’ाा में कार्य करेंगे। यह साझेदारी जेटिप्रवलिज, एचडीएफसी बैंक और हमारे पारस्परिक अतिथियों, सभी के लिए लाभकारी है।“

एचडीएफसी बैंक के कार्यकारी निदे’ाक, श्री परे’ा सुक्थंकर ने साझेदारी के वि”ाय में कहा, “प्लास्टिक मुद्रा और ग्राहकों की लगातार बदलती जरूरतों के अनुसार वि’वस्तरीय विि’ा”ट उत्पादों की लगातार पे’ाक’ा करने वाले दे’ा के अग्रणी कारोबारी संस्था होने के नाते, एचडीएफसी बैंक की जेट एयरवेज के साथ साझेदारी से ग्राहकों को बेहतर अनुभव होगा। हम उन्हें ऐसे उत्पाद मुहैया करेंगे जो वि’ो”ा और उéत हैं। एचडीएफसी बैंक का पहला एयरलाइन को-ब्रांडेड कार्ड काफी चिंतन और अनुसंधान के बाद पे’ा किया गया है, ताकि सर्वोच्च गुणवत्ता और महत्वपूर्ण ग्राहक मूल्य वाले प्रोडक्ट के रूप में इसकी पहचान स्थापित की जा सके।“

इस अवसर पर एचडीएफसी के बिजनेस हेड - क्रेडिट कार्ड्स एवं व्यापार अधिग्रहण सेवाएँ, श्री पराग राव ने कहा, “पहली बार एचडीएफसी बैंक और जेट एयरवेज के बीच साझेदारी से ग्राहकों को ‘ाानदार क्रेडिट काडोZं के चुनाव का विकल्प उपलब्ध हो रहा है। जेटिप्रवलिज-एचडीएफसी बैंक को-ब्रांडेड काडोZं के सहारे ग्राहकों को मनपसंद हवाई यात्रा के लिए जेट एयरवेज का चुनाव करने का अवसर मिलेगा। हमें पूरा वि’वास है कि हमारे को-ब्रांडेड काडोZं की बदौलत हवाई यात्रा करना अब सचमुच आनंददायक अनुभव होगा।“

About Jet Airways: Jet Airways currently operates a fleet of 100 aircrafts, which include 10 Boeing 777-300 ER aircraft, 11 Airbus A330-200 aircraft, 59 next generation Boeing 737-700/800/900 aircraft and 20 modern ATR 72-500 turboprop aircraft. With an average fleet age of 6.06 years, the airline has one of the youngest aircraft fleets in the world. Flights to 74 destinations span the length and breadth of India and beyond, including Abu Dhabi, Bahrain, Bangkok, Brussels, Colombo, Dammam, Dhaka, Doha, Dubai, Hong Kong, Jeddah, Kathmandu, Kuwait, London(Heathrow), Milan, Muscat, New York (both JFK and Newark), Riyadh, Sharjah, Singapore and Toronto.

About JetKonnect: A consolidation of the erstwhile JetLite and Jet Airways Konnect brands, the new JetKonnect service is a dedicated product designed to meet the needs of the low fare segment. JetKonnect will also offer guests a Premiere service on certain select routes. With its mixed fleet of Boeings and ATR aircraft and 400 daily flights connecting 56 destinations across India, JetKonnect provides more flexibility and choice to its guests, making it India’s largest low fare brand. JetKonnect’s convenient schedules, reliable service and low fares promise to bring greater value and a seamless flying experience to our customers.

Jet Airways and JetKonnect have a combined fleet strength of 117 aircraft, and operate over 620 flights daily.

About HDFC BANK: Promoted in 1995 by Housing Development Finance Corporation (HDFC), India’s leading housing finance company, HDFC Bank is one of India’s premier banks providing a wide range of financial products and services to its 25 million* customers across hundreds of Indian cities using multiple distribution channels including a pan-India network of branches, ATMs, phone banking, net banking and mobile banking. Within a relatively short span of time, the bank has emerged as a leading player in retail banking, wholesale banking, and treasury operations, its three principal business segments.

The bank’s competitive strength clearly lies in the use of technology and the ability to deliver world-class service with rapid response time. Over the last 17 years, the bank has successfully gained market share in its target customer franchises while maintaining healthy profitability and asset quality.

As of June 30, 2012, the Bank had a distribution network with 2,564 branches and 9,709 ATMs in 1,416 localities.

For the quarter ended June 30, 2012, the Bank’s total income was INR 95.369 billion (`9,536.9 crore) as against INR 70.98 billion (`7,098 crore) for the quarter ended June 30, 2011. Net revenues (net interest income plus other income) were INR 50.135 billion (`5,013.5 crore) for the quarter ended June 30, 2012, as against INR 39.68 billion (`3,968 crore) for the corresponding quarter of the previous year. Net Profit for the quarter ended June 30, 2012, was INR 14.174 billion (`1,417.4 crore), up by 30.6% over the corresponding quarter ended June 30, 2011.

The Bank’s total balance sheet size increased by 25.9% to INR 3,600.01 billion (`360,001 crore) as of June 30, 2012. Total deposits were INR 2,575.31 billion (`257,531 crore) as of June 30, 2012.

Total income for the year ended March 31, 2012, was INR 325.3004 billion (`32,530.04 crore).

Leading Indian and international publications have recognized the bank for its performance and quality. For more information please log on to: www.hdfcbank.com

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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विद्युत ग्रिड फेल होने में यू0पी0 दोषी नहीं- प्रमुख सचिव ऊर्जा

Posted on 07 August 2012 by admin

नई दिल्ली स्थित इण्डिया हैबिटेट सेण्टर के जकरण्डा हाल में विद्युत समस्याओं पर विचार करने के लिए आज केन्द्रीय विद्युत मंत्री वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी समेत 8 राज्यों की बैठक बुलायी गयी थी। इस बैठक में बिजली के पारेषण एवं वितरण के मुद्दों पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश की तरफ से प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने भाग लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पक्ष को बैठक में मजबूती के साथ प्रस्तुत किया।
प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि गत सप्ताह विद्युत ग्रिड ठप्प होने के लिये उत्तर प्रदेश दोषी नहीं है, जैसाकि प्रचारित किया गया। उन्होंने बताया कि विद्युत की मांग एवं आपूर्ति में गैप के कारण ग्रिड फेल होने की घटना हुई थी।
डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि उत्तर प्रदेश को इस समय 9000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है जबकि प्रदेश को केवल 7000 मेगावाट बिजली मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि प्रदेश को कोयला की आपूर्ति समुचित रूप से मिले तो यहां 11900 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है और अपनी खपत के बाद दूसरे प्रदेशों को भी बिजली निर्यात की जा सकती है।
डाॅ0 गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार की आगरा-ग्वालियर-भिण्ड विद्युत लाइन पर अपग्रेडेशन का कार्य चल रहा है जो 400 के0वी0ए0 का है। इसी अपग्रेडेशन के दौरान इस लाइन के ओवर लोड होने के कारण बहुत बड़ा फाल्ट हो गया था और हमें आगरा परिक्षेत्र की लाइट लगातार काटने का निर्देश दिया जा रहा था, जबकि मा0 उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि ताज नगरी आगरा की लाइट न काटी जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारतीय जनता पार्टी की कार्ययोजना बैठक

Posted on 04 August 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी एक दिवासीय प्रवास पर उ0प्र0 रहेंगे। श्री गडकरी 06 अगस्त को विशेष वायुयान द्वारा नागपुर से प्रातः 10 बजे आगरा पहुचेंगे। आगरा में भाजपा की चिन्तन बैठक में भाग लेने के पश्चात श्री गडकरी अपराहन 02ः30 बजे वायुयान द्वारा नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र कल 05 अगस्त को प्रातः 8ः00 बजे आगरा पहुॅचेगे तथा भाजपा की कार्ययोजना बैठक में भाग लेंगे। श्री मिश्र 06 अगस्त को बैठक के पश्चात रात्रि 20ः30 बजे नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद(राज्य सभा) विनय कटियार कल 05 अगस्त को प्रातः 11ः00 बजे सड़क मार्ग से आगरा पार्टी की कार्ययोजना बैठक में पहुॅचेंगे। श्री कटियार 06 अगस्त को आगरा से अपराहन 15ः00 बजे नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी दो दिवासीय प्रवास पर 5 तथा 6 अगस्त को आगरा रहेंगे। श्री नकवी कल प्रातः 10 बजे सड़क मार्ग से आगरा पहुॅचेंगे तथा आगरा मे भाजपा की कार्य योजना बैठक मे भाग लेंगे। श्री नकवी 06 अगस्त को  अपराहन 15ः00 बजे सड़क मार्ग से नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश भाजपा के प्रभारी नरेन्द्र सिंह तोमर पार्टी की कार्य योजना बैठक के लिए 4, 5 व 6 अगस्त को आगरा प्रवास पर रहेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी एवं उ0प्र0 भाजपा के सहप्रभारी राधा मोहन सिंह 06 अगस्त को प्रातः 8ः30 बजे आगरा पहुॅचेंगे तथा बैठक मे भाग लेने के पश्चात सायं 04 बजे सड़क मार्ग द्वारा नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद लालजी टण्डन कल प्रातः गोमती एक्सप्रेस से आगरा पहुचंेगे तथा 5 व 6 अगस्त को आगरा में पार्टी की कार्ययोजना बैठक में रहेंगे।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही कल प्रातः 05ः45 बजे आगरा पहुॅचंेगे तथा भाजपा की दो दिवसीय कार्ययोजना बैठक मे भाग लेंगे। श्री शाही  06 अगस्त को रात्रि  23ः05 बजे आगरा से लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ल एवं प्रदेश महामंत्री विनोद पाण्डेय कल  05 अगस्त को प्रातः आगरा पहुॅचेगे तथा भाजपा की कार्ययोजना बैठक में भाग लेंगे। यह जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रधानमंत्री ने आश्वासन एवं भरोसा दिलाया

Posted on 25 July 2012 by admin

स्कूटर इंडिया लिमिटेड के भविष्य पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आगामी 27जुलाई को बी.आर.सी.एस.ई. के चेयरमैन श्री नितिन सेन गुप्ता, स्कूटर इंडिया के सीएमडी और ज्वाइंट सेक्रेट्री के बीच उद्योग मंत्रालय में बैठक होनी है। इस सिलसिले में आज अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 श्री दिग्विजय सिंह तथा प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी, स्कूटर इंडिया इम्पलाई यूनियन(इण्टक) के महामंत्री श्री के0के0 पाण्डेय व स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री श्री ओ0पी0 पाण्डेय के साथ सार्वजनिक प्रतिष्ठान स्कूटर इंडिया लिमिटेड को बचाने के लिए प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह जी से मिले।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री को स्कूटर इण्डिया के वर्तमान हालात से अवगत कराया। उन्होने बताया कि कम्पनी वेतन सहित सारा भुगतान स्वयं वहन कर रही है तथा सरकार से कोई धन नहीं ले रही है। डाॅ0 जोशी ने बताया कि यह कम्पनी तिपहिया बनाने वाली देश की एक मात्र सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है। उन्होने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी जी ने इस कम्पनी की स्थापना की थी।
उन्होने यह भी बताया कि कम्पनी में तिपहिया वाहन का उत्पादन वर्ष 2009-10 में लगभग 12हजार था जो कि बढ़कर लगभग 17हजार 512 हो गया है। उन्होने बताया कि कम्पनी के पास भूसम्पत्ति काफी मात्रा में है जिससे निजी क्षेत्र के लोगों की निगाहें इस पर गड़ी हुई हैं। डाॅ0 जोशी ने पुरजोर सिफारिश की कि सरकार इस कम्पनी को बचा ले, क्योंकि कम्पनी मुनाफे में आने की क्षमता रखती है। इसके साथ ही यह भी निवेदन किया कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58वर्ष से बढ़ाकर 60वर्ष कर दिया जाय ताकि अनुभवी कर्मचारियों का लाभ कम्पनी को मिले और वह इसे पुनर्जीवित कर सकें।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मांग की, कि चूंकि यह कम्पनी आटोमोबाइल क्षेत्र की कम्पनी है और इसमें लिम्ब सेंटर एवं आयल सेक्टर के सी.एम.डी. भेजे जाते हैं इसलिए कम्पनी में आटोमोबाइल क्षेत्र के प्रबंधन को ही भेजा जाय तथा मैनेजमेंट में गंभीर फेरबदल करके आटोमोबाइल क्षेत्र के अधिकारियों को नियुक्त किया जाय।
इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री से मिलकर स्कूटर इंडिया लि0 इम्प्लाईज यूनियन(इण्टक) के महामंत्री श्री के.के. पाण्डेय ने कर्मचारियों से सम्बन्धित मुद्दे को लेकर एक ज्ञापन सौंपा, जिस पर प्रधानमंत्री ने आश्वासन एवं भरोसा दिलाते हुए कम्पनी केा सार्वजनिक क्षेत्र में ही चलाने का आश्वासन दिया तथा कर्मचारी हितों की रक्षा का भी आश्वासन दिया।
डाॅ0 जोशी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की बातों को प्रधानमंत्री जी ने गंभीरतापूर्वक सुना तथा उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तकलाओं का औद्योगिक स्तर पर विस्तार किया जाएृगा

Posted on 24 July 2012 by admin

photo1उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तकलाओं का औद्योगिक स्तर पर विस्तार किया जाएृगा। उन्होंने मुरादाबाद के पीतल उद्योग, फिरोजाबाद के कांच उद्योग, लखनऊ के चिकन उद्योग, भदोही के कालीन उद्योग तथा वाराणसी एवं मऊ के बुनकरों की चर्चा करते हुए कहा कि हस्त शिल्पकारों एवं कामगारों को प्रोत्साहित किया जायेगा। स्वास्थ्य सेवाओं पर बल देते हुए श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में नये मेडिकल कालेजों की स्थापना तथा वर्तमान में चल रहे मेडिकल कालेजों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने तथा उनके सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज दिल्ली के एक होटल के सभागार में फिक्की (फेडरेशन आॅफ इण्डियन चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज) के लेडीज आॅर्गेनाइजेशन ‘फ्लो’ में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं। समारोह की शुरूआत मुख्यमंत्री एवं उनकी पत्नी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी तथा सांसद डिम्पल यादव का अभिनन्दन कर उन्हें ग्रीन सार्टिफिकेट भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पी0पी0पी0 माॅडल पर प्रदेश में सड़कों का निर्माण, विद्युत परियोजनाओं के विस्तार तथा विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य शुरू किया जा रहा है। सोनभद्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उसे 4-लेन हाई-वे से जोड़ने का कार्य शुरू किया जाएगा। उद्योग धन्धों की चर्चा करते हुए श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए ‘उद्योग बन्धु’ को और मजबूती प्रदान की जायेगी। सिंगिल विण्डो की व्यवस्था के तहत उद्यमियों को आॅन लाइन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष बल दिया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, कृषि, उद्योग, विद्युत उत्पादन एवं वितरण, सौर ऊर्जा आदि के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कन्याओं को बेहतर शिक्षा के लिए हमारी सरकार 12वीं पास लड़कियों के लिए ‘कन्या विद्या धन योजना’ शुरू करने जा रही है, जिस पर 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दसवीं पास लड़कियों के लिए भी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए योजना बनाई जा रही है, जिस पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के युग की शुरुआत करते हुए कक्षा 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को टैबलेट कम्प्यूटर तथा कक्षा 12 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटाप उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे प्रदेश की शहरी और ग्रामीण जनता को पर्याप्त बिजली उपलब्ध करायी जा सके।
photo-2श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान देश है। इसलिये कृषि विकास एवं कृषकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कृषकों को खाद, बीज, कृषि रक्षा, कृषि यंत्र एवं सिंचाई की समय से उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दुग्ध विकास और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमारी सरकार गम्भीर पहल कर रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच लाख लीटर दुग्ध भण्डारण क्षमता वाली डेयरी की स्थापना की जा रही है। यह उत्तर भारत की सबसे बड़ी डेयरी परियोजना है। हम दुग्ध उत्पादन को बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में बढ़ावा देने के हक में हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की जो जमीन अधिग्रहीत की जायेगी उसकी अच्छी कीमत भी दी जाएगी और उन्हें क्षेत्र में परियोजना स्थापित होने पर उसके लाभों की जानकारी दी जाएगी तो वे अपनी जमीन सहर्ष देने को तैयार हो जायेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि गंगा एवं यमुना का प्रदूषण कम करने तथा उनकी सफाई के लिए कदम उठाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और बिहार को मिलकर कार्य करना होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी सबसे अधिक होगी। इसमें आम जनता की भागीदारी एवं जागरूकता भी जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए जी0डी0पी0 का लक्ष्य 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया है। गन्ना किसानों के समाधान के लिए नई शुगर पालिसी बनायी जा रही है। उत्तर प्रदेश में 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन गन्ने के बगास से हो रहा है। उत्तर प्रदेश में विकास की बहुत सी संभावनाएं हैं। जिसके लिए समुचित नीति का निर्धारण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में युवा वर्ग की नई सोच, नए जोश एवं वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव का समन्वय कर प्रदेश को विकास की नयी धारा से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी तथा सांसद श्रीमती डिम्पल यादव ने फिक्की की महिला सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर दिए तथा उनकी शंकाओं का भी समाधान किया। फिक्की की महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती दिव्या सूरी सिंह एवं सदस्य श्रीमती मनप्रीत वालिया, नमिता गौतम, नीना मल्होत्रा, कविता वरदराज, गरिमा जैन, अवन्तिका डालमिया, वस्वी भरतराम आदि ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं सांसद श्रीमती डिम्पल यादव का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अलगाववादियों की शब्दावली का उपयोग

Posted on 11 July 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर, राज्यों के मामले पर केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की रपट पर टिप्पणी द्वारा श्री राधामोहन सिंह जी सह प्रभारी उ0प्र0 एवं राष्ट्रीय सदस्यता प्रमुख, भाजपा इस रपट में पाक अधिकृत (पी0ओ0के0) के स्थान पर पाक प्रशासित कश्मीर का उपयोग किया गया है। लगाववादी हमेशा ही जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों को पाक प्रशासित कश्मीर और भारत शासित हिस्सों को भारत प्रशासित कश्मीर के तौर पर सम्बोधित करते हैं। यहाॅ तक कि पाकिस्तान भी इन शब्दों का प्रयोग नहीं करता और पाक अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र आजाद जम्मू-कश्मीर सम्बोधित करता है। इस रपट में अलगाववादियों की शब्दावली का उपयोग किया गया है।
(1) भारत पिछले 64 वर्ष से (संयुक्त राष्ट्र संघ) यू0एन0ओं0 तथा सभी अन्र्तराष्ट्रीय पर कह रह है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में हमलावर की भूमिका में हैं, जम्मू-कश्मीर का विलयपुरी तरह वैध है तथा/संवैधानिक रूप से ठीक है, इस मुद्दे पर पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है, जम्मू-कश्मीर राज्य जिसमें पी0ओ0के0 गिलगित-बल्तिस्तान भारत के ही वैधानिक रूप से क्षेत्र हैं। इस मामले में भारत और पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मामले में बराबरी पर नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि पाकिस्तान हमलावर की भूमिका में है और भारत पीडि़त की। यहाॅ तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव में भी जम्मू-कश्मीर राज्य के क्षेत्र में पाकिस्तान की उपस्थिति को गौरकानूनी माना था और बिना किसी शर्त के तत्काल खाली करने का निर्देश दिया था।
(2) नई दिल्ली से भेजे गए इन वार्ताकारों ने राज्य के विकास, आय के स्रातों तथा अन्य मामलों पर विचार के लिए नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के जन प्रतिनिधियों संयुक्त सलाहकार समितियाॅ और मिलीजुली संस्थाएं बनाने के लिए कहा है। स्थाई समाधान की खोज के लिए इन वार्ताकारों ने भारत, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के प्रतिनिधियों और पाकिस्तान को शामिल करने के सुझाव दिया है।
(3) वार्ताकारों ने केन्द्र सरकार और हुर्रियत के बीच जल्दी से जल्दी बातचीत करवाए जाने और बाद में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर प्रतिनिधियों को शामिल करने तथा अन्त में पाकिस्तान से वार्ता करने का सुझाव दिया है। इस रपट में वार्ताकारों ने हुर्रियत की वार्ता से उस शर्त को स्वीकार कर लिया है। जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए भारत-पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
(4) वार्ताकारों ने समाधान की सिफाारिश करते हुए कहा है कि हमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की दृष्टि से महत्व की बात भी ध्यान में रखनी चाहिए। क्योंकि यह क्षेत्र मध्य एशिया और दक्षिणी एशिया को जोड़ने वाले एक पुल की भूमिका अदा करता है। जबकि इन वार्ताकारों को कहना चाहिए था कि यह क्षेत्र भारत का मध्य एशिया, यूरोप, अफ्रीका और यूरेशिया की तरफ का प्रवेश द्वार है। वार्ताकार यह बात भी कहना भूल गए कि कश्मीर भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
(5) इन वार्ताकारों ने 1947 में पाक अधिकृत कश्मीर से उजड़े 10 लाख लोगों, 1947 में ही पश्चिमी पाकिस्तान से आए चार लाख शरणर्थियों, 1990 से कश्मीर घाटी से निकाले गए चार लाख कश्मीरी पंडि़तों, जम्मू, लद्यख के आतंकवाद के पीडि़त लोगों और साथ ही गूजर, शिया, पहाड़ी, मुस्लिमों को जम्मू-कश्मीर का हितग्राही (स्टेकाहोल्डर) नहीं माना है।
(बी) वार्ताकारों ने संवैधानिक समिति बनाए जाने की सिफारिश की है जो 1952 में हुए (दिल्ली समझौते) के बाद से जम्मू-कश्मीर में लागू हुए सभी केन्द्रीय कानूनों और संविधान की धाराओें की समीक्षा करे। यह दिल्ली समझौता श्री शेख अब्दुल्ला और पंडि़त जवाहरलाल नेहरू के बीच दो व्यक्तियों का समझौता था। इस समझौते को जम्मू और लद्यख के लोगों ने भारी समर्थन के साथ नकारा था तथा देश के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों और राष्ट्रवादी संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। वार्ताकारों ने कहा है कि संवैधानिक समिति हमारे द्वारा सुझाए गए आधार पर समीक्षा करे।
(1) राज्य को दोहरा दर्जा-भारत संघ के एक हिस्से के तौर पर तथा संविधान के तहत प्राप्त विशेष दर्जा राज्य के तौर पर उसकी स्थिति।
(2) नागरिकों का दोहरा दर्जा-स्थाई निवासी का प्रमाण-पत्र प्राप्त नागरिक और भारत के नागरिक होने का दर्जा प्राप्त होगा।

(3) दिल्ली समझौता केन्द्र सरकार और राज्य के सम्बन्धों का आधार होना चाहिए। वार्ताकारों ने यहाॅ तक सुझाव दिया है कि अनुच्छेदों और कानूनों के तहत विभिन्न विषयों पर राज्यों और केन्द्र सरकार दोनों का कानून बनाने का अधिकार है वे सभी राज्य सरकार को दे देने चाहिए। इन वार्ताकारों ने यह भी सिफारिश की है कि संसद को भविष्य में कोई भी कानून जम्मू-कश्मीर में लागू करने के लिए नहीं बनाना चाहिए। इनमें अपवाद केवल आतंरिक और बाहरी सुरक्षा तथा प्रमुख आर्थिक मुद्दों से जुड़े कानून ही हो सकते है।
(3) पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के लोगों का लोकसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उसमें 85 हजार किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है और उस क्षेत्र के 10 लाख से अधिक शरणार्थी अपने घरों से 64 साल पहले उजाड़े गए थे और अब भी उन्हें कोई ठौर नहीं मिला है। यहाॅ तक कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाक अधिकृत क्षेत्र के निवासियों के लिए 24 स्थान खाली पड़े हैं लेकिन इनकों भी शरणर्थियों के प्रतिनिधियों से भरने का प्रयास नहीं किया गया है।
(4) वाताकारों की रपट में 64 साल से शरणार्थी बने पश्चिमी पाक के शरणर्थियों के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा गया है। यहाॅ तक कि उन्हें वार्ताकारों ने किसी प्रकार की मौखिक सांत्वना भी देने का प्रयास नहीं किया। इन लोगों को न मताधिकार मिला है और न ही रोजगार उच्च शिक्षा में दाखिला तथा सम्पत्ति खरीदने का अधिकार आज तक नहीं मिल पाया है।
(5) वार्ताकारों ने पाक अधिकृत कश्मीर के शरणर्थियों, कश्मीर पंडि़तों और आतंक में प्रभावित हुए जम्मू क्षेत्र के लोगों के बारे में कोई स्पष्ट सिफारिश भी नहीं की है। केवल उनकी दुर्दशा की चर्चा कर देने से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा।
(6) वार्ताकारों के दल ने आतंकवाद के वास्तविक कारणों और कश्मीर घाटी से 1990 में हिन्दुओं को निकाले जाने के मामले की चर्चा भी नहीं की।
(7) वार्ताकारों ने अनुच्छेद 370 के दुरूपयोग के कारण केन्द्रीय कानूनों को राज्य में लागू नहीं होने देने की भी चर्चा नहीं की। कमजोर वर्गो के लोग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, शरणर्थियों को उनके सता और आर्थिक स्रोतों में अपना हिस्सा नहीं मिल पा रहा है। लेकिन इन मुद्दों पर वार्ताकारों ने ध्यान ही नहीं दिया है। वास्तव में, वार्ताकारों की यह रपट नेशनल कांफ्रेंस के दस्तावेज ग्रेटर आॅटोनामी, पी0डी0पी0 के दस्तावेज सेल्फ रूल, सज्जाद लोग की पुस्तक अचीवेबल नेशनल हुड, हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी) तथा हुर्रियत कांफ्रेंस (मीरवाइज) ग्रुप की सिफारिश के दस्तावेज पर आधारित है। वार्ताकारों की यह सब सिफारिश जम्मू-कश्मीर राज्य के भारत में विलय की प्रक्रिया की उल्टी दिशा में ले जाएंगी। डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत और जम्मू में प्रजा परिषद के आंदोलन के कारण 1953 से जम्मू-कश्मीर को देश की एकात्मा की ओर बांधने का जो प्रयास प्रारम्भ हुआ था, उसे इन वार्ताकारों की सिफारिश उल्टी दिशा में ले जाएंगी।
भारतीय जनता पार्टी देशवासियों को आह्वहन किय है कि केन्द्र सरकार के इस रवैया का डटकर विरोध करें। इस रिपोट के कारण देश की आखण्डता के सामने गम्भीर चुनौती खड़ी हो गई है। जम्मू-कश्मीर में 1952 में पहले की स्थिति वापस लाने के लिए प्रयास करने की जाति, पात और पार्टी से उपर उठकर इसका विरोध होनो चाहिए। यह चुनौती केवल भाजपा के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए है।
(4) केन्द्र और राज्य सरकार के बीच नया आर्थिक समझौता किया जाना चाहिए।
(सी) वार्ताकारों की सिफारिश है कि धारा 370 में से अस्थाई शब्द को हटाकर, इसके स्थान पर विशेष शब्द लगा देना चाहिए। जैसा कि देश के अन्त राज्यों के लिए धारा 371 आदि में उपयोग किया  गया है। पिछले कई दशकों से धारा 370 का असर कम करने के जो कदम उठाए गए, उन्हें निरस्त करके अधिक ताकतवर बनाया जाता चाहिए।
(डी) राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए उर्द में उपयुक्त शब्दों को तय किया जाना चाहिए। राज्यपाल की नियुक्ति के लिए तीन नाम राज्य में विपक्ष की सलाह से तय किय जाएं और केन्द्र सरकार उनमें से एक नाम को चुन ले तथा राष्ट्रपति उसे नियुक्त कर दे।
(ई) केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा (आई0ए0एस0 और आई0पी0एस0) के अधिकारियों के केन्द्र सरकार को कोटा 50 प्रतिशत जम्मू-कश्मीर ने है जबकि अन्य राज्यों में यह प्रतिशत 66 है। इसके बावजूद वार्ताकारों ने राज्य की प्रशासनिक सेवा का कोटा और बढ़ाए जाने की बात रपट में की है।
(एफ) पब्लिक सेफ्टी एक्ट में संशोधन, अशांत क्षेत्र कानून और ए0एफ0एस0पी0ए0 कानून को लागू करने के मुद्दे की समीक्षा करने की बात भी इन वार्ताकारों की रपट में कहीं गई है। उन्होंने कश्मीर घाटी की अनाम कब्रों की जांच के लिए न्यासिक आयोग बनाने के लिए कहा है। लेकिन इन वार्ताकारों ने अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ योजनाबद्ध ढंग से किये हमलों के शिकार लोगों को न्याय दिलाने के मुद्दों को कहीं नहीं उठाया है।
(जी) केन्द्र और राज्य सरकार की पिछले 60 वर्षों से चली आ रही कश्मीर घाटी को ही केन्द्रीत करके बनी सोच के कारण पिछले 60 वर्षों से उत्पन्न महत्वपूर्ण और गम्भीर विषयों पर इन वार्ताकारों ने किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया है।
(1) वार्ताकारों ने अपनी रपट में विधानसभा सीटों का पुनः निर्धारण किए जाने के सबसे संवेदनशील मुद्दे पर कहीं भी चर्चा नहीं की है जिससें जम्मू और लद्यख क्षेत्र के लोगों को विधानसभा और लोकसभा में न्यायोचित हिस्सा मिल सके।
(2) वार्ताकारों ने स्वीकार किया है कि राज्य में सभी स्तरों पर शासन में गड़बड़ी हैं लेकिन उन्होंने इसके लिए 64 सालों से जिम्मेदार शासनकर्ताओं के नाम नहीं लिए है। उनका मानना है कि प्रशासन में यह गडबड़ी केन्द्रीय संविधान का विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य में न होने के कारण हुई है। वार्ताकारों ने संवैधानिक संस्थाओं और आयोगों के कार्यक्षेत्र में इस राज्य को शामिल करने की सिफारिश की लेकिन उसे भी जम्मू-कश्मीर के संविधान के दायरे में बांध देने का प्रयास किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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केंद्रीय उत्पाद शुल्क टीम ने 50 लाख रू. मूल्य की अवैध सिगरटें जब्त की

Posted on 11 July 2012 by admin

मुजफ्फरपुर / बिहारः  केंद्रीय उत्पाद शुल्क टीम ने मुजफ्फरपुर में रेलवे स्टेषन पर छापा मारा और भारतीय सिगरेटें भारी मात्रा में बरामद कीं। इस अभियान के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। यह कार्यवाही श्री आर.के. सफी, अधीक्षक, केंद्रीय उत्पाद शुल्क की निगरानी में की गई। टीम में विभाग के कई इंस्पेक्टर शामिल थे।

सूत्रों के अनुसार, 10 सिगरेटों वाले कुल 3,60,000 पैकेट बरामद किए गए। पकड़ी गई सिगरेटों की कुल कीमत अनुमानतः 50 लाख रू. बताई गई है। प्रत्येक सिगरेट पैकेट पर 18 रू. की कीमत मुद्रित है लेकिन यह पता चला है कि सिगरेटों की गुणवत्ता इंडस्ट्री के मानकों के अनुरूप नहीं थी। जांच के दौरान, यह ज्ञात हुआ कि अवैध सिगरेटें कासगंज, बरेली से बुक कराई गई थी ओर मुज्जफरपुर में रेलवे मार्ग से पार्सल द्वारा भेजी गई थीं।

पार्सल भेजे जाने के बारे में प्रष्न उठेः हालांकि सिगरेटों की यह खेप  जून मेे पकड़ी गई थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद अभी तक कोई भी इस पार्सल पर अधिकार के दावे के लिए सामने नहीं आया है। न ही पार्सल से इस बारे में कोई जानकारी प्राप्त हुई है। जिस दल ने अवैध सिगरेटों के इस पार्सल को बरामद किया है - वह फिलहाल टैक्स चोरों की तलाष कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्सल के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध न कराए जाने पर पार्सल विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ षिकायत दर्ज कराई जाएगी।

बिहार भारत में अवैध सिगरेटों की उपजाऊ भूमि के रूप में उभर कर सामने आया है। प्रदेश पूरे देश में अवैध सिगरेटों के लिए सबसे बड़े बाज़ार का प्रतिनिधित्व करता है।  जहाँ इन स्थानीय निर्मित टैक्स की चोरी करने वाली सिगरेटों का बिहार सिगरेट बाज़ार का 25ः हिस्सा है वहीं राज्य के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह हिस्सा 40ः तक बढ़ जाता है। यह चिंताजनक रूप से बड़ा और अच्छी तरह संगठित व्यवसाय बनता जा रहा है, बिहार में अवैध सिगरेटों के कुछ सबसे बड़े निर्माताओं की मदद से प्रदेश में हर महीने 50 मिलियन अवैध सिगरेटें बेची जाती हैं। फलस्वरूप, राज्य सरकार को लगभग 50 करोड़ रूपए वार्षिक के कर का नुक्सान होता है।
बिहार में, अवैध ब्रांड जैसे मैगनेट फिल्टर, फोरएवर एफटी, रेड रोज़ और विंटेज भारी ग्राहक आधार के साथ बड़े खिलाडि़यों के रूप में उभरे हैं। ये ब्रांड बाज़ारों, पान की दुकानों व हाॅकरों के स्टालों पर आसानी से उपलब्ध हैं। वास्तव में सिगरेट विक्रेता इन ब्रांडों को अपने पास रखना इसलिए पसंद करते हैं कि इनकी कम कीमतें भारी व्यापारिक मुनाफे को सुनिश्चित करती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अक्षय कुमार को पीने की लत क्यों लगी है?

Posted on 09 July 2012 by admin

brook-bond-pic-akshay-kumarसबके चहेते एक्शन स्टार अक्षय कुमार और उनकी वर्तेवमान सिने नायिका सोनाक्षी सिन्हा के बीच आजकल कुछ छोटी छोटी लडाईयां हो रही हैं। हाल ही में, इन दो सितारों ने राउडी राठौड में अपने धमाकेदार काम से दर्शकों को खुश किया था। कुछ दिन पहले, सोनाक्षी के जन्मदिन पर अक्षय ने एक बडा आयोजन भी ेकया था। लेकिन अब अक्षय को सोनाक्षी की नाराजगी झेलनी पड रही है।  इन दोनों के बीच ..  इस विषय में कुछ आंतरिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोनाक्षी और अक्षय दोनों ही अपने फिटनेस का बहुत ध्यान रखते हैं और आधुनिक तकनीकों की मदद से अपने आप को तंदुरूस्त रखते हैं। लेिकन कुछ दिनों से अक्षय एक नयी आदत के शिकार हुए हैं, जिसकी वजह से इन दोनों सहकलाकारों में झगडे हो रहे हैं।  बालीवुड के इस खिलाडी नं.१ को पीने की लत लगी है! और यही वो आदत है, जो उनके आगामी चित्रों में उनके साथ काम कर रही सोनाक्षी नाराज है।  लेिकन आप इस बात का गलत मतलब मत लीेजए, अक्षय अभी भी मदिरा पान से दूर हैं! दरअसल बात यह है कि, हमारे इस एक्शन स्टार की शूटिंग के समय, शूटिंग के बीच में और बाद में भी एक के बाद एक चाय के पीने की आदत  पडी है। हाल ही में चाय के शौेकीन बने अक्षय अपने निजी सहायक को हर दिन पाइपिंग हॉट टी का एक बडा फ्लास्क लेकर आने के  लिए कहते हैं।  हर दिन मार्शल आर्ट्स, जाॅगिंग, स्वीेमिंग जैसी कसरत करके अपनी सेहत का ध्यान रखनेवाले अक्षय अब अपनी  नियमित दिनचर्या में दो कप से  ज्यादा चाय पीने लगे हैं। इतना ही नहीं, अक्षय अब जोर देकर कह रहे हैं कि वो सोनाक्षी को भी पूरी तरह चायबाज बना देंगें। लेकिन, छम्मक छल्लो, छैल छबीली अवतार में रुपहले परदे पर  धूम मचाने वाली मादक अदाकारा सोनाक्षी, अक्षय की इस कल्पना को हंसी में उडाकर कहती है कि यह सब पागलपन है।  वो कहती हैं, मैं और अक्षय हमेशा स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती से जुडी जानकारी एक दूसरे को देते रहते हैं, लेकिन यह नयी आदत, एक पागलपन है। अक्षय तो पानी की तरह चाय पीते रहते हैं और इससे स्वास्थ्य को मिलनेवाले फायदे भी बताते रहते हैं.. लेकिन मुझे इन बातों में बिल्कुल विश्वास नहीं है।  एक बार हम एक गाने की शूटिंग कर रहे थे और उन्होने एक स्टेप के बीच में ही मुझे छोड दिया, क्योकि उन्हें हर घंटे के तय समय पर चाय पीनी थी। क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं?  लेकिन अक्षय अपने बचाव में कहते हैं, .. अरे भाई,  आप बस रूको और देखते रहो! यह खिलाडी कभी भी ेकसी चुनौती से हार नहीं मानता है।  बहुत जल्द, मैं उसे कुल्हड में मसाला चाय पिलाउंगा।  ठीक है अक्षय, हम भी इस बात का इंतजार करना चाहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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लघु समाचार पत्रों की कठिनाइयों से राष्ट्रपति को अवगत कराया आइसना प्रतिनिधि मंडल ने

Posted on 13 June 2012 by admin

aisna-1आॅल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन (आइसना) के प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति डा. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मुलाकात कर लघु समाचार पत्रों की कठिनाइयों से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। महामहिम राष्ट्रपति से हुई मुलाकात में आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री आरती त्रिपाठी, विधि सलाहकार श्री दिलबाग सिंह आदि ने राष्ट्रपति महोदया को छोटे व बड़े अखबारों के बीच की विसंगतियों समेत कई अन्य समस्याओं से अवगत कराया, जिन्हें राष्ट्रपति डा. पाटिल से बड़ी गंभीरता सुना व शीघ्र निस्तारण हेतु सूचना व प्रसारण मंत्रालय को ज्ञापन अग्रसारित करने का आश्वासन दिया।
इस ज्ञापन में लघु व मंझोले समाचार पत्रों हेतु विज्ञापन नीति व विज्ञापन हेतु मान्यता मिलने में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का जिक्र किया गया है, साथ ही साथ रेलवे व बस में यात्रा के छोटे व मझोले अखबारों के पत्रकारों हेतु कूपन, सरकारी गेस्ट हाउस में रियायती दर पर ठहरने की सुविधा, सामूहिक बीमा, आवास सुविधा, सुरक्षा आदि जैसी बुनियादी जरूरतों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया गया है।
आइसना यूपी प्रदेश अध्यक्ष पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने राष्ट्रपति से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रपति महोदया ने प्रतिनिधि मंडल से बड़ी ही आत्मीयता से मुलाकात की और लघु समाचार पत्रों की समस्याओं को बड़े ध्यान से सुना। श्री शर्मा ने आगे कहा कि समाज को सही दिशा में देने में लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन उनमें भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की है क्योंकि उनके तार सीधे ग्रामीण अंचलों से जुड़े होते हैं, सीधे जनता से जुड़े होते हैं और इसीलिए जनता को अपने जिले, अपनी तहसील व अपने ग्राम-अंचलों से निकलने वाले समाचार पत्र-पत्रिकाओं से बड़ी उम्मीदें हैं और इस उम्मीद को सही मायने में लघु व मध्यम समाचार पत्र ही पूरा कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति महोदया से हुई मुलाकात लघु समाचार पत्रों को तमाम कठिनाइयों से उबारने में मददगार साबित होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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चै. अजित सिंह ने गृहमंत्री से मुलाकात की

Posted on 07 June 2012 by admin

pc-with-ajit-singhनागरिक उड्डयन मंत्री एवं राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चै. अजित सिंह ने केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर केन्द्रीेय गृहमंत्री श्री पी. चिदम्बरम से आज नाॅर्थ ब्लाॅक, नई दिल्ली में मुलाकात की।

चै. अजित सिंह ने गृहमंत्री से मांग की कि जाट आरक्षण के मुद्दे को जल्द सुलझाया जाए जिससे कि सभी वर्गों में समानता लाई जा सके तथा जाटों को उनके अधिकार दिलाए जा सकें। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री दिग्विजय सिंह तथा चै. अजित सिंह ने श्री चिम्बरम से पहले भी कई बार मुलाकात कर यह मुद्दा उठाया है। गौरतलब है कि रालोद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह मुद्दा केबिनेट में भी उठाया है।

कांग्रेस और रालोद जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर मुखर हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण की समीक्षा की मांग को खारिज कर दिया था लेकिन कांग्रेस और रालोद की कोशिशों के कारण केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष नियमों में बदलाव किया। इन्हीं कोशिशों की वजह से पिछड़ा वर्ग आयोग दोबारा इस मुद्दे की सामीक्षा कर रहा है। श्री चिदम्बरम ने आश्वासन दिया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग इस पर विधिपूर्वक समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट जल्द ही सौपेंगा।

इस मौके पर चै. अजित सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जाट आरक्षण को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री से मुलाकात सकारात्मक रही। गृहमंत्री ने इस मसले को जल्द ही सुलझाने का आश्वासन दिया है।

चै. अजित सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में जाटों को पिछड़ी जाति में शामिल किया जाता है। हरियाणा राज्य में इस मुद्दे को लेकर अलग आयोग भी बनाया गया है। जब जाटों को राज्यों में पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाता है तो केन्द्र में क्यों नहीं?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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